Corn Benefits in Hindi मकई जिसे मक्का या कॉर्न के नाम से भी जाना जाता है आहार के रूप में उपयोग किया जाने वाला विशेष खाद्य पदार्थ है। मकई या मक्का (Maize) दुनिया के सबसे प्रसिद्ध अनाजों में अपना स्थान रखता है और कई देशों में यह मुख्य भोजन के रूप में उपयोग किया जाता है। मकई के स्वास्थ्य लाभ (health benefits) बहुत अधिक होते हैं यह मधुमेह को कम करने, निम्न रक्तचाप को ठीक करने, वजन कम करने और जन्म के समय तंत्रिका ट्यूब दोष आदि को कम करने में मदद करता है।
विषय सूची
1. मकई (मक्का) क्या है – What is Corn in Hindi
2. मक्का में पाए जाने वाले पोषक तत्व – Corn Nutrition Value in Hindi
3. मकई के फायदे – Corn ke Fayde in Hindi
4. मक्का खाने के नुकसान – Corn khane ke Nuksan in Hindi
मक्का या मकई एक अनाज का पौधा (grain plant) है जो मेक्सिको में पैदा हुआ था। मकई के कर्नेल या बीजों में बहुत से पोषक तत्व होते हैं जिनके कारण इनका उपभोग करना लाभकारी होता है। मक्के की कई प्रजातियां होती है जो विविधता के आधार पर वे कई रंगों के होते हैं। मक्का का एक और प्रकार होता है जिसे मीठा मक्का (sweet corn) कहा जाता है जिनमें पोषक तत्वों के साथ चीनी अधिक मात्रा में होती है और स्टार्च बहुत ही कम मात्रा में होता है।
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स्वस्थ्य रहने और दैनिक चयापचय (metabolism) के लिए कैलोरी की आवश्यक्ता होती है। मक्का केवल कैलोरी ही प्रदान नहीं करता है बल्कि विटामिन ए, बी, ई और कई खनिजों का समृद्ध स्रोत भी है। साथ ही साथ मक्का में वसा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रे भी होते हैं। इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो कब्ज, बवासीर और कोलोरेक्टल कैंसर जैसे पाचन रोगों की रोकथाम करने में मदद करते हैं। मक्का में उपस्थित एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-कैंसरजन्य एजेंट के रूप में भी कार्य करते हैं और अल्जाइमर (Alzheimer’s) जैसे मानशिक रोग को रोकने में मदद करते हैं।
मकई में उपस्थिति पोषक तत्वों (Nutrients) के कारण यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है। इस खाद्य पदार्थ का उपयोग कर आप अपने भोजन को स्वादिष्ट बना सकते हैं। साथ ही इसमें फाइटोकेमिकल्स (phytochemicals) भी होते हैं जो पुरानी बीमारियों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। आइए जाने मकई के फायदे क्या है।
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कॉर्नेल विश्वविद्यालय में किए गए अध्ययनों के अनुसार, मकई में एंटीऑक्सीडेंट का एक समृद्ध स्रोत है जो कैंसर पैदा करने वाले मुक्त कणों (free radicals) से लड़ता है। कई अन्य खाद्य पदार्थों की अपेक्षा मक्के का उपयोग करने से आप अपने आहार में एंटीऑक्सिडेंट (antioxidant) गुणों को बढ़ा सकते हैं। यह फेरिलिक एसिड नामक एक फेनोलिक यौगिक का एक समृद्ध स्रोत है। मक्के में एंटी-कार्सिनोजेनिक (anti-carcinogenic) एजेंट होता है जो स्तन और यृकत कैंसर के कारण ट्यूमर से लड़ने में मदद करता है। बैंगनी मक्का में पाए जाने वाले एंथोकाइनिन, मुक्त कणों को खोजने का काम करते हैं जो कैंसर का कारण होते हैं। विभिन्न प्रकार के कैंसरों के प्रभाव को एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) के सहायता से कम किया जा सकता है।
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ऐसा माना जाता है कि मकई के तेल में एंथैथोजेनिक प्रभाव (antiatherogenic effect) होते हैं जो कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने में मदद करता है। इस प्रकार यह कार्डियोवैस्कुलर (cardiovascular ) बीमारियों से हमारी रक्षा करता है। मकई का तेल दिल के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत ही अच्छी मात्रा में होता है जो खराब कोलेस्ट्रोल (bad cholesterol) को नियंत्रित करता है। मकई खराब कोलेस्ट्रोल को हटा कर धमनीयों को अवरुद्ध होने से रोकता है इस कारण यह आपके रक्तचाप को कम करता है और दिल का दौरा और स्ट्रोक (heart attack and stroke) के खतरे को कम करता है।
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थाइमाइन की अच्छा मात्रा मकई मे होती है जो आपकी शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ मस्तिष्क कोशिका और ज्ञान संबधी क्रिया (cognitive function) को बढ़ाने के लिए मदद करता है। एसिटाइलॉक्लिन के संश्लेषण के लिए भी इसकी आवश्यकता होती है, जो स्मृति के लिए आवश्यक एक न्यूरोट्रांसमीटर है और जिसकी कमी के कारण मानसिक क्रिया (mental function) और अल्जाइमर रोग से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं।
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पीले मकई के दानों में कैरोटीनोइड नामक पदार्थ होता है जो मैकुलर अपघटन (macular degeneration) के खतरे को कम करते हैं जिसका सीधा संबंध आपके देखने की क्षमता से संबंधित होता है। मक्के में मौजूद बीटा कैरोटीन विटामिन ए बनाने में मदद करता है। इस प्रकार यह आपके देखने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
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भुट्टा जैसे कार्बिनिक फल (Organic fruits) और सब्जियां मधुमेह के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। मकई के दानों का नियमित सेवन करने से इंसुलिन की अनुपस्थिति में मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। साथ ही मकई के दानों में उपस्थित फाइटोकेमिकल्स उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं। फाइटोकेमिकल्स शरीर में इंसुलिन के अवशोषण और मुक्त (absorption and release ) होने को नियंत्रित करते हैं। इस प्रकार मक्का सामान्य जीवनशैली बनाए रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा मक्का में पैंटोथिनेक एसिड भी होता है यह विटामिन बी, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और लिपिड चयापचय में मदद करता है। इसलिए यह एड्रेनल ग्रंथियों (adrenal glands) के कामकाज को बढ़ा कर तनाव को कम करता है।
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फोलिक एसिड की अच्छी मात्रा होने के कारण मकई गर्भवती महिलाओं (Pregnant women) के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। गर्भवती महिलाओं में फोलिक एसिड की कमी के कारण होने वाले बच्चे का वजन कम हो सकता है और साथ ही जन्म के समय तंत्रिका ट्यूब मे भी नुकसान (neural tube defects) हो सकता है।
इसलिए गर्भवती महिलाओं ( pregnant women) को अपने आहार मे मकई को शामिल करना चाहिए क्योंकि इससे मां और बच्चे दोनों को स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है। हांलाकि उच्च रक्तचाप या हाथ-पैर की सूजन होने की स्थति में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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)वे लोग जो अपना वजन बढ़ाने (weight gain) का प्रयास कर रहे हैं उनके लिए भुट्टे का सेवन करना लाभकारी होता है। ऐसे लोग जिनका वजन कम होता है उन्हें अपने आहार में कैलोरी (calories) की मात्रा बढ़ाने की आवश्यकता होती है ताकि उनके शरीर का वजन बढ़ सके। मक्के में कैलोरी और कार्बोस बहुत अधिक मात्रा में होते हैं जो आपके शरीर के वजन को बढ़ाने में मदद करते हैं।
यदि आपका वजन सामान्य से कम है तो आप अपने आहार में मक्के को शामिल करें क्योंकि इसके एक कप दानों में 130 कैलोरी की मात्रा होती है।
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विटामिन बी 12 और फोलिक एसिड (folic acid) की कमी के कारण एनीमिया होता है। मकई में आयरन बहुत ही अच्छी मात्रा में होता है जो नयी लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यक खनिजों में से एक है। मकई का नियमित और संतुलित उपभोग कर आप लोहे की कमी से होने वाले एनीमिया रोग (anemia) की संभावनाओं को कम कर सकते हैं।
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कोलेस्ट्रोल का उत्पादन यकृत द्वारा किया जाता है। आमतौर पर कोलेस्ट्रोल दो प्रकार के होते है अच्छे कोलेस्ट्रोल (HDL or good cholesterol) और खराब कोलेस्ट्रोल होते हैं। खराब कोलेस्ट्रोल फैटी भोजन का सेवन करने के कारण बढ़ता है जो आपके दिल को कमजोर करता है कार्डियोवैस्कुलर बीमारीयों का कारण बनता है। मीठे मकई विटामिन सी, कैरोटीनोइड और बायोफ्लावोनोइड्स में समृद्ध होते है जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके रक्त प्रवाह को बढ़ावा देते हैं जो आपके दिल को स्वस्थ्य रखने के लिए आवश्यक होता है। मकइ के तेल मे एंथैथोजेनिक (antiatherogenic) प्रभाव होता है जो शरीर द्वारा कोलेस्ट्रोल के अवशोषण को कम करता है और आपके शरीर को स्वस्थ्य रखता है। अगर आपको लगता है कि आपके शरीर में कोलेस्ट्रोल (cholesterol) की मात्रा बढ़ने लगी है तो आप मक्का का सेवन कर इसे नियंत्रित कर सकते हैं।
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स्टार्च की अधिक मात्रा होने के कारण मकई को स्टार्च वाली सब्जी माना जाता है। मक्का में कार्बोहाइड्रेट की भरपूर मात्रा होती है जो आपको त्वरित और लंबे समय तक ऊर्जा दिलाने में मदद करता है। मक्का आपके मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र (nervous system) की कार्य क्षमता को भी सुधारता है। लगभग एक कप मक्का में 29 ग्राम कार्बोस होता है जो आपकी ऊर्जा (Energy) को बढ़ाने में मदद करता है। इस कारण यह एथलीटों के लिए बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि उन्हें ज्यादा कार्बोस की आवश्यकता होती है। आप भी अपनी ऊर्जा को बढ़ाने के लिए मक्के को अपने आहार में सेवन कर सकते हैं।
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फाइबर की अच्छी मात्रा मकई में होती है जिसमें घुलनशील और अघुलनशील ( soluble and insoluble) दोनों ही प्रकार के फाइबर होते हैं। घुलनशील फाइबर एक जेल में बदलकर कोलेस्ट्रोल के अवशोषण को रोकने में मदद करते हैं जबकी अघुलनशील फाइबर नरम और भारी मल को बढ़ावा देकर कब्ज और आंतों की समस्याओं को रोकता है। जिससे इर्रेबल बाउल सिंड्रोम और दस्त की संभावना को कम किया जा सकता है। इस प्रकार यह पाचन समस्याओं (digestive problems) जैसे कब्ज, बवासीर के साथ-साथ कोलन कैंसर को रोकने में मदद करता है। मक्का मे दोनों ही प्रकार के फाइबर (fiber) होते हैं लेकिंन इसमें अघुलनशील फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है जो आपके पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में लाभकारी होते हैं।
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आमतौर पर अन्य खाद्य आहारों के तरह ही मक्का (maize) का उपयोग किया जाता है। वास्तव में यह अनाज नहीं है और इसमें कोई ग्लूटेन नहीं होता है। ग्लूटेन का उपभोग करने के कई हानिकारक लक्षण होते हैं जिनमें पाचन, क्रैम्पिंग (cramping), दस्त, कब्ज, थकान और त्वाचा संबंधी समस्याएं होती हैं। ग्लूटेन कई लोगों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। इसलिए आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और ऊर्जा बढ़ाने के लिए ग्लूटेन मुक्त (gluten-free) मकई का सेवन कर सकते हैं।
स्टार्च (starch ) का प्रयोग कई कॉस्मेटिक उत्पादों में उपयोग किया जाता है जो कि मक्का में भरपूर मात्रा में होता है। इस कारण मक्का त्वचा के चकते और जलन को शांत करने के लिए उपयोग किया जाता है। रासायनिक सौंदर्य उत्पादों के निर्माण के समय इनमें कई कैंसरजन्य (Carcinogenic) पेट्रोलियम उत्पादों को मिलाया जाता है जो त्वचा छिद्रों को बंद कर सकते हैं और त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए आप अपनी त्वचा को हानिकारक सौंदर्य उत्पादों से बचाने के लिए मकई का उपयोग कर सकते हैं।
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आपके बालों को नरम और रेशमी बनाने के लिए आप मक्के के तेल का उपयोग कर सकते हैं। इसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड की संतुलित मात्रा होती है जो सूजन को नियंत्रित करने में मदद करता है और सिर को शुष्क और परतदार होने से बचाता है। इसमें उपस्थित फैटी एसिड कोशिकाओं में वसा के परिवहन मे मदद करता है जिससे के बालों के टूटने और गिरने (brittle hair or hair fall) की समस्या को कम करने में मदद मिलती है।
इसके लिए आप मकई के तेल को आधा मिनिट के लिए गर्म करें और अपनी उंगलीयों की सहायता से अपने सिर पर लगाएं और मालिश करें। इसे 15 मिनिट के लिए सिर पर लगे रहने दें और फिर हल्के शैम्पू (Light shampoo) से धो लें यह आपके बालों को नरम और रेशमी बनाने में मदद करता है।
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कोर्न के फायदे हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक और नुकसान बहुत ही कम होते हैं। यदि भुट्टे का सेवन कम मात्रा में किया जाता है तो यह हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। यदि ज्यादा मात्रा में सेवन किया जाए तो इसके भी कुछ नुकसान हो सकते हैं जो इस प्रकार हैं :
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