गर्भावस्था

गर्भावस्था में आहार जो देगा माँ और बच्चे को पूरा पोषण – Diet in pregnancy which give nutrition to mother and child

माँ बनने पर महिला को जितना अपना ध्यान रखना है उससे कही जादा अपने आहार का लेकिन इसके लिए गर्भवती को गर्भावस्था में आहार के बारे में समुचित जानकारी होनी चाहिए। अपना उचित ख़याल रख ही आप स्वस्थ गर्भावस्था को सच कर सकती हैं। हर एक महिला गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक भोजन करना चाहिए क्योंकि माँ और बच्चे को पूरा पोषण गर्भावस्था के समय से सही मात्रा में लिए गए उचित भोजन पर निर्भर करता है।

कितनी चाहिए कैलोरी: सामान्य महिला को जहाँ रोजाना 2100 कैलोरी चाहिए, वहीं गर्भवती महिला को 2500 कैलोरी की जरूरत होती है। स्तनपान कराने वाली महिला को 3000 कैलोरी प्रतिदिन चाहिए। 10 प्रतिशत कैलोरी प्रोटीन से तथा 35 प्रतिशत कैलोरी वसा यानी तेल, घी और मक्खन से तथा 55 प्रतिशत कैलोरी कार्बोहाइड्रेट से आना चाहिए। एक गर्भवती महिला के भोजन में सामान्य महिला के तुलना रोज़ाना 350 से 500 कैलोरी ज़्यादा होनी चाहिए।

आपको गर्भावस्था के दौरान कुछ और अधिक कैलोरी की भी ज़रूरत होगी। गर्भावस्था में सही आहार का मतलब है-आप क्या खा रही हैं, न की कितना खा रही हैं। जंक फूड का सेवन सीमित मात्रा में करें, क्योंकि इसमें केवल कैलोरी ज्यादा होती है और पोषक तत्व कम या न के बराबर होते हैं।  गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक भोजन में केवल कैलोरी ही नहीं बल्कि प्रोटीन, विटामिन और मिनिरल्स खासकर फ़ोलिक एसिड और आयरन की मात्रा को भी संतुलित रखना चाहिए। क्योकि खाने में पोषक तत्वों की कमी हो जाए तो यह शिशु के विकास में बाधक बन सकती है। इसलिए ज़रूरी हैं कि गर्भावस्था में उचित आहार और खानपान का सेवन करें ताकि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें। तो आइये जानते है  गर्भावस्था में आहार जो देगा माँ और बच्चे को पूरा पोषण के बारे में-

गर्भावस्था में आहार का सही ज्ञान – The right knowledge of diet in pregnancy in hindi

1. गर्भावस्था के लिए दुग्ध उत्पाद – Dairy products for pregnancy in Hindi

गर्भावस्था के समय माता और भ्रूण का शारीरिक विकास आहार में प्रोटीन की मात्रा पर निर्भर करता है। इसलिए गर्भवती आहार चार्ट में दूध और दूध से बनी चीजें जरूर शामिल होनी चाहिए।

महिलाओं को बोन डेंसिटी बढ़ाने और शिशु की हड्डियों के निर्माण के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है।

मलाईरहित (स्किम्ड) दूध, दही, छाछ, पनीर। इन खाद्य पदार्थों में कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन बी -12 की उच्च मात्रा होती है। दूध से बनने वाले सभी खाद्य – दूध, दही, छाछ, पनीर, खोया आदि सब डेयरी उत्पाद हैं। गर्भावस्था के समय इन्हें अपने दैनिक आहार में अवश्य सम्मिलित करें। एक विशेष प्रकार के एंजाइम लेक्टोज की कमी के कारण कुछ महिलाओं को लैक्टोज असहिष्णुता के कारण दूध न पचने की शिक़ायत हो जाती है।

जिन गर्भवती महिलाओं दूध न पचने की शिक़ायत हो उन्हें प्रोटीन और कैल्शियम के दूसरे स्रोत खाने चाहिए, जैसे हरी सब्ज़ियां, सोया दूध, टोफू, मछली, तिल, मेवे और साबुत अनाज आदि।

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2. गर्भावस्था में आहार में सामिल करें कई तरह की दाल – Legumes for pregnancy in Hindi

विभिन्न प्रकार की दाल – चना, राजमा, मूंगफली, बीन्स, सोयाबीन, मूंग और भी बहुत सारी दालें।

अगर आप मांस नहीं खाती हैं, तो ये सब प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं। शाकाहारीयों को प्रोटीन के लिए प्रतिदिन 45 ग्राम मेवे और 2/3 कप फलियों की आवश्यकता होती है। एक अंडा, 14 ग्राम मेवे या ¼ कप फलियां लगभग 28 ग्राम मांस, मुर्गी या मछली के बराबर मानी जाती हैं।

इन दालों में फ़ाइबर, प्रोटीन, फ़ोलेट (Vitamin B9), आयरन और कैल्शियम की मात्रा भरपूर रहती है। जो गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद ज़रूरी है, अतः वे इन्हें अपने आहार में अवश्य शामिल करें, ताकि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ बने रहें।

गर्भावस्था की पहली तिमाही में फ़ोलेट (विटामिन B9) का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता है। इसलिए विभिन्न प्रकार की दालों को अपने भोजन में ज़रूर शामिल करें। फ़ोलेट की कमी से जन्म के वक्त बच्चे का वज़न कम हो सकता है और वह विभिन्न प्रकार की बीमारियों का शिकार हो सकता है।

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3. साबुत अनाज भ्रूण के विकास के लिए हैं ज़रूरी – Whole grains are important to fetus in Hindi

रिफ़ाइंड अनाज की अपेक्षा साबुत अनाज में वे सारे तत्त्व होते हैं जो की आपको सही पोषण देते हैं। इसमें फ़ाइबर, विटामिन और कार्बोहाइड्रेट की प्रचुर मात्रा में होती है और यह पचाने में भी आसन होता है। गर्भवती महिला के लिए संतुलित भोजन में इसे शामिल करने से अनचाहा वज़न भी नहीं बढ़ता है। साबुत अनाज के उदाहरण हैं – चोकर मिला गेहूं का आटा, ज्वार, बाजार, मक्का, ओट्स आदि। ओट्स और क्विनोआ (Quinoa) में प्रोटीन उचित मात्रा में होता है

4. गर्भावस्था में आहार है हरी सब्ज़ियां – Green vegetables benefits for pregnancy in Hindi

हरी सब्ज़ियां जैसे की पालक, ब्रोकली, सोया मेथी आदि में आयरन, विटामिन A, C व K, कैल्शियम जैसे तत्व की प्रचुर मात्रा में होते हैं जो कि स्वस्थ गर्भावस्था के लिए आहार के रूप अवश्य लेने चाहिए। इन हरी सब्ज़ियों में मौजूद फ़ाइबर के कारण गर्भावस्था में कब्ज़ की शिक़ायत भी नहीं होती है। इन्हें भोजन में शामिल करने वाली महिला के होने वाले बच्चे का जन्म के समय वज़न संतुलित रहता है। लौह तत्व के आसानी से पाचन के लिये विटामिन ‘सी’ की आवश्यकता होती है, अत: सब्जी में नींबू निचोड़कर सेवन करें-खाना बनाने के लिये लोहे की कढाई, पतीली व तवे का प्रयोग करे |

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5. शकरकंद गर्भावस्था में पाचन सही रखने के लिए – Sweet potato for pregnancy in Hindi

शकरकंद में beta-Carotene नाम का एक तत्त्व होता हैयह पौधों से प्राप्त होने वाला योगिक है जो खाने के बाद शरीर में विटामिन A में बदल जाता है।

विटामिन A शिशु के शारीरिक विकास और उसके उत्तकों के विभाजन में बहुत ही लाभकारी होता है। गर्भवती महिलाओं को सामान्य महिलाओं की अपेक्षा 10-40% ज़्यादा विटामिन A की आवश्यकता रहती है।

100-150 ग्राम पका हुए शकरकंद खाने से रोज़ की ज़रूरत का सारा विटामिन A मिल जाता है और इसमें फ़ाइबर होने से पेट ज़्यादा देर तक भरा रहता है।

6. गर्भावस्था में आहार है अंडा – Eggs during pregnancy in Hindi

अंडा गर्भवती महिला के लिए संतुलित भोजन की श्रेणी में एक अच्छा न्यूट्रीशन स्रोत है, इसमें सभी प्रकार के पोषक तत्त्व होते हैं। एक अंडे में भरपूर कैलोरी, प्रोटीन, खनिज और विटामिन होते है। अंडे में कोलीन (Choline) नामक एक विटामिन B कॉम्पलेक्स होता है जो की शिशु के मस्तिष्क विकास में सहायक होता है। कोलीन की कमी से शिशु के दिमाग़ी विकास में बाधा आ सकती है। एक अंडे में एक गर्भवती के दैनिक आवश्यकता का 25% कोलीन होता है।

7. गर्भावस्था में आहार में शामिल करें कॉड लीवर आयल – Cod liver oil in Hindi

इस तेल में ओमेगा 3 फ़ैटी एसिड, EPA, DHA नामक तत्त्व होते हैं, जो की शिशु के दिमाग़ और आँख के विकास में सहायक होते हैं। कॉड लीवर आयल में विटामिन D की भी अच्छी मात्रा होती है। गर्भावस्था के शुरुआत के दिनों में कॉड लीवर आयल का सेवन करने से शिशु का वज़न भी सही रहता है और भविष्य में उसे बीमारियों का ख़तरा भी कम रहता है।

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8. मांस है प्रोटीन का अच्चा स्रोत गर्भावस्था में आहार का – meat for pregnancy in Hindi

अगर आप मांसाहारी भोजन करते हैं तो आपको मालूम ही होगा कि मांस प्रोटीन का एक बहुत ही अच्छा स्रोत है। गर्भावस्था में किसी भी महिला को प्रोटीन की प्रचुर मात्रा की आवश्यकता होती है। इसलिए वसा रहित मांस का सेवन करें – जैसे की मछली, चिकन आदि।

9. सूखे फल व मेवे हैं गर्भावस्था में फायदेमंद – Dry fruits during pregnancy in Hindi

गर्भावस्था के लिए आहार चार्ट बनाते समया आपको ताज़े फलों के साथ-साथ सूखे हुए फल व मेवे जैसे – किशमिश, अंजीर आदि को समुचित मात्रा में अवश्य शामिल चाहिए। आप बादाम, काजू, अखरोट जैसे मेवे भी खाएँ, यह प्रोटीन और फ़ैट के काफी अच्छे स्रोत होते हैं। नियमित रूप से तीसरी तिमाही के दौरान खजूर का सेवन करने से गर्भाशय ग्रीवा की वृद्धि में मदद मिलती है जिससे प्रसव में आसानी रहती है।

10. प्रेगनेंसी में पियें खूब पानी – Drink lots of water during pregnancy in Hindi

गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक भोजन जितना ज़रूरी है, उतना ही पानी भी आवश्य है। गर्भधारण के दौरान महिला के शरीर में ख़ून की मात्रा 1.5 लीटर तक बढ़ जाती है। इस मात्रा को बनाये रखने और आपके शरीर में पानी की मात्रा को संतुलित रखने के लिए आवश्यक मात्रा में पानी पीते रहना ज़रूरी है।

पीने का पानी साफ़ और रोगाणु मुक्त होना चाहिए। आप पानी को उबालकर, छानकर या RO फ़िल्टर की सहायता से स्वच्छ पानी प्राप्त कर सकती हैं। पानी की कमी का शिशु के शरीरिक और मानसिक विकास पर काफी प्रभाव पड़ता हैं।

गर्भावस्था के समय आप रोज़ाना 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए। परन्तु यह आपकी शारीरिक बनावट के अनुसार अलग भी हो सकती है। लेकिन आप प्यास लगने तक पानी पीने का इंतिज़ार न करें बल्कि दिन भर नियमित अंतराल पर पानी पीते रहें, ताकि आप और आपका बच्चा दोनों सुरक्षित रहें।

गर्भवती महिला के लिए संतुलित भोजन Diet in pregnancy के बारे में उपरोक्त जानकारी आप सोशल मीडिया पर जरूर शेअर करें।

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