Delivery Ke Bad Yoga In Hindi: प्रसव के बाद योग महिलाओं के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। एक बच्चे को जन्म देने के बाद महिला के शरीर में कई प्रकार बदलाब होते है। डिलीवरी के बाद योग (delivery ke baad yoga) शक्ति का निर्माण, मुद्रा में सुधार, ऊर्जा के स्तर में वृद्धि और प्रसवोत्तर अवसाद के लक्षणों को कम करने का एक शानदार तरीका हो सकता है। अपने साप्ताहिक दिनचर्या में कुछ प्रसवोत्तर योग जोड़ना भी एक कमजोर पेल्विक फ्लोर, तंग कूल्हों, गले में खराश, स्टैमिना की कमी और अधिक फैली हुयी पेट की मांसपेशियों के लिए ठीक करने में मदद करता है। डिलीवरी के बाद निकला पेट अंदर करने का सबसे अच्छा उपाय योग आसन होता है। आइये प्रसव के बाद वजन और पेट कम करने वाले योग को विस्तार से जानते हैं।
विषय सूची
1. डिलीवरी या प्रसव के बाद योग – Yoga after Delivery in Hindi
2. प्रसव के बाद योग करने के लाभ – Benefit of Yoga after Delivery in Hindi
डिलीवरी के बाद योग महिलाओं के लिए शारीरिक और मानसिक समस्याओं से लड़ने का सबसे अच्छा उपाय है। आइये महिलाओं के लिए प्रसव के बाद योग के प्रकार और उन्हें करने के तरीकों को विस्तार से जानतें हैं –
कोबरा पोज प्रसव के बाद के बाद महिलाओं को कमर दर्द से राहत दिलाने में बेहद प्रभावी है। कोबरा पोज कूल्हों को मजबूत करने, पेट, हाथ और कंधे को टोन करने, रीढ़ को मजबूत बनाने, श्रोणि क्षेत्र में रक्त और ऑक्सीजन परिसंचरण में सुधार करने में मदद करता है।
कोबरा पोज को करने लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर पेट के बल लेट जाएं, जिसमें आपकी पीट ऊपर की ओर रहे। अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखें। अब अपने दोनों हाथों पर वजन डालते हुयें धीरे-धीरे अपने सिर को पीछे के ओर करें और ठुड्डी को ऊपर की ओर करने का प्रयास करें। ध्यान रखें की आपके कमर से नीचे का शरीर जमीन से ऊपर ना उठे। आप इस आसन में 20 से 30 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें।
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कैट काऊ पोज़ करने वाला व्यक्ति गाय और बिल्ली के समान दिखाई देता हैं इसलिए इसे अंग्रेजी में Cat Cow Pose कहते हैं। डिलीवरी के बाद महिलाओं का वजन कम करने के लिए यह एक अच्छा योग है। यह आपकी रीड की हड्डी को लोचदार बनता हैं और रक्त के प्रवाह को बढ़ता हैं।
इस योग को करने के लिए आप एक योगा मैट पर अपने सिर को सीधा रखें हुयें घुटने टेक के अपने दोनों हाथों को जमीन पर रख लें। अब साँस को अन्दर लेते हुए अपने सिर को पीछे की ओर तथा अपनी ठोड़ी को ऊपर करें। अब साँस छोड़ते हुए अपने सिर को नीचे करें और अपनी ठोड़ी को अपनी छाती से लगाने का प्रयास करें। इस आसन को कम से कम 5 से 6 बार करें। यह पोज़ प्रसव के बाद पेट कम करने में लाभदायक होता हैं।
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उष्ट्रासन योग डिलीवरी के बाद पेट कम करने में मदद करता है। उष्ट्रासन योग किडनी के साथ-साथ सभी अंगों की मालिश करता है। यह शरीर के अंगों को ताजा रक्त भेजता है जिससे उन्हें ऑक्सीकरण और डिटॉक्सिफाई किया जाता है।
इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर घुटनों के बल खड़े हो जाएं। अब अपनी कमर के यहाँ से पीछे की ओर झुके और अपने दोनों हाथों को पीछे ले जाएं। अपने सिर को पीछे झुका लें और दोनों हाथों को पैर की एड़ियों पर रखें। उष्ट्रासन की स्थिति में आप 30 से 60 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें।
(और पढ़े – उष्ट्रासन करने की विधि और फायदे…)
बालासन योग पीठ और कूल्हों की मांसपेशियों को खींचने में मदद करता है। यह एक लंबे और थकाने वाले दिन के अंत में सोने से पहले करने वाला एक महान आसन है। बालासन योग डिलीवरी के बाद वजन कम करने के लिए एक अच्छा योग आसन है।
इस योग आसन को करने के लिए सबसे पहले आप किसी योगा मैट पर वज्रासन में या घुटने टेक के बैठ जाएं। अपने हिप्स को अपनी एड़ियों पर रखें, साँस को अंदर की ओर लें और अपने दोनों हाथों को सीधा ऊपर की ओर रखें, इसमें अपनी हथेली को खुली तथा उंगलियों को सीधा रखना हैं। साँस को बाहर की ओर छोड़ते हुयें शरीर के ऊपर के हिस्से को को धीरे-धीरे फर्श पर झुकाते जाएं और अपने माथे (सिर) को जमीन पर रख दें। इसमें आपके दोनों हाथ भी फर्श पर सीधे रहेंगे। इस योग को कम से कम 1 से 3 मिनिट तक करें।
(और पढ़े – बालासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां…)
त्रिकोणासन योग प्रसव के बाद महिलाओं के संतुलन में सुधार करता है, रीढ़, हैमस्ट्रिंग और पिंडली को खींचकर निचले शरीर, हाथ और छाती को मजबूत बनाता है। त्रिकोणासन पेट की चर्बी कम करने और कमर को पतला करने के लिए नई माँ के लिए एकदम सही मुद्रा है। यह पाचन विकारों के इलाज और तनाव तथा चिंता से राहत देने में भी मदद करता है।
इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट पर दोनों पैरों को दूर-दूर करके सीधे खड़े हो जाएं। अपने दाएं पैर के साइड झुकें और अपने दाएं हाथ को जमीन पर रखें। दूसरे हाथ को ऊपर करके सीधा करें जिससे दोनों हाथ एक सीधी रेखा में हो जाएं। कुछ देर इस आसन में रहें। अगर आपको जमीन पर हाथ रखने में कठिनाई होती हैं तो आप हाथ को पैर की पिंडली के ऊपर रख सकते हैं।
(और पढ़े – त्रिकोणासन के फायदे और करने का तरीका…)
विपरीत करनी पोज़ बेहद आरामदायक है इसलिए इसे प्रसव के बाद करना अच्छा माना जाता है। यह थकान और तनाव को कम करता है। यह रक्तचाप को भी कम करता है और इससे अनिद्रा की समस्या खत्म हो जाती है।
विपरीत करनी योग को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर दीवार की ओर पैर करके सीधे लेट जाएं। अपने दोनों पैरों को ऊपर उठा के दीवार पर रखें और अपनी पीठ को जमींन पर ही रहने दें। इस स्थिति में आपकी कमर पर 90 डिग्री का कोण बनेगा। अपने दोनों हाथों को फर्श पर सीधा रखें। इस मुद्रा में 5 से 15 मिनट तक बने रहें।
(और पढ़े – विपरीत करणी योग करने का तरीका और फायदे…)
अधोमुख श्वान आसन प्रसव के बाद अतिरिक्त वजन कम करने लिए एक बेहतरीन मुद्रा है। यह आसन आपको तरोताजा और स्फूर्तिवान महसूस कराता है। अधोमुख श्वान आसन मस्तिष्क पर शांत प्रभाव भी डालता है और तनाव से राहत देने में मदद करता है। यह उत्कृष्ट योग पूरे शरीर को स्ट्रेच करता है।
इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों के बीच में थोड़ा सा अंतर रखें। अब आगे की ओर झुकते जाएं अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखे। दोनों पैरों को हाथों से दूर करें जिससे आपके हाथ और रीढ़ की हड्डी एक सीधी रेखा में आ जाएं। इसमें आपके पैर और सीने के बीच 90 डिग्री का कोण बनेगा। अधोमुख श्वान आसन को दो-तीन मिनिट के लिए करें।
(और पढ़े – अधोमुख श्वानासन के फायदे और करने का तरीका…)
प्रसव के बाद महिलाओं का वजन बढ़ जाता है, वीरभद्रासन 2 योग वजन को कम करने के लिए एक बहुत ही प्रभावी योग आसन है। यह पेट और जांघों के लिए बहुत प्रभावी है। यह कूल्हों को खोलता है और पेट की मांसपेशियों को काम करता है। वीरभद्रासन 2 योग विशेष रूप से आंतरिक जांघों और कमर पर काम करता है।
वीरभद्रासन-2 करने के लिए आप सबसे पहले एक साफ स्थान पर योगा मैट को बिछा के उस पर दोनों पैरों को 3 से 3.5 फिट फैला लें खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को सीधा जमीन के समान्तर करें और दाएं पैर के पंजे को 90 डिग्री और बाएं पैर के पंजे को 45 डिग्री घुमाएं। अपने सिर को भी दाएं पैर की दिशा में घुमाएं और दाएं पैर के घुटने को 90 डिग्री मोड़ लें। इस स्थिति में आप 30 से 60 सेकंड तक रहें।
(और पढ़े – वीरभद्रासन-2 करने का तरीका और फायदे…)
डिलीवरी के बाद महिलाओं के लिए सेतुबंध योग आसन बहुत ही फायदेमंद होता हैं। यह योग पाचन और गले की खराश जैसी स्थितियों से राहत प्रदान करने में भी मदद करता है।
सेतुबंध आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के सीधे यानि पीठ के बल लेट जाएं। इसके बाद अपने पैरों को घुटनों के यहाँ से मोड़े और अपने कूल्हों को फर्श से ऊपर उठायें। अपने दोनों हाथों को पीठ के नीचे लाएं और दोनों को आपस में जोड़ लें। ब्रिज आसन में रहते हुए आप 20 बार साँस लें और और फिर अपनी प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं। अपने स्टेमिना को बढ़ाने के लिए आप इसे 5 मिनिट तक करने का प्रयास करें और सेतुबंध करने के समय को धीरे धीरे बढ़ाते जाएं।
(और पढ़े – सेतुबंधासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां…)
गोमुखासन योग को काउ फेस पोज़ के नाम से भी जाना जाता है। यह योग आसन महिलाओं के गर्दन दर्द और कन्धों के दर्द को ठीक करता है। गोमुखासन योग करने से आपका लिवर उत्तेजित हो जाता है, जिससे ऑक्सीजन और रक्त इसके माध्यम से मुक्त रूप से प्रवाहित होते है।
इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट बिछा के सुखासन में बैठ जाएं। अपने दाएं पैर को खींच के अपने शरीर के पास लाएं। फिर अपने बाएं पैर को भी खींच के दाएं पैर की जांघ के ऊपर से अपने पास लाएं। अब अपने दाएं हाथ को कंधे के ऊपर से पीठ पर ले जाएं और बाएं हाथ को कोहनी के यह से मोड़ें के पीठ के पीछे ले जाये और अपने दोनों हाथों को आपस में मिला लें। आप इस स्थिति में कुछ समय तक रहें।
(और पढ़े – गोमुखासन करने का तरीका और फायदे…)
अनुलोम विलोम प्राणायाम रक्त परिसंचरण में सुधार के लिए और उत्कृष्ट साँस लेने बहुत ही अच्छा प्राणायाम हैं। यह प्रसव के बाद करने के लिए अच्छा योग आसन है। यह प्राणायाम दिल की रुकावटों (heart blockages) को दूर करता है। यह तनाव, चिंता और अवसाद को भी स्वाभाविक रूप से दूर करता है।
इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को जमीन पर बिछा कर सुखासन, सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठ जाएं। अब अपने दाहिने हाथ को ऊपर उठायें और अंगूठे से दाईं नाक को बंद करके बाईं नाक से लम्बी साँस लें अब अपने दाहिने हाथ की अनामिका से बाएं नाक को बंद करके दाहनी नाक से साँस को बाहर छोड़े। इस स्थिति में आपका बायां हाथ घुटने पर रहेगा।
(और पढ़े – अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे और करने का तरीका…)
डिलीवरी के बाद योग करने के निम्न लाभ होते है-
(और पढ़े – डिलीवरी के बाद इन तरीकों से घटाएं पेट की चर्बी…)
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