Dhyan Yoga Tips In Hindi ध्यान, योग का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। अस्थिर मन बहुत परेशानी का कारण बनता है। ध्यान योग का प्राचीन विज्ञान है जो मन को शांत और सुखदायक अनुभव प्रदान करता है, यह आपके मन से नकारात्मक विचारों को दूर करता है। ध्यान आपके मस्तिष्क को स्वस्थ करने और बेहतर प्रदर्शन में मदद करने के विभिन्न तरीको में से एक हैं। ध्यान योग आपके मन को केंद्रित करने में सक्षम बनाता है। आइये ध्यान योग को करने की विधि को विस्तार से जानते हैं।
विषय सूची
1. ध्यान योग क्या है – What is Dhyana yoga in Hindi
2. ध्यान का अभ्यास – Practice of meditation in Hindi
3. ध्यान के लिए योगासन – Yoga for meditation in Hindi
4. ध्यान योग करने के फायदे – The Benefits of Dhyana in Hindi
ध्यान एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ “समाधि या विचार” है। यह दो शब्दों से मिलके बना हैं जिसमे पहला शब्द “धि” है जिसका अर्थ “ग्रहण या मन” और दूसरा शब्द “यान” जिसका अर्थ “चल रहा है” या “जा रहा है”। ध्यान को अंग्रेजी में meditation के नाम से जाना जाता हैं। पतंजलि के योग सूत्र से प्राप्त हिंदू परंपराओं में ध्यान एक निर्मल योग अभ्यास है जिसमें गहरी मानसिक एकाग्रता की आवश्यकता होती है।
(और पढ़ें – दिमाग तेज करने के लिए योग)
ध्यान करने के लिए हमें अपने मन को एक विशेष वस्तु पर केंद्रित करते हैं और अभ्यास में लीन हो जाते हैं। ध्यान के लिए आप किस भी वस्तु को अपनी इच्छा के अनुसार चुन सकते हैं जैसे शरीर का एक हिस्सा, एक चक्र, कोई व्यक्ति या सुन्दर फुल आदि जिस पर आप अपना ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। ध्यान के लिए आप किसी ऐसी मुद्रा का सहारा ले जिसमे आप लम्बे समय तक बैठ सकते हैं। ध्यान करने की शुरुआत में आप इसे केवल 5 से 10 मिनिट तक करें।
(और पढ़ें – योग क्या है योग के प्रकार और फायदे हिंदी में)
ध्यान योग करने और मन को शांत रखने के लिए नीचे कुछ योग आसन को दिया जा रहा हैं जो आपके लिए लाभदायक सिद्ध होंगे। आइये इन योगासन को विस्तार से जानते हैं।
(और पढ़ें – मन की शांति के उपाय हिंदी में)
पद्मासन या लोटस पोज़ एक ध्यान मुद्रा है जो आध्यात्मिक और ज्ञानवर्धक धारणा को दर्शाता है। पद्मासन आपके शरीर के ऊर्जा स्तरों को पुनर्स्थापित करता है। यह आपके मस्तिष्क को शांत करता है और जागरूकता और भावना को बढ़ाता है। पद्मासन करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर दण्डासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। अब अपने दायं पैर को मोड़े और उसे बाएं पैर की जांघ पर रखे लें। अब बाएं पैर को मोड़े और उसे दायं पैर की जांघ पर रख लें। अपने दोनों हाथों को सीधा करके दोनों घुटनों पर रखे लें। आँखों को बंद करके ध्यान लगायें। इस आसन को आप 1 से 5 मिनिट के लिए करें।
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पश्चिमोत्तानासन एक ऐसा आसन है जो आगे की ओर झुकता है और पूरे शरीर को अच्छा खिंचाव देता है। यह आसन चिंता, क्रोध और चिड़चिड़ापन को दूर करता है। यह तनाव से राहत देता है और आपके दिमाग को शांत करता है। यह मुद्रा रक्तचाप को नियंत्रित करती है और रक्त परिसंचरण में सुधार करती है। पश्चिमोत्तानासन करने के लिए आप किसी साफ स्थान पर योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके दण्डासन में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को ऊपर उठा के सीधे कर लें। अब धीरे-धीरे आगे की ओर झुके और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजे पकड़ लें। अपने सिर को घुटनों पर रख दें। इस आसन को 30 से 60 सेकंड के लिए करें।
(और पढ़ें – पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां)
भुजंगासन पूरे शरीर में रक्त और ऑक्सीजन के संचलन को बढ़ाने में मदद करता है। यह आसन आपके दिल को उत्तेजित करता है और आपके मन को शुद्ध बनाता है। यह तनाव और थकान से राहत देता है। इस आसन को करने लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर पेट के बल लेट जाएं जिसमे आपकी पीट ऊपर के ओर रहे। अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखें। अब अपने दोनों हाथों पर वजन डालते हुयें धीरे-धीरे अपने सिर को पीछे के ओर करें और ठुड्डी को ऊपर की ओर करने का प्रयास करें। आप इस आसन में 15 से 30 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें।
(और पढ़ें – भुजंगासन के फायदे और करने का तरीका )
भस्त्रिका प्राणायाम आपके दिमाग को शांत करता है और आपकी सांसों को शुद्ध करता है। यह आसन आपके फेफड़ों को मजबूत बनाता है। यह आपके मन को ध्यान के लिए तैयार करने के लिए किया जाता हैं। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को जमीन पर बिछा के पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। अपनी आँखों को बंद कर लें और अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। फिर अपनी तर्जनी को अंगूठे से मिलाएं। अब एक गहरी साँस अन्दर लें और फिर बलपूर्वक उसके बाहर निकालें। फिर से बलपूर्वक अन्दर की ओर साँस लें और फिर से बलपूर्वक उसे बाहर निकले। इस भस्त्रिका प्राणायाम को कम से कम 21 बार करें।
(और पढ़ें – भस्त्रिका प्राणायाम करने की विधि और फायदे)
कपालभाती प्राणायाम आपके मस्तिष्क को शांत करता है और आपके शरीर को फिर से फिर से युवा करता है। यह श्वास तकनीक आपकी याददाश्त और एकाग्रता शक्ति में सुधार करती है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को जमीन पर बिछाकर पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखे और ध्यान की मुद्रा में बैठे। साँस अन्दर को ओर ले अब साँस को बाहर छोड़ते हुए पेट को अन्दर की ओर इस प्रकार खींचे की पेट और पीठ आपस में मिल जाएं। फिर साँस को अन्दर ले ओर पेट को ढीला करें। यह क्रिया फिर से दोहराहएं। कपालभाति प्राणायाम को करने में एक स्टेप में 20 बार साँस लेना है।
(और पढ़ें – कपालभाति करने का तरीका और लाभ)
ध्यान हमारे शरीर और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद है। यह आपके शरीर से तनाव मुक्त करता है, मन को शांत करता है और जिससे आप अपने जीवन में अधिक आराम महसूस करेंगे। ध्यान आपके सिर दर्द और माइग्रेन की समस्या में आपकी मदद करता है। जब हम खुद को अधिक सुनते हैं और मौन की स्थिति में बैठते हैं तो हम और अधिक जागरूक हो जाते हैं। ध्यान करके हम अपने दैनिक जीवन में मन की अधिक शांति पा सकते हैं।
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