Creatinine test, procedure, Preparation, result, price in Hindi क्रिएटिनिन रक्त परीक्षण या क्रिएटिनिन टेस्ट (creatinine test), किडनी की विफलता की स्थिति का पता लगाने के लिए एक प्रकार का रक्त और मूत्र परीक्षण है। क्रिएटिनिन (creatinine) एक प्रकार का रासायनिक रूप से अपशिष्ट पदार्थ है, जो क्रिएटिन (Creatine) द्वारा उर्जा उत्पन्न करने के दौरान कम मात्रा में बनता है, तथा ऊतकों के नष्ट होने के दौरान भी उत्पन्न होता है। क्रिएटिनिन टेस्ट (creatinine test), का उपयोग किडनी की कार्य क्षमता का पता लगाने और किडनी विफलता के जोखिमों को कम करने में किया जा सकता है। इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि क्रिएटिनिन परीक्षण (creatinine test) क्या है, यह क्यों आवश्यक है, इसकी तैयारी, प्रक्रिया, परिणाम और कीमत के बारे में।
आज के इस युग में किडनी की बीमारी एक आम बात है, जो किसी भी व्यक्ति में स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का कारण बन सकती है। अतः किडनी के सही तरीके से काम करने की जानकारी का पता लगाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को एक निश्चित समय में क्रिएटिनिन परीक्षण (creatinine test) कराना आवश्यक होता है।
विषय सूची
1. क्रिएटिनिन टेस्ट क्या है – What is creatinine test in Hindi
2. क्रिएटिनिन टेस्ट के प्रकार – Creatinine test types in Hindi
3. क्रिएटिनिन टेस्ट क्यों आवश्यक है – Why Creatinine Test is done in Hindi
4. सीरम क्रिएटिनिन टेस्ट कब किया जाता है – When serum creatinine Test Used in Hindi
5. क्रिएटिनिन टेस्ट की तैयारी – Creatinine test Preparation in Hindi
6. क्रिएटिनिन टेस्ट से पहले – Before the Creatinine Test in Hindi
7. क्रिएटिनिन टेस्ट के दौरान – During the Creatinine Test in Hindi
8. क्रिएटिनिन टेस्ट के बाद – After the Creatinine Test in Hindi
9. क्रिएटिनिन टेस्ट का परिणाम – Creatinine test result in Hindi
10. क्रिएटिनिन परीक्षण के सामान्य स्तर – Creatinine normal range in Hindi
11. क्रिएटिनिन टेस्ट की कीमत – creatinine test cost in Hindi
12. क्रिएटिनिन टेस्ट से जोखिम – creatinine test risk in Hindi
13. उच्च क्रिएटिनिन स्तर के कारण – high creatinine causes in Hindi
क्रिएटिनिन टेस्ट (creatinine test) एक सामान्य परीक्षण है, जो रक्त या मूत्र में क्रिएटिनिन के स्तर को मापता है। क्रिएटिनिन परीक्षण का उपयोग मनुष्यों में किडनी की कार्य क्षमता का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह परीक्षण गुर्दे (किडनी) से सम्बंधित बीमारियों का निदान करने के लिए सामान्य रूप से किया जाता है। अतः इस परीक्षण में सम्बंधित व्यक्ति के रक्त या मूत्र के नमूने में प्रयोगशाला जाँच द्वारा क्रिएटिनिन के स्तर को मापा जाता है। तथा परीणामों के आधार पर जोखिमों का पता लगाया जा सकता है।
माश्पेसियों में क्रिएटिन (Creatine) द्वारा उर्जा उत्पन्न करने के दौरान, उत्पन्न क्रिएटिनिन (creatinine) नामक अपशिष्ट रक्त के माध्यम से किडनी तक ले जाया जाता है, तथा इस अपशिष्ट को किडनी द्वारा रक्त से फ़िल्टर कर एकत्रित कर लिया जाता है और मूत्र के माध्यम से शरीर से बाहर कर दिया जाता है। जब किडनी ठीक तरह से कार्य नहीं करती, तो इस स्थिति में रक्त के क्रिएटिनिन स्तर में वृद्धि हो जाती है। जिसके कारण सम्बंधित व्यक्ति को अनेक प्रकार की किडनी और ह्रदय सम्बन्धी बीमारियाँ, साँसों की कमी (Shortness of breath), निर्जलीकरण, थकान (Fatigue), सूजन या इडिमा (edema), यूरीमिया (uremia), मतली और उल्टी, उलझन (Confusion) आदि समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है।
अतः क्रिएटिनिन रक्त परीक्षण (creatinine blood test) के माध्यम से किडनी के सही तरीके से काम करने और किडनी की विफलता की स्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है।
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क्रिएटिनिन टेस्ट (creatinine test) में मुख्यतः निम्न प्रकार के परीक्षण शामिल किये जाते हैं:
क्रिएटिनिन रक्त परीक्षण (creatinine blood test) – इस टेस्ट में व्यक्ति के रक्त नमूने में क्रिएटिनिन (creatinine) के स्तर को मापा जाता है।
क्रिएटिनिन क्लीयरेंस या क्रिएटिनिन मूत्र परीक्षण (creatinine clearance or creatinine urine test) – इस टेस्ट के द्वारा व्यक्ति के मूत्र के नमूने में क्रिएटिनिन (creatinine) के स्तर को मापा जाता है क्रिएटिनिन क्लीयरेंस (creatinine clearance) का सम्बन्ध रक्त को फ़िल्टर करने की किडनी की क्षमता से होता है।
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किसी भी व्यक्ति में गुर्दे की बीमारी (Kidney disease) के लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर सम्बंधित व्यक्ति के रक्त क्रिएटिनिन के स्तर का आकलन करने के लिए क्रिएटिनिन परीक्षण (creatinine test) का आदेश दे सकते हैं। इन लक्षणों में थकान और परेशानी महसूस होना, भूख में कम लगना, सूजन (चेहरे, कलाई, घुटने या पेट में) आना, गुर्दे (किडनी) के पास पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना, मूत्र उत्पादन की मात्रा और आवृत्ति में परिवर्तन, उच्च रक्तचाप, जी मिचलाना और उल्टी होना आदि शामिल हैं।
अतः किडनी की समस्याएं या किडनी की कार्य क्षमता में कमी का संबंध विभिन्न प्रकार की बीमारियों से हो सकता है। अतः इन बीमारियों का निदान करने के लिए क्रिएटिनिन टेस्ट (creatinine test) की आवश्यक होता है। इन बीमारियों में शामिल हैं:
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यदि किसी व्यक्ति के पास टाइप 1 या टाइप 2 मधुमेह (diabetes) है, तो डॉक्टर उस व्यक्ति को 1वर्ष में कम से कम 1 बार क्रिएटिनिन परीक्षण (creatinine test) की सिफारिश कर सकता है।
यदि किसी व्यक्ति को गुर्दे की बीमारी (kidney disease) है, तो डॉक्टर बीमारी की स्थिति की निगरानी करने के लिए निश्चित समय अंतराल पर क्रिएटिनिन परीक्षण कराने की सिफारिश कर सकता है।
यदि किसी व्यक्ति को गुर्दे (किडनी) को प्रभावित करने वाली बीमारी का जोखिम होता है – जैसे उच्च रक्तचाप (high blood pressure) या मधुमेह (diabetes) या किसी ऐसी दवा का सेवन जो गुर्दे की कार्य क्षमता को प्रभावित कर सकती है, तो इस स्थिति में डॉक्टर उस व्यक्ति को क्रिएटिनिन परीक्षण (creatinine test) की सिफारिश कर सकता है।
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क्रिएटिनिन टेस्ट (creatinine test) के लिए कोई विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं होती है। यदि कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार की दवा का सेवन कर रहा है, तो उसे क्रिएटिनिन टेस्ट से पहले डॉक्टर को इन दवाओं की जानकारी देना अतिआवश्यक है। क्योंकि कुछ दवाएं किडनी की क्षति के बिना भी क्रिएटिनिन के स्तर को बढ़ा सकती हैं और परीक्षण से प्राप्त परिणामों में हस्तक्षेप उत्पन्न कर सकती हैं।
एक क्रिएटिनिन परीक्षण (creatinine test) प्राप्त करने वाले व्यक्ति को परीक्षण से पहले किसी भी प्रकार की तैयारी करने की आवश्यकता नहीं होती है। क्रिएटिनिन रक्त परीक्षण से पहले भोजन या पेय पदार्थों से बचने या परहेज करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
परीक्षण से पहले डॉक्टर सम्बंधित व्यक्ति से कुछ सामान्य परिस्थितियों से सम्बंधित प्रश्न पूछ सकता है जैसे:
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क्रिएटिनिन रक्त परीक्षण (creatinine blood test) के दौरान रक्त नमूना एकत्रित करने की प्रक्रिया को शामिल किया जाता है। यह एक साधारण परीक्षण है, जिसके लिए रक्त के एक छोटे नमूने की आवश्यकता होती है। एक चिकित्सक या स्वास्थ्य देखभालकर्ता द्वारा व्यक्ति की बांह (हाथ) की एक नस से सुई का उपयोग कर रक्त नमूना लिया जाता है। नमूना लेने के लिए बांह के ऊपरी हिस्से में एक बैंड बांधा जाता है। फिर बांह की एक नस (vein) में इंजेक्शन के माध्यम से रक्त के नमूने को एकत्रित कर लिया जाता है। सुई के माध्यम से रक्त लेते समय व्यक्ति को थोड़ी सी चुभन (दर्द) महसूस हो सकती है।
नमूना लेने के बाद इसे प्रयोगशाला परीक्षण के लिए लिए भेज दिया जाता है। नमूने में क्रिएटिनिन की जांच कर परिणाम प्राप्त कर लिए जाते हैं।
क्रिएटिनिन क्लीयरेंस (creatinine clearance) – क्रिएटिनिन रक्त परीक्षण (creatinine blood test) के अलावा क्रिएटिनिन क्लीयरेंस (creatinine clearance) की दर का परीक्षण किया जाता है। इसके लिए मूत्र नमूने की आवश्यकता होती है। इस परीक्षण के माध्यम से गुर्दे (किडनी) की रक्त को फ़िल्टर करने की क्षमता को दिखाया जाता है। क्रिएटिनिन क्लीयरेंस की दर को मापने के लिए 24 घंटे तक के मूत्र संग्रह का उपयोग किया जाता है। अर्थात 24 घंटे से कम समय का मूत्र का नमूना परीक्षण के उपयोग में लाया जाता है। मूत्र नमूने में उपस्थित क्रिएटिनिन की मात्रा को मापकर किडनी की कार्यक्षमता का निर्धारण किया जाता है। यदि किडनी ठीक तरह से काम नहीं करती हैं, तो क्रिएटिनिन क्लीयरेंस (creatinine clearance) का स्तर सामान्य स्तर से कम पाया जाता है।
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यदि सीरम क्रिएटिनिन स्तर (serum creatinine level) अर्थात रक्त में क्रिएटिनिन (creatinine) के स्तर सामान्य से अधिक प्राप्त होते हैं, तो डॉक्टर किसी अन्य रक्त परीक्षण या मूत्र परीक्षण की सिफारिश कर सकता है। अगर परीणामों के आधार पर गुर्दे (किडनी) की क्षति की सूचना मिलती है, तो इससे सम्बंधित परिस्थिति को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर उपचार प्रक्रिया प्रारंभ कर सकते हैं। यह उपचार प्रक्रिया किडनी के नुकसान को कम करने में अपना योगदान दे सकती है।
क्रिएटिनिन रक्त परीक्षण (creatinine blood test) के परिणाम मिलीग्राम / डेसीलिटर (mg/dl) में प्राप्त किये जाते हैं। लिंग और उम्र के अनुसार क्रिएटिनिन स्तर भिन्न हो सकते हैं। आम तौर पर, क्रिएटिनिन के उच्च स्तर, सम्बंधित व्यक्ति में गुर्दे की विफलता और गुर्दे (किडनी) के ठीक तरह से काम न करने की ओर संकेत करते हैं। इसके अतिरिक्त व्यक्ति के निर्जलित (dehydrated) रहने, शरीर में कम रक्त मात्रा (low blood volume) होने, अत्यधिक मांस का सेवन करने या कुछ दवाएं का सेवन करने से भी क्रिएटिनिन स्तर में अस्थायी रूप से वृद्धि हो सकती है।
क्रिएटिनिन क्लीयरेंस (creatinine clearance) के सामान्य स्तर से कम परिणाम प्राप्त होने का मतलब है, कि किडनी की रक्त को फ़िल्टर करने की कार्यक्षमता कम है। 45 से कम परिणाम प्राप्त होने पर यह किडनी की गंभीर समस्या की और संकेत करते हैं। क्रिएटिनिन क्लीयरेंस (creatinine clearance) और रक्त क्रिएटिनिन blood creatinine) के परिणाम के आधार पर ग्लोमेरुलर निस्पंदन दर (जीएफआर) (Glomerular filtration rate) की गणना की जा सकती है।
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लिंग और उम्र में भिन्नता के कारण रक्त में क्रिएटिनिन के सामान्य स्तर भिन्न हो सकते हैं। रक्त में क्रिएटिनिन के सामान्य स्तर निम्न हैं:
सभी आयु के पुरषों के लिए – 0.7 से 1.3 मिलीग्राम / डेसीलिटर (mg/dl)
सभी आयु वर्ग की महिलाओं के लिए – 0.6 – 1.1 मिलीग्राम / डेसीलिटर (mg/dl)
क्रिएटिनिन क्लीयरेंस (creatinine clearance) की सामान्य दर – 90 या उससे अधिक
भिन्न-भिन्न स्थानों के आधार पर क्रिएटिनिन टेस्ट की कीमत भिन्न-भिन्न हो सकती हैं। भारत में सभी शहरों की अनुमानित क्रिएटिनिन टेस्ट की कीमत निम्न है:
मूत्र क्रिएटिनिन टेस्ट की कीमत – ₹ 600 – ₹ 700
सीरम क्रिएटिनिन टेस्ट की कीमत – ₹ 100 – ₹ 400
क्रिएटिनिन परीक्षण (creatinine test) कम जोखिम वाली प्रक्रिया है। हालांकि, कुछ मामलों में सामान्य जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:
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उच्च क्रिएटिनिन स्तर (high creatinine test) प्राप्त होने के कुछ कारण निम्न हैं:
जब किडनी क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो वह रक्त से क्रिएटिनिन को ठीक तरह से फ़िल्टर नहीं कर पाती है, और रक्त में क्रिएटिनिन स्तर बढ़ने लगता है। डॉक्टर, ग्लोमेरुलर निस्पंदन दर (जीएफआर) (Glomerular filtration rate) की गणना करने के लिए क्रिएटिनिन रक्त परीक्षण (creatinine blood test) के परिणाम का उपयोग करते हैं। इन परिणामों के आधार पर किडनी की क्रोनिक डिजीज (Chronic disease) का पता लगाया जाता है।
60 या उससे अधिक ग्लोमेरुलर निस्पंदन दर (जीएफआर) को सामान्य माना जाता है,
60 से कम परिणाम प्राप्त होने पर यह गुर्दे की बीमारी का संकेत देता है।
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पेशाब के प्रवाह में अवरोध, जैसे एक बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्रंथि (enlarged prostate) या गुर्दे की पथरी (kidney stone) गुर्दे के मार्ग में बाधा उत्पन्न कर सकता है। यह अवरोध किडनी में मूत्र का अधिक रुकाव होने लगता है और गुर्दे की सही ढंग से काम करने की क्षमता को खराब कर सकता है। इस समस्या के कारण क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ सकता है। इस स्थिति को हाइड्रोनेफ्रोसिस (hydronephrosis) कहा जाता है।
गंभीर निर्जलीकरण की समस्या गुर्दे की क्षति का कारण बन सकती है, जिससे क्रिएटिनिन का स्तर प्रभावित हो सकता है।
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जो व्यक्ति मांस अधिक मात्र में खाता है उसके क्रिएटिनिन परीक्षण के दौरान रक्त में क्रिएटिनिन के उच्च स्तर प्राप्त हो सकते हैं। क्योंकि प्रोटीन और पके हुए मांस में अधिक क्रिएटिनिन (creatinine) होता है, इसलिए मांस या प्रोटीन का सिफारिश की गई मात्र से अधिक सेवन, या पूरक के माध्यम से प्रोटीन का अधिक सेवन, उच्च क्रिएटिनिन के स्तर का कारण बन सकता है।
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क्रिएटिन (Creatine) मांसपेशियों में मौजूद रहता है और उन्हें ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है।
कठोर अभ्यास के दौरान ऊतकों के नष्ट होने से अधिक मात्रा में क्रिएटिनिन (creatinine) का निर्माण होता है जिससे इसके स्तर में वृद्धि होती है।
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एंटीबायोटिक्स (Antibiotics), जैसे- ट्रिमेथोप्रिम (trimethoprim) और एच 2 ब्लॉकर्स (H2 blockers)
जैसे – सिमेटिडाइन (cimetidine), आदि दवाएं क्रिएटिनिन के स्तर में अस्थायी रूप से वृद्धि कर सकती हैं।
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