Curd vs Yogurt in Hindi क्या आप जानते है की दही (कर्ड) और योगर्ट में क्या अंतर है। बहुत से लोगों को यही लगता है की भारत में दही को कर्ड और विदेशों में इसी दही को योगर्ट कहा जाता है। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है भले ही दोनों दूध से बने उत्पाद है परन्तु दोनों में बहुत से अंतर होते है। दही और योगर्ट दोनों ही अलग अलग तरह के बैक्टीरिया से बनाएं जाते है और दही और योगर्ट में पोषक तत्त्वों की मात्रा भी अलग होती है। तो चलिए आज इस लेख में जानते है की दही (कर्ड) और योगर्ट में क्या अंतर होता है और इनमें कौन कौन से पोषक तत्त्व पाएं जाते है।
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दही एक डेरी उत्पाद है और इसे बनाने के लिए पहले दूध को अच्छी तरह लगभग 30-40 डिग्री सेल्सियस पर उबाला जाता है। उसके बाद उसमें थोड़ी सा पहले का दही डाला जाता है जिसमें एक तरह का एसिडिक कर्डलिंग एजेंट यानि एक तरह का बैक्टीरिया पाया जाता है, जिसे कहा जाता है लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया (Lactobacillus bacteria)। यह बैक्टीरिया दूध में मिलने के बाद तेजी से बढ़ने लगते है और कुछ ही घंटो में यह दूध को दही में परिवर्तित कर देते है। और इस तरह दही का निर्माण किया जाता है। परन्तु दही को एक स्टैण्डर्ड उत्पाद नहीं माना जाता है क्योकि शोधों में पता चला है की इसमें मौजूद अच्छे बैक्टीरिया जिंदा आंत तक नहीं पहुँच पाते है जिसकी वजह से इनका लाभ पूरी तरह से प्राप्त नहीं हो पाता है।
वहीं योगर्ट भी वैसे तो दुग्ध उत्पाद ही होता है और दही और योगर्ट का स्वाद भी एक जैसा की होता है, परन्तु जिस तरह दही जमाने के लिए बैक्टीरिया का उपयोग किया जाता है। ठीक उसी तरह योगर्ट बनाने के लिए भी दो अलग तरह के बैक्टीरिया का उपयोग किया जाता है, जिनके नाम है लैक्टोबैसिलस बुल्गारिस (Lactobacillus bulgaricus) और स्ट्रेप्टोकॉकस थर्मोफिलस (Streptococcus thermophiles)। योगर्ट को एक स्टैण्डर्ड प्रोडक्ट माना जाता है क्योकि शोधों के अनुसार इसमें मौजूद अच्छे बैक्टीरिया आसानी से पेट तक जिंदा पहुँच पाते है जिससे इनका पूरा लाभ लिया जा सकता है।
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दही तो हमेशा से एक ही फ्लेवर में आता है परन्तु योगर्ट कई तरह के विभिन्न फ्लेवरों में उपलब्ध होता है जैसे मेंगो, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, पीच, कीवी, रास्पबेरी, वनिला और पेपरमिंट आदि।
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वैसे तो दही और योगर्ट दोनों में ही कई तरह के पोषक तत्त्व पाए जाते है और यह दोनों ही पूरे पोषण से भरपूर होते है परन्तु योगर्ट में दही से दोगुना प्रोटीन पाया जाता है। इसलिए आज जानते है कर्ड और योगर्ट में कौन से पोषक तत्त्व पाए जाते है-
दही में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम और विटामिन बी6 की मात्रा होती है जो शरीर को ताकत और मजबूती देने का काम करते है। साथ ही इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन भी पाया जाता है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
योगर्ट कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम और जिंक जैसे खनिजों में समृद्ध होता हैं और प्रोटीन में भी समृद्ध हैं। यह खराब कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह राइबोफ्लेविन, विटामिन बी 12, पैंटोथेनिक एसिड और विटामिन ए जैसे विटामिन का अच्छा स्रोत माना जाता है। यह प्रोबायोटिक्स का भी एक बहुत अच्छा स्रोत है, यह अच्छे बैक्टीरिया होते है जिसमें LAB (लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया) शामिल होते है और यह प्रतिरक्षा को बढ़ाने में भी मदद करता है। यह पाचन में भी सहायक होता है। यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने और मेटाबोलिज्म में सुधार करने में मदद करता है। इसमें प्रोटीन भी भरपूर मात्रा में होता है।
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जैसा की हमने बताया दही और योगर्ट में कई प्रकार के पोषक तत्त्व भरपूर मात्रा में पाए जाते है उसी तरह दही और योगर्ट की हर सर्विंग में एक तय पोषण वैल्यू होती है जिससे हमे पता चलता है की कितनी मात्रा में कौन सा पोषक तत्त्व लेना चाहिए जिससे हमारे शरीर को ताकत मिल सके। तो चलिए जानते है दही और योगर्ट के पोषण मूल्य के बारे में-
एक कटोरी कर्ड में प्रोटीन की मात्रा 3-4 ग्राम होती है वहीं एक कटोरी योगर्ट में प्रोटीन की मात्रा 8-10 ग्राम होती है। इसका मतलब यह है की कर्ड से दोगुना प्रोटीन योगर्ट में पाया जाता है।
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एक कटोरी योगर्ट में 11.5 ग्राम कार्बोहायड्रेट होता है साथ ही इसमें शक्कर भी होती है वहीं एक कटोरी दही में 65 ग्राम कार्बोहायड्रेट, 18 ग्राम शक्कर और 3 ग्राम डाइटरी फाइबर होता है।
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योगर्ट की एक सर्विंग में कुल 8 ग्राम फैट होता है जिसे 5 ग्राम संतृप्त वसा (saturated fat) aur 3 ग्राम असंतृप्त वसा (unsaturated fat) में बांटा गया है। इसी प्रकार दही की एक सर्विंग में कुल 50 ग्राम फैट होता है जिसमें से संतृप्त वसा की मात्रा होती है 35 ग्राम और 15 ग्राम असंतृप्त वसा होता है।
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