Cranberry juice benefits in Hindi करौंदा या क्रैनबेरी जूस के फायदे और नुकसान संबंधी जानकारी आपको हैरान कर सकती है। क्योंकि अभी तक आप क्रैनबेरी फल को केवल स्वाद के लिए उपयोग करते थे। लेकिन करौंदे का जूस पीने के फायदे आपकी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने का बेहतरीन तरीका होता है। क्रेनबेरी जूस का उपयोग कर आप हृदय संबंधी समस्याओं और कई पुरानी बीमारियों का इलाज कर सकते हैं। क्रेनबेरी जूस के फायदे विशेष रूप से महिलाओं के लिए होते हैं जो उन्हें रजोनिवृत्ति के लक्षणों से छुटकारा दिला सकता है। ये सभी लाभ क्रैनबेरी जूस के औषधीय गुणों के कारण होते हैं। हालांकि करोंदे के जूस के साइड इफेक्ट भी होते हैं जो कि सामान्य हैं। आज इस लेख में आप करोंदे का जूस पीने के फायदे, और नुकसान संबंधी जानकारी प्राप्त करेगें।
क्रैनबेरी जूस को करोंदे के फल से बनाया जाता है। भारत में क्रैनबेरी को करौंदा के नाम से जाना जाता है। यह फल स्वाद में खट्टा होता है लेकिन इसमें अद्भुद औषधीय गुण होते हैं। क्रैनबेरी का फल एरिकसी परिवार (Ericaceae family) से संबंधित है जिसका वैज्ञानिक नाम वैक्सीनियम मैक्रोकारपोन (Vaccinium macrocarpon) है। आप स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए इस औषधीय फल का सेवन कर सकते हैं। लेकिन ऐसा माना जाता है कि क्रैनबेरी जूस के फायदे फल की तुलना में अधिक होते हैं।
क्रैनबेरी का अर्थ उस खट्टे फल से है जिसे हम करौंदा के नाम से जानते हैं। करौंदा का पौधा झाड़ीनुमा होता है जिसमें बड़े-बड़े कांटे होते हैं जो पौधा अपनी सुरक्षा के लिए स्वयं पैदा करते हैं। करौंदा का फल शुरुआत में हरा होता है जिससे सफेद दूध निकलता है। लेकिन धीरे-धीरे बढ़ने के साथ ही इसका रंग बैंगनी होने लगता है। जब यह फल पूरी तरह से पक जाता है तब यह गहरा बैंगनी रंग ले लेता है।
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क्रैनबेरी जूस फ्रुट एक्सट्रेक्ट या क्रैनबेरी कॉन्संट्रेट से बनाया जाता है। जिसका इस्तेमाल विभिन्न सॉस और कॉकटेल बनाने के लिए किया जाता है। इस प्रकार के कॉकटेल कृत्रिम स्वीटनर या फ्रुक्टोज के साथ मिश्रित क्रैनबेरी जूस का लगभग 30 प्रतिशत है। 1 लीटर क्रैनबेरी जूस प्राप्त करने के लिए लगभग 1500 ग्राम क्रैनबेरी फलों का उपयोग किया जाता है।
औषधीय गुण होने के कारण करौंदा फल के अर्क का उपयोग दवाओं, जैल और टॉनिक आदि को बनाने के लिए किया जाता है। ड्राई क्रैनबेरी भी स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं जिन्हें नाश्ते में और अन्य प्रकार के व्यंजनों में उपयोग किया जा सकता है।
अध्ययनों से पता चलता है कि क्रैनबेरी जूस के पोषक तत्व इस प्रजाति के अन्य फलों की तुलना में बहुत अधिक होते हैं। करौंदे के जूस में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन की अच्छी मात्रा होती है। क्रैनबेरी जूस विटामिन सी और सैलिसिलिक एसिड (salicylic acid) की अच्छा स्रोत होता है। इसके अलावा करौंदा फल में खनिज की बात की जाये तो इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फास्फोरस, और पोटेशियम भी होता है। क्रैनबेरी में बी-विटामिन जैसे थियामिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन बी6 के साथ ही विटामिन ई भी होता है। क्रैनबेरी जूस के अन्य पोषक तत्वों में सोडियम, जस्ता, विटामिन ए, फोलेट और विटामिन K (phylloquinone) भी होता है। 1 कप क्रैनबेरी जूस में 87 प्रतिशत हिस्सा पानी का होता है।
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क्रैनबेरी फल में औषधीय गुणों की अच्छी मात्रा होती है जिसके कारण क्रैनबेरी रस का भी औषधीय उपयोग किया जा सकता है। नियमित रूप से क्रेनबेरी जूस का सेवन करने से आपको कई सामान्य और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। आइए जाने क्रेनबेरी के फायदे स्वास्थ्य के लिए क्या हैं।
क्रैनबेरी में एंजाइम गुण होते हैं जो मूत्र पथ में यूरोपीथियल कोशिकाओं (uroepithlial cells) को नुकसान पहुंचाने वाले ई कोलाई संक्रमण को रोकते हैं। क्रैनबेरी में प्रोएंथोसाइनिडिन्स (proanthocyanidins) या पीएसीएस नामक यौगिक की अच्छी मात्रा होती है जो मूत्राशय को संक्रमित करने वाले बैक्टीरिया की रोकथाम करने में सहायक होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि क्रैनबेरी प्रकृति में अम्लीय होता है। जिसके कारण मूत्रपथ को संक्रमित करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करने और उन्हें बाहर निकालने में प्रभावी मदद करता है। मूत्र पथ संबंधी संक्रमण का इलाज करने के लिए बहुत से डॉक्टरों द्वारा करौंदा के जूस का सेवन करने की सलाह भी दी जाती है। यदि आप भी अपने मूत्रपथ संबंधी संक्रमण का इलाज करना चाहते हैं तो क्रैनबेरी जूस का नियमित सेवन कर सकते हैं।
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नियमित रूप से क्रैनबेरी जूस का सेवन आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। जो लोग कुछ विशेष प्रकार के संक्रमण और चिकित्सा जटिलताओं के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं उन्हें दैनिक आधार पर नियमित रूप से क्रैनबेरी जूस का सेवन करना चाहिए। क्रैनबेरी जूस का उपयोग करने से सर्दी, बुखार, खांसी और वायरल संक्रमण को दूर रखने में मदद मिलती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि क्रैनबेरी जूस में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है जो एक एंटीऑक्सीडेंट है। यह एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं।
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एंटीऑक्सीडेंट और पानी की अच्छी मात्रा होने के कारण क्रैनबेरी जूस ट्यूमर के विकास को कम करता है। नियमित रूप से करौंदे के जूस का सेवन करने से शरीर में हानिकारक कार्सिजोजेनिक (carcinogenic) कोशिकाओं और फ्री रेडिकल्स के विकास को रोकने में मदद मिलती है। ये कोशिकाएं कैंसर ट्यमर के विकास के लिए जिम्मदार होती हैं। लेकिन नियमित रूप से करौंदे का जूस का सेवन करने पर आपकी किडनी को साफ और स्वस्थ रखा जा सकता है। जिससे शरीर में मौजूद विषाक्तता को आसानी से बाहर निकाला जा सकता है। कार्सिनोजेनिक कोशिकाएं ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और पेट के कैंसर का कारण होती हैं। इन सभी कैंसरों से बचने के लिए आप क्रैनबेरी जूस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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अध्ययनों से पता चलता है कि एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मौजूदगी के कारण क्रैनबेरी जूस दिल को स्वस्थ रखने में सहायक होता है। करौंदा में फ्लेवोनाइड्स होते हैं जो धमनियों में जमा अतिरिक्त वसा, कैल्शियम और खराब कोलेस्ट्रॉल को दूर करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा क्रैनबेरी का रस धमनियों को स्वस्थ और नरम रखने में भी सहायक होता है जिससे स्वस्थ रक्त परिसंचरण बना रहता है। पोटेशियम की अच्छी मात्रा होने के कारण क्रैनबेरी जूस हृदय के लिए और भी अधिक लाभकारी हो जाता है। क्योंकि पोटेशियम उच्च रक्तचाप संबंधी समस्याओं को दूर करने में प्रभावी होता है। आप भी अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए क्रैनबेरी जूस का सेवन कर सकते हैं।
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जो लोग अपना वजन घटाना चाहते हैं उनके लिए क्रैनबेरी जूस सबसे अच्छा विकल्प होता है। नियमित रूप से क्रैनबेरी जूस का सेवन करने से शरीर में मौजूद अतिरिक्त वसा को कम किया जा सकता है। क्योंकि क्रैनबेरी जूस हमारे चयापचय को बढ़ावा देता है। जिससे ऊर्जा उत्पादन के लिए शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी या वसा का उपयोग कर लिया जाता है। परिणाम स्वरूप शरीर से चर्बी धीरे-धीरे कम होने लगती है जो आपके मोटापे का प्रमुख कारण होती है। यदि आप वर्कआउट करते हैं तो नियमित रूप से वर्कआउट करने के पहले 1 कप क्रैनबेरी जूस का सेवन करें। ऐसा करने से यह आपके वजन को नियंत्रित करने के साथ ही आपको तत्काल ऊर्जा भी उपलब्ध कराता है।
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यदि आप अपनी हड्डियों को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो नियमित आहार में क्रैनबेरी और क्रैनबेरी जूस को शामिल करें। क्रैनबेरी जूस कैल्शियम का भंडार माना जाता है जो कि हमारी हड्डियों के लिए प्रमुख और आवश्यक घटक है। लेकिन नियमित रूप से क्रैनबेरी जूस का सेवन करने से आप अपनी हड्डियों और दांतों को स्वस्थ रख सकते हैं। साथ ही क्रैनबेरी में मौजूद अन्य खनिज पदार्थ और घटक आपके नाखूनों को भी स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। अधिकांश लोगों को उम्र बढ़ने के साथ ही हड्डियों संबंधी समस्या ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है। यदि आप इस रोग की संभावना को कम करना चाहते हैं तो क्रैनबेरी जूस के औषधीय गुणों का उपयोग कर सकते हैं।
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क्रैनबेरी का रस आपके दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह दांतों की सड़न को रोकने में प्रभावी होता है क्योंकि इसमें प्रोएन्थोसायनिडिन नामक एक सक्रिय यौगिक होता है। यह घटक दांतों में रासायनिक पट्टिका के विकास को रोकता है और दांतों को सड़ने से बचाता है। क्रेनबेरी जूस का खट्टा स्वाद और अम्लीय प्रकृति मुंह में मौजूद संक्रमण और बैक्टीरिया को नष्ट करने में सहायक होती है। यदि आप मुंह की बदबू
संबंधी समस्या से भी परेशान हैं तब भी क्रैनबेरी जूस आपकी मदद कर सकता है। इस तरह से आप अपने मुंह संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए क्रैनबेरी जूस का नियमित उपयोग कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।(और पढ़े – दांतों को मजबूत करने के उपाय…)
करौंदा को क्रैनबेरी के नाम से भी जाना जाता है। मधुमेह रोगियों के लिए करौंदे का जूस बहुत ही फायदेमंद होता है। नियमित रूप से क्रैनबेरी जूस का सेवन करने से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यही कारण है बहुत से चिकित्सक मधुमेह प्रकार 2 के रोगियों को नियमित रूप से क्रैनबेरी जूस का सेवन करने की सलाह देते हैं। यदि आप भी मधुमेह रोगी हैं तो मधुमेह के लक्षणों को कम करने के लिए क्रैनबेरी जूस को अपने दैनिक आहार में शामिल कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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करौंदे के जूस या क्रैनबेरी जूस में एंथोसायनिन, फ्लेवोन और प्रोएंथोसाइनिडिन होते हैं। ये सभी घटक पेट को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं विशेष रूप से संक्रमण और आंतों सबंधी समस्याओं के लिए। क्रैनबेरी जूस में मौजूद एंजाइम पेप्टिक अल्सर के विकास को रोकने में प्रभावी योगदान देते हैं। नियमित रूप से क्रैनबेरी जूस का सेवन करने से एच पाइलोरी बैक्टीरिया के प्रसार को पूरी तरह से रोकने में मदद करते हैं। यह बैक्टीरिया आपके पेट की अंदरूनी सतह में सूजन पैदा करता है जिससे पेट का दर्द और अन्य समस्याएं हो सकती है। लेकिन आप अपने पेट के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए क्रैनबेरी जूस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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क्रैनबेरी का रस डैंड्रफ को रोकने में मदद करता है। क्योंकि इसमें एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। इसके अलावा नियमित रूप से क्रैनबेरी जूस का सेवन करने से सोरायसिस और एलोपेसिया जैसी समस्याओं को रोक सकता है। यदि आप भी अपने बालों संबंधी समस्याओं से परेशान हैं तो क्रैनबेरी जूस के औषधीय लाभ प्राप्त करने के लिए इस जूस का सेवन करने पर विचार कर सकते हैं। साथ ही बालों की समस्याओं को दूर करने के लिए आप अपने सिर में भी क्रैनबेरी जूस का उपयोग कर सकते हैं।
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यदि आप अपने बालों को स्वस्थ और मजबूत रखना चाहते हैं तब भी क्रैनबेरी जूस का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह आपके बालों की रूकी हुई वृद्धि को बढ़ाने में सहायक होता है। क्रैनबेरी फल को क्षतिग्रस्त बालों की मरम्मत करने वाला सबसे अच्छा फल माना जाता है। क्रैनबेरी के रस में विटामिन ए और विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है। जिसके कारण यह बालों को बढ़ने और बालों संबंधी अन्य समस्याओं को प्रभावी रूप से दूर करने में मदद करता है। नियमित रूप से क्रैनबेरी जूस का सेवन करने से आपके सिर में नए बालों को आसानी से उगाया जा सकता है।
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लगभग सभी महिलाओं को एक निश्चित उम्र के बाद रजोनिवृत्ति का सामना करना पड़ता है। लेकिन रजोनिवृत्ति के बाद दिल संबंधी समस्याओं का खतरा अधिक बढ़ जाता है। एक अध्ययन के अनुसार महिलाओं के शरीर में रजोनिवृत्ति के बाद कोलेस्ट्रॉल का अधिक उत्पादन होता है। जिसके परिणामस्वरूप हृदय कार्य क्षमता में कमी हो सकती है। लेकिन इस स्थिति से बचने के लिए महिलाओं को रजोनिविृत्ति के समय से ही नियमित रूप से क्रैनबेरी जूस का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से उन्हें रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करने के साथ ही हृदय संबंधी समस्याओं की संभावना को कम करने में मदद मिलती है।
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ऊपर बताये गए स्वास्थ्य लाभों को प्राप्त करने के लिए आपको क्रैनबेरी जूस बाजार से खरीदने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि घर पर क्रैनबेरी जूस बनाने की विधि यहां बताई गई है। इस विधि का उपयोग कर आप आसानी से अपने घर में क्रैनबेरी जूस तैयार कर सकते हैं। आइए जानें घर पर क्रैनबेरी जूस कैसे तैयार करें।
1 कप क्रैनबेरी (करोंदा), 1 कप पानी, मिठास के लिए आपकी सुविधानुसार स्वीटनर जैसे शहद, शक्कर, गुड़, उबालने के लिए एक बर्तन, छन्नी या कपड़ा आदि।
एक बर्तन में 1 कप पानी और 1 कप क्रैनबेरी डालें। इसके बाद इसे लगभग 10 मिनिट तक उबालें। इसके बाद आप छन्नी या कपड़े की मदद से निचोड़ते हुए क्रेनबेरी का रस निकालें। फिर इस रस को ठंडा होने दें। आपका घर में बना क्रैनबेरी जूस तैयार है। अब आप अपने स्वाद के अनुसार इसमें चीनी, गुड़ या शहद को मिला सकते हैं। इसके अलावा इस औषधीय जूस को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आप इसमें नींबू या नारंगी का जूस भी मिला सकते हैं।
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सामान्य रूप से किसी भी जूस को ताजे रूप में सेवन करना अधिक फायदेमंद होता है। लेकिन यदि आवश्यकता से अधिक मात्रा में जूस तैयार हो जाने पर आप इसे 1 से 2 दिनों के लिए स्टोर करके रख सकते हैं। हालांकि फिर भी आपको सलाह दी जाती है कि आप ऐसा न करें। क्योंकि ऐसा करने से क्रैनबेरी जूस के पोषक तत्वों में कमी आ सकती है। क्रैनबेरी जूस को स्टोर करने के लिए आपको एयरटाइट कांच की बोतल या जार की आवश्यकता है। आप इस जार में क्रैनबेरी जूस को रखें और ढक्कन को अच्छी तरह से बंद करके आप इसे फ्रिज में रख दें। लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इसे 1 से 2 दिन के भीतर ही उपयोग किया जाए। इस अवधि के बाद आपको इस जूस का सेवन नहीं करना चाहिए।
स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए क्रैनबेरी जूस पीने का कोई सही समय निर्धारित नहीं किया गया है। आप अपनी सुविधा के अनुसार क्रैनबेरी जूस को किसी भी समय पी सकते हैं। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि सुबह के समय खाली पेट क्रैनबेरी जूस पीने के फायदे अधिक होते हैं। हालांकि आप अपनी सुविधा के अनुसार सुबह के नाश्ते के पहले या नाश्ते के साथ इस पेय पदार्थ का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा आप अपने दोपहर के भोजन और शाम के नाश्ते के बीच में भी क्रैनबेरी जूस का सेवन कर सकते हैं।
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स्वास्थ्य लाभों के लिए क्रैनबेरी जूस की कोई भी मात्रा निर्धारित नहीं की गई है। फिर भी आपको क्रैनबेरी जूस का सेवन सावधानी से करना चाहिए।
मूत्र संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रतिदन 1 से 2 कप क्रैनबेरी जूस का सेवन किया जाना चाहिए। सामान्य रूप से आप 1 दिन में 3 से 6 कप क्रैनबेरी जूस का सेवन कर सकते हैं। लेकिन यह सुनिश्चित करें कि यह शुद्ध, कम मीठा और कैलोरी में कम हो।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए क्रैनबेरी जूस पीने की कोई सीमा अभी तक स्पष्ट नहीं है। इसलिए इन महिलाओं को क्रैनबेरी जूस का सेवन करने से पहले महिला चिकित्सक या डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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