Durva Grass Benefits in Hindi क्या आप पूजा पाठ में विश्वास करते हैं। यदि ऐसा है तो स्वाभाविक है कि आप दूब घास का उपयोग करते होगें। लेकिन दूब घास के फायदे स्वास्थ्य के लिए भी होते हैं क्या आपको यह पता है। भारतीय संस्कृति के अनुसार इसका उपयोग पूजा पाठ के लिए किया जाता है। लेकिन दूब घास के स्वास्थ्य लाभों में एसिडिटी का इलाज करना, प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाना, मधुमेह को नियंत्रित करना, मासिक धर्म की समस्याओं को कम करना आदि शामिल हैं। इसके अलावा यह आंखों के संक्रमण को रोकने में भी मदद करती है। इस तरह से दूर्वा घास हमारी आस्था से जुड़ा होने के साथ ही हमें कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ दिलाती है। आइए दूब घास से जुड़ी अन्य जानकारियां विस्तार से जानें।
विषय सूची
1. दूर्वा क्या होती है – What Is Durva Grass in Hindi
2. दूब घास के पोषक तत्व – Durva Grass Nutritional Value in Hindi
3. दूब घास के फायदे – Doob Ghas Ke Fayde in Hindi
4. दूब घास के नुकसान – Durva grass ke Nuksan in Hindi
भारत में दूब घास को एक पवित्र पौधा माना जाता है। हिंदूओं के लिए यह धार्मिक है क्योंकि यह बुद्धि के दाता गणेश भगवान की पूजा में काम आती है। ये तो आस्था से जुड़ी बात है लेकिन इसके कुछ प्रमाणित स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। दूब घास का वानस्पतिक नाम सिनोडन डैक्टिलॉन (cynodon dactylon) है। यह एक प्रकार की घांस है जिसकी पत्तियों का रंग भूरा हरा होता है। आमतौर पर इस घास की ऊंचाई 2 से 15 सेमी तक होती है। इसका तना थोड़ा सा चपटा होता है। इस पौधे के सबसे ऊपरी भाग में फल लगते हैं जो कि 2 से 6 की नोकदार छड़ी के समूह में होते हैं। फलों के प्रत्येक समूह 2-5 सेमी लंबा होता है। इस पौधे की जड़ें गहरी होती है।
यह घास जमीन में जड़ों के आधार पर फैलती रहती है। इस घास की वृद्धि बीज, और जड़ के माध्यम से होती है। आयुर्वेद में इसे विशेष औषधी के रूप में उपयोग किया जाता है। आइए जाने दूब घास में पाए जाने वाले पोषक तत्व क्या हैं।
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जैसा कि आप जानते हैं कि दूब घास का उपयोग औषधीय उपचार के लिए किया जाता है। क्योंकि इसमें बहुत से औषधीय गुण होते हैं जो हमें कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ दिलाने में मदद करते हैं। दूब घास में ऐसे बहुत से पोषक तत्व और खनिज पदार्थों की अच्छी मात्रा होती है। इसमे पाए जाने वाले पोषक तत्वों में एसिटिक एसिड, एल्कोलोइड, अरुंडोइन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, फेरिलिक एसिड, क्यूमरिक एसिड, फाइबर, फ्लैवोन, ग्लूकोसाइड्स, हाइड्रोकार्बन, लिग्निन, मैग्नीशियम, पाल्मिटिक एसिड, पोटेशियम, प्रोटीन, सेलेनियम, सोडियम, ट्राइटरपेनोइड्स वैनिलिक एसिड, विटामिन ए और विटामिन सी आदि होते हैं। इन सभी पोषक तत्वों की उपलब्धता के कारण यह हमारे लिए बहुत ही आवश्यक जड़ी बूटी बन जाती है। आइए जाने दूब घास से प्राप्त होने वाले स्वास्थ्य लाभ क्या हैं।
अधिकांश लोगों को दूब घास के केवल आध्यात्मिक लाभ पता होते हैं, इसके स्वास्थ्य लाभों की कोई जानकारी नहीं होती है। लेकिन दूब घास के रस के बहुत से स्वास्थ्य लाभ होते हैं। इसके रस का उपभोग करने पेट की बहुत सी समस्याएं जिनमें पेट की अल्सर भी शामिल है इनका उपचार करने में मदद मिलती है। यह शरीर में मौजूद विषाक्तता को भी दूर करने में सहायक होता है। सभी लोग दूब घास के बारे में जानते हैं लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभों से अनभिज्ञय हैं। इस लेख में आप दूब घास के स्वास्थ्य लाभ जान सकते हैं। आइए विस्तार से जाने दूब घास के फायदे और नुकसान क्या हैं।
आप दूब घास से ईश्वर को खुश करने के साथ ही अपने स्वास्थ्य को ठीक रख सकते हैं। दूब घास के फायदे मधुमेह नियंत्रण के लिए जाने जाते हैं। हाल ही के कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि दूब घास में हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव होता है। इस प्रभाव के कारण यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा मधुमेह के लक्षणों से जुड़ी अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए भी दूब घास का उपयोग किया जा सकती है। नीम के पत्तों के रस के साथ दूब घास के रस का उपभोग करने पर यह शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य करने में मदद करता है। अतिरिक्त लाभ प्राप्त करने के लिए आप इस रस का सेवन सुबह खाली पेट कर सकते हैं।
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आप मोटापे को दूर करने के लिए दूब घास का उपयोग कर सकते हैं। यह आपके वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। यह वजन कम करने वाली एक प्राकृतिक औषधी है जो प्रभावी रूप से वजन को नियंत्रित कर सकती है। आप अपने वजन को कम करने के लिए नियमित रूप से दूब घास का उपभोग कर सकते हैं। इसके लिए आप दूब घास से निकाले गए रस की 3 चम्मच मात्रा में 4-6 कालीमिर्च और 1 चुटकी जीरा पाउडर का उपयोग कर एक काढ़ा तैयार करें। इस काढ़े का नियमित रूप से दिन में दो बार नारियल पानी या नारियल मक्खन के साथ उपभोग करें। यह प्रभावी रूप से आपके वजन को नियंत्रित कर सकती है।
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आपके शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए दूब घास का इस्तेमाल किया जा सकती है। इसमें ऐसे पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद रहते हैं जो आपकी प्रतिरक्षा तंत्र को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। दूब घास में बायो-रासानिक यौगिक होते हैं जिसे सिनोडोन डैक्टिलॉन प्रोटीन फ्रैक्शंस (protein fractions) कहा जाता है। यह शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा यह आसानी से प्राप्त होने वाली औषधी है जो प्रतिरक्षा और ऊर्जा को बढ़ावा देती है। यह शरीर की मदद करके प्रतिरक्षा प्रणाली को अनुकूलित करके प्रतिरक्षा-मॉड्यूलेशन को बढ़ावा देती है। दूब घास की एंटीवायरल और एंटी-माइक्रोबियल गतिविधि प्रतिरक्षा स्वास्थ्य बढ़ावा देने और विभिन्न बीमारियों के विरूध शरीर की सहायता करती है। इस तरह से आप दूब घास का उपयोग कर प्रतिरक्षा तंत्र को बढ़ावा दे सकते है।
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क्या आप पेट से संबंधित समस्याओं से परेशान हैं। यदि ऐसा है तो आप इसका प्राकृतिक उपचार कर सकते हैं। इन प्राकृतिक उपचारों में दूब घास का प्रमुख स्थान है। इस औषधीय जड़ी बूटी का उपयोग करने पर कब्ज से राहत मिल सकती है। पानी के साथ दूब घास का रस पीने से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। जिससे यह एसिडिटी की समस्या को कम करने के साथ ही मल त्याग (bowel movement) को आसान बनाता है। इस तरह से यह कब्ज के लिए फायदेमंद होता है। यदि आप कब्ज रोगी हैं तो दूब घास के रस का उपभोग कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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आपके शरीर को हमेशा शुद्ध रक्त की आवश्यकता होती है। यदि रक्त में किसी प्रकार की अशुद्धियां होती हैं तो यह आपके शरीर में कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। सफेद दूर्वा घास का उपयोग कर आप अपने रक्त को शुद्ध कर सकते हैं यह रक्त शोधक के रूप में कार्य करता है और रक्त की क्षारीयता को बनाए रखता है। इसके अलावा यह चोट लगने, नाक से खून बहने और मासिक धर्म के दौरान रक्त प्रवाह के कारण रक्त के नुकसान को कम करने में बहुत प्रभावी है। यह लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाता है जो बदले में शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है। इस प्रकार आप रक्त को शुद्ध करने के साथ ही एनीमिया से बचाता है।
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मूत्र पथ संक्रमण के इलाज में दूब घास बहुत ही प्रभावी होती है। मूत्र पथ संक्रमण पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक होता है। इस औषधीय घास का दही के साथ सेवन करने पर बवासीर और सफेद योनि निर्वहन से महिलाओं को राहत मिल सकती है। यह पॉली सिस्टिक डिम्बग्रथि सिंड्रोम (poly cystic ovarian syndrome) के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में कार्य करता है। इसके अलावा इसका नियमित सेवन करने पर प्रोलैक्टिन हार्मोन को बढ़ाकर स्तनपान को बढ़ावा देने में मदद करता है।
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खराब पाचन तंत्र विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण होता है। अस्वस्थ्यकर भोजन और बीमारियों की संवेदनशीलता के कारण उम्र के साथ पाचन और पेट से संबंधित अन्य बीमारियां आम होती है। लेकिन इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आप दूब घास का उपयोग कर सकते हैं। यह आपकी पाचन शक्ति को बढ़ाने और मल त्याग को आसान बनाने में मदद करता है। नियमित रूप से दूब घास का सेवन करने से पेट की अन्य गंभीर समस्याओं का इलाज किया जा सकती है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को समाप्त करने वाले प्राकृतिक डिटोक्सिफायर (detoxifier) के रूप में कार्य करता है ओर एसिडिटी को भी कम करता है। इस तरह से आप दूब का उपयोग कर पाचन को स्वस्थ्य बना सकते है।
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औषधीय गुणों और शीतलन प्रकृति के कारण दूब हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। यह त्वचा समस्याओं का इलाज भी कर सकती है क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण और एंटीसेप्टिक एजेंट होते हैं। इस कारण यह त्वचा की खुजली, त्वचा के चकते और एक्जिमा जैसी विभिन्न त्वचा समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। अपनी त्वचा को स्वस्थ्य रखने के लिए आप हल्दी पाउडर के साथ दूब घास का पेस्ट तैयार करें और प्रभावित त्वचा क्षेत्र मे लगाएं। आप मिश्रण का उपयोग कर कुष्ठ रोग और खरोंच आदि के निशानों का भी उपचार कर सकते हैं। इस तरह से दूब घास त्वचा के लिए एक प्राकृतिक उपचार माना जा सकती है।
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दिल को स्वस्थ्य रखने के लिए दूब घास बहुत ही फायदेमंद होती है। इसका नियमित सेवन न केवल कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करता है बल्कि आपके हृदय क्रिया को भी बेहतर बनाता है। दिल के लिए फायदेमंद होने के साथ ही यह एक शक्तिशाली एंटी-एरिथमिक एजेंट के रूप में भी कार्य करता है। इस तरह से आप दूब घास का औषधीय उपभोग कर अपने दिल के स्वास्थ्य को बढ़ावा दिला सकते हैं।
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वास्तव में दूब घास एक औषधी है जिसके कोई गंभीर या विशेष दुष्प्रभाव नहीं होता हैं। लेकिन फिर भी सलाह दी जाती है कि इसकी पत्तियों और इससे निकाले गए रस का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। अधिक मात्रा में इसका उपभोग करने पर मुंह में झनझनाहट (paraesthesia oral), दांतों का दर्द, त्वचा में जलन और लाल चकते आदि की समस्या हो सकती है। इसलिए आप बहुत ही कम या औषधीय निर्धारित मात्रा में दूब घास का उपभोग कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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