कोल्ड सोर्स मुंह के किनारे होने वाले छाले या फफोलों के रूप में एक समस्या है, जिसे लोग अकसर नजरअंदाज कर देते हैं। कोल्ड सोर को अनेक नामों से जाना जाता है, जैसे- हर्पीज़ लेबीयैलज़ (herpes labialis), फीवर ब्लिस्टर और शीत घाव। मुंह के आस पास के हिस्से, होठों पर, नाक के नीचे और ठोडी पर उत्पन्न होने वाले दर्दनाक द्रव से भरे छोटे-छोटे फफोलों के रूप में कोल्ड सोर को देखा जा सकता है। दुनिया भर में 90% लोगों के शरीर में कोल्ड सोर का संक्रामक वायरस उपस्थित होता है। यह समस्या व्यक्तियों को बार-बार परेशान कर सकती है।
आज इस लेख में आप जानेगें कि कोल्ड सोर्स क्या है, इसके लक्षण, कारण और जाँच के साथ साथ कोल्ड सोर का इलाज और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है।
कोल्ड सोर एक सामान्य वायरल संक्रमण है, जिसे फीवर ब्लिस्टर (fever blisters) के नाम से भी जाना जाता है। कोल्ड सोर मुंह के पास या चेहरे के अन्य क्षेत्रों पर उत्पन्न होने वाले द्रव से भरे छोटे फफोले (blisters) होते हैं। यह फफोले अक्सर पैच के रूप में एक साथ समूह में उत्पन्न होते हैं। दुर्लभ मामलों में शीत घाव उंगलियों, नाक या मुंह के अंदर उत्पन्न हो सकते हैं। फफोले फूटने के बाद, एक पपड़ी बन जाती है जो कई दिनों तक रह सकती है। कोल्ड सोर (शीत घाव) दो से तीन सप्ताह में पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं।
हर्पीज सिम्प्लेक्स (herpes simplex) नामक वायरस कोल्ड सोर का कारण बनता है। कोल्ड सोर्स मुख्यतः निकट संपर्क के माध्यम में आने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। कोल्ड सोर की स्थिति में घाव, छाले या फफोले दिखाई नहीं देने पर भी संक्रामक होते हैं। कोल्ड सोर से पहली बार पीड़ित होने के बाद शरीर में इसके खिलाफ एंटीबॉडी बन जाती हैं, जिसके कारण उस व्यक्ति में दूसरी बार लक्षण देखने को नहीं मिलते हैं। लेकिन बहुत से लोगों को कोल्ड सोर दोबारा हो जाता है।
कोल्ड सोर का कोई सटीक इलाज नहीं है, और यह बार-बार बिना किसी चेतावनी के वापस आ सकते हैं। कुछ दवाओं का उपयोग करने से इसके लक्षणों और गंभीरता का इलाज किया जा सकता है तथा उन्हें वापस आने से रोका जा सकता है।
हर्पीज सिम्प्लेक्स (herpes simplex) नामक एक वायरस सामान्यतः कोल्ड सोर का कारण बनता है। यह वायरस दो रूपों में पाया जाता है, हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस टाइप-1 (HSV-1) और हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस टाइप-2 (HSV-2)। HSV-1 आमतौर पर कोल्ड सोर का कारण बनता है, और HSV-2 ज्यादातर जननांग दाद (genital herpes) का कारण बनता है।
कोल्ड सोर बेहद संक्रामक होते हैं, जो संक्रामक व्यक्ति से निकट संपर्क में आने, किस करने, सौंदर्य प्रसाधन की वस्तुएं साझा करने, तौलिए या भोजन और खाने के बर्तन को साझा करने से फैलता है। मुख मैथुन के माध्यम से हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस टाइप-2 (HSV-2) कोल्ड सोर और जननांग दाद दोनों का कारण बन सकता है।
फीवर ब्लिस्टर (कोल्ड सोर) से संक्रमित कुछ व्यक्तियों में फफोले या किसी भी तरह के लक्षण उत्पन्न नहीं होते है, फिर भी वह वायरस को फैला सकते हैं।
(और पढ़ें: जननांग हरपीज (जेनिटल हर्पीज) के कारण, लक्षण, निदान और उपचार..)
एक बार हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस से संक्रमित होने के बाद, इलाज के माध्यम से कोल्ड सोर ठीक हो जाता है। लेकिन वायरस आपकी त्वचा की तंत्रिका कोशिकाओं में निष्क्रिय रहता है। तथा कुछ कारक इसे पुनः सक्रीय कर सकते हैं, जिसके कारण कोल्ड सोर्स किसी भी समय प्रकट हो सकते हैं। कोल्ड सोर्स की पुनरावृत्ति को ट्रिगर करने वाले कारकों में निम्न को शामिल किया जाता है:
फीवर ब्लिस्टर या कोल्ड सोर के पांच चरण होते हैं, जिससे एक संक्रमित व्यक्ति गुजर सकता है:
1 स्टेज कोल्ड सोर्स – इस चरण में फफोले उत्पन्न होने से लगभग 24 घंटे पहले झुनझुनी और खुजली होती है।
2 स्टेज कोल्ड सोर्स – कोल्ड सोर के इस चरण में पीड़ित व्यक्ति में द्रव से भरे फफोले दिखाई देने लगते हैं।
3 स्टेज कोल्ड सोर्स – इस चरण में फफोले फूट जाते हैं, और उनसे द्रव रिसने लगता है, तथा दर्दनाक घाव बन जाते हैं।
4 स्टेज कोल्ड सोर्स – कोल्ड सोर्स की इस स्टेज में घाव सूख जाते हैं, पपड़ी में दरार आ जाती है और खुजली होती है।
5 स्टेज कोल्ड सोर्स – अंतिम स्टेज में पपड़ी गिर जाती है और कोल्ड सोर पूरी तरह ठीक हो जाता है।
कोल्ड सोर की स्टेज के अनुसार लक्षण समय के साथ बदलते जाते हैं। कोल्ड सोर्स उत्पन्न होने से कई दिन पहले आप अपने होठों या चेहरे पर झुनझुनी या जलन महसूस कर सकते हैं। अतः इसी शुरुआती लक्षण की पहचान करना अनिवार्य है जिससे कि इलाज शुरू किया जा सके और कोल्ड सोर को उत्पन्न होने से रोका जा सके।
फीवर ब्लिस्टर (कोल्ड सोर्स) जब 2 स्टेज में होता है तो तरल पदार्थ से भरे फफोले उत्पन्न होने लगते हैं। यह आमतौर पर स्पर्श करने के लिए कोमल और दर्दनाक होते हैं। इस स्थिति में एक से अधिक स्थान पर घाव या फफोलों का समूह उत्पन्न हो सकता है। संक्रमण से लगभग 20 दिनों तक कोल्ड सोर के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।
एक संक्रमित व्यक्ति कोल्ड सोर के दौरान एक या अधिक लक्षणों का अनुभव कर सकता है जिनमें शामिल हैं:
कोल्ड सोर से संक्रमित व्यक्ति को यदि आंखों से सम्बंधित कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। क्योंकि हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस का तुरंत इलाज न करने पर स्थायी दृष्टि हानि हो सकती है।
(और पढ़ें: हर्पीस के कारण, लक्षण, दवा और उपचार..)
चूँकि वायरस जो कोल्ड सोर के उत्पन्न होने का कारण बनता है, वह शरीर के अन्य क्षेत्रों में भी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, जिनमें शामिल हैं:
डॉक्टर आमतौर लक्षणों को देखकर कोल्ड सोर का निदान कर सकता है। निदान की पुष्टि करने के लिए, डॉक्टर एक प्रयोगशाला परीक्षण की भी सिफारिश कर सकता है जिनमें शामिल हैं:
पॉजिटिव एंटीबॉडी टेस्ट की मदद से वायरस की पुष्टि होती है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं होती है कि वायरस सक्रिय है या नहीं।
कोल्ड सोर का कोई इलाज नहीं है, यह बिना इलाज के 2 से 4 सप्ताह के अन्दर ठीक हो जाता है। डॉक्टर की सलाह पर कुछ दवाओं की मदद से इसके लक्षणों को जल्द से जल्द दूर करने में मदद मिलती है। कोल्ड सोर विकसित होने की स्थिति में इलाज के दौरान निम्न की सिफारिश की जाती है:
मलहम और क्रीम – मलहम, कोल्ड सोर या फीवर ब्लिस्टर को दूर करने में सबसे प्रभावी उपाय है। मलहम या क्रीम दर्द को नियंत्रित करने और जल्द से जल्द लक्षणों को शांत करने में प्रभावी होती हैं। डॉक्टर एंटीवायरल मलहम जैसे- पेन्सिक्लोविर (penciclovir (Denavir)) को प्रतिदिन चार से पांच बार कोल्ड सोर पर लगाने की सिफारिश करते हैं। इसके अलावा डॉक्टर डोकोसानॉल (Docosanol (Abreva)) ओवर-द-काउंटर क्रीम का उपयोग करने की भी सलाह दे सकता है।
दवाएं – डॉक्टर कोल्ड सोर का इलाज करने के लिए मौखिक एंटीवायरल दवाओं की भी मदद ले सकता है, इन दवाओं में शामिल हैं:
घरेलू उपचार की सहायता से व्यक्ति कोल्ड सोर के लक्षणों को कम करने और बेहतर महसूस करने में मदद प्राप्त कर सकते हैं। कोल्ड सोर का घरेलू इलाज करने के लिए निम्न कदम उठाये जा सकते हैं:
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पहले प्रकोप के बाद कोल्ड सोर्स की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए तथा इसके जोखिम कारकों को कम करने के लिए व्यक्ति को निम्न बचाव संबंधी उपाय अपनाने चाहिए, जैसे:
(और पढ़ें: चेहरे की देखभाल के लिए टिप्स….)
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