Healthy Heart in Hindi हृदय को स्वस्थ्य और दिल को मजबूत रखने के उपाय जानने की जरूरत सभी को है। क्योंकि आज की इस भाग-दौंड भरी जिंदगी (Busy life), बदलती जीवनशैली और खान-पान में आए बदलाव के कारण हृदय के लिए बहुत सी परेशानियां (Heart problems) पैदा हो रही हैं। पहले आप ने देखा होगा कि 55 वर्ष की आयु से अधिक उम्र बालों लोगों को दिल का दौरा पड़ता था, लेकिन आज महज 30 वर्ष की आयु वाले नौजावन भी इससे प्रभावित हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम अपने हृदय को मजबूत नहीं रख पाते हैं। इस लेख में आप जानेगें हृदय से जुड़े रहस्यों और हृदय को मजबूत करने के लिए उपयोग किये जाने वाले घरेलू उपायों के बारे में।
विषय सूची
1. दिल की कमजोरी के लक्षण – Dil ki Kamzori Ke Lakshan in Hindi
2. दिल मजबूत करने के उपाय – Dil Majboot Karne Ke Upay in Hindi
यह आपके सामने एक चुनौती से कम नहीं है कि आप अपने दिल की कमजोरी का पता कैसे लगाएं। जब तक आपको आपकी समस्या का पता नहीं होगा आप उसका इलाज नहीं करा सकते हैं। हृदय का कमजोर होना आपके लिए एक गंभीर समस्या है। यदि समय पर ध्यान न दिया जाए तो इसके परिणाम आपके लिए गंभीर हो सकते हैं। आइए जाने उन लक्षणों को जिन्हें जानकर आप अपने हृदय स्वास्थ्य के लिए सावधान हो सकते हैं।
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आप अपने दिल की कमजोरी और हृदय से संबंधित समस्याओं (Cardiovascular) को दूर करने के लिए कुछ घरेलू उपायों की सहायता ले सकते हैं जो लंबे समय तक आपके हृदय को स्वस्थ्य और मजबूत बना सकते हैं। दैनिक जीवन (Daily Life) में उपयोग किये जाने वाले फल, हरी सब्जीयां, पौष्टिक आहार, नियमित व्यायाम और मदाक पदार्थों को त्यागना आदि आपके हृदय को मजबूत करने वाले जाने माने उपचार हैं। आप अपने हृदय को मजबूत (Strong heart) करने के लिए कुछ पूरकों (Supplements) का भी उपयोग कर सकते हैं। लेकिन इन पूरकों की गुणवत्ता अलग-अलग होती है, इसलिए इन्हें केवल प्रतिष्ठित निर्माताओं से ही खरीदें। लेकिन इस प्रकार के पूरकों के उपयोग से होने वाले साइड्इफैक्ट से बचने के लिए कुछ घरेलू उपचार भी होते हैं जिनका उपयोग करने पर किसी प्रकार के नुकसान (side effects) नहीं होते हैं। आइए इन्हें जाने।
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आप शायद तुलसी के फायदे जानते होगें और यह भी कि तुलसी एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। तुलसी मुख्य रूप से तनाव से लड़ने और तनाव से संबंधित बीमारियों को रोकने के लिए उपयोग किया जाता है। कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए भी तुलसी फायदेमंद होती है। तनाव आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप में वृद्धि कर सकता है। ये सभी समस्याएं आपके हृदय को कमजोर (Heart weak) करने के प्रमुख कारण होते हैं। इसलिए आप अपने हृदय को स्वस्थ्य रखने के लिए पवित्र तुलसी का उपयोग कर सकते हैं।
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यदि आप अपने दैनिक आहार में अनार या अनार का जूस शामिल कर सकते हैं तो जरूर करें। क्योंकि यह आपके दिल को मजबूत बनाने में मदद करता है। अनार में एंटीऑक्सीडेंटों की अच्छी मात्रा होती है जो आपके शरीर से कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने और आपकी धमनियों को स्वस्थ्य रखने मे मदद करते हैं।
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि अनार का रस आपके रक्त में ‘खराब’ कोलेस्ट्रोल को कम करने में मदद करता है। यदि नियमित रूप से अनार का सेवन किया जाता है तो यह आपके धमनियों में प्लाक बिल्ड-अप (plaque build-up) को रोकने या कम करने में भी मदद करता है। धमनियों में अवरोध आने से आपक दिल में रक्त प्रवाह (blood flow) कम हो सकता है। इसलिए अपने दिल से संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करने आप अनार का उपयोग कर सकते हैं।
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आप स्ट्रॉबेरी के स्वाद और पोषक तत्वों की क्षमता के बारे में जानते ही होगें। स्ट्रॉबेरी (Strawberry) में उपस्थित पोषक तत्व शरीर के रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं। इनका एक प्रमुख कार्य यह भी है कि यह रक्तवाहिकाओं (Blood vessels) को फैलाते हैं जिससे आपके हृदय में उचित रक्त प्रवाह होता है। उचित रक्त प्रवाह के कारण आपके दिल में स्ट्रोक की संभावना कम हो जाती है।
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यदि आप किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से दिल को मजबूत करने के उपाय पूछेगें तो वह आपको लहसुन का पर्याप्त मात्रा में सेवन करने की सलाह दे सकता है। क्योंकि प्राचीन समय से ही हृदय को स्वस्थ्य रखने और इससे संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए लहसुन का उपयोग किया जा रहा है। अध्ययनों से पता चलता है कि लहसुन का उपयोग आपकी धमनियों से प्लेक (plaque) या अवरोध को कम कर सकता है। कुछ लोगों के लिए लहसुन की गंघ सहन नही होती है इसलिए वे बिना गंध वाले लहसुन कैप्सूल का उपयोग कर सकते हैं।
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आप अगर अपने दिन की शुरुआत ग्रीन टी (Green tea) से करते हैं तो यह आपके हृदय के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। और यदि आप इसका इस्तेमाल नहीं करते हैं तो अभी शुरु करें। क्योंकि यह आपके दिल के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। ग्रीन टी में केचिन (catechins) होता है जो आपके हृदय को स्वस्थ्य रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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आपने पौष्टिक गुणों के कारण जैतून के तेल (Olive oil) को अब बहुत से लोगों द्वारा खाना पकाने के लिए उपयोग किया जा रहा है। जैतून के तेल में मोनोसैचुरेटेड वसा उपस्थित होता है जो शरीर में मौजूद खराब कोलेस्ट्रॉल (Bad cholesterol) के स्तर को कम करने में मदद करता है। आप आप जैतून के तेल से और अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए अपने भोजन में ऊपर से कच्चे जैतून के तेल का उपयोग भी कर सकते हैं। क्योंकि यह पूरी तरह कच्चा और अनप्रचारित है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट और पॉलीफेनॉल की मात्रा भी अधिक होती है।
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एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) की अच्छी मात्रा और हृदय को स्वस्थ्य रखने वाले गुण मेथी में मौजूद रहते हैं। मेथी का नियमित सेवन एथरोस्क्लेरोसिस की संभावनाओं को कम करता है साथ ही यह शरीर में प्लेटलेट को बनाए रखने में भी मदद करता है। इस प्रकार मेथी का उपयोग दिल के दौरे और स्ट्रोक से जुड़े रक्त के थक्के के खतरे को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा मेथी का नियमित सेवन करके रक्त शर्करा, अतिरिक्त वसा और कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) आदि को कम किया जा सकता है।
इसके लिए आप 1 चम्मच मेथी के बीजों (Fenugreek seeds) को रात भर के लिए भींगने दें और अगली सुबह इन बीजों को खाली पेट सेवन करें। यह आपके हृदय स्वास्थ्य से संबंधित सभी प्रकार की (Cardiovascular) परेशानियों को दूर करने में मदद करता है।
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आपके हृदय को स्वस्थ्य रखने वाले सारे पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा आलू में उपस्थित रहती है। यदि आलू का पर्याप्त मात्रा में सेवन किया जाए तो यह हमारे हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है। आलू सेवन का मतलब उबले हुए आलूओं से है न कि आलू के चिप्स या कुरकुरे आलूओं के व्यंजन से। आलू का सेवन आपके लिए तब ही फायदेमंद होता है जब तक उन्हें तेल में अधिक न तला जाए। सब्जियों का राजा कहे जाने वाले आलू में पोटेशियम की अच्छी मात्रा होती है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करता है और दिल की अच्छी तरह से देख-भाल करता है। इसलिए यदि आप अपने हार्ट को मजबूत बनाना चाहते हैं तो आलू आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
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यदि आप अपने सुबह के नाश्ते में ओटमील (Oatmeal) से दिन की शुरुआत करते हैं तो यह आपके हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा हो सकता है। ओट्स में घुलनशील फाइबर होते हैं जो आंतो की कार्य प्रणाली को मजबूत करते हैं। इसके घुलनशील फाइबर (Soluble fiber) शरीर में मौजूद खराब कोलेस्ट्राल को कम करने में भी मदद करते हैं। इस तरह यह आपके दिल को स्वस्थ्य रखने के लिए दवा का काम कर सकता है। ओट्स का नियमित सेवन करने का एक और फायदा यह भी है कि इनमें वसा और कैलोरी की मात्रा कम होती है। इन दोनों की अधिक मात्रा शरीर के लिए हानिकारक होती है। इसलिए ओटमेल का सेवन आपके लिए सुरक्षित हो सकता है।
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टर्मिनलिया अर्जुन दिल की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए औषधी के रूप में उपयोग किया जा सकता है। अर्जुन छाल एक प्राकृतिक कार्डियो-टॉनिक के रूप में बहुत ही फायदेमंद होती है। अर्जुन छाल एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो कार्डिक मांसपेशियों को मजबूत करती है और साथ ही धमनियों में आने वाले अवरोध को कम करती है जिससे रक्तचाप संबंधी (Blood pressure) समस्याओं को कम किया जा सकता है। कुछ अध्ययन बताते हैं कि अर्जुन छाल का उपभोग करने पर यह एंजिना के प्रभाव को 30 प्रतिशत तक कम कर सकता है। सबसे अच्छी बात यह है कि इस जड़ी बूटी का (Herb) सेवन करने पर इसके प्रभाव लंबे समय तक शरीर में बने रहते हैं। हृदय को स्वस्थ्य रखने के लिए अर्जुन छाल के पाउडर और शहद (Arjun bark and honey) को गर्म पानी के साथ सेवन किया जा सकता है।
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अध्ययनों से पता चलता है कि हल्दी का उपयोग करने से एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) को रोकने में मदद मिलती है। हल्दी में कर्क्यूमिन नामक एक सक्रीय घटक होता है जो कोलस्ट्रॉल और प्लेक बिल्डअप को कम करने के साथ रक्त को थक्के के रूप में जमने से रोकता है। ये सारी स्थितियां हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं। इसलिए हल्दी का उपयोग आपके दिल के लिए बहुत ही गुणकारी होता है। इसके अलावा हल्दी का सेवन करने से इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण फ्री रेडिकल्स से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं।
स्वाभाविक है कि आप भोजन को पकाते समय हल्दी (Turmeric) का नियमित उपयोग करते होगें, लेकिन इसके साथ ही आप गर्म दूध के साथ भी 1 छोटे चम्मच हल्दी पाउडर का उपयोग करें। यह आपके हृदय स्वास्थ्य के साथ-साथ संपूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य (Complete physical health) को भी बढ़ावा देता है।
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पके हुए लाल और रसदार टमाटरों (Tomatoes) में पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा होती है जो आपके दिल के लिए फायदेमंद होते हैं। पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा होने के साथ ही टमाटर में लाइकोपीन (lycopene) की भी अच्छी मॉजूदगी होती है जो शरीर में उपस्थित खराब कोलेस्ट्रॉल को दूर करता है। खराब कोलेस्ट्रॉल आपके शरीर के लिए सबसे बड़ा खतरा होता है जो आपके हृदय के लिए बहुत सी बीमारियों का कारण होता है। यदि आप दिल से संबंधित बीमारियों से बचना चाहते हैं तो टमाटर का नियमित सेवन करते रहें। यह आपके दिल को स्वस्थ्य (Heart healthy) रखने में मदद करता है।
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कार्डियोवैस्कुलर (Cardio vascular) समस्याओं को कम करने के लिए अल्फाल्फा का उपयोग फायदेमंद होता है। यह दिल के लिए लाभकारी इस कारण है क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर और प्लाक बिल्डअप को कम करने में मदद करता है। एक अध्ययन के मुताबिक अल्फाफा में एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) के विकास और प्रगति को कम करने की क्षमता होती है। आप इसके लिए अल्फाल्फा के पत्तों की चाय (Alfalfa leaf tea) या इनसे निकाले गए जूस का नियमित रूप से कुछ महीनों तक सेवन करें। लेकिन इस आयुर्वेदिक जड़ी बूटी का सेवन करने से पहले किसी स्वास्थ्य सलाहकार से इसके उचित खुराक की जानकारी लें।
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ऐसा संभव है कि सोयाबीन का सेवन करना आपको पसंद न हो। लेकिन यदि आपको अपने हृदय के स्वास्थ्य को लेकर चिंता है तो सोयाबीन का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। यदि आप नियमित रूप से सोयाबीन का सेवन करते हैं तो इसमें मौजूद पोषक तत्व (Nutrients) आपके हृदय स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्याओं को दूर करने में सक्षम होते हैं। सोयाबीन में वसा की मात्रा बहुत ही कम होती है और इनमें फाइबर अच्छी मात्रा में होते हैं जो आपके शरीर में मौजूद खराब कोलेस्ट्राल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। इसलिए सोयाबीन (Soybean) का नियमित सेवन आपके दिल के लिए बहुत ही लाभकारी होता है।
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लाल मिर्च में कैप्सैकिन (capsaicin) नामक एक यौगिक होता है जो हृदय और परिसंचरण संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए फायदेमंद होता है। लाल मिर्च का नियमित सेवन करने से यह अनियमित हृदय गति को नियंत्रित करता है। लाल मिर्च (cayenne pepper) का उचित मात्रा में सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करने में मदद करता है। आप जानते हैं कि लाल मिर्च का उपयोग एक मसाले के रूप किया जाता है। इस मसाले में फाइटोकेमिकल्स की अच्छी मात्रा होती है जो रक्त को शुद्ध (purify the blood) करते हैं और आपकी प्रतिरक्षा शक्ति (Immunity) को बढ़ाने में मदद करते हैं।
आप अपने भोजन में लाल मिर्च (Cayenne pepper) का उपयोग करने के साथ-साथ इसके 1 चम्मच पाउडर को 1 गिलास गर्म पानी के साथ मिलाकर सेवन करें। आप इसका उपयोग कुछ महीनों के लिए नियमित रूप से दिन में 2-3 बार करें। यह आपके दिल के लिए बहुत ही लाभकारी और आसान घरेलू उपाय है। आप दिल को स्वस्थ्य रखने के लिए और दिल की जलन को कम करने के लिए हिबिस्कुस (hibiscus) की चाय का उपयोग कर सकते हैं।
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एक स्वस्थ्य आहार और अच्छी जीवनशैली के साथ-साथ नियमित व्यायाम दिल से संबंधित समस्याओं को रोकने में बहुत ही प्रभावी होता है। पैदल चलना, जॉगिंग करना, साइकिल चलाना, रस्सी कूदना, एरोबिक्स और कार्डियो व्यायाम जैसे अभ्यास विशेष रूप से आपके दिल और कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को मजबूत करने, रक्त परिसंचरण में सुधार और रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा नियमित व्यायाम शरीर के अधिक वजन और तनाव (Overweight and stress) को कम करने में भी मदद करता है। अधिक वजन और तनाव दिल की बीमारी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा है। नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम (Physical exercise) करने से आपके शरीर को स्वस्थ्य रखने में भी सहायता मिलती है।
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