Depression in hindi अवसाद या डिप्रेशन आज के समय में एक सामान्य समस्या है। आज के इस विकास के दौर में लोगो को मानसिक विकारों का शिकार होना एक आम बात है। यही मानसिक विकार जैसे तनाव, चिंता, आर्थिक परेशानी डिप्रेशन का कारण बनते है। डिप्रेशन को एक सामान्य बीमारी के रूप में ना ले क्योंकि, यह एक गंभीर बीमारी है, जिसका उपचार करना आवश्यक हो जाता है यदि इसका उपचार समय पर ना किया जाये तो यह मौत का कारण भी बन सकता है। आज के इस लेख में आप जानेगें डिप्रेशन क्या है, इसके लक्षण, कारण, उपचार, और इसके बचाव के उपाय के बारे में जानेंगे।
1. डिप्रेशन (अवसाद) क्या है – What is depression in Hindi
2. डिप्रेशन (अवसाद) के लक्षण – Symptoms of depression in Hindi
3. अवसाद (डिप्रेशन) के कारण – Causes of depression in Hindi
4. अवसाद (डिप्रेशन) के प्रकार – Types of depression in Hindi
5. अवसाद (डिप्रेशन) का निदान – Diagnosis of depression in Hindi
6. अवसाद (डिप्रेशन) का इलाज – Treatment of depression in Hindi
7. अवसाद से बचने के उपाय – Prevention of depression in Hindi
8. अवसाद से बचने के लिए आहार – Diet to avoid depression in hindi
9. डिप्रेशन से बचने के घरेलू उपाय – Lifestyle and home remedies for depression in Hindi
अवसाद (Depression) को मानसिक विकार (mood disorder) के रूप में जाना जाता है। इसे किसी व्यक्ति की प्रतिदिन की गतिविधियों (कार्यों) में हस्तक्षेप करने वाली उदासी, निराशा या क्रोध की भावनाओं के रूप में समझा जा सकता है।
डिप्रेशन (Depression) महसूस करने की क्षमता, सोच और व्यवहार आदि को प्रभावित करता हैं और विभिन्न मानसिक और शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकती है। अवसाद से पीड़ित व्यक्ति को प्रतिदिन की सामान्य गतिविधियों में परेशानी हो सकती है। यहाँ तक कि कभी-कभी जीवन जीना व्यर्थ लगने लगता है। यह संबंधों को खराब करने के साथ-साथ, कुछ पुरानी स्वास्थ्य सम्बंधित रोगों जैसे- गठिया, दमा, हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह, मोटापा को भी बढ़ाने में मदद करता है।
अवसाद (Depression) को दूर करने के लिए दीर्घकालिक उपचार की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन निराश नहीं होना चाहिए क्योकि डिप्रेशन की समस्या से पीड़ित लोग दवा, और मनोचिकित्सा की सहायता से बेहतर महसूस कर सकते हैं।
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अवसाद जीवन में केवल एक बार होता है, और इसके पीछे अनेक कारण और घटनायें शामिल होती है। डिप्रेशन में सामान्य तौर पर निम्न लक्षण शामिल किये जाते है-
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अवसाद होने के कई संभावित कारण हो सकते हैं। किसी घटना के कारण बचपन में पहुंची हुई हानि भी डिप्रेशन का कारण बन सकती है, क्योंकि ये घटनाएं शरीर को डर और तनावपूर्ण स्थितियों के प्रति प्रेरित करती हैं। डिप्रेशन के कारणों में विभिन्न कारकों को शामिल कर सकते हैं, जैसे कि:
मस्तिष्क संरचना – यदि आपके दिमाग का फ्रंटल लोब (frontal lobe) कम सक्रिय है तो डिप्रेशन होने की सम्भावना अधिक रहती है।
मस्तिष्क रसायन शास्त्र (Brain chemistry) – न्यूरोट्रांसमीटर (Neurotransmitters) प्राकृतिक रूप से मस्तिष्क के रसायन (chemicals) होते हैं जो डिप्रेशन का कारण बनते हैं। ये न्यूरोट्रांसमीटर , मन की स्थिरता को बनाए रखने में सहायक रसायन न्यूरोसरकिट्स (neurocircuits) के कार्य में परिवर्तन कर डिप्रेशन की समस्या को जन्म देते हैं।
हार्मोन – शरीर के हार्मोन के संतुलन में परिवर्तन या संतुलन बिगड़ना ,अवसाद का करण बन सकता हैं। गर्भावस्था के साथ या डिलीवरी के दौरान, थायराइड की समस्याओं, रजोनिवृत्ति या कई अन्य स्थितियों के कारण हार्मोन में परिवर्तन हो सकते हैं।
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कुछ लोग अवसाद में उदासी से सम्बंधित सामान्य और अस्थायी घटनाओं का अनुभव करते हैं, और कुछ लोग गंभीर अवसाद से सम्बंधित घटनाओं का। डिप्रेशन के उपचार के लिए डॉक्टर को डिप्रेशन के प्रकार के बारे में जानना जरुरी होता है, अवसाद के प्रकार के आधार पर ही उपचार शुरु किया जा सकता है। डिप्रेशन के दो मुख्य प्रकार हैं:
प्रमुख अवसादग्रस्तता विकार (Major depressive disorder) – Major depressive disorder डिप्रेशन का सबसे गंभीर रूप है। यह उदासी, निराशा और नाकाबिलियत की भावनाओं को प्रेरित करता है अतः इससे सम्बंधित व्यक्ति चाहते हुए भी इस डिप्रेशन से छुटकारा नहीं पा सकता हैं। यह अवसाद निम्न लक्षणों को जन्म देता है
Major depressive disorder डिप्रेशन के अंतर्गत निम्न प्रकार आते है
लगातार अवसादग्रस्तता विकार (Persistent depressive disorder) – Persistent depressive disorder (पीडीडी) को डायस्टिमिया (dysthymia) कहा जाता है। यह एक कम प्रभावशाली, लेकिन स्थाई अवसाद का रूप है। इस प्रकार के डिप्रेशन के लक्षण कम से कम दो साल तक रहते है। पीडीडी डिप्रेशन लंबे समय तक बने रहने के कारण जीवन को नैदानिक डिप्रेशन (clinical depression) से अधिक प्रभावित कर सकता है। इस डिप्रेशन से प्रभावित व्यक्ति निम्न लक्षणों का अनुभव कर सकता है,
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शारीरिक परीक्षण (Physical exam) और मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन (Psychiatric evaluation) – डॉक्टर अवसाद की जानकारी के लिए शारीरिक परीक्षण कर सकता है, और आपके स्वास्थ्य से सम्बंधित जानकारी जैसे- मनोदशा, भूख, नींद पैटर्न, गतिविधि स्तर आदि पर आधारित प्रश्न पूछ सकता है। डॉक्टर मानसिक स्वास्थ्य, लक्षण, विचार, भावनाओं और व्यवहार पैटर्न के बारे में जानकारी लेकर अवसाद की स्थिति का पता कर सकता है।
प्रयोगशाला परीक्षण (Lab tests) – उदाहरण के लिए, आपका डॉक्टर एक complete blood count नामक रक्त परीक्षण कर सकता है। इसके अतिरिक्त थायराइड और विटामिन डी की कमी का परीक्षण भी कर सकता है। थायरॉइड की समस्याएं या विटामिन-डी की कमी से डिप्रेशन के लक्षणों के बारे में पता कर सकते हैं।
अवसाद के लक्षणों को नजर अंदाज न करें। यदि आपका मन (मूड) बेहतर ना हो तो चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। अवसाद सम्बंधित व्यक्ति के साथ-साथ, उस व्यक्ति के प्रियजनों को भी प्रभावित करता है। अगर इलाज समय पर नहीं किया जाता है, तो जटिल समस्यओं से जूझना पड़ सकता हैं। जैसे-
शारीरिक दर्द, नशीले पदार्थों के सेवन की समस्याएं, आतंक के हमले,आत्मघाती विचार।
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अवसाद के साथ जीवन जीने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है, लेकिन डिप्रेशन का इलाज आपको सामान्य बनाए रखने में या पहले जैसे काम करने में मदद कर सकता है। अवसाद का इलाज करने के लिए डॉक्टर निम्न उपचार का सहारा ले सकता है।
डिप्रेशन की दवाएं (Medications) – डॉक्टर अवसाद के इलाज के लिए एंटीड्रिप्रेसेंट्स (antidepressants), एंटीअनक्सिटी antianxiety, या एंटीसाइकोटिक antipsychotic दवाएं लिख सकते है।
मनोचिकित्सा (Psychotherapy) – एक चिकित्सक, आपको नकारात्मक भावनाओं से निपटने में मदद कर सकता है। हम परिवार या मनोचिकित्सा की सहायता से भी अवसादकी नकारात्मक मानसिक भावनाओं को दूर करने का तरीका प्राप्त कर सकते हैं।
लाइट थेरेपी (Light therapy) – लाइट थेरेपी की सहायता से सफेद रोशनी का उपयोग मनोदशा को नियंत्रित करने और अवसाद के लक्षणों में सुधार करने में किया जाता है। यह थेरेपी आमतौर पर अवसाद में समय के साथ उत्तेजित विकार के उपचार में उपयोग की जाती है।
वैकल्पिक उपचार (Alternative therapies) – एक्यूपंक्चर (acupuncture) या ध्यान के बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करे। कुछ हर्बल सप्लीमेंट्स (herbal supplements) का उपयोग डिप्रेशन के इलाज के लिए भी किया जाता है, जैसे सैम (same) और मछली का तेल।
व्यायाम (Exercise) – प्रतिदिन 30 मिनट का व्यायाम, शारीरिक गतिविधि को संतुलित करने के लिए सप्ताह में तीन से पांच दिन जरुर करें। व्यायाम आपके शरीर के एंडोर्फिन (endorphins) नामक हार्मोन के उत्पादन में वृद्धि कर सकता है, यह हार्मोन्स अवसाद को कम करता हैं।
शराब और नशीली दवाओं से बचें – शराब या दवाओं को पीने से थोड़े समय के लिए बेहतर महसूस कर सकते है, लेकिन ये पदार्थ अवसाद के लक्षणों को बढ़ा देते हैं।
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अवसाद को रोकने के लिए कोई निश्चित तरीका नहीं है। लेकिन नीचे दिए गए कुछ उपाय अवसाद से बचने में मदद कर सकते हैं।
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नियमित रूप से उच्च वसा वाले भोजन का सेवन करने से अवसाद या तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है। इसके अलावा, एक अस्वास्थ्यकर आहार शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है।
डिप्रेशन को रोकने के लिए अपने भोजन के साथ निम्न आहार लेना लाभकारी होता है :
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अवसाद के उपचार के लिए निम्न सामग्री उपयोग में लायी जा सकती है –
इलायची एक सुगंधित मसाला है, जो शरीर को detoxify और कोशिकाओं को फिर से जीवंत करने में मदद करता हैं, इसके अलावा इलायची मनोदशा में सुधार और डिप्रेशन का इलाज करने में मदद करती हैं।
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जायफल एक मस्तिष्क टॉनिक की तरह काम करता है और आपके मस्तिष्क को उत्तेजित करने में मदद करता है। थकान और तनाव को खत्म करने के साथ-साथ मूड में सुधार करता है। जायफल पर अध्ययन से पता चलता है कि यह पेट में दर्द, दस्त और रक्तचाप जैसी बीमारी के रोकने में भी मदद करता है।
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केसर में कैरोटीनॉयड (carotenoids) और विटामिन-बी अधिक पाया जाता है जो मस्तिष्क में सेरोटोनिन (serotonin) और अन्य रसायनों के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। केसर के स्वास्थ्य संबंधित लाभों में बायोएक्टिव घटक जैसे- क्रोकिन (crocin), क्रोकेटिन (crocetin), पिक्रोक्रोकिन (picrocrocin) और सफ़रनल (safranal) शामिल हैं। इसी कारण केसर का उपयोग गैस्ट्रिक विकारों, हृदय की समस्याओं, इंसुलिन प्रतिरोध, अवसाद, अनिद्रा और चिंता की रोकथाम या उपचार के लिए किया जा सकता है।
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विटामिन सी में समृद्ध होने के कारण काजू तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है। इसके अलावा, काजू में उपस्थित राइबोफ्लेविन (riboflavin) ऊर्जा को बढ़ाता है, जिससे सक्रियता आती है और आनंदमय मूड बनाती है। काजू में अन्य उपयोगी पोषक तत्व (मैग्नीशियम, ट्रायप्टोफान और विटामिन बी-6) होते है, जो अवसाद से निपटने में मदद करते हैं।
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अध्ययनों से पता चला है कि ओमेगा -3 फैटी एसिड का कम सेवन भी लोगों में अवसाद का कारण होता है। मछली का तेल में ओमेगा -3 फैटी एसिड अधिक होता है, जो सामान्य मस्तिष्क के कामकाज के लिए आवश्यक होता है, और डिप्रेशन वाले लोगों के लिए अत्यधिक उपयोगी होता है।
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सूरज की रोशनी में उपस्थित विटामिन डी मस्तिष्क हार्मोन को संतुलित करता है, जिससे फाइब्रोमाल्जिया (fibromyalgia) और मानसिक उत्तेजक विकार के दौरान अवसाद का इलाज होता है।
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कर्क्यूमिन (Curcumin), हल्दी में पाया जाने वाले एक पीले रंग का यौगिक है जिसमें व्यापक रूप से अवसाद को दूर करने के गुण पाए जाते है। मानसिक परिवर्तनों के कारण होने वाली डिप्रेशन से छुटकारा पाने के लिए हल्दी एक प्रभावी उपाय साबित हो सकती है।
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