CT Scan in Hindi सीटी स्कैन का पूरा नाम कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी स्कैन (computerized tomography) है। यह एक ऐसा टेस्ट है जिसमें कंप्यूटर और घूमती हुई एक्स-रे मशीन की सहायता से शरीर के विभिन्न भागों का क्रॉस-सेक्शनल (टुकड़ों में) चित्र लिया जाता है। सामान्य एक्स-रे इमेज की अपेक्षा सीटी स्कैन में अधिक विस्तृत और स्पष्ट जानकारी प्राप्त हो जाती है। सीटी स्कैन में शरीर की मुलायम कोशिकाओं, रक्त वाहिकाओं और हड्डियों के संबंधित विकारों के चित्र स्पष्ट दिखायी पड़ते हैं। सीटी स्कैन का प्रयोग सिर, कंधे, रीढ़ की हड्डी, हृदय, पेट , घुटने और छाती से जुड़ी समस्याओं के निदान (diagnosis) के लिए किया जाता है। आमतौर पर सीटी स्कैन से शरीर के हर एक हिस्से का स्पष्ट चित्र देखा जा सकता है और रोगों के निदान, चोट एवं सर्जिकल एवं रेडिएशन उपचार के लिए भी सी टी स्कैन किया जाता है।
विषय सूची
1. सीटी स्कैन कैसे किया जाता है – CT Scans procedure in Hindi
2. सीटी स्कैन कैसे होता है – CT scan kaise hota hai
3. सीटी स्कैन क्यों किया जाता है – CT Scan Purpose in Hindi
4. सीटी स्कैन की कीमत (सीटी स्कैन प्राइस) – CT Scan Cost in Hindi
5. सीटी स्कैन के फायदे – CT Scan Benefits in Hindi
6. सीटी स्कैन के नुकसान (सीटी स्कैन साइड इफेक्ट्स) – CT Scan Side Effects in Hindi
CT Scan आमतौर पर हॉस्पिटल और रेडियोलॉजी क्लिनिक में किया जाता है। इस दौरान सीटी स्कैन कराने वाले व्यक्ति को सीटी स्कैन कराने से कुछ घंटे पहले तक कुछ खाने-पीने के लिए मना किया जाता है। इसके अलावा सीटी स्कैन होने से पहले व्यक्ति धातु (metal) का कोई जेवर पहना हो तो उसे उतार लिया जाता है।
सीटी स्कैन रेडियोलॉजी टेक्नोलॉजिस्ट करते हैं। इस टेस्ट के दौरान व्यक्ति को एक बड़ी डोनट (doughnut) आकार वाली सीटी मशीन के अंदर एक टेबल पर लेटा दिया जाता है। यह टेबल स्कैनर के माध्यम से धीरे-धीरे घूमता है और एक्स-रे भी शरीर के चारों ओर घूमती है। इस दौरान मशीन से निकलने वाली आवाज को सुना जा सकता है। इधर-उधर शरीर हिलाने से स्कैन का चित्र धुंधला(blur) हो सकता है इसलिए मरीज को एकदम सीधे और एक ही अवस्था में लेटे रहने को कहा जाता है।
CT Scan के दौरान एक संकीर्ण एक्स-रे बीम का प्रयोग किया जाता है जो शरीर के एक हिस्से के चारों ओर घूमता है। यह कई अलग-अलग कोणों(angles) से छवियों की एक श्रृंखला बनाता है। शरीर के उस भाग का क्रास सेक्शनल चित्र बनाने के लिए कंप्यूटर इस जानकारी का उपयोग करता है। रोटी के एक टुकड़े की तरह कंप्यूटर भी शरीर के अंदर का 2-डी चित्र दिखाता है। कई टुकड़ों में चित्र प्राप्त करने के लिए यह प्रक्रिया दोहरायी जाती है। इसके बाद कंप्यूटर इन चित्रों के स्कैन को 3-डी इमेज में बदल देता है जिन्हें डॉक्टर बहुत स्पष्ट तरीके से देख पाते हैं। इसमें हड्डियों, रक्त वाहिकाओं सहित अन्य हिस्सों के चित्र स्पष्ट दिखायी देते हैं।
शरीर में चोट एवं अन्य विकारों का इलाज शुरू करने से पहले डॉक्टर मरीज को सीटी स्कैन कराने की सलाह देते हैं। सीटी स्कैन की रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो जाता है कि मरीज के शरीर का कौन सा भाग किस कारण प्रभावित है। सीटी स्कैन में लगने वाला समय इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति के शरीर के किस अंग का सीटी स्कैन किया जा रहा है। सीटी स्कैन में कुछ मिनटों से लेकर आधे घंटे तक का भी समय लग सकता है।
CT Scan कराने की कीमत हर शहरों में अलग-अलग है। लेकिन आमतौर पर सरकारी अस्पतालों में सीटी स्कैन की कराने का खर्च 500 से लेकर हजार रूपए एवं प्राइवेट अस्पतालों में 2000 से लेकर पांच हजार तक होता है। मस्तिष्क का एक सामान्य सीटी स्कैन कराने का खर्च 1100-2000 रूपये पड़ता है जबकि शरीर के विभिन्न अंगों के सीटी स्कैन के आधार पर प्रत्येक क्लिनिक में इसकी फीस अलग-अलग होती है। अलग-अलग स्थान पर सीटी स्कैन का खर्च अलग-अलग हो सकता है यह इस बात पर भी निर्भर करता है की शरीर के किस अंग का सीटी स्कैन किया जाना है।
CT Scan के दौरान मशीन से कई खतरनाक रेडिएशन निकलते हैं। कभी-कभी इनके प्रभाव से त्वचा में एलर्जी उत्पन्न हो सकती है एवं बाल टूटने की भी समस्या हो सकती है।
कुछ लोगों को कंट्रास्ट चीजों से एलर्जी होती है। हालांकि सीटी स्कैन के दौरान इन चीजों के प्रभाव में आने से इनका रिएक्शन बहुत हल्का होता है लेकिन शरीर में खुजली (itchiness) होने और चकत्ते (rashes) निकलने की समस्या हो सकती है।
यदि आप डायबिटीज के मरीज हैं और मेटफॉर्मिन (Metformin) जैसी दवा का सेवन करते हैं तो सीटी स्कैन कराने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर बताएं। डॉक्टर आपको सलाह देंगे कि सीटी स्कैन कराने से पहले आपको दवा खानी या बंद करनी है। क्योंकि इन दवाओं के सेवन से नुकसान हो सकता है।
अगर आपको किडनी से संबंधित समस्या है तो सी टी स्कैन से पहले अपने डॉक्टर को जरूर बताएं क्योंकि कंट्रास्ट सामग्रियों के संपर्क में आने से किडनी की समस्या बढ़ सकती है।
सी टी स्कैन के दौरान जी मिचलाने और उल्टी की समस्या हो सकती है। इसलिए सीटी स्कैन कराने से कुछ घंटे पहले तक कुछ खाने-पीने के लिए मना किया जाता है।
गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी के पहली तिमाही में सीटी स्कैन कराने से बचना चाहिए अन्यथा भ्रूण क्षतिग्रस्त हो सकता है।
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