Delayed ejaculation in Hindi: स्खलन में देरी एक सामान्य चिकित्सकीय स्थिति है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब किसी पुरुष को स्खलन के लिए यौन उत्तेजना प्राप्त करने में अधिक समय लगता है। अधिकांश पुरुष समय-समय पर विलंबित स्खलन (Delayed ejaculation) का अनुभव करते हैं, लेकिन कुछ व्यक्तियों के लिए यह एक आजीवन समस्या बन सकती है। हालांकि सेक्स करते समय वीर्य के स्खलन में देरी (DE) की समस्या किसी भी प्रकार के गंभीर जोखिम को उत्पन्न नहीं करती है, लेकिन यह मानसिक तनाव का कारण बन सकती है तथा यौन जीवन और व्यक्तिगत संबंधों में समस्याएं पैदा कर सकती है। अतः इसका उपचार प्राप्त करना आवश्यक हो जाता है।
आज के इस लेख में आप जानेगें कि स्खलन में देरी (Delayed ejaculation) क्या है, इसके लक्षण, कारण और जाँच क्या हैं तथा इसका उपचार और बचाव कैसे किया जा सकता है।
विषय सूची
- स्खलन में देरी क्या है – What is Delayed ejaculation in Hindi
- स्खलन में देरी के लक्षण – Delayed ejaculation symptoms in Hindi
- स्खलन में देरी के कारण – Delayed ejaculation causes in Hindi
- स्खलन में देरी होने पर डॉक्टर को कब दिखाना है – When to see a doctor for Delayed ejaculation in Hindi
- स्खलन में देरी के जोखिम – Delayed ejaculation Risk factors in Hindi
- स्खलन में देरी की जटिलताएं – Delayed ejaculation Complications in Hindi
- स्खलन में देरी की जाँच – Delayed ejaculation diagnosis in Hindi
- स्खलन में देरी का उपचार – Delayed ejaculation treatment in Hindi
- स्खलन में देरी की रोकथाम – Delayed ejaculation prevention in Hindi
स्खलन में देरी क्या है – What is Delayed ejaculation in Hindi
स्खलन में देरी (Delayed ejaculation) को “ख़राब स्खलन” (impaired ejaculation) भी कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें पुरुषों को यौन चरमोत्कर्ष (sexual climax) तक पहुंचने और लिंग से वीर्य निकलने (स्खलन) के लिए लम्बे समय तक यौन उत्तेजना की आवश्यकता होती है। विलंबित स्खलन से सम्बंधित कुछ पुरुष स्खलन करने में पूरी तरह से असमर्थ होते हैं। स्खलन में देरी (Delayed ejaculation) से सम्बंधित व्यक्ति, संभोग और वीर्य स्खलन करने में अक्षम हो सकता है। इस स्थिति का कारण शारीरिक या मनोवैज्ञानिक विकार हो सकते हैं।
अतः यदि किसी व्यक्ति में 30 मिनट या इससे अधिक समय तक की यौन उत्तेजना के बाद स्खलन होता है, तो उस व्यक्ति को स्खलन में देरी (Delayed ejaculation) की समस्या होती है।
स्खलन में देरी के अनेक कारण हो सकते हैं, जिनमें पुरानी स्वास्थ्य स्थितियां, सर्जरी, चिंता, अवसाद (depression), न्यूरोपैथी और दवाओं की प्रतिक्रियाएं आदि शामिल हैं। कोई भी दवा विशेष रूप से स्खलन में देरी के इलाज में स्वीकृत नहीं की गई है, लेकिन पार्किंसंस (Parkinson’s) रोग जैसी स्थितियों के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं को स्खलन में देरी के इलाज में मददगार शाबित हुई हैं।
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स्खलन में देरी के लक्षण – Delayed ejaculation symptoms in Hindi
स्खलन में देरी (Delayed ejaculation) तब होता है, जब एक व्यक्ति को संभोग और स्खलन (वीर्य का निकलना) तक पहुंचने के लिए 30 मिनट से अधिक यौन उत्तेजना की आवश्यकता होती है। स्खलन में देरी के सबसे सामान्य लक्षणों में, सम्बंधित व्यक्ति यौन उत्तेजना के दौरान संभोग (स्खलन) तक नहीं पहुंच पाता है। लेकिन लिंग के ओरल या मैनुअल उत्तेजना के साथ स्खलन कर सकता है। इस स्थिति से सम्बंधित कुछ पुरुष हस्तमैथुन करते समय स्खलन कर सकते हैं।
स्खलन में देरी के फलस्वरूप सेक्स करते समय हताशा, थकान, शारीरिक जलन और स्तंभन की हानि आदि लक्षण प्रगट होते है।
स्खलन में देरी को लक्षणों के आधार पर निम्न प्रकारों में विभाजित किया जाता है:
आजीवन बनाम अर्जित (Lifelong vs. Acquired) – आजीवन स्खलन में देरी (Lifelong Delayed ejaculation) की समस्या उस समय से मौजूद होती है, जब पुरुष यौन परिपक्वता (sexual maturity) तक पहुंचता है। जबकि अर्जित स्खलन स्खलन में देरी (Acquired Delayed ejaculation) सामान्य यौन क्रिया की अवधि के बाद होती है।
सामान्यीकृत बनाम स्थितिजन्य (Generalized vs. situational) – सामान्यीकृत स्खलन में देरी (Generalized Delayed ejaculation) कुछ यौन साझेदारों या कुछ प्रकार की उत्तेजना (stimulation) तक ही सीमित नहीं होता है। जबकि परिस्थितिजन्य स्खलन में देरी (situational Delayed ejaculation) केवल कुछ परिस्थितियों तक ही सीमित होता है।
स्खलन में देरी के यह प्रकार एक अंतर्निहित कारणों का निदान करने में मदद करते हैं, और साथ ही साथ सबसे प्रभावी उपचार के निर्धारण में भी सहायता करते हैं।
स्खलन में देरी के कारण – Delayed ejaculation causes in Hindi
मनोवैज्ञानिक विकार, पुरानी स्वास्थ्य स्थितियों और दवाओं की प्रतिक्रिया सहित, स्खलन में देरी (Delayed ejaculation) के अनेक संभावित कारण हो सकते हैं।
स्खलन में देरी के मनोवैज्ञानिक कारणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
- डिप्रेशन, चिंता या अन्य मानसिक स्वास्थ्य सम्बंधित स्थितियां
- रिलेशनशिप की समस्याओं के कारण तनाव, साथी के प्रति क्रोध या अन्य चिंताएं
- यौन प्रदर्शन के बारे चिंता और घबराहट होना
- गर्भावस्था का डर
- दुर्बल शारीरिक छवि होने की भावना
- सांस्कृतिक या धार्मिक प्रथाओं के अनुसार यौन क्रिया को पाप मानना
दवाओं की प्रतिक्रिया सम्बन्धी कारणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
- कुछ एंटीसाइकोटिक दवाएं
- उच्च रक्तचाप सम्बन्धी दवाएं
- कुछ मूत्रवर्धक के सेवन के परिणामस्वरूप
- कुछ एंटीडिप्रेसेंट ड्रग
- कुछ anti-seizure दवाएं
- अत्यधिक शराब का उपयोग
स्खलन में देरी के भौतिक कारणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
- कुछ संक्रमण, जैसे मूत्र पथ संक्रमण।
- प्रोस्टेट सर्जरी।
- पुरुष प्रजनन प्रणाली को प्रभावित करने वाले जन्म दोष।
- पेल्विक नसों (pelvic nerves) में चोट।
- रीढ़ की हड्डी की चोट और सर्जरी।
- हार्मोन संबंधी स्थितियां, जैसे- कम थायराइड हार्मोन स्तर (हाइपोथायरायडिज्म) या कम टेस्टोस्टेरोन स्तर (hypogonadism)
- न्यूरोलॉजिकल रोग, जैसे मधुमेह न्यूरोपैथी (diabetic neuropathy), स्ट्रोक या रीढ़ की हड्डी को नुकसान।
- रेट्रग्रेड इजैक्यूलेशन (Retrograde ejaculation), यह एक ऐसी स्थिति जिसमें वीर्य लिंग से बाहर निकलने के बजाय मूत्राशय में चला जाता है।
- सप्ताह में तीन बार से अधिक बार हस्तमैथुन करना, इत्यादि।
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स्खलन में देरी होने पर डॉक्टर को कब दिखाना है – When to see a doctor for Delayed ejaculation in Hindi
स्खलन में देरी (Delayed ejaculation) होने के शुरूआती समय में डॉक्टर को दिखाना सुनिश्चित करना चाहिए। यदि विलंबित स्खलन सम्बंधित व्यक्ति या उसके साथी के लिए किसी भी तरह की मुश्किल पैदा करे या स्खलन में देरी से सम्बंधित कोई स्वास्थ्य समस्या होने पर कोई भी व्यक्ति डॉक्टर से संपर्क कर सकता है।
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स्खलन में देरी के जोखिम – Delayed ejaculation Risk factors in Hindi
कुछ जोखिम कारक स्खलन में देरी (Delayed ejaculation) की समस्या को उत्पन्न करने में अपना योगदान दे सकते हैं। स्खलन में देरी से सम्बंधित जोखिम कारकों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे कि:
- वृद्धावस्था – पुरुषों की उम्र बढ़ने के साथ-साथ स्खलन में अधिक समय लगना सामान्य है।
- मनोवैज्ञानिक स्थितियां, जैसे अवसाद (depression) या चिंता आदि।
- चिकित्सा सम्बंधित स्थितियों का होना, जैसे मधुमेह या मल्टीपल स्केलेरोसिस (multiple sclerosis)
- कुछ चिकित्सकीय उपचार, जैसे प्रोस्टेट सर्जरी।
- दवाएं, विशेष रूप से कुछ एंटीडिप्रेसेंट (antidepressants), उच्च रक्तचाप वाली दवाएं या मूत्रवर्धक दवाओं का सेवन करना।
- यौन साथी के साथ खराब सम्बन्ध का होना।
- लंबे समय तक अत्यधिक शराब का उपयोग करना, इत्यादि।
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स्खलन में देरी की जटिलताएं – Delayed ejaculation Complications in Hindi
स्खलन में देरी (Delayed ejaculation) से सम्बंधित जटिलताओं में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
- यौन सुख प्राप्त करने में कमी
- कम कामेच्छा (low libido)
- यौन प्रदर्शन के बारे में तनाव या चिंता
- एक असंतोषजनक यौन जीवन या संबंध समस्याएं
- गर्भधारण कराने में असमर्थता (पुरुष बांझपन), इत्यादि।
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स्खलन में देरी की जाँच – Delayed ejaculation diagnosis in Hindi
एक शारीरिक परीक्षण और चिकित्सा सम्बन्धी इतिहास की जानकारी लेकर डॉक्टर स्खलन में देरी (Delayed ejaculation) की समस्या का निदान कर सकता है, तथा यह भी तय कर सकता है, कि स्खलन के लिए उपचार की सिफारिश करने की आवश्यकता है या नहीं।
समस्या का निदान करने के लिए एक चिकित्सक, सम्बंधित व्यक्ति से लक्षणों और इसकी आवृति और स्खलन में लगने वाले समय के बारे में जानकारी ले सकता है। स्खलन में देरी की समस्या एक अंतर्निहित समस्या के कारण भी उत्पन्न हो सकती है, जिसके निदान के लिए कुछ परीक्षणों की आवश्यकता हो सकती है।
अंतर्निहित समस्याओं के निदान के लिए टेस्ट में निम्न शामिल हो सकते हैं:
शारीरिक परीक्षण (Physical exam) – शारीरिक परीक्षण के अंतर्गत व्यक्ति के लिंग और अंडकोष की सावधानीपूर्वक जांच की जा सकती है।
रक्त परीक्षण (Blood tests) – डॉक्टर स्खलन में देरी से सम्बंधित कारणों का निदान करने के लिए सम्बंधित व्यक्ति को रक्त परीक्षण की सिफारिश भी कर सकता है। रक्त परीक्षण के माध्यम से हृदय रोग, मधुमेह, कम टेस्टोस्टेरोन स्तर और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की जांच की जा सकती है।
मूत्र परीक्षण (यूरिनलिसिस)( Urine tests) – मूत्र परीक्षण का उपयोग मधुमेह, संक्रमण और अन्य अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों का निदान करने के लिए किया जाता है।
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स्खलन में देरी का उपचार – Delayed ejaculation treatment in Hindi
वीर्य स्खलन में देरी (Delayed ejaculation) का इलाज इसके अंतर्निहित कारणों पर निर्भर करता है, स्खलन में देरी का इलाज करने के लिए एक दवा का सेवन या वर्तमान में ली जाने वाली दवाओं में बदलाव करना, मनोवैज्ञानिक परामर्श, शराब या अवैध नशीली दवाओं के उपयोग को प्रतिबंधित करना आदि तरीके शामिल हो सकते है।
दवाएं – Medications
यदि आप ऐसी दवा ले रहे हैं, जो स्खलन में देरी (Delayed ejaculation) का कारण बन सकती है, तो डॉक्टर द्वारा स्खलन में देरी के इलाज के दौरान दवा की खुराक को कम करने या किसी ओर दवा का सेवन करने की सलाह दी जा सकती है।
हालांकि ऐसी कोई भी दवा उपलब्ध नहीं है, जो विशेष रूप से स्खलन में देरी के उपचार में प्रभावी हो सके। स्खलन में देरी के उपचार के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं मुख्य रूप से अन्य सम्बंधित स्थितियों का उपचार करने के लिए उपयोग की जाती हैं।
कभी-कभी विलंबित स्खलन या स्खलन में देरी के उपचार के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
- पार्किन्सन की दवा या (Amantadine)
- एंटी-एंग्जायटी (चिंतारोधी) दवा या (Buspirone),
- एक एलर्जी की दवा या साइप्रोहेप्टाडिन (Cyproheptadine),
मनोचिकित्सा – Psychotherapy
मनोचिकित्सा (psychotherapy), स्खलन में देरी से सम्बंधित अंतर्निहित मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे डिप्रेशन या चिंता को दूर करने में मदद कर सकती है। इसकी मदद से सीधे स्खलन की क्षमता को प्रभावित करने वाले मानसिक कारणों पर ध्यान दिया जाता है, तथा मानसिक स्थिति में सुधार लाने का प्रयास किया जाता है। एक मानसिक स्वास्थ्य परामर्शदाता, यौन समस्याओं के लिए टॉक थेरेपी (talk therapy) में माहिर हो सकते हैं।
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स्खलन में देरी की रोकथाम – Delayed ejaculation prevention in Hindi
वीर्य स्खलन में देरी (Delayed ejaculation) अनेक प्रकार के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक कारणों से हो सकती है, अतः कोई भी प्रयास विलंबित स्खलन की समस्या को पूरी तरह से रोकने में सक्षम नहीं हो सकता है। लेकिन कुछ महत्वपूर्ण प्रयास स्खलन में देरी की स्थिति को कुछ हद तक रोकने में मदद कर सकते हैं, जैसे कि:
- व्यक्ति को अपने यौन साथी के साथ आत्मीयता बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक समय बिताना चाहिए।
- पर्याप्त नींद लेनी चाहिए।
- शराब के सेवन को सीमित करना चाहिए।
- अवैध दवाओं, जैसे गांजा (marijuana) का उपयोग नहीं करना चाहिए।
- तनाव को कम करने के लिए बेहतर कदम उठाना चाहिए।
- तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए।
- नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए।
- चिंता या डिप्रेशन को कम करने के लिए डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए।
- पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए आवश्यक उपचार प्राप्त करना चाहिए।
- यौन साथी के साथ, गर्भावस्था या बीमारी के डर से सम्बंधित किसी भी प्रकार की आशंका या चिंता होने पर खुलकर चर्चा करनी चाहिए।
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