Dysmenorrhea in Hindi मासिक धर्म में दर्द या दर्दनाक मासिक धर्म (Menstrual Cramps or painful periods ) को डिसमेनोरिया (dysmenorrhea) के नाम से जाना जाता है। यह महिलाओं में मासिक धर्म या पीरियड्स (period) के दौरान उत्पन्न होने वाली समस्या है। कुछ महिलाएं अपने मासिक धर्म के समय पेट दर्द और अन्य असुविधाओं का अनुभव करती है, जिसका कारण डिसमोनोरिया हो सकता है। यह समस्या मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक दर्द का कारण बन सकती है। पहली बार मासिक धर्म का अनुभव करने वाली लड़कियों के लिए यह समस्या काफी दर्दनाक हो सकती हैं तथा चिकित्सकीय इलाज की भी आवश्यकता पड़ सकती है। यह स्थिति अनेक प्रकार की यौन सम्बन्धी समस्याओं के कारण भी उत्पन्न हो सकती है। अतः इस स्थिति में डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक होता है।
आज के इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि डिसमेनोरिया (कष्टयुक्त मासिकस्राव) या कष्टार्तव (Menstrual Cramps (Dysmenorrhoea) क्या है, इसके प्रकार, कारण, लक्षण क्या हैं, तथा इस समस्या का इलाज, और घरेलू उपचार क्या है।
- डिसमेनोरिया क्या है – What is dysmenorrhea in Hindi
- डिसमेनोरिया के प्रकार – Dysmenorrhoea types in hindi
- डिसमेनोरिया (कष्टयुक्त मासिकस्राव) के कारण – Dysmenorrhea (Menstrual Cramps) causes in hindi
- डिसमेनोरिया (दर्दनाक मासिक धर्म) के लक्षण – Dysmenorrhea Symptoms in hindi
- डिसमेनोरिया होने पर डॉक्टर को कब दिखाएँ – When to see a doctor in hindi
- डिसमेनोरिया के कारण और जोखिम कारक – Causes of dysmenorrhea and Risk factors in hindi
- डिसमेनोरिया (दर्दनाक मासिक धर्म) की जटिलताएं – Dysmenorrheal Complications in hindi
- डिसमेनोरिया (कष्टयुक्त मासिकस्राव) का निदान – Dysmenorrhea (Menstrual Cramps) diagnosis in hindi
- डिसमेनोरिया (मासिक धर्म के समय दर्द) का इलाज – Dysmenorrhea treatment in Hindi
- डिसमेनोरिया (मासिक धर्म के समय दर्द) का घरेलू उपचार – Dysmenorrhea home remedies in hindi
- डिसमेनोरिया में क्या खाएं कष्टार्तव आहार – Dysmenorrhea dite in hindi
- कष्टार्तव (डिसमेनोरिया) में परहेज – Dysmenorrhea avoid food in hindi
डिसमेनोरिया क्या है – What is dysmenorrhea in Hindi
डिसमेनोरिया (कष्टयुक्त मासिकस्राव) (dysmenorrhea) का सम्बन्ध महिलाओं में पीरियड्स (period) के समय निचले पेट में दर्द (ऐंठन) से होता है। डिसमेनोरिया (कष्टयुक्त मासिकस्राव) महिलाओं में मासिक धर्म से पहले या मासिक धर्म के दौरान उत्पन्न होने वाला दर्द है। कुछ महिलाओं के लिए यह दर्द सामान्य होता है। जबकी कुछ महिलाओं के लिए, डिसमेनोरिया (कष्टयुक्त मासिकस्राव) गंभीर होता जाता है और दैनिक गतिविधियों में हस्तक्षेप करने लगता है।
डिसमेनोरिया (कष्टयुक्त मासिकस्राव) के तहत् महिलाएं निचले पेट या पीठ में ऐंठन (दर्द) को महसूस करती हैं। डिसमेनोरिया के लक्षण हल्के से गंभीर तक हो सकते हैं। जब लड़की पहली बार पीरियड्स (period) को धारण करती है, तब डिसमेनोरिया (कष्टयुक्त मासिकस्राव) आमतौर पर एक या दो साल तक के लिए गंभीर होता हैं। उम्र के साथ, डिसमेनोरिया कम दर्दनाक होता जाता है और पहले बच्चे को जन्म देने के बाद पूरी तरह से दूर हो सकता है।
एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis) या गर्भाशय फाइब्रॉएड (uterine fibroids) जैसी स्थितियां डिसमेनोरिया (मासिक धर्म के समय दर्द) का कारण बन सकती हैं। अतः दर्द को कम करने के लिए इसके कारणों का इलाज करना महत्वपूर्ण है।
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डिसमेनोरिया के प्रकार – Dysmenorrhoea types in hindi
मुख्य रूप से दो प्रकार के डिसमोनोरिया (dysmenorrhea) होते हैं: प्राथमिक डिसमेनोरिया (primary Dysmenorrhea) और द्वितीयक डिसमेनोरिया (Secondary Dysmenorrhea) ।
प्राथमिक डिसमोनोरिया (primary dysmenorrhea) – प्राथमिक डिसमोनोरिया (primary dysmenorrheal) उन महिलाओं में होता है, जो मासिक धर्म (menstruation) से पहले और दौरान दर्द का अनुभव करती हैं। यह दर्द अस्थाई होता है, तथा घरेलू उपचार अपनाये जाने के बाद इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। उम्र बढ़ने के साथ यह स्थाई रूप से गायब हो जाता है।
द्वितीयक डिसमोनोरिया (secondary dysmenorrhea) – द्वितीयक डिसमोनोरिया (secondary dysmenorrheal) उस स्थिति को कहा जाता है, जब जनन अंगों में कोई समस्या होती है और वह डिसमोनोरिया का कारण बनती है। इसके अंतर्गत एंडोमेट्रियोसिस, श्रोणि सूजन की बीमारी, फाइब्रॉएड एवं अन्य समस्याएं शामिल हैं।
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डिसमेनोरिया (कष्टयुक्त मासिकस्राव) के कारण – Dysmenorrhea (Menstrual Cramps) causes in hindi
दर्दनाक मासिक धर्म (Menstrual Cramps) या डिसमोनोरिया (dysmenorrhea) के कारणों को पहचानना काफी मुश्किल हो सकता है। कुछ स्थितियां दर्दनाक मासिक धर्म पीरियड (painful menstrual period) के लिए उच्च जोखिम पैदा करती हैं या डिसमोनोरिया का कारण बन सकती हैं। अतः डिसमोनोरिया के कारणों में निम्न को शामिल किया जा सकता हैं:
प्रोस्टाग्लैंडिन हार्मोन (Prostaglandin Hormone) – मासिक धर्म शुरू होने से ठीक पहले प्रोस्टाग्लैंडिन का स्तर बढ़ता है। प्रोस्टाग्लैंडिन (prostaglandin) एक हार्मोन (hormone) है, जो गर्भाशय में मांसपेशी संकुचन को ट्रिगर करता है। यह हार्मोन, अस्तर को निष्कासित करता है। जो की दर्द और सूजन का कारण बन सकता है।
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) (Premenstrual Syndrome) (PMS) – प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) महिला शरीर में हार्मोनल परिवर्तन के कारण उत्पन्न होने वाले लक्षणों का एक समूह है। यह बीमारी मासिक धर्म (menstruation) शुरू होने के 1 से 2 सप्ताह पहले प्रारंभ होती है और महिलाओं में खून बहना प्रारंभ होने के बाद दूर हो जाती है।
एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) – एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis) एक दर्दनाक चिकित्सकीय स्थिति है, जिसमें ऊतक या कोशिकाएं गर्भाशय के अन्दर से बहार की ओर बढ़ती हैं, आमतौर पर फैलोपियन ट्यूब (fallopian tubes), अंडाशय (ovaries), या श्रोणि (कोख) अस्तर के ऊतक आदि।इस स्थिति में दर्दनाक मासिक धर्म या डिसमोनोरिया (dysmenorrhea) उत्पन्न होने का खतरा अधिक होता है।
गर्भाशय में फाइब्रॉएड (Fibroids In Uterus) – गर्भाशय की दीवार में कैंसर मुक्त ट्यूमर की असामान्य वृद्धि, जो गर्भाशय पर दबाव डाल सकती है, असामान्य मासिक धर्म और दर्द का कारण बन सकती है। गर्भाशय की दीवार पर इन कैंसरमुक्त ट्यूमर को ही फाइब्रॉएड (fibroids) कहा जाता है, जो कि डिसमेनोरिया (dysmenorrhea) का कारण बन सकते हैं।
श्रोणि सूजन की बीमारी (पीआईडी) (Pelvic Inflammatory Disease) – पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब या अंडाशय में संक्रमण है, जो प्रायः यौन संक्रमित जीवाणुओं (sexually transmitted bacteria) के कारण होता है। यह संक्रमण प्रजनन अंगों में दर्द और सूजन का कारण बनता है।
एडिनोमायोसिस (Adenomyosis) – एडिनोमायोसिस (adenomyosis) एक दुर्लभ स्थिति है जिसमें गर्भाशय की मांसपेशियों की दीवार के अन्दर गर्भाशय अस्तर में वृद्धि होती है। यह स्थिति काफी दर्दनाक हो सकती है और डिसमेनोरिया (dysmenorrhea) का कारण बन सकती है।
गर्भाशय ग्रीवा स्टेनोसिस (Cervical Stenosis) – यह एक दुर्लभ स्थिति है, जिसमें गर्भाशय इतना छोटा होता है, यह मासिक धर्म प्रवाह (menstrual flow) को धीमा कर देता है, जिससे गर्भाशय के अंदर दबाव बढ़ता है और दर्द का कारण बनता है।
(और पढ़े – प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) के कारण, लक्षण और इलाज…)
डिसमेनोरिया (दर्दनाक मासिक धर्म) के लक्षण – Dysmenorrhea Symptoms in hindi
डिसमेनोरिया (कष्टयुक्त मासिकस्राव) (dysmenorrhea)) की स्थिति में मुख्य रूप से निचले पेट में लगातार दर्द या ऐंठन युक्त दर्द का अनुभव होता है। यह दर्द महिलाओं में पीरियड (period) से 1 से 3 दिन पहले शुरू होता है, तथा पीरियड (period) की शुरुआत के 24 घंटे बाद शिखर पर होता है और 2 से 3 दिनों के बाद कम हो जाता है।
इसके अतिरिक्त डिसमेनोरिया (कष्टयुक्त मासिकस्राव) की स्थिति में निम्न लक्षणों का अनुभव किया जा सकता है:
- निष्क्रियता तथा निरंतर दर्द,
- जी मिचलाना,
- ढीले मल (Loose stools),
- सिरदर्द होना,
- चक्कर आना,
- पेट में दबाव महसूस करना,
- निचली पीठ से जांघों तक दर्द होना,
- कभी-कभी उल्टी के साथ दर्द।
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डिसमेनोरिया होने पर डॉक्टर को कब दिखाएँ – When to see a doctor in hindi
यदि मासिक धर्म के समय ऐंठन (Menstrual Cramps) या डिसमेनोरिया, प्रत्येक महीने सम्बंधित महिला के जीवन को अवरुद्ध करती है, और यदि लक्षण धीरे-धीरे गंभीर हो जाते हैं या 25 साल की उम्र के बाद भी मासिक धर्म के समय गंभीर दर्द का अनुभव करते हैं, तो इस स्थिति में डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
डिसमेनोरिया के कारण और जोखिम कारक – Causes of dysmenorrhea and Risk factors in hindi
डिसमोनोरिया (dysmenorrhoea) के जोखिम कारक के रूप में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
- 20 साल से कम उम्र होने के कारण,
- दर्दनाक पीरियड्स (painful periods) का पारिवारिक इतिहास होना,
- धूम्रपान,
- पीरियड्स के साथ भारी खून का बहाव,
- अनियमित पीरियड्स (irregular periods),
- 11 साल से पहले युवावस्था (puberty) तक पहुंचना।
(और पढ़े – पीरियड्स की जानकारी और अनियमित पीरियड्स के लिए योग और घरेलू उपचार…)
डिसमेनोरिया (दर्दनाक मासिक धर्म) की जटिलताएं – Dysmenorrheal Complications in hindi
मासिक धर्म के समय दर्द (Menstrual Cramps) किसी भी तरह की चिकित्सीय जटिलताओं का कारण नहीं बनता है, लेकिन यह दैनिक और सामाजिक गतिविधियों में हस्तक्षेप जरूर कर सकता है।
मासिक धर्म ऐंठन से जुड़ी कुछ स्थितियां भी की जा सकती हैं। उदाहरण के लिए, एंडोमेट्रोसिस प्रजनन की समस्या पैदा कर सकता है। श्रोणि सूजन की बीमारी आपके फैलोपियन ट्यूबों को नुकसान पंहुचा सकती है, जिससे आपके गर्भाशय (एक्टोपिक गर्भावस्था) के बाहर प्रत्यारोपित एक उर्वरित अंडे का खतरा बढ़ जाता है।
(और पढ़े – एक्टोपिक प्रेगनेंसी (अस्थानिक गर्भावस्था) के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव…)
डिसमेनोरिया (कष्टयुक्त मासिकस्राव) का निदान – Dysmenorrhea (Menstrual Cramps) diagnosis in Hindi
डिसमेनोरिया (कष्टयुक्त मासिकस्राव) या कष्टार्तव (dysmenorrhea) का निदान करने के लिए डॉक्टर मरीज के चिकित्सकीय इतिहास की जानकारी लेगा और एक श्रोणि परीक्षण (pelvic exam) सहित अन्य शारीरिक परीक्षण भी कर सकता है। श्रोणि परीक्षा के दौरान, डॉक्टर सम्बंधित महिला के प्रजनन अंगों में असामान्यताओं की जांच करता है और संक्रमण की भी जाँच कर सकता है। डॉक्टर मासिक धर्म के समय ऐंठन (दर्द) के कारणों का निदान करने के लिए निम्न परीक्षणों की सिफारिश कर सकता है, जैसे कि:
अल्ट्रासाउंड (ultrasound) – इस परीक्षण के तहत् गर्भाशय (uterus), गर्भाशय ग्रीवा (cervix), फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय (ovaries) की छवियां बनाने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग किया जाता है। यह परीक्षण पेट के अन्दर की स्पष्ट छवियों को प्रदान करता है।
सीटी स्कैन (CT scan) – एक नॉन इनवेसिव (noninvasive) विस्तृत इमेजिंग परीक्षण हैं, जो शरीर के अंदर देखने के लिए एक्स-रे किरणों का उपयोग करता है।
एमआरआई (MRI) – एमआरआई के अंतर्गत शरीर की आंतरिक संरचनाओं की विस्तृत छवियों का उत्पादन करने के लिए रेडियो तरंगों और एक शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग किया जाता है। यह भी नॉनइनवेसिव (noninvasive) और दर्द रहित परीक्षण हैं।
लेप्रोस्कोपी (Laparoscopy) – आमतौर पर लेप्रोस्कोपी का प्रयोग आन्तरिक स्थितियों का पता लगाने के लिए किया जाता है इसके अंतर्गत एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis), adhesions, फाइब्रॉएड (fibroids), डिम्बग्रंथि अल्सर (ovarian cysts) और एक्टोपिक प्रेगनेंसी (अस्थानिक गर्भावस्था) (ectopic pregnancy) समस्याओं का निदान किया जा सकता है। इस परीक्षण में आउट पेशेंट सर्जरी के दौरान, चिकित्सक मरीज के पेट में छोटा चीरा लगाकर एक फाइबर ऑप्टिक ट्यूब जिसमें छोटा कैमरा लगा होता है, को पेट के अन्दर डालकर पेट की गुहा और प्रजनन अंगों (reproductive organs) का परीक्षण करता है।
(और पढ़े – अल्ट्रासाउंड क्या है और सोनोग्राफी की जानकारी…)
डिसमेनोरिया (मासिक धर्म के समय दर्द) का इलाज – Dysmenorrhea treatment in Hindi
यदि कष्टयुक्त मासिकस्राव (dysmenorrheal) के घरेलू उपचार मासिक धर्म के समय दर्द (Menstrual Cramps) से छुटकारा पाने में सहायक नहीं है, तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। डिसमेनोरिया का उपचार दर्द की गंभीरता और अंतर्निहित कारणों पर निर्भर करता है। यदि पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (pelvic inflammatory disease) (पीआईडी) या यौन संक्रमित संक्रमण (एसटीआई) दर्द का कारण बनते हैं, तो डॉक्टर संक्रमण का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक्स (antibiotics) दवाओं की सिफारिश कर सकता है।
कष्टयुक्त मासिकस्राव (dysmenorrheal) के उपचार के लिए डॉक्टर निम्न दवाओं की सिफारिश कर सकता है:
दर्द राहत (pain relievers) – डॉक्टर द्वारा दर्द से छुटकारा पाने के लिए इबुप्रोफेन (ibuprofen) (एडविल और मोटरीन आईबी) या नेपरोक्सन सोडियम (naproxen sodium) (Aleve) जैसी ओवर-द-काउंटर दवाओं की सलाह दी जा सकती है।
एंटीड्रिप्रेसेंट्स (antidepressants) – एंटीड्रिप्रेसेंट्स दवाएं प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) से सम्बंधित मूड स्विंग्स की समस्या को कम करने में मदद कर सकती हैं।
हार्मोनल जन्म नियंत्रण (Hormonal birth control) – डॉक्टर हार्मोनल जन्म नियंत्रण दवाओं की भी सलाह दे सकता है। हार्मोनल जन्म नियंत्रण दवाएं गोली, इंजेक्शन या अन्य रूप में भी उपलब्ध हैं। जन्म नियंत्रण हार्मोन, ओव्यूलेशन (ovulation) की प्रक्रिया को रोकते हैं, जिससे मासिक धर्म के समय दर्द को को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
सर्जरी (Surgery) – डॉक्टर द्वारा कष्टार्तव (डिसमेनोरिया) (dysmenorrheal) का कारण बनने वाले विकार जैसे- एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis) या गर्भाशय फाइब्रॉएड (uterine fibroids) का इलाज करने के लिए सर्जरी की सिफारिश की जा सकती है। जब उपचार के सभी विकल्प निष्क्रिय होते हैं, तब सर्जरी की सिफारिश की जाती है। सर्जरी के माध्यम से किसी भी प्रकार के एंडोमेट्रियोसिस इम्प्लांट्स (endometriosis implants), गर्भाशय फाइब्रॉएड (uterine fibroids), या अल्सर (cysts) को हटाया जा सकता है।
(और पढ़े – गर्भनिरोधक दवाओं और उनके शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानें)
डिसमेनोरिया (मासिक धर्म के समय दर्द) का घरेलू उपचार – Dysmenorrhea home remedies in hindi
दर्दनाक मासिक धर्म (Menstrual Cramps) या डिसमेनोरिया (dysmenorrheal) की स्थिति में घरेलू उपचार दर्द से राहत पाने काफी मददगार हो सकता है। अतः डिसमेनोरिया की स्थिति में निम्न घरेलू उपचार अपनाये जा सकते हैं:
कष्टार्तव आयुर्वेदिक उपचार
- श्रोणि क्षेत्र (कोख) या इसके पीछे एक हीटिंग पैड (heating pad) का उपयोग करें,
- निचली पीठ या पेट की मालिश करें
- गर्म जल से स्नान करें
- तनाव कम करें
- जरूरत पड़ने पर आराम करें
- नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम करें
- हल्का और पौष्टिक भोजन का सेवन करें
- उचित योग का अभ्यास करें
- सूजन को कम करने के लिए नमक, शराब, कैफीन और शर्करा युक्त पदार्थों के सेवन से परहेज करना,
- विटामिन बी 6, विटामिन बी1, विटामिन ई, ओमेगा 3 फैटी एसिड, कैल्शियम और मैग्नीशियम खनिजों की उचित मात्रा का सेवन करना।
(और पढ़े – पीरियड के दौरान क्या खाएं और क्या नहीं…)
डिसमेनोरिया में क्या खाएं कष्टार्तव आहार – Dysmenorrhea dite in hindi
डिसमेनोरिया (dysmenorrheal) की स्थिति में पोष्टिक और संतुलित आहार के अंतर्गत साबुत अनाज, सब्जियां और फलों के सेवन की सलाह दी जाती है, अतः डिसमेनोरिया (dysmenorrheal) के लक्षणों को कम करने के लिए निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जा सकती है:
- ब्राउन चावल,
- साबुत अनाज की रोटी,
- दलिया,
- ब्रोकोली (broccoli),
- पालक,
- गाजर,
- मीठे आलू (sweet potatoes),
- ब्रसेल्स स्प्राउट (Brussels sprouts)
- सेम (beans),
- मटर (peas),
- मसूर (lentils)
- फल, इत्यादि।
(और पढ़े – संतुलित आहार के लिए जरूरी तत्व , जिसे अपनाकर आप रोंगों से बच पाएंगे…)
कष्टार्तव (डिसमेनोरिया) में परहेज – Dysmenorrhea avoid food in hindi
कष्टार्तव (dysmenorrheal) की स्थिति में महिलाओं को पशु उत्पाद और फैटी खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह दी जाती है अतः इस स्थिति में इसके लक्षणों को कम करने के लिए निम्न खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए:
- मछली,
- मुर्गी मांस,
- अंडे,
- डेयरी उत्पादों,
- सलाद ड्रेसिंग ( salad dressings),
- मार्जरीन (margarine),
- डोनट्स (doughnuts)
- फ्रेंच फ्राइज़ (French fries),
- आलू चिप्स,
- मूंगफली (peanut)
- मक्खन (butter) इत्यादि।
(और पढ़े – जानिए जंक फूड (फास्ट फूड) के नुकसान और हानिकारक प्रभावों को…)
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