Creatinine kam karne ke upay क्रिएटिनिन के बढ़े स्तर को कम करने के उपाय क्रिएटिन (Creatine) लिवर में एक प्राकृतिक यौगिक होता है। यह रक्त के माध्यम से मांसपेशियों में ले जाया जाता है, जहां इसका उपयोग ऊर्जा के रूप में किया जाता है। क्रिएटिन जो ऊर्जा रूपांतरण में उपयोग नहीं होता, वह क्रिएटिनिन (Creatinine) अपशिष्ट उत्पाद के रूप में प्राप्त होता है। इस अपशिष्ट को किडनी द्वारा मूत्र के साथ शरीर से बाहर कर दिया जाता है। परन्तु जब किडनी ठीक तरह से कार्य नहीं करती हैं, तो क्रिएटिनिन के स्तर में वृद्धि हो जाती है। जिसके कारण सम्बंधित व्यक्ति को सूजन (एडिमा), साँस लेने में कठिनाई (Shortness of breath), निर्जलीकरण, थकान (Fatigue), मतली और उल्टी, उलझन (Confusion) आदि समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। अतः क्रिएटिनिन के उच्च स्तर के कमी करना अतिआवश्यक होता है। कुछ ऐसे घरेलू इलाज मौजूद हैं, जिनका उपयोग कर प्रत्येक व्यक्ति क्रिएटिनिन के स्तर में कमी ला सकता है। अतः इस लेख में आप जानेंगे कि क्रिएटिनिन क्या है, तथा इसके स्तर को कम करने के लिए कौन-कौन से तरीके या घरेलू उपाय अपनाये जा सकते हैं।
विषय सूची
1. क्रिएटिनिन क्या है – What is Creatinine in Hindi
2. क्रिएटिनिन कम करने के उपाय – Creatinine kam karne ke upay in Hindi
क्रिएटिनिन (Creatinine) रक्त में पाए जाने वाला रासायनिक अपशिष्ट पदार्थ है जो मांसपेशियों का उपयोग करने या ऊतकों के टूटने के कारण उत्पन्न होता है। इसे बहुत अधिक प्रोटीन सेवन से, कम मात्रा में उत्पन्न किया जा सकता है।
यह मासपेशियों द्वारा क्रिएटिन का ऊर्जा के रूप में उपयोग करने के दौरान अपशिष्ट के रूप में प्राप्त होता है यह रक्त के माध्यम से पूरे शरीर में गति करता है और गुर्दे (किडनी) के द्वारा मूत्रमार्ग से बहार निकल दिया जाता है। अतः किडनी रक्त में उपस्थित क्रिएटिनिन को फ़िल्टर अवशेष के रूप में अलग कर देती हैं। यह यूरीमिया (uremia) नामक समस्या का करना बनता है, जो जीवन के लिए बहुत बड़ा खतरा है।
यूरीमिया (uremia) रक्त में अपशिष्ट उत्पादों के असामान्य रूप से उच्च स्तर पाए जाने की स्थिति है। यह किडनी रोग के अंतिम चरण की ओर संकेत करती है।
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क्रिएटिनिन के बढ़े हुए स्तर को कम करने के लिए निम्न घरेलू उपचार अपनाये जा सकते हैं:
शोध के द्वारा पता चलता है कि अधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन करने से अस्थायी रूप से क्रिएटिनिन (Creatinine) का स्तर बढ़ सकता है। विशेष रूप से पकाकर खाए जाने वाला लाल मांस, क्रिएटिनिन के स्तर को प्रभावित कर सकता है। डेयरी उत्पादों समेत, लाल मांस सभी में प्रोटीन काफी अधिक मात्रा में पाया जाता है। अतः इन खाद्य पदार्थों के सेवन में कमी कर व्यक्ति, अन्य व्यक्तियों की तुलना में उच्च क्रिएटिनिन के स्तर (Creatinine levels) को कम कर सकते हैं।
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क्रिएटिनिन स्तर (Creatinine levels) पर फाइबर डाइट के प्रभाव को निर्धारित करने के लिए लगातार शोध किये जा रहे हैं। लेकिन एक अध्ययन में पाया गया है कि क्रोनिक किडनी डिजीज (chronic kidney disease) वाले लोगों में फाइबर आहार के अत्यधिक सेवन से क्रिएटिनिन के स्तर में महत्वपूर्ण कमी देखी गई है।
फाइबर के अच्छे खाद्य पदार्थों में निम्न शामिल हैं:
इन सभी पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन कर क्रिएटिनिन के स्तर में कमी की जा सकती है।
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व्यायाम सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है, लेकिन अधिक समय तक तथा कठिन व्यायाम क्रिएटिनिन के स्तर में वृद्धि का कारण बन सकता है। मांसपेशी चयापचय (muscle metabolism) क्रिएटिनिन (Creatinine) का उत्पादन करती हैं। अत्यधिक गतिविधि के माध्यम से या मांसपेशियों का अधिक उपयोग करने से क्रिएटिनिन स्तर बढ़ जाता है। अतः क्रिएटिनिन में कमी करने के लिए कठिन व्यायाम करने से बचना चाहिए।
एक अध्ययन में पाया गया है कि तीव्र व्यायाम करने से मांसपेशी टूटने की प्रतिक्रिया के कारण अस्थायी रूप से क्रिएटिनिन के स्तर में वृद्धि होती है।
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शरीर को अत्यधिक उर्जा प्रदान करने के लिए क्रिएटिन सप्लीमेंट का भी उपयोग किया जाता है। इस सप्लीमेंट का उपयोग उच्च अभ्यास प्रदर्शन में एथलीट द्वारा किया जाता है। प्राकृतिक क्रिएटिन की तरह ही क्रिएटिन सप्लीमेंट की उच्च खुराक का सेवन क्रिएटिनिन (Creatinine) के स्तर में वृद्धि कर सकता है। अतः क्रिएटिनिन के स्तर में कमी करने के लिए किसी भी तरह की क्रिएटिन खुराक का सेवन नहीं करना चाहिए।
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निर्जलीकरण की समस्या क्रिएटिनिन (Creatinine) के स्तर को बढ़ा सकती है। इसके अलावा तरल पदार्थ का सेवन करने वाले कुछ व्यक्तियों में गुर्दे की बीमारी (kidney disease) के कारण अत्यधिक तरल की निकासी से भी निर्जलीकरण की समस्या उत्पन्न हो सकती है। अतः “पानी पीने का सही समय और मात्रा” की जानकारी प्राप्त कर, और अच्छे तरल पदार्थों का सेवन कर प्रत्येक व्यक्ति निर्जलीकरण की समस्या से छुटकारा पा सकता है। इससे क्रिएटिनिन के स्तर में कमी करने में सहायता मिलती है।
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बाजार में विभिन्न स्वास्थ्य दवाओं के साथ कई जड़ी-बूटी और हर्बल उपचार मौजूद हैं। अतः किसी भी चिकित्सा परिस्थितियों का इलाज करने के लिए इन जड़ी बूटियों का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना अतिआवश्यक होता है। आमतौर पर कुछ ऐसी जड़ी बूटियाँ उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग क्रिएटिनिन के उच्च स्तर (Creatinine High levels) को कम करने के लिए किया जा सकता है, ये जड़ी बूटियाँ निम्न हैं:
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सैल्विया (Salvia) सबसे उपयोगी जड़ी बूटियों में से एक है, जिसका उपयोग उच्च क्रिएटिनिन (high Creatinine) के स्तर को कम करने के लिए किया जाता है। यह अक्सर किडनी की समस्याओं (kidney disorders) वाले लोगों में राहत कार्य के लिए प्रयोग में लाई जाती है। एक अध्ययन में पाया गया कि साल्विया (Salvia) लोगों में गुर्दे की विफलता (renal failure) के जोखिमों को कम कर सकता है, इसके अतिरिक्त यह गुर्दे (किडनी) को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है, जिससे क्रिएटिनिन को अधिक मात्र में शरीर से बाहर निकला जा सके।
साल्विया में मनोचिकित्सक गुण होते हैं, इसलिए इसे सावधानीपूर्वक और डॉक्टर की सिफारिश पर ही उपयोग किया जाना चाहिए।
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एक अध्ययन में पाया गया है कि कैमोमाइल चाय का सेवन कर क्रिएटिनिन (Creatinine) के स्तर में कमी की जा सकती है। इसके अलावा, यह जड़ी बूटी हल्के शामक (sedative) के रूप में काम करती है और थकान को कम कर विश्राम को प्रेरित करती है। यह मूत्र के उत्पादन में वृद्धि कर सकती है।
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सिंहपर्णी जड़ (Dandelion Root) की चाय विषाक्त पदार्थों को दूर करने और क्रिएटिनिन (Creatinine) के स्तर को कम करने के लिए प्राकृतिक मूत्रवर्धक के रूप में उपयोग में लायी जाती है। यह किडनी के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करती है और इडिमा (edema) या सूजन से छुटकारा दिलाती है। अतः क्रिएटिनिन के उच्च स्तर से छुटकारा पाने के लिए, इस जड़ी बूटी को चाय के साथ कुछ दिनों या हफ्तों तक दिन में दो या तीन बार सेवन करना चाहिए।
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मूत्रवर्धक गुणों से परिपूर्ण दालचीनी (Cinnamon) को उच्च क्रिएटिनिन के स्तर और गुर्दे (किडनी) की समस्याओं को कम करने के लिए मुख्य रूप से उपयोग में लाया जाता है। दालचीनी (Cinnamon) किडनी की निस्पंदन क्षमता (filtration ability) को बढ़ावा देती है। यह रक्त शर्करा (blood sugar) के स्तर को भी नियंत्रित करने में मदद करती है। इस प्रकार दालचीनी मुख्य रूप से गुर्दे की क्षति को रोकती है।
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मकई रेशम (Corn Silk) का उपयोग एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक और एंटी इंफ्लामेटरी एजेंट (anti-inflammatory agent) के रूप किया जा सकता है। यह मूत्र उत्पादन में वृद्धि कर शरीर से अतिरिक्त क्रिएटिनिन को हटाने में सहायता करता है। यह इडिमा (edema) और उच्च रक्तचाप को कम करने में भी मदद करता है।
एक कप में सूखे मकई रेशम (Corn Silk) के दो चम्मच लेकर उबलते पानी डालकर 10 से 15 मिनिट तक के लिए ढक दें। तथा फिर इसे चाय के रूप में इस्तमाल कर दिन में तीन बार सेवन करें।
नोट: जिस व्यक्ति को मक्का से एलर्जी हैं या फिर यकृत (liver) या गुर्दे (kidney) की बीमारी का इतिहास है तो वह इसका उपयोग न करें।
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