Dysentery in Hindi पेचिश (मरोड़ या आंव) एक आंत संक्रमण है जो खूनी दस्त का कारण बनाता है। कुछ मामलों में मल के साथ बलगम भी पाया जाता है। यह आमतौर पर 3 से 7 दिनों तक रहता है। इसके अन्य लक्षणों में शामिल हैं पेट की ऐंठन या दर्द, जी मिचलाना, उल्टी और 100.4 डिग्री फारेनहाइट (38 डिग्री सेल्सियस) या उससे अधिक बुखार होना।
पेचिश होने से आपके शरीर में पानी की कमी हो सकती है, अगर समय पर उपचार नहीं किया जाता है तो यह आपके लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। पेचिश आमतौर पर गंदगी और खराब स्वच्छता (poor hygiene) के परिणामस्वरूप फैलता है। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति जो शौचालय का उपयोग करने के बाद बिना हाथ धोए कुछ भी छूता हो।
यह संक्रमण भोजन या पानी के संपर्क के माध्यम से फैलता है जो मल पदार्थ (fecal matter) से दूषित हो जाता है। सावधानीपूर्वक हाथ धोना और उचित स्वच्छता पेचिश को रोकने में और इसे फैलाने से रोकने में मदद कर सकती है।
विषय सूची
1. पेचिश (मरोड़ या आंव) के प्रकार – Types of dysentery in Hindi
2. पेचिश के लक्षण – Dysentery Symptoms in Hindi
3. पेचिश (आंव) के कारण – Causes of dysentery in Hindi
4. पेचिश का निदान कैसे किया जाता है – How is dysentery diagnosed in Hindi
5. पेचिश का उपचार – Treatment for dysentery in Hindi
6. पेचिश की जटिलताएं – Complication of dysentery in Hindi
7. पेचिश की रोकथाम – Prevention for dysentery in Hindi
8. पेचिश (आंव) दूर करने के घरेलू उपाय – Home Remedies for Dysentery in Hindi
9. पेचिश के लिए परहेज – How to avoid dysentery in Hindi
ज्यादातर लोग जो पेचिश का अनुभव करता हैं उन्हें संक्रमित पेचिश या अमीबी पेचिश हो सकती है।
बैक्टीरियल पेचिश (bacterial dysentery) – शिगेला, कैम्पिलोबैक्टर, साल्मोनेला या एंटरोहेमोरेजिक ई कोलाई बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है। शिगेला के कारण होने वाले दस्त को शिगेलोसिस (shigellosis) भी कहा जाता है। शिगलोसिस सबसे आम प्रकार का रोग है।
अमेबिक पेचिश (Amebic dysentery) – एक एकल कोशिका परजीवी के कारण होता है जो आंतों को संक्रमित करता है। इसे अमेबियासिस (amebiasis) भी कहा जाता है।
अमीबी पेचिश आज के समय बहुत ही कम होती है। यह आमतौर पर उष्णकटिबंधीय इलाकों में पाया जाता है जिनमें खराब स्वच्छता (poor sanitary) स्थितियां पाई जाती हैं।
इस परजीवी के संपर्क में आने वाले लोगों में लक्षण हल्के या गंभीर हो सकते है या कोई भी नहीं हो सकते हैं। अमीबिक पेचिश के लक्षण काफी हल्के होते हैं जो कब्ज और दस्त के साथ आंतों में ऐंठन (intestinal cramping) और गैस के रूप में हो सकते है। पेचिश के अन्य लक्षणों में शामिल हैं, मतली, पतला मल, वजन घटना, पेट का दर्द और रुक-रुक कर आने वाला बुखार शामिल है।
परजीवी शरीर में आंतों पर आक्रमण कर सकता है और पेट के फोड़ों जैसे गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है। इसके लक्षण कुछ दिनो से लेकर कुछ महिनों के बाद दिखाई देते हैं लेकिन आमतौर पर दो से चार सप्ताह के भीतर इसके लक्षण दिखने लगते हैं।
शिगेलोसिस और अमेजिक (shigellosis and amebic) पेचिश आमतौर पर खराब स्वच्छता के कारण होती है। यह उन वातावरणों को प्रभावित करता है जहां लोग मल पदार्थो के संपर्क में आते हैं। जहां पर उचित साफ सफाई होती है वहां इसके प्रभाव ज्यादा नहीं होते हैं।
मल पदार्थों से संपर्क इस माध्यम से हो सकता है :
बच्चों को सबसे ज्यादा शिगेलोसिस का खतरा होता है, लेकिन यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। यह व्यक्ति से व्यक्ति के संपर्क और दूषित भोजन और पेय के माध्यम से आसानी से फैल सकता है।
शिगेलोसिस ज्यादातर उन लोगों के बीच फैलता है जो संक्रमित व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क में होते हैं जैसे कि :
अमेबिक पेचिश मुख्य रूप से प्रदूषित भोजन खाने या दूषित पानी पीने से फैलता है।
अगर आपको या आपके बच्चे को पेचिश के लक्षण हैं तो अपने डॉक्टर को दिखाएं। अगर समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो पेचिश आपके शरीर में गंभीर निर्जलीकरण (dehydration) का कारण बन सकता है और आपके स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है।
आपका डॉक्टर आपके द्वारा किये गए हालिया यात्रा के बारे में पूछ सकता है। यह जानकारी आपके डॉक्टर को आपके लक्षणों के संभावित कारणों को कम करने में मदद कर सकती है।
कई स्थितियों के कारण दस्त हो सकता है। यदि आपके पास पेचिश के अन्य लक्षण नहीं हैं तो आपका डॉक्टर डायग्नोस्टिक परीक्षण के लिए कह सकता है जो यह निर्धारित करता है कि आपके शरीर में कौन सा बैक्टीरिया मौजूद है। इन परिक्षणों में रक्त परिक्षण और मल नमूने का प्रयोगशाला परीक्षण शामिल हैं।
आपका डॉक्टर यह तय करने के लिए अन्य परीक्षण भी कर सकता है कि एंटीबायोटिक (antibiotic) आपकी मदद कर सकते हैं या नहीं।
प्रयोगशाला के परिणाम बताएंगे कि आपको होने वाला संक्रमण शिगेला या एंटैमोबा हिस्टोलिका संक्रमण का कारण है या नहीं। यदि उपचार आवश्यक है तो वह इन परिणामों पर निर्भर करेगा।
हालांकि डायरिया या उल्टी वाले किसी भी रोगी को निर्जलीकरण को रोकने के लिए बहुत अधिक तरल पदार्थ पीना चाहिए। अगर वे पीने में असमर्थ हैं, या अधिक दस्त और उल्टी से ग्रसित हैं तो नसों (intravenous) में द्रव प्रतिस्थापन आवश्यक हो सकता है। रोगी को ड्रिप की सहायता से द्रव पदार्थ दिये जा सकते हैं।
हल्के बेसिलरी पेचिश आमतौर पर अच्छी तरह स्वच्छता वाले स्थानों पर भी हो जाते हैं जो आमतौर पर उपचार के बिना ही ठीक हो जाते हैं। लेकिंन गंभीर मामलों में इसके लिए एंटीबायोटिक दवाएं (antibiotic drugs) उपलब्ध हैं।
एनामोबाइसाइड (Amoebicidal) दवाओं का उपयोग एंटैमोबा हिस्टोलिका (Entamoeba histolyca) के इलाज के लिए किया जाता है। ये दवाएं निश्चित करती हैं कि उपचार के बाद अमीबा शरीर के भीतर जीवित नहीं रहे।
फ्लैगिल या मेट्रोनिडाजोल (Flagyl and metronidazole), अक्सर पेचिश के इलाज के प्रयोग की जाती है। यह बैक्टीरिया और परजीवी दोनों का इलाज करता है।
यदि प्रयोगशाला के परिणाम स्पष्ट नहीं हैं तो रोगी को एंटीबायोटिक और एमोइबाइसाइड दवाओं का संयोजन दिया जा सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि उनके लक्षण कितने गंभीर हैं।
कुछ मामलों में पेचिश जटिलताओं (complication) का कारण बन सकता है। इसमें शामिल हैं :
यह लगभग 2 प्रतिशत लोगों को प्रभावित करता है जो एस फलेक्सनेरी नामक शिगेला बैक्टीरिया का एक विशेष तनाव प्राप्त करते हैं। ये लोगों की आंख में जलन और दर्दनाक पेशाब का कारण बन सकता है। पोस्ट संक्रामक गठिया
महीनों या सालों के लिए बने रह सकते हैं। (और पढ़े – गठिया (आर्थराइटिस) कारण लक्षण और वचाब…)यह संक्रमण कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को प्रभावित करता है, जैसे एचआईवी या कैंसर पीडित लोगों को।
कभी कभी छोटे बच्चों को सामान्यीकृत दौरे हो सकते हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसा क्यों होता है। यह जटिलता आमतौर पर इलाज के बिना खुद ही ठीक हो जाती है।
पेचिश का सबसे बड़ा खतरा खराब स्वच्छता (poor hygiene) है। संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए लोगों नियमित रूप से अपने हाथ को साबुन से धोना चाहिए, खासतौर से बाथरूम के उपयोग के बाद और खाना पकाने या खाने के पहले।
इससे 35 प्रतिशत तक शिगेला संक्रमण और अन्य प्रकार के दस्तों का होना कम हो सकता है।
यात्राएं करते समय इन बातों का ध्यान रखें :
पेचिश रोग के लिए प्राकृतिक घरेलू उपचार संक्रमण के कारणों की पहचान के साथ किया जाना चाहिए। पेचिश प्रोटोजोआल और बेसिलि संक्रमण (protozoaal and bacilli) के कारण हो सकता है। यदि आपको बैसिलरी पेचिश (Bacillary dysentery) है तो इसे दवा के माध्यम से जल्दी ठीक किया जा सकता है, अमीबिक पेचिश ठीक होने में काफी (6-7 दिन) समय लगता है।
इससे बचने का एक मात्र उपाय यह है कि आप अपने आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें।
आइये जानते है पेचिश के घरेलू उपचार के बारे में-
नींबू पेचिश का उपचार करने के लिए बहुत ही उपयोगी होता है। आप लगभग 3 नींबू के छिल्के लें और इसे लगभग 250 ml. पानी में डालकर कुछ देर तक उबालें। इस मिश्रण को ठंडा करके नींबू के छिलकों को निचोड़लें। इस जलसेक (infusion) को प्रतिदिन तीन बार सेवन किया जाना चाहिए। यह आपको पेचिश से आराम दिलाने में मदद करेगा।
(और पढ़े – नींबू पानी के फायदे और नुकसान…)
इस जड़ी बूटी की छाल से बना काढ़ा (Decoction) पेचिश रोग को दूर कर इससे राहत दिलाने में मदद करता है। इस काढ़े को 15 से 30 ml. की खुराक में सेवन किया जा सकता है। अर्जुन की छाल प्रभाव में ठंडी होता है। यह पेचिश के साथ बह रहे खून को रोकने और बुखार से राहत प्रदान करने में भी मदद करता है।
(और पढ़े – क्या है अर्जुन की छाल के फायदे और नुकसान…)
अनार और इसके छिलके हमें बहुत से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए जाने जाते है। अनार के छिल्कों का एक और लाभ यह है कि यह हमें पेचिश से छुटकारा दिला सकता है। इसके लिए आप लगभग 60 ग्राम अनार के छिल्कें लें और इसे 250 ml. दूध में उबालें। जब दूध उबलते हुए एक तिहाई बचे तब इसे आग से हटा लें। नियमित अंतराल के बाद इसे दिन में कम से कम तीन बार सेवन किया जाना चाहिए। यह मिश्रण आंव से आपको राहत दिलाएगा।
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ईसबगोल क्रोनिक डाइसेंटरी (chronic dysentery) के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। पेट और आंतों में भारीपन के मामले में लगभग 50 ml. अरंडी का तेल लें। इसे प्रतिदिन एक कप दूध के साथ कम से कम तीन बार लिया जाना चाहिए। यह मल के कठोर गांठ निकालने में मदद करता है। कुछ मल त्यागने के बाद (motions) के बाद 10 ग्राम ईसबगोल चूर्ण लें और इसे 100 gm. दही के साथ मिलाकर तीन से चार बार सेवन करें।
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भारतीय भांग की पत्तियां दर्द और जलन को कम करती हैं। यह मूत्र के स्राव और निर्वहन को बढ़ाता है। यह मल के साथ बह रहे खून को रोकने में भी प्रभावी होता है। 2 gm. भांग (Hemp) की सूखी पत्तियों को चीनी और काली मिर्च के साथ सेवन किया जाना चाहिए। यह मिश्रण आंव की दवा के रूप में बेहद प्रभावशाली है।
(और पढ़े – भांग के सेवन से होते हैं ये 9 औषधीय स्वास्थ्य लाभ…)
यात्रा के दौरान प्रदूषित पानी का सेवन न करने से बीमार होने के खतरों को कम किया जा सकता है। आइए जाने पेचिश और गैस्ट्रोएंटेरिटिस (dysentery and gastroenteritis) से बचने के कुछ आसान तरीके क्या हैं।
अधिकांश क्षेत्रों में पानी की अच्छी गुणवत्ता संदिग्ध है। जब आप किसी अन्य जगह पर जाते हैं तो ज्यादातर परिस्थितियों में पानी की स्थिति प्रतिकूल होती है जिससे बैक्टीरिया का प्रकोप आपके लिए खतरा बन सकता है। बाहर से आने वाले लोगों के लिए यह बहुत बार होता है कि पांच लोगों में से एक को पानी के प्रदूषण से प्रभावित हो जाता हैं। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि जब भी आप कहीं बाहर घूमने जाएं तो साधारण रूप से नल के पानी का उपयोग करने के बजाए साफ पानी या पैक्ड वाटर का उपयोग करें।
कुल्ला करने या दांतों को साफ (clean teeth) करने के लिए होटलों के नल के पानी का उपयोग करने से बचना चाहिए। होटलों में शुद्धि संयंत्र से साफ पानी की आपूर्ति निश्चित की गई है। लेकिन यह बहुत महंगी व्यवस्था होती है जिसे आमतौर पर सभी जगह नजर अंदाज किया जाता है। नल के पानी से सीधे संपर्क किए बिना अपने दांतों को साफ करना मुश्किल है लेकिन इस पानी को उबाल (pre-boiled water) कर उपयोग करना ज्यादा फायदेमंद होता है। आप कुल्ला करने के लिए फिल्टर पानी का भी उपयोग कर सकते हैं।
इसका कारण यह है कि हमारे समाज में अधिकांश फलों में कीटाणुनाशक दवाओं का छिड़काव किया जाता है। इसे हटाने के लिए पानी से धोया जाता है। कुछ मामलों में पानी इन दवाओं के प्रभाव को साफ नहीं कर पाता है, जिसके कारण फलों की सतह पर बैक्टीरिया का प्रभाव बना रह सकता है। यदि आप इस तरह के छिले हुए फलों (peeled fruits) को खाते हैं तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा होगा।
यदि आप किसी होटल या घर पर भोजन करते हैं तो उस समय कच्चे और हरे सलाद (green salads) के उपयोग से बचें। सलाद आमतौर पर नल के पानी से धोए जाते हैं जो पर्याप्त मात्रा में सलाद को साफ नहीं कर पाते हैं और पानी में उपस्थित बैक्टीरिया सलाद के माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश कर आपके लिए पेचिश के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
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