डीएचए (डोकोसैक्सिनोइक एसिड) एक लंबी श्रृंखला वाला पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड है, जो लचीली, सकारात्मक प्रतिक्रिया वाली कोशिका झिल्लियों के निर्माण और सम्पूर्ण जीवन के लिए स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाये रखने के लिए महत्वपूर्ण होता है। एक स्वस्थ गर्भाधान से पहले महिलाओं के शरीर में पोषक तत्वों का पर्याप्त रूप से भंडारण होना आवश्यक होता है। प्रसवपूर्व विटामिन का सेवन करने के अलावा, महिलाओं को ओमेगा-3 फैटी एसिड सप्लीमेंट के सेवन की भी सलाह दी जाती है। मछली में पाए जाने वाले इकोसापेन्टानोइक एसिड (EPA) और डोकोसैक्सिनोइक एसिड (DHA) आवश्यक ओमेगा-3 फैटी एसिड है, जो प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है।
आज के इस लेख के माध्यम से आप जानेगें कि, डीएचए (डोकोसैक्सिनोइक एसिड) क्या है, स्रोत, फायदे, गर्भावस्था के दौरान डीएचए लेने से लाभ, डीएचए के नुकसान इत्यादि के बारे में।
डीएचए (DHA) एक ओमेगा-3 फैटी एसिड है, जिसका पूरा नाम डोकोसैक्सिनोइक एसिड (docosahexaenoic acid) है। गर्भावस्था से संबंधित जटिलताओं से बचने और विकासशील बच्चे के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए डीएचए को लाभकारी माना जाता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अक्सर डीएचए (DHA) सप्लीमेंट लेने की सिफारिश की जाती है।
शरीर में स्वाभाविक रूप से डीएचए की कम मात्रा का उत्पादन होता रहता है। इसके अलावा ठंडे-पानी में पाई जाने वाली तैलीय मछली और समुद्री शैवाल (seaweed) में पाया जाने वाला डीएचए का उपयोग सप्लीमेंट के रूप में व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। लेकिन यह आवश्यक है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड सप्लीमेंट लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
गर्भावस्था (pregnancy) से पहले और उसके दौरान एक शुद्ध और उच्च गुणवत्ता वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड (मछली के तेल) को सप्लीमेंट के रूप में महिलाओं के आहार में शामिल किया जाना चाहिए। EPA और DHA दोनों ही महत्वपूर्ण ओमेगा-3 फैटी एसिड हैं, लेकिन डोकोसैक्सिनोइक एसिड (DHA) गर्भावस्था के दौरान और नवजात शिशु के जीवन के शुरुआती चरणों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है।
यह ओमेगा-3 फैटी एसिड एक आवश्यक वसा होते हैं, जो शरीर द्वारा संश्लेषित नहीं होते हैं। इसलिए इन्हें आहार या सप्लीमेंट के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। महिलाओं को गर्भाधान (प्रेगनेंसी) से कम से कम छह महीने पहले इसके सेवन की अनुमति दी जा सकती है। इसके साथ ही डिलीवरी के बाद भी माताओं को, अपने शिशु को स्तनपान के माध्यम से DHA का पोषण देने के लिए सप्लीमेंट के सेवन की सलाह दी जा सकती है।
डोकोसैक्सिनोइक एसिड (डीएचए) को गर्भावस्था से जुड़ी कुछ स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि प्रीक्लेम्पसिया (preeclampsia), को रोकने के लिए उपयोग में लाया जाता है। इसके अलावा डीएचए को, गर्भपात (miscarriage) और समयपूर्व डिलीवरी (premature delivery) को रोकने के एक प्राकृतिक उपाय के रूप में देखा गया है। कुछ महिलाएं गर्भावस्था के दौरान पोस्टपार्टम डिप्रेशन (postpartum depression) के खतरे को कम करने के उद्देश्य से भी डीएचए का सेवन कर सकती हैं।
चूंकि डीएचए न्यूरोलॉजिकल विकास और दृष्टि विकास के लिए आवश्यक होता है, इसलिए विकासशील बच्चे को पर्याप्त मात्रा में डी एच ए (DHA) प्रदान करने के लिए महिलाएं गर्भावस्था के दौरान आमतौर पर डीएचए का सेवन करती हैं।
डीएचए पूरे भ्रूण के विकास और जन्म के बाद अंगों में स्वस्थ ऊतकों के निर्माण में आवश्यक भूमिका निभाता है। एक विकासशील भ्रूण को तीसरी तिमाही के दौरान अधिक मात्रा में डीएचए की आवश्यकता होती है।
प्रेगनेंसी के दौरान डीएचए (डोकोसैक्सिनोइक एसिड) का उपयोग करने पर निम्न लाभ प्राप्त हो सकते है, जिनमें शामिल हैं:
अध्ययनों से महिलाओं द्वारा डीएचए के उपयोग और विकासशील बच्चे के लिए इसके स्वास्थ्य लाभों से सम्बंधित परिणाम प्राप्त हुए हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि गर्भावस्था के दौरान डोकोसैक्सिनोइक एसिड (डीएचए) का सेवन करने से नवजात शिशुओं को बीमारी से बचाने में मदद मिलती है। अध्ययन के परिणामों से यह भी पता चला है कि जिन महिलाओं ने प्रेगनेंसी (pregnancy) के दौरान प्रतिदिन 400 मिलीग्राम डीएचए का सेवन किया था, उनके बच्चों को जन्म से कुछ महीनों के दौरान ठंड के लक्षणों से ग्रस्त होने की संभावना बहुत कम थी।
गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त डी एच ए (DHA) प्राप्त करने से बच्चों के व्यवहार, सतर्कता, ध्यान और सीखने की क्षमता में सुधार हो सकता है। इसके अतिरिक्त शिशुओं में एलर्जी के कम जोखिम और प्रतिरक्षा प्रणाली के सकारात्मक विकास से सम्बंधित लाभ भी देखे जा सकते हैं।
प्रीक्लेम्पसिया की रोकथाम और डीएचए के उपयोग पर किये गए अनुसंधान सीमित है। हालांकि, 109 गर्भवती महिलाओं पर किये गए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि प्रीक्लेम्पसिया की स्थिति में डी एच ए का स्तर कम होता है। अर्थात निष्कर्ष यह निकलता है कि डीएचए (डोकोसैक्सिनोइक एसिड) का उच्च स्तर प्रीक्लेम्पसिया के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
महिलाओं द्वारा डोकोसैक्सिनोइक एसिड का अधिक मात्रा में सेवन करने से, जन्म लेने वाले बच्चों पर अनेक प्रकार के लाभ देखने को मिल सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
डिलीवरी (प्रसव) के बाद एक महिला या माँ के शरीर में डी एच ए का स्तर कम हो सकता है, क्योंकि स्तनपान के दौरान स्तन दूध के माध्यम से डीएचए की कुछ मात्रा को बच्चे में स्थानांतरित कर की जाती है। डी एच ए (डोकोसैक्सिनोइक एसिड) की आवश्यक मात्रा दो साल की उम्र में बच्चों के लिए महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इस उम्र में बच्चे के मस्तिष्क का विकास होता है। अतः बच्चों के स्वास्थ्य विकास को बढ़ावा देने के लिए स्तनपान कराने वाली महिलाओं को डीएचए लेने की सलाह दी जा सकती है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, प्रसव (delivery) के दौरान माताओं में डी एच ए का स्तर बढ़ने के कारण, उनके जन्म लेने वाले शिशुओं में ध्यान का स्तर काफी उन्नत होता है। चूँकि ध्यान, बुद्धि का एक महत्वपूर्ण घटक माना जाता है। इसलिए माताओं को डिलीवरी के बाद भी डीएचए सप्लीमेंट के सेवन की सलाह दी जा सकती है जिससे शिशुओं को स्तन दूध के माध्यम से डीएचए का उचित स्तर प्राप्त हो सके।
गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरत के आधार पर, डीएचए की आधिकारिक मात्रा की सिफारिश नहीं की गई है। विशेषज्ञ गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए प्रतिदिन 300 से 600 मिलीग्राम डी एच ए (डोकोसैक्सिनोइक एसिड) के सेवन की सलाह दे सकते हैं।
गर्भवती महिलाओं को डी एच ए (DHA) की दैनिक खुराक प्राप्त करने का सबसे अच्छा स्रोत “भोजन” है। समुद्री शैवाल (seaweed) और मछली में भरपूर मात्रा में डी एच ए का स्तर उच्च पाया जाता है। डी एच ए (डोकोसैक्सिनोइक एसिड) को निम्न खाद्य पदार्थों से प्राप्त किया जा सकता है, जैसे:
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान मछली के तेल के रूप में DHA का सेवन सुरक्षित होता है। लेकिन भोजन में अधिक मात्रा में मछली या DHA सप्लीमेंट को शामिल करने से अनेक प्रकार के जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं, जिसमें पारा विषाक्तता (Mercury poison) प्रमुख है। अतः DHA को प्राप्त करने के लिए शार्क, स्वोर्डफ़िश (swordfish), किंग मैकेरल (king mackerel), टाइलफ़िश (tilefish) के सेवन से बचने की सलाह दी जाती है।
प्रत्येक व्यक्ति को यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मछली के तेल के रूप में डीएचए (DHA) का अधिक सेवन अनेक दुष्प्रभावों का कारण बन सकता है, जिसमें शामिल हैं:
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