Crack Heels Treatment and Home Remedy in Hindi फटी हुई एड़ियां पैर की एक सामान्य समस्या है। एक सर्वेक्षण में पाया गया है की 20 प्रतिशत वयस्क फटी हुई एड़ियों की समस्या से परेशान है। यह समस्या वयस्कों और बच्चों दोनों को हो सकती है। यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अक्सर अधिक प्रभावित करती है। आज के इस लेख में हम आपको फटी एड़ियों को ठीक करने के घरेलू इलाज और उपचार (Crack Heels Treatment and Home Remedy in Hindi) के बारे में बताने जा रहे है।
ज्यादातर लोग फटी हुई एड़ियों के प्रति गंभीर नहीं होते है। लेकिन कुछ मामलों में फटी हुई एड़ियां या पैरो में दरारें बहुत गहरी हो सकती हैं, जो दर्द का कारण बन सकती हैं। आज के इस आर्टिकल में आप फटी हुई एड़ियों के इलाज और रोकथाम के लिए आसान घरेलू उपचारों के बारे में जानेंगे।
विषय सूची
आइये जानते है कि आप किस तरह से अपने घर पर ही कुछ घरेलू उपाय अपना कर फटी हुई एडियों को ठीक कर सकते हैं।
क्रैकेड एड़ियों के इलाज और रोकथाम के लिए विभिन्न प्रकार के वनस्पति तेलों का उपयोग किया जा सकता है। जैसे – जैतून का तेल, तिल का तेल, नारियल का तेल या कोई अन्य हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल। सोने से पहले वनस्पति तेल को अपनी फटी हुई एड़ियों लगाने से जल्द राहत मिलती है।
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आपकी त्वचा के लिये नारियल के तेल से बेहतर कोई ओर मॉइस्चराइज़र नहीं है। नारियल का तेल पोषक तत्वों और स्वस्थ फैटी एसिड से परिपूर्ण है, जो तेजी से सूखता है, और स्थायी नमी प्रदान करता है। नारियल के तेल में पाये जाने वाले फैटी एसिड में एंटी-माइक्रोबियल (anti-microbial) गुण होते हैं, जो फटी हुई एड़ियों के संक्रमण से होने वाली जलन और दर्द को राहत प्रदान करते हैं।
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तिल का तेल बहुत पौष्टिक और मॉइस्चराइजिंग होता है। यह सूखी और फटी हुई एड़ियों को बहुत कुशलता के साथ नरम करने और घाव भरने में मदद करता है।
सीसम के तेल को फटी हुई एड़ियों और किसी भी अन्य सूखी त्वचा के इलाज के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।
रात में सोने से पहले अपनी फटी हुई एड़ियों या सूखी त्वचा में तिल के तेल से अच्छी तरह मालिश करनी चाहिए।
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नींबू के रस में अल्फा-हाइड्रॉक्सी साइट्रिक एसिड पाया जाता है, जिसका उपयोग मृत त्वचा और जीवित कोशिकाओं के बीच आणविक बंधनों को तोड़ने के लिए किया जा सकता है। नींबू का रस फटी हुई एड़ियों में दरारों को कम करने में मदद करता है।
क्षतिग्रस्त एड़ियों में ताजे नींबू को रगड़ें, या फिर सोने से पहले पैर के लिए मॉइस्चराइज़र के रूप में नींबू के रस और जैतून के तेल को मिलाकर उपयोग करें।
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अपने पैरों और फटी हुई एड़ियों की मृत त्वचा को हटाने के लिए चावल के आटा की मदद लेनी चाहिए, चावल का आटा मृत और फटी हुई त्वचा (क्रैकिंग) के इलाज में मदद करने के साथ-साथ, सूखापन को रोकता है।
इसे उपयोग में लेने के लिए एक मुट्ठी चावल के आटे के साथ कुछ चम्मच शहद और सेब का सिरका (apple cider vinegar) को मिलाएं। जब यह मोटी पेस्ट हो जाए तब इसे फटी हुई एड़ियों पर लगायें। यदि एड़ियों की समस्या गंभीर है तो जैतून का तेल या मीठे बादाम के तेल का एक बड़ा चमचा उपयोग कर सकते है।
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शहद को एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक (antiseptic) माना जाता है, जो शुष्क पैरों की त्वचा और फटी हुई एड़ियों को ठीक करने में मदद करती है, और साथ ही साथ यह त्वचा को पुनर्जीवित करने में सहायक होती है। शहद के लाभदायक गुणों के कारण इसे बहुत से रोगों के इलाज में उपयोग किया जाता है। एक कप शहद को गर्म पानी में मिलाकर पैरों को लगभग 15-20 मिनट तक भिगोकर रखना चाहिए।
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नींबू में अम्लीय गुण त्वचा को नरम करने में बहुत प्रभावी होते है। यह फटी हुई एड़ियों की दरारों को भरने में तथा मृत त्वचा को हटाने में मदद करता है।
फटी हुई एड़ियों के इलाज के लिए गर्म पानी में नींबू रस मिलाकर पैरों को 10 से 15 मिनट के लिए उसमें डुबोकर रखे। ध्यान रहे कि पानी बहुत गर्म ना हो।
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ग्लिसरीन और गुलाब जल का मिश्रण फटी हुई एड़ियों के लिए प्रभावी घरेलू उपाय है। ग्लिसरीन त्वचा को नरम बनाने में मदद करता है और गुलाब जल विटामिन ए, विटामिन बी3, विटामिन सी, विटामिन डी, और विटामिन ई की पूर्ति के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) और एंटीसेप्टिक के गुणों को रखता है। अतः ग्लिसरीन और गुलाब जल को अच्छी तरह मिलाकर सोते समय अपने पैरों और फटी हुई एड़ियों पर अच्छी तरह से रगड़ना चाहिए।
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बेकिंग सोडा एक सामान्य रूप से इस्तेमाल किये जाने वाला एक प्रकार का exfoliant है, जो अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी (anti-inflammatory) गुणों के कारण मृत त्वचा को हटाकर, उसे नरम बनाने का काम करता है।
लगभग आधी बाल्टी गरम पानी में बेकिंग सोडा को अच्छी तरह से मिलाये, और 10 से 15 मिनिट तक अपने पैरों को भिगाए रखें। फिर उसके बाद पैर को अच्छी तरह से साफ पानी से धो लें।
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सेव का सिरके (एप्पल साइडर विनेगर) में मौजूद हल्के एसिड, शुष्क और मृत त्वचा को नरम करते है। इसके उपयोग से मृत त्वचा निकल जाती है, तथा त्वचा साफ और कोमल बनती है।
पैरों को भिगोने के लिए पर्याप्त पानी लेकर उसमें 3 से 4 कप सेव के सिरके को मिलाएं, और अपने पैरों को 15 मिनिट तक भिगोकर रखें। इस प्रक्रिया को 1-1 दिन के अंतर से अपनाएं।
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फटी हुई एड़ियों के लिए सेंधा नमक एक मॉइस्चराइज़र (moisturizers) के रूप में कार्य करता है। सेंधा नमक (Epsom salt) त्वचा को नरम करता है, और पैरों की थकान को भी दूर करता है।
पानी की पर्याप्त मात्रा लेकर उसमे सेंधा नमक डालकर, इसमें पैरों को 15 मिनिट तक डुबाकर रखना चाहिए, तथा पैर की मृत त्वचा को हटाने के लिए रगड़ना चाहिए।
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एलोवेरा फटी हुई एड़ियों के उपचार के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपाय है। एलोवेरा में मौजूद एमिनो एसिड, शुष्क और मृत त्वचा को हटाकर नरम त्वचा करने के लिए उत्तरदाई होते है।
अपने पैरों को गर्म पानी में अच्छी तरह से धोकर एलोवेरा को शुष्क और फटी हुई एडियों पर लगायें, और फिर मोज़े पहनकर रत भर लगा रहने दे। इससे जल्द ही आराम मिलता है।
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विटामिन ए और विटामिन ई से परिपूर्ण शीया मक्खन एक प्रसिद्ध त्वचा मॉइस्चराइज़र है, जिसका उपयोग त्वचा का पोषण करने में एवं त्वचा को सुन्दर और कोमल बनाने में किया जाता है।
रात में सोते समय पैर को अच्छे से साफ करके, शीया मक्खन को फटी हुई एड़ियों में लगाकर मालिश करना चाहिए। और फिर मोज़े पहनकर शीया मक्खन को अपने पैरों में लगा रहने देंना चाहिए।
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वे लोग जो अपनी प्रतिदिन की दिनचर्या में बहुत चलते हैं, उनको फिटिंग के जूते पहनना जरूरी हैं। इससे उन लोगों को एडियों के फटने का खतरा नहीं रहता है। यदि आप फिटिंग के जूते नहीं पहनते हैं, तो घर्षण के कारण त्वचा के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। फिटिंग के जूते पहनने से पैर की त्वचा शुष्क नहीं हो पाती जिससे त्वचा कोमल बनी रहती है।
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ठंड के समय या मॉइस्चराइज़र लगाते समय पैरों और फटी हुई एड़ियों को ऊन के मोजे से अच्छी तरह से ढकना चाहिए। ऐसा करने पर एड़ियां शुष्क होने से बचेंगी और त्वचा कोमल बनी रहेगी।
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