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डेंगू बुखार में क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए – What To Eat And Not To Eat In Dengue Fever In Hindi

क्‍या आप डेंगू के रोगी हैं यदि हां तो डेंगू के इलाज के साथ ही डेंगू बुखार में क्या खाना चाहिए और क्‍या नहीं यह आपको पता होना चाहिए। डेंगू एक गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या है जो संक्रमण के कारण फैलता है। डेंगू के इलाज से कहीं बेहतर डेंगू से बचाव हो सकता है। डेंगू से बचाव के लिए आपको इन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो डेंगू के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा आपको ऐसे खाद्य पदार्थों से भी बचना चाहिए जो डेंगू के लक्षणों को और अधिक गंभीर बना सकते है। आज इस आर्टिकल में आप जानेगें कि डेंगू में क्‍या खाना चाहिए और क्‍या नहीं खाना चाहिए।

विषय सूची

1. डेंगू में क्या खाना चाहिए इन हिंदी – Healthy Food Diet For Dengue Patients in Hindi

2. डेंगू होने पर क्या नहीं खाना चाहिए – Dengue me na khaye jane wale aahar in Hindi

3. डेंगू के लिए आहार चार्ट – Dengue ke liye Diet Chart in Hindi

डेंगू में क्या खाना चाहिए – Healthy Food Diet For Dengue Patients in Hindi

डेंगू के रोगी को इलाज के साथ ही अपने आहार पर विशेष ध्‍यान देना चाहिए। क्‍योंकि किसी भी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या का प्रमुख कारण आहार ही होती है। यदि आप स्‍वस्‍थ और पौष्टिक भोजन का सेवन करते हैं तो आपके बीमार होने की संभावना कम हो जाती है। साथ ही यदि आप बीमार हो भी जाते हैं तो स्‍वस्‍थ आहार बीमारी के लक्षणों को कम करने में सहायक होता है। इसी तरह से डेंगू होने पर खाए जाने वाले स्‍वस्‍थ आहार की जानकारी होना भी डेंगू रोगी के लिए फायदेमंद हो सकती है। आइए जाने डेंगू होने के दौरान खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ कौन से हैं।

डेंगू बुखार में खाना चाहिए संतरा – Dengue Bukhar me khana chahiye Orange in Hindi

संतरा खाने के बहुत से फायदे होते है और इसका सेवन कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर करता हैं। ठीक उसी तरह डेंगू बुखार में संतरे का सेवन करना रोगी के लिए फायदेमंद होता है। संतरे में विभिन्‍न प्रकार के पोषक तत्‍वों और विटामिन की अच्‍छी मात्रा होती है। संतरे में विशेष रूप से विटामिन सी होता है जो हमारे शरीर के लिए प्रमुख एंटीऑक्‍सीडेंट का काम करता है। इसके अलावा संतरे में फाइबर की अच्‍छी मात्रा होती है जो डेंगू बुखार के दौरान पाचन तंत्र को स्‍वस्‍थ बनाए रखने में सहायक होता है। यदि आप डेंगू बुखार से ग्रसित हैं और इसका जल्‍दी उपचार करना चाहते हैं तो अपने आहार में संतरे को शामिल करें। क्‍योंकि संतरे के पोषक तत्‍व डेंगू बुखार के लक्षणों को प्रभावी रूप से कम करने में सहायक होते हैं।

(और पढ़े – संतरा खाने के फायदे और नुकसान…)

डेंगू होने पर क्‍या खाएं में नीम के पत्‍ते खाएं – Dengue hone par khaye neem ke patte in Hindi

नीम के पत्‍ते अपने औषधीय गुणों के लिए जाने जाते हैं। नींम के पत्‍तों में एंटी-बैक्‍टीरियल गुण होते हैं जो डेंगू वायरस टाइप-2 के विकास को रोकने में प्रभावी होते हैं। इस कारण डेंगू का प्राकृतिक उपचार करने के लिए नीम के पत्‍तों का व्‍यापक रूप से उपयोग किया जाता है। यदि आप भी डेंगू के लक्षणों को कम करना चाहते हैं तो नीम के पत्‍तों का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप नीम की 2-4 ताजी पत्तियों का दिन  में 2-3 बार सेवन करें या फिर इन पत्तियों का रस निकाल कर पानी के साथ सेवन करें।

(और पढ़े – नीम की पत्ती के फायदे और नुकसान…)

डेंगू के लिए आहार है वेजिटेवल जूस – Dengue ke liye aahar hai Vegetable Juices in Hindi

आप ताजी सब्जियों के रस का सेवन कर डेंगू के उपचार प्रक्रिया को गति दे सकते हैं। डेंगू के लक्षणों के इलाज के लिए गाजर, ककड़ी और अन्‍य पत्‍तेदार सब्जियों का सेवन कर सकते हैं। इन सभी सब्जियों में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्‍व, विटामिन और खनिज पदार्थ के साथ ही एंटीऑक्‍सीडेंट उच्‍च मात्रा में होते हैं। जिनके कारण डेंगू बुखार होने के दौरान शारीरिक कमजोरी को दूर करने और डेंगू के संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिलती है।

(और पढ़े – गाजर के जूस के फायदे और नुकसान…)

डेंगू में खाने वाला आहार है पपीता – Dengue me khane wala aahar hai papita in Hindi

अक्‍सर बीमार होने के बाद डॉक्‍टर द्वारा पपीते का सेवन करने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि पपीते में कई औषधीय गुण होते हैं। बहुत सी गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं के दौरान प्राकृतिक उपचार के रूप में पपीता बहुत ही लोकप्रिय खाद्य पदार्थ माना जाता है। अध्‍ययनों से पता चलता है कि पपीता खाना स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद तो होता ही है, साथ पपीते के बीज एडीज मच्‍छर को दूर करने में सहायक होते हैं। अध्‍ययनों से यह भी पता चलता है कि नियमित रूप से पपीते का सेवन करने से डेंगू के मरीज में तेजी से प्‍लेटलेट उत्‍पादन को बढ़ाया जा सकता है। डेंगू रोगी को स्‍वास्‍थ्‍य सुधार के लिए कच्‍चे पपीते का अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए।

(और पढ़े – पपीता खाने के फायदे और नुकसान…)

डेंगू में खाएं खिचड़ी – Dengue me khaye khichdi in Hindi

बहुत से लोग स्‍वस्‍थ नाश्‍ते के रूप में खिचड़ी या दलिया का सेवन करते हैं। इसका कारण यह है कि खिचड़ी या दलिया में उपयोग किये जाने वाले आनाज बहुत ही पौष्टिक और पोषक तत्‍वों से भरपूर होते हैं। डेंगू रोगी के लिए भी दलिया और खिचड़ी एक अच्‍छा विकल्‍प है। खिचड़ी में फाइबर की उच्‍च मात्रा होती है जो डेंगू के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा खिचड़ी या दलिया का सेवन करने से पाचन प्रक्रिया को भी तेज किया जा सकता है जिससे शरीर के लिए पर्याप्‍त मात्रा में ऊर्जा उत्‍पादन को बढ़या जा सकता है। जब भी आप डेंगू प्रभावित हों तो उपचार के साथ ही डेंगू के आहार के रूप में दलिया का सेवन कर सकते हैं।

(और पढ़े – खिचड़ी खाने के फायदे, बनाने की विधि और खिचड़ी के प्रकार…)

डेंगू में पीना चाहिए हर्बल चाय – Dengue Me Peena Chahiye Herbal tea in Hindi

डेंगू बुखार के लक्षणों को कम करने में हर्बल चाय आपकी मदद कर सकती है। हर्बल चाय में उपयोग किये जाने वाले घटक या जड़ी बूटीयों में इलायची, अदरक, दालचीनी, पुदीना आदि शामिल हैं। इन सभी घटकों की बराबर मात्रा लें और इनकी चाय का सेवन दिन में 2 से 3 बार करें। इन सभी घटकों में जीवाणुरोधी, एंटीऑक्‍सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, जो डेंगू बुखार के प्रभाव को कम करने में सहायक होते हैं। आप डेंगू का इलाज कराने के साथ-साथ हर्बल चाय का भी सेवन कर सकते हैं। यह डेंगू के उपचार प्रक्रिया को तेज करने में सहायक होता है।

(और पढ़े – हर्बल टी लिस्ट, बनाने की विधी, फायदे और नुकसान…)

डेंगू में पिएं नारियल पानी – Dengue me piye nariyal pani in Hindi

डेंगू बुखार होने के दौरान रोगी के शरीर में पानी की कमी या निर्जलीकरण की संभावना बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में रोगी को नारियल पानी का सेवन करना चाहिए। क्‍योंकि नारियल पानी आवश्‍यक पोषक तत्‍वों और इलेक्‍ट्रोलाइट्स का एक प्राकृतिक स्रोत है। डेंगू बुखार होने के दौरान नियमित रूप से नारियल पानी का सेवन शरीर में द्रव के स्‍तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इस प्रकार डेंगू से छुटकारा पाने के लिए नारियल पानी पीना एक अच्‍छा घरेलू उपचार हो सकता है। इसलिए आप अपने दैनिक आहार में नारियल पानी को शामिल कर सकते हैं।

(और पढ़े – नारियल पानी के फायदे और स्वास्थ्य लाभ…)

डेंगू में खाए जाने वाले आहार खट्टे फल – Dengue me khaye jane wale aahar khatte fal in Hindi

हम सभी जानते हैं कि खट्टे फलों में विटामिन सी की अच्‍छी मात्रा होती है। विटामिन सी हमारे शरीर के लिए एक प्रभावी एंटीऑक्‍सीडेंट का काम करता है। इसके अलावा इन खट्टे फलों में अन्‍य खनिज पदार्थ, विटामिन और पोषक तत्‍व भी अच्‍छी मात्रा में होते हैं। विटामिन सी कोलेजन के उत्‍पादन को बढ़ाने में सहायक होता है जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है। डेंगू रोगी को खट्टे फलों जैसे संतरा, अनानास, स्‍ट्रॉबेरी, अमरूद और किवी आदि का उचित मात्रा में सेवन करना चाहिए। इन फलों का नियमित सेवन करने से लिम्‍फोसाइट के उत्‍पादन को बढ़ावा मिलता है जो वायरल संक्रमण के प्रभाव को कम करने में सहायक होते हैं। यदि आप भी डेंगू रोगी हैं तो नियमित रूप से खट्टे फल और इनके जूस का सेवन कर सकते हैं।

(और पढ़े – अमरूद के फायदे, औषधीय गुण, प्रयोग और नुकसान…)

डेंगू का आयुर्वेदिक इलाज पपीते के पत्ते का जूस – Dengue ka ayurvedic ilaj papaya leaf juice in Hindi

डेंगू का उपचार करने के लिए कच्‍चे पपीता का सेवन करना फायदेमंद होता है। लेकिन डेंगू का आयुर्वेदिक उपचार करने के लिए आप पपीता के पत्‍ते से प्राप्त जूस का भी उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप पपीता के पत्‍तों को पीसकर पेस्‍ट बनाएं और इसे निचोड़ कर पत्‍ते का जूस निकाल लें। इस जूस की 1 छोटे चम्‍मच मात्रा में 1 गिलास पानी मिलाएं और दिन में 2 से 3 बार सेवन करें। यह डेंगू के दौरान सेवन किये जाने वाले आहार और घरेलू उपाय में से एक है।

(और पढ़े – पपीता के पत्ते के जूस के फायदे और नुकसान…)

डेंगू होने पर क्या नहीं खाना चाहिए – Dengue me na khaye jane wale aahar in Hindi

जिस तरह से डेंगू के लक्षणों को कम करने के लिए कुछ विशेष खाद्य पदार्थ होते हैं। ठीक उसी तरह से डेंगू में ना खाए जाने वाले आहार की जानकारी होना भी आवश्‍यक है। क्योंकि कुछ खाद्य पदार्थों का डेंगू बुखार के दौरान सेवन करने से स्थिति और खराब हो सकती है। आइए जाने डेंगू के दौरान ना खाए जाने वाले आहार क्‍या हैं।

डेंगू में ना खाएं मसालेदार भोजन – Dengue me na khaye masaledar bhojan in Hindi

डेंगू बुखार के प्रमुख लक्षणों में पेट की समस्‍याएं शामिल हैं। डेंगू बुखार के दौरान अधिक मसाले युक्‍त भोजन करना डेंगू के लक्षणों को और अधिक बढ़ा सकता है। क्‍योंकि डेंगू के दौरान पाचन तंत्र सही तरीके से अपना काम नहीं कर पाता है ऐसी स्थिति में मसालेदार भोजन करना पाचन तंत्र को और अधिक खराब कर सकता है। इसलिए डेंगू में ना खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों में सबसे ऊपर मसालेदार भोजन को रखा गया है। यदि आप डेंगू के मरीज हैं तो आपको डेंगू ठीक होने तक अधिक मसालेदार भोजन करने से बचना चाहिए।

(और पढ़े – मसालेदार खाना खाने के फायदे और नुकसान…)

डेंगू में नहीं खाना चाहिए ऑयली फूड – Dengue me nahi khana chahiye Oily food in Hindi

अधिक मात्रा में तेल युक्‍त भोजन भी मसालेदार भोजन की तरह ही पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाता है। डेंगू बुखार होने की स्थिति में आप सुनिश्चित करें कि ऑयली फूड का सेवन करने से बचें।

(और पढ़े – जानिए जंक फूड (फास्ट फूड) के नुकसान और हानिकारक प्रभावों को…)

डेंगू में खाने से बचें दूषित भोजन – Dengue me khane se Bache dushit bhojan in Hindi

डेंगू बुखार होने का प्रमुख कारण वायरस होता है। डेंगू बुखार होने के दौरान आपको बासा या दूषित भोजन करने से बचना चाहिए। क्‍योंकि ऐसा करने से पाचन व्‍यवस्‍था में खराबी आ सकती है। साथ ही दूषित भोजन शरीर में विषाक्‍तता का कारण बन सकता है। इसलिए नियमित रूप से आपको स्‍वस्‍थ और ताजा भोजन करने पर ध्‍यान देना चाहिए। विशेष रूप से डेंगू के दौरान आपको दूषित भोजन करने से बचना चाहिए क्‍योंकि यह विषाक्‍त पदार्थ डेंगू के लक्षणों को और अधिक बढ़ा सकता है।

(और पढ़े – स्वस्थ आहार के प्रकार और फायदे…)

डेंगू के लिए आहार चार्ट – Dengue ke liye Diet Chart in Hindi

ऊपर बताए गए आहारों का नियमित रूप से सेवन करना डेंगू रोगी के लिए फायदेमंद होता है। डेंगू रोगी के लिए सात दिनों में सेवन किये जाने वाले आहर की जानकारी इस प्रकार है।

रविवार  –

  • नाश्‍ते के समय (8.00-8.30 बजे) दूध और कॉर्नफ्लेक्‍स
  • मिड-मील (11.00-11.30 बजे) 1 कप नारियल पानी और 1 गिलास एप्‍पल जूस।
  • दोपहर का भोजन (2.00-2.30 बजे) अध पके चावल ½ कप और 2 पीस चिकन।
  • शाम का नाश्‍ता (4.00-4.30 बजे) वेजिटेवल सूप ½ कप।
  • रात का भोजन (8.00-8.30 बजे) 1 कटोरी चावल, 2 उबले आलू, 1 चम्‍मच घी और गरम रसगुल्‍ला।

सोमवार –

  • नाश्‍ते के समय (8.00-8.30 बजे) दूध और शक्‍कर के साथ 1 रोटी।
  • मिड-मील (11.00-11.30 बजे) 1 कप नारियल पानी और 1 पका हुआ केला
  • दोपहर का भोजन (2.00-2.30 बजे) ½ कप अधपका चावल, 1 पीस मछली और ½ खिचड़ी।
  • शाम का नाश्‍ता (4.00-4.30 बजे) ½ कप पालक का जूस
  • रात का भोजन (8.00-8.30 बजे) 1 कटोरी पका हुआ चावल, गाजर और आलू की सब्‍जी और 2 गरम रसगुल्‍ला

मंगलवार –

  • नाश्‍ते के समय (8.00-8.30 बजे) 2 रोटी और मसूर की दाल का सूप।
  • मिड-मील (11.00-11.30 बजे) 1 कप नारियल पानी और आधा कप अंगूर
  • दोपहर का भोजन (2.00-2.30 बजे) ½ कप पीली मटर की दाल और ¼ नींबू का रस
  • शाम का नाश्‍ता (4.00-4.30 बजे) ½ कप गाजर का जूस।
  • रात का भोजन (8.00-8.30 बजे) 1 कटोरी चावल, 1 कप दूध और 3 चम्‍मच गुड़

बुधवार –

  • नाश्‍ते के समय (8.00-8.30 बजे) 1 कप चावल का पुलाव मटर और गाजर के साथ।
  • मिड-मील (11.00-11.30 बजे) नारियलत पानी 1 कप और 1 कप संतरे का जूस।
  • दोपहर का भोजन (2.00-2.30 बजे) 2 उबले आलू और ½ कप पके हुए चावल, 1 उबला अंडा  और 1 चम्‍मच घी।
  • शाम का नाश्‍ता (4.00-4.30 बजे) ½ कप चिकन सूप
  • रात का भोजन (8.00-8.30 बजे) 1 कटोरी पका चावल, 1 पीस मछली, 1 कटोरी खिंचड़ी और 2 गर्म रसगुल्‍ला।

गुरूवार –

  • नाश्‍ते के समय (8.00-8.30 बजे) 2 रोटी और मूंग दाल का सूप 1 कप।
  • मिड-मील (11.00-11.30 बजे) 1 कप नारियल पानी और 1 कप अनार का जूस।
  • दोपहर का भोजन (2.00-2.30 बजे) ½ कप अधपके चावल, 2 पीस चिकन और 1 कटोरी खिचड़ी।
  • शाम का नाश्‍ता (4.00-4.30 बजे) ½ कव मशरूम सूप।
  • रात का भोजन (8.00-8.30 बजे) 1 कटोरी उबले चावल, 2 उबले अंडें, 1 चम्‍मच घी और 2 गरम रसगुल्‍ला।

शुक्रवार –

  • नाश्‍ते के समय (8.00-8.30 बजे) ½ कप कस्‍टर्ड (Custard) और 2 टोस्‍ट।
  • मिड-मील (11.00-11.30 बजे) 1 कप नारियल पानी और 2 चीकू
  • दोपहर का भोजन (2.00-2.30 बजे) अध पके चावल ½ कप, 1 पीस मछली और ½ कप खिचड़ी।
  • शाम का नाश्‍ता (4.00-4.30 बजे) 1 कप गाजर का जूस।
  • रात का भोजन (8.00-8.30 बजे) 1 कप उबला हुआ चावल, ½ कप दूध और गुड़।

शनिवार –

  • नाश्‍ते के समय (8.00-8.30 बजे) 2 रोटी और चने की दाल।
  • मिड-मील (11.00-11.30 बजे) 1 कप नारियल पानी और ½ कप काले अंगूर।
  • दोपहर का भोजन (2.00-2.30 बजे) ½ कप पीली मटर की दाल और ¼ ताजा नींबू का रस।
  • शाम का नाश्‍ता (4.00-4.30 बजे) ½ कप पालक का जूस।
  • रात का भोजन (8.00-8.30 बजे) 1 कटोरी पका हुआ चावल, 1 पीस मछली, ½ कप खिचड़ी और 2 गरम रसगुल्‍ला।

(और पढ़े – संतुलित आहार के लिए जरूरी तत्व , जिसे अपनाकर आप रोंगों से बच पाएंगे…)

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