Difference Between Semen And Sperm In Hindi: वीर्य और शुक्राणु को लेकर अनेक व्यक्तियों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है। बहुत से व्यक्ति स्पर्म (शुक्राणु) और वीर्य (सीमेन) को एक ही मानते हैं, लेकिन उनका यह मानना गलत है। इसके साथ ही वीर्य और शुक्राणु को लेकर व्यक्तियों के मन में बहुत से सवाल पैदा होते हैं। व्यक्तियों की यह जानने की जिज्ञासा होती है कि, वीर्य में शुक्राणु (sperms) के अलावा और क्या होता है? वीर्य कभी-कभी अलग क्यों दिखाई देता है और इसकी स्मेल (smell) अलग क्यों आती है? और क्या वीर्य वास्तव में त्वचा के लिए लाभदायक है? आज का यह लेख इन्ही सारे सवालों पर केंद्रित है। इस लेख में आप वीर्य और शुक्राणु के बीच अंतर तथा कुछ आश्चर्यजनक बातों के बारे में जानेगें।
विषय सूची
- वीर्य और शुक्राणु से संबंधित तथ्य – Semen And Sperm related fact in hindi
- वीर्य और शुक्राणु क्या है – What is semen and sperm in hindi
- शुक्राणु और वीर्य की विजिबिलिटी – Semen And Sperm VisibiLity in hindi
- जितना आप सोचते हैं उससे बहुत कम निकलता है वीर्य – A lot less comes out than you think in hindi
- वीर्य शुक्राणु को लंबे समय तक जीवित रहने में मदद करता है – Semen helps sperm live longer in hindi
- सीमन और स्पर्म किससे बनते है – Semen and sperm are made up in hindi
- वीर्य में वास्तव में पोषक तत्व होते – It actually has nutrients in hindi
- वीर्य और शुक्राणु कहाँ से आतें है – Where does Semen and sperm Come From in hindi
- सीमन के रंग और स्मेल में परिवर्तन का मतलब – Changes in color and smell of semen in hindi
- क्या उम्र के साथ वीर्य की गुणवत्ता बदलती है – Does semen quality change with age in hindi
- क्या पूर्व-स्खलन एक अलग तरल पदार्थ है – Is Pre-ejaculation a different fluid in hindi
- वीर्य चेहरे के लिए लाभदायक है क्या – Is semen beneficial for the face in hindi
- क्या वीर्य से एलर्जी हो सकती है – Can you be allergic to semen in hindi
वीर्य और शुक्राणु से संबंधित तथ्य – Semen And Sperm related fact in Hindi
- शुक्राणु सूक्ष्म पुरुष प्रजनन कोशिका है, जबकि वीर्य से तात्पर्य वीर्य द्रव से होता है, जिसमें लाखों शुक्राणु होते हैं।
- शुक्राणु ठंडे वातावरण में पनपते हैं।
- वीर्य में प्रति स्खलन लगभग 5से 10 कैलोरी उपस्थित होती है।
- औसत स्खलन के दौरान निकलने वाले वीर्य की मात्र लगभग 1.5 से 5 मिलीलीटर होता है, तथा प्रत्येक स्खलन में लगभग 15 मिलियन शुक्राणु होते हैं।
- जो व्यक्ति बहुत अधिक व्यायाम करते हैं उनमें शुक्राणुओं और वीर्य की संख्या सबसे अधिक होती है।
- शुक्राणु एक आनुवांशिक वाहक होता है और क्रोमोसोम का एक सेट होता है।
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वीर्य और शुक्राणु क्या है – What is semen and sperm in Hindi
वीर्य और शुक्राणु दोनों ही अलग-अलग है। शुक्राणु ग्रीक शब्द “स्पर्मा” (sperma) से लिया गया है, जिसका अर्थ है “बीज”। जबकि वीर्य मूल लैटिन शब्द “सेरेरी” (serere) से लिया गया है, जिसका अर्थ “रोपना” (to plant) होता है।
शुक्राणु (Sperm)
शुक्राणु एक सूक्ष्म प्रजनन कोशिका है, जिसे सामान्य आंखों से नहीं देखा जा सकता है। शुक्राणु कोशिकाएं संभोग के दौरान महिला प्रजनन तंत्र में प्रवेश कर अंडाणु को निषेचित करने का कार्य करती हैं। शुक्राणु कोशिकाएं सूक्ष्म होती हैं और सामान्य आंखों से दिखाई नहीं देती हैं। शुक्राणु एक सूक्ष्म कोशिका है, जो वीर्य का एक प्रमुख घटक है। शुक्राणु कोशिकाओं को पुरुष यौन कोशिकाओं (male sex cells) के रूप में भी जाना जाता हैं। शुक्राणु का प्रमुख कार्य महिला शरीर के अंदर अंडाणु (egg) को निषेचित करना है। अतः शुक्राणु को अंडाणु तक पहुँचाने का कार्य वीर्य का होता है। वीर्य एक तरल पदार्थ होता है, जो पुरुष यौन अंगों द्वारा निर्मित होता है और शुक्राणु के प्रवाह के लिए माध्यम का कार्य करता है।
वीर्य (Semen)
वीर्य एक तरल पदार्थ होता है, जिसमें शुक्राणु कोशिकाओं के साथ-साथ अन्य प्लाज्मा तरल पदार्थ पाए जाते हैं। यह सफेद, थोड़ा पीला, चिकना और चिपचिपा पदार्थ होता है, जो कि लिंग से निकलता है, जिसे आसानी से देखा जा सकता है। वीर्य मादा प्रजनन अंग में शुक्राणु कोशिकाओं के संचरण का कार्य करता है। स्खलन के कुछ समय बाद, वीर्य एक जेली जैसे चिपचिपे पदार्थ में बदल जाता है।
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शुक्राणु और वीर्य की विजिबिलिटी – Semen And Sperm VisibiLity in Hindi
शुक्राणु कोशिकाएं अति सूक्ष्म होती हैं, जिन्हें सामान्य आंखों से नहीं देखा जा सकता है। इन्हें देखने के लिए माइक्रोस्कोप का सहारा लेना पड़ता है। लेकिन वीर्य एक सफ़ेद, चिपचिपा तरल पदार्थ होता है, जो स्खलन के दौरान लिंग से बाहर आता है। वीर्य को सामान्य आँखों से आसानी से देखा जा सकता है।
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जितना आप सोचते हैं उससे बहुत कम निकलता है वीर्य – A lot less comes out than you think in Hindi
स्खलन के दौरान जारी वीर्य की औसतन मात्रा 2 और 5 मिलीलीटर के मध्य (लगभग एक चम्मच के बराबर) होती है। वीर्य द्रव में लाखों की संख्या में शुक्राणु उपस्थित होते हैं। लेकिन चौंका देने वाली बात यह है कि एक स्खलन में लगभग 15 मिलियन से 200 मिलियन शुक्राणु उपस्थित होते हैं। जिनमें से केवल कुछ ही शुक्राणु मादा अंडाणु को निषेचित करने में सफल हो पाते हैं।
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वीर्य शुक्राणु को लंबे समय तक जीवित रहने में मदद करता है – Semen helps sperm live longer in hindi
शुक्राणु एक आनुवांशिक वाहक होता है और क्रोमोसोम का एक सेट होता है। जबकि वीर्य में शुक्राणु कोशिकाओं को पोषण देने और उन्हें गति प्रदान करने के अलावा ओर कोई विशेषता नहीं होती है।
वीर्य शुक्राणु को लम्बे समय तक जीवित रखने का कार्य करता है। शुक्राणु कोशिकाएं एक महिला के प्रजनन पथ (reproductive tract) के अंदर लगभग पांच दिनों तक ही जीवित रह सकती हैं। लेकिन शुक्राणु शरीर के बाहर केवल कुछ मिनटों के लिए रह सकते हैं। शरीर से बाहर वीर्य, गर्म पानी या 98 डिग्री तापमान के संपर्क में आने पर, जम जाता है। जबकि हवा या कठोर सतह पर यह सूखने तक जीवित रह सकता है।
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सीमन और स्पर्म किससे बनते है – Semen and sperm are made up in hindi
शुक्राणु (Sperm) की संरचना में हेड (सिर), मध्यभाग (midpiece), टेल (पूंछ) आदि भाग होते हैं। शुक्राणु हेड (Sperm head) में मुड़े हुए क्रोमेटिन फाइबर (chromatin fibers) होते हैं और इसका नाभिक एक्रोसोम (acrosome) से घिरा होता है, जिसमें महिलाओं के अंडाणु के विकास (विस्तार) के लिए एंजाइम होते हैं।
शुक्राणु के मध्यभाग में एटीपी निर्माण के लिए आवश्यक कई माइटोकॉन्ड्रिया होते है। यह एटीपी, शुक्राणु के लिए महिला गर्भाशय ग्रीवा (cervix), गर्भाशय (uterus) और गर्भाशय ट्यूब के माध्यम ड्राइव (गति) के लिए आवश्यक होती है। स्पर्म टेल (Sperm tail) को कशाभिका (flagellum) के रूप में भी जाना जाता है, जो स्पर्मेटोसाइट (spermatocyte) को आगे बढ़ाने के लिए गति प्रदान करता है।
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वीर्य में वास्तव में पोषक तत्व होते – It actually has nutrients in hindi
जबकि वीर्य में प्राथमिक घटकों के रूप में शुक्राणु कोशिका, अमीनो एसिड, विटामिन बी 12, विटामिन सी, एंजाइम, कैल्शियम, एस्कॉर्बिक एसिड, साइट्रिक एसिड, लैक्टिक एसिड, फ्रुक्टोज, जिंक, मैग्नीशियम, पोटेशियम, वसा, सोडियम और कई अलग-अलग प्रोटीन उपस्थित होते हैं। लेकिन ये सभी पोषक तत्व बहुत कम मात्रा में उपस्थित होते हैं।
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वीर्य और शुक्राणु कहाँ से आतें है – Where does Semen and sperm Come From in hindi
शुक्राणु का निर्माण वृषण (testes) द्वारा होता है और यह अधिवृषण (epididymis) में जमा होता है। अधिवृषण, अंडकोष (testicles) के पीछे एक जलाशय के रूप में होता है। इस अधिवृषण से शुक्राणु ऊपर की ओर वास डेफरेंस ( vas deferens) के माध्यम से स्खलन नलिकाओं (ejaculatory ducts) तक जाता है, जहां से यह तरल पदार्थ वीर्य में मिलने के लिए तैयार होता है।
श्रोणि (pelvis) में वीर्य पुटिका (seminal vesicles) फ्रुक्टोज प्रदान करती हैं। फ्रुक्टोज एक प्रकार की शुगर है, जो स्पर्मेटोजोआ (spermatozoa) को ऊर्जा देती है। इसके अतिरिक्त पुटिका (vesicles) से निकलने वाले द्रव में प्रोटीन, एस्कॉर्बिक एसिड, अमीनो एसिड, फॉस्फोरस, पोटेशियम, एल-कार्निटाइन और अन्य पोषक तत्व शामिल होते हैं। 25% वीर्य का निर्माण प्रोस्टेट द्वारा उत्पादित तरल से होता है। प्रोस्टेट द्रव (prostate fluid) में विभिन्न प्रकार के रसायन होते हैं, जो वीर्य को अधिक तरल या पतला बनाते हैं, जिससे शुक्राणु वीर्य में अधिक स्वतंत्र रूप से गति कर सकें। प्रोस्टेट से निकलने वाले द्रव में एसिड फॉस्फेट, साइट्रिक एसिड, कैल्शियम, जिंक और मैग्नीशियम आदि शामिल होते हैं। इनमें से, जिंक सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह शुक्राणु के डीएनए को स्थिर करने में मदद करता है।
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सीमन के रंग और स्मेल में परिवर्तन का मतलब – Changes in color and smell of semen in hindi
यदि कोई व्यक्ति नोटिस करने पर पाता है कि, वीर्य का रंग में परिवर्तन है या वीर्य से एक अलग प्रकार की स्मेल (smell) आ रही है, तो यह अनेक स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। वीर्य में गुलाबी या लाल-भूरे रंग की उपस्थिति, प्रोस्टेट में सूजन या वीर्य में खून की उपस्थिति तथा पीला वीर्य (Yellow semen), थोड़ी मात्रा में मूत्र की उपस्थिति या असामान्य रूप से सफेद रक्त कोशिकाओं (WBC) के उच्च स्तर की ओर इशारा दे सकती है। इसके साथ ही पीले-हरे रंग के वीर्य (Yellowish-green semen), प्रोस्टेट या प्रजनन अंगों में संक्रमण की सूचना दे सकते हैं।
आमतौर पर, वीर्य में रसायनों के मिश्रण के कारण एक हल्की गंध (faint smell) आना आम है। लेकिन एक असामान्य गंध जैसे तीक्ष्ण मछली जैसी गंध, संक्रमण का संकेत हो सकती है।
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क्या उम्र के साथ वीर्य की गुणवत्ता बदलती है – Does semen quality change with age in hindi
एक पुरुष जीवन भर लगातार शुक्राणु का उत्पादन कर सकता है, लेकिन यह प्रत्येक स्थिति में संभव नहीं है। एक अध्ययन के अनुसार, 52 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में शुक्राणु के उत्पादन में कमी आने की संभावना, 52 वर्ष से कम उम्र के पुरुषों की तुलना में अधिक होती है। 20 वर्ष की उम्र के आसपास के पुरुषों में वीर्य का उत्पादन सबसे अधिक मात्रा में होता है। और 20 वर्ष के बाद इसके उत्पादन में धीरे-धीरे कमी आ सकती है।
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क्या पूर्व-स्खलन एक अलग तरल पदार्थ है – Is Pre-ejaculation a different fluid in hindi
प्री-इजाकुलेशन फ्लूइड (Pre-ejaculation fluid) को प्रीकम (precum) भी कहा जाता है, इसमें शुक्राणु के पाए जाने की संभावना बहुत ही कम होती है। अधिकांश अध्ययनों से पता चलता है कि, प्रीकम में शुक्राणु उपस्थित नहीं होते हैं या बहुत कम मात्रा में होते है। प्रीकम में पाया जाने वाला शुक्राणु का निर्माण बहुत मुश्किल से होता है और यह शुक्राणु स्थिर होता है। जिसके कारण इस स्थिति में गर्भावस्था की कोई संभावना नहीं होती है। प्रीकम (Preum) एक काउपर ग्लैंड्स (Cowper glands) नामक ग्रंथियों से निकलने वाला द्रव होता है, जो प्राकृतिक चिकनाई के रूप में कार्य करता है।
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वीर्य चेहरे के लिए लाभदायक है क्या – Is semen beneficial for the face in hindi
सीमेन फेशियल (Semen facials) नवीनतम स्किनकेयर ट्रेंड में से एक है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है, वीर्य त्वचा के लिए किसी भी तरह से लाभादायक नहीं होता है, इसके साथ ही इसमें ऐसे कोई भी घटक नहीं पाए जाते हैं, जो त्वचा के लिए हानिकारक हों। इसलिए अपनी स्किनकेयर रूटीन में इसे इस्तेमला करना आपकी मर्जी हो सकती है।
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क्या वीर्य से एलर्जी हो सकती है – Can you be allergic to semen in Hindi
वीर्य से एलर्जी का होना एक दुर्लभ स्थिति है, लेकिन यह असंभव भी नहीं है। वीर्य एलर्जी की प्रतिक्रिया में, वीर्य के संपर्क में आने वाली त्वचा पर लालिमा या सूजन जैसे लक्षण प्रगट हो सकते हैं। चूँकि वीर्य में प्रोटीन की उपस्थिति के कारण यह एलर्जी सम्बन्धी प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर कर सकता है।
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