Diaper Ka Istemal In Hindi Mein आमतौर पर डायपर का इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है लेकिन इसे पहले नैपकिन, लंगोट या अन्य नामों से जाना जाता था। बाजार में आने के बाद लोग इसे डायपर के नाम से जानने लगे। वास्तव में बाजार में बिकने वाले डायपर की बनावट जरूरत और स्थिति के अनुसार अनुकूल होती है जो इसे लंगोट या नैप्पी से अलग बनाती है। आजकल डायपर का चलन बढ़ गया है और छोटे बच्चों के इस्तेमाल के लिए डायपर आमतौर पर हर घर में रखा जाता है। कई बार यह माता पिता को बहुत आराम प्रदान करता है, विशेषरूप से यात्रा के दौरान या फिर बच्चे का पेट खराब होने पर।
अब बाजारों में कई तरह के डायपर उपलब्ध हैं जिनका इस्तेमाल भी अलग अलग तरीकों से होता है। इस लेख में हम आपको डायपर का इस्तेमाल कैसे करें, इसके बारे में बताने जा रहे हैं।
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आमतौर कपड़े के डायपर बहुत टिकाऊ होते हैं और जेब पर भी भारी नहीं पड़ते। इस कारण ज्यादातर लोग कपड़े के डायपर का ही इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। बच्चे की त्वचा के लिए भी कपड़े का डायपर अधिक बेहतर माना जाता है। आइये जानते हैं कपड़े के डायपर का इस्तेमाल कैसे करें।
पॉकेट क्लॉथ डायपर: इस डायपर का आकार पॉकेट की तरह होता है और यह बच्चे की पॉटी और पेशाब को पूरी तरह अवशोषित कर लेता है। इसकी खासियत यह है कि इसकी बाहरी परत वाटरप्रूफ होती है जिससे ये गीलापन सोखती है। अंदर की परत भी इस तरह बनी होती है जो बच्चे की त्वचा को सुरक्षा प्रदान करती है। इस डायपर को धोकर सुखाने के बाद दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
ऑल इन वन: इस तरह का डायपर भी वाटर प्रूफ होता है और बच्चे का पेशाब डायपर से बाहर नहीं बह पाता है। इसकी सिलाई काफी अच्छी होती है और इससे बच्चे को संक्रमण भी नहीं होता है।
फिटेड: यह डायपर भी आप बच्चे को पहना सकती हैं। यह डिस्पोजेबल डायपर जैसा होता है और ऑवर ग्लास आकार का होता है जो बच्चे के शरीर में चिपका रहता है। वाटर प्रूफ होने के कारण आप इसका भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
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बच्चे को कपड़े का डायपर पहनाने का एक बड़ा फायदा यह होता है कि इसे दोबारा धोकर इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन इसे धोते समय कुछ सावधानियां बरतनी पड़ती हैं ताकि आप फिर से इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकें।
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आमतौर पर डिस्पोजेबल डायपर को कपड़े के डायपर की तुलना में कम अच्छा माना जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आप बच्चे को डिस्पोजेबल डायपर पहनाती हैं तो इसे दिनभर में पांच से छह बार बदलना चाहिए और अतिरिक्त संख्या में डायपर अपने पास रखना चाहिए।
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जिस तरह से बच्चे के डायपर के इस्तेमाल के लिए जरूरी बातों का ध्यान रखना पड़ता है उसी तरह आपको बच्चे का डायपर भी सही तरीके से बदलना आना चाहिए अन्यथा डायपर से बच्चे को परेशानी हो सकती है। आइये जानते हैं कि बच्चे का डायपर बदलने का सही तरीका क्या है।
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