Health Benefits Of Eating Slowly In Hindi क्या आपने धीरे-धीरे भोजन करने के फायदे सुने है अगर नहीं तो आज हम आपको बताने जा रहे है की धीरे-धीरे खाना खाने के फायदे क्या होते है और साथ ही जल्दी-जल्दी खाना खाने के नुकसान क्या है जिनसे आपको बचना चाहिए। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी (busy life) में हर व्यक्ति के पास समय का अभाव है। इस स्थिति में वह अपने सभी काम तो जल्दी-जल्दी निपटाता ही है लेकिन इसके साथ ही व्यक्ति भोजन भी बहुत जल्दी-जल्दी खत्म करके अपना पेट भर लेता है। लेकिन वास्तव में यह हम सभी को मालूम है कि जल्दी-जल्दी भोजन करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है। हमारे घरों में अक्सर हमारे बड़े-बुजुर्ग (elder) हमें टोकते रहते हैं कि आराम से बैठकर धीरे-धीरे खाना खाओ लेकिन हम उनकी बातों पर अधिक ध्यान नहीं देते हैं।
यदि आप भी एक ऐसे व्यक्ति हैं जो जल्दी-जल्दी खाना खाकर खत्म कर देते हैं तो इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आराम से खाना खाने के क्या फायदे होते हैं और जल्दी-जल्दी भोजन करने की आदत किस तरह से नुकसानदायक होती है।
विषय सूची
1. धीरे धीरे खाना खाने के फायदे – Dheere Dheere Khana Khane Ke Fayde In Hindi
2. जल्दी-जल्दी खाना खाने के नुकसान – Jaldi-Jaldi Khana Khane Ke Nuksan In Hindi
जल्दी जल्दी खाना खाने की अपेक्षा धीरे धीरे खाना खाने से निम्न लाभ होते है।
स्टडी में पाया गया है कि धीरे-धीरे भोजन करने (slow eating) से व्यक्ति कम कैलोरी प्राप्त करता है। वास्तव में आहार में किसी तरह का परिवर्तन किए बिना ही सिर्फ धीरे-धीरे और आराम से खाना खाने की आदत से ही एक वर्ष में शरीर का 20 किलो कम किया जा सकता है। इसका कारण यह होता है कि भोजन करने के दौरान मस्तिष्क को यह संकेत मिलने में 20 मिनट लगता है कि हमारा पेट भरा या नहीं। यदि हम बहुत तेजी से खाना खाते हैं तो हम लगातार खाते जाते हैं। लेकिन जब हम धीरे-धीरे खाना खाते हैं तो हमें यह महसूस होने में समय लगता है कि हमारा पेट भर (full) गया है और फिर हम भोजन करना बंद कर देते हैं। धीरे-धीरे खाना खाने की आदत से व्यक्ति का वजन संतुलित (balanced) रहता है और उसे मोटापे की समस्या नहीं होती है।
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जब हम भोजन को धीरे-धीरे चबाकर खाते हैं तो भोजन चबाने के इस पूरे समय में भोजन में लार अच्छी तरह से मिल जाता है। भोजन में लार का मिलना पाचन के लिए महत्वपूर्ण होता है और यह भोजन भोजन का एंजाइमेटिक ब्रेकडाउन शुरू करता है। मुंह के लार में एंटीबैक्टीरियल एजेंट और एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर(EGF) पाया जाता है जो आंतों के ऊतकों (intestinal tissue) में सूजन की समस्या के उपचार में मदद करता है और भविष्य में आंत संबंधी बीमारियों के खतरे को कम करने में भी सहायता करता है। इसलिए आंत की बीमारियों से बचने के लिए धीरे-धीरे भोजन करना फायदेमंद (beneficial) होता है।
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भोजन करते समय आपने अक्सर यह ध्यान दिया होगा कि जल्दी-जल्दी खाकर खत्म करने की आदत से व्यक्ति न तो खाने का सही स्वाद समझ पाता है और न ही खाने का आनंद उठा पाता है। कोई भी खाद्य पदार्थ धीरे-धीरे और आराम से खाने पर जीभ को उसका पूरा स्वाद मिलता है और उसके बाद वह पेट में जाता है। इसे मजे और आनंद के साथ भोजन करना कहते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह भी होता है कि जब आप धीरे-धीरे भोजन करते हैं तो भोजन को चबाने में भी काफी समय देते हैं और उसका पूरा स्वाद उठाते हैं। इसलिए भोजन का पर्याप्त आनंद लेने के लिए धीरे-धीरे भोजन करना फायदेमंद होता है।
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आजकल ज्यादातर लोगों कब्ज और पेट गड़बड़ होने की समस्या से परेशान रहते हैं। इसके कई कारणों में से एक कारण जल्दी-जल्दी खाकर खत्म करने की आदत भी है। इसलिए पेट संबंधी बीमारियों (gut disease) से बचने के लिए धीरे-धीरे भोजन करना चाहिए। धीरे-धीरे भोजन करने पर आप भोजन को चबाने में भी समय लगाते हैं जिससे भोजन मुंह में ही अच्छी तरह से पीसकर पेट के अंदर जाता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। माना जाता है कि भोजन के पाचन की प्रक्रिया मुंह में ही शुरू हो जाती है। इसका अर्थ यह है कि यदि आप भोजन को जल्दी से निगल जाएंगे तो यह पचने में समय लगेगा और जब आप भोजन को अच्छे से चबाकर खाएंगे तो यह आसानी से पच जाएगा और आपकी पाचन क्रिया भी बेहतर होगी।
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जब भी भोजन करें या कोई भी खाद्य पदार्थ खाएं तो उसे धीरे-धीरे खाएं और उस समय भोजन पर ही ध्यान केंद्रित (attention) रखें। जब हम भोजन पर पूरा फोकस करते हैं तो यह एक तरह से मस्तिष्क की एक्सरसाइज का काम करता है। जिस वक्त आप भोजन कर रहे हों उस वक्त सिर्फ भोजन कीजिए और किसी अन्य चीज के बारे में मत सोचिए। भोजन पर इस तरह का आत्मकेंद्रण (focused) तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और भोजन पर ही अधिक ध्यान देने से खराब जीवनशैली से उत्पन्न तनाव भी कम होता है।
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आमतौर पर ज्यादातर लोग यह जानते हैं कि हमें खाते वक्त जल्दी नहीं करना चाहिए और बहुत आराम से खाना खत्म करना चाहिए। लेकिन समय के अभाव के चलते लोग खाना जल्दी-जल्दी खाकर खत्म कर देते हैं जबकि कुछ लोगों को जल्दी खाने की आदत भी होती है। यदि आप जल्दी खाना खाने से सेहत को होने वाले नुकसान के बारे में नहीं जानते हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि तेजी से खाना खाने से क्या नुकसान होता है।
बहुत जल्दी-जल्दी भोजन करने पर आमतौर पर टाइप 2 डायबिटीज की समस्या नहीं होती है। लेकिन जल्दी भोजन करने की आदत से डायबिटीज होने की संभावना जरूर बढ़ जाती है। एक स्टडी में पाया गया है कि मध्यम उम्र के बिना डायबिटीज की समस्या से पीड़ित महिला और पुरुषों में जल्दी-जल्दी भोजन करने की आदत से इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance) का खतरा बढ़ गया। इस स्थिति में शरीर इंसुलिन का प्रभावी (effective) तरीके से उपयोग नहीं कर पाता है और व्यक्ति को डायबिटीज की समस्या हो जाती है।
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इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance) आमतौर पर मेटाबोलिक सिंड्रोम से ही जुड़ा होता है। जल्दी-जल्दी भोजन करने की आदत से व्यक्ति को मेटाबोलिक सिंड्रोम तो होता ही है साथ में हृदय संबंधी बीमारियां और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। एक स्टडी में पाया गया है कि जो लोग रोजाना जल्दी-जल्दी भोजन करते हैं उनमें मेटाबोलिक सिंड्रोम की समस्या अधिक होती है। इसके अलावा ऐसे लोगों के शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल अर्थात् एचडीएल का स्तर भी कम होता है जिसके कारण उनमें मेटाबोलिक सिंड्रोम और हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
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जल्दी-जल्दी भोजन करने की आदत से गले को भोजन निगलने में कठिनाई होती है जिसके कारण गला घुटने (Choke) लगता है। कभी-कभी अधिक भोजन निगलने के प्रयास में व्यक्ति को सांस लेने में भी कठिनाई होती है। इसलिए भोजन आराम से खाना चाहिए ताकि गला घुटने की समस्या न हो।
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आमतौर पर यह सभी को मालूम है कि तेजी से भोजन करने से मोटापे की समस्या होती है। इसका कारण यह है कि व्यक्ति को भोजन चबाने का मौका नहीं मिलता है वह अधिक से अधिक भोजन निगलता जाता है जिसके कारण शरीर अधिक कैलोरी ग्रहण कर लेता है। जल्दी-जल्दी भोजन करने से पेट के हार्मोन गड़बड़ हो जाते हैं जो आंतों में भूख को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं जिससे आपको दोबारा भी जल्दी भूख लगती है और फिर अधिक खाने पर मोटापा बढ़ता है।
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बहुत जल्दी-जल्दी खाना निगलने से गैस्ट्रिटिस की समस्या होती है। इस कारण पेट में सूजन और अल्सर हो जाता है। एक स्टडी में पाया गया है कि जल्दी-जल्दी खाना खाने वाले एक हजार रोगियों के जब ऊपरी आंत की एंडोस्कोपी की गई तो पाया गया कि बहुत तेजी से भोजन करने के कारण ही उनमें गैस्ट्रिटिस की समस्या हुई है।
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