डिस्पेप्सिया (Dyspepsia) अपच आपके पेट में असुविधा और दर्द से संबंधित लक्षण होते है। यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें रोगी के पेट में दर्द आता और जाता रहता है। लेकिन यह दर्द आमतौर पर ज्यादा समय के लिए बना रहता है।डिस्पेप्सिया को हम और आप सामान्य रूप से अपच के नाम से जानते हैं। यह एक बीमारी नहीं है, अपच उन लक्षणों को दर्शाता है जिनमें अक्सर पेट की सूजन, असुविधा, मतली और डकार (burping) आदि शामिल हैं।
अधिकांश मामलों में अपच खाने या पीने से संबंधित होता है। यह संक्रमण से या कुछ दवाओं के उपयोग के कारण भी हो सकता है। अपच किसी भी उम्र के पुरुष और महिलाओं को हो सकता है। यह विशेष रूप से बच्चों को उनके गलत खान-पान की आदतों के कारण भी हो सकता है।
1. डिस्पेप्सिया (अपच) क्या है – What is dyspepsia(Indigestion) in Hindi
2. अपच (बदहजमी) होने के कारण – What causes dyspepsia (Indigestion) in Hindi
3. बदहजमी (अपच) होने के लक्षण – Dyspepsia (Indigestion) Symptoms in Hindi
4. अपच (बदहजमी) का निदान – Diagnosing Dyspepsia in Hindi
5. अपच के घरेलू उपाय और उपचार – Treatment for Indigestion in Hindi
6. अपच (बदहजमी) में जटिलताएं – Complications for Dyspepsia in Hindi
7. अपच (बदहजमी) में क्या खाना चाहिए – Dyspepsia (Indigestion) diet in Hindi
8. अपच के लिए परहेज इन हिंदी – Avoiding for Dyspepsia in Hindi
यह एक विशिष्ट स्थिति के बजाय लक्षणों का समूह है। अपच से ग्रसित अधिकतर लोग पेट या छाती में दर्द और बेचैनी महसूस करते हैं। यह आमतौर पर खाना खाने या कुछ भी पीने के तुरंत बाद होता है। ऐसी स्थिति में एक व्यक्ति बिना ज्यादा खाए ही पूर्ण या असहज महसूस करता है। अपच लगभग हर किसी के साथ होता है जो खाने की आदतों या कमजोर पाचन के कारण हो सकता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति द्वारा भोजन करने के बाद पेट भारी लगना, पेट या अन्नप्रणाली (esophagus) में जलन महसूस करना, पेट में अत्यधिक गैस या मरोड़ का अनुभव करना जैसे लक्षण दिखते हैं। आप अपच के इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें यदि आपको ऐसे लक्षण महसूस होते हैं तो आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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किसी भी व्यक्ति की जीवनशैली (lifestyle) और खाने वाले खाद्य पदार्थों के कारण डिस्पेप्सिया होता है। यह किसी संक्रमण या अन्य पाचन स्थितियों खराबी से भी संबंधित हो सकता है। आमतौर पर लक्षण पेट के एसिड से श्लेष्म झिल्ली (mucosa) के संपर्क में आने से होता है। पेट में उपस्थित एसिड श्लेष्म झिल्ली को तोड़ देते हैं जिससे जलन और सूजन होती है।
गैर-अल्सर डिस्पेप्सिया (Non-ulcer dyspepsia) : इसे कभी-कभी कार्यात्मक डिस्पेप्सिया भी कहा जाता है, इसका मतलब यह है कि इसके लक्षणों के लिए ज्ञात कारण नहीं है।
डुओडेनल और पेट अल्सर (Duodenal and stomach (gastric) ulcers) : यह ऐसी स्थिति होती है जब आपकी आंत अल्सर से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
डुओडेनम या पेट की सूजन (Duodenitis and gastritis) : इस स्थिति में अल्सर हल्का या अधिक गंभीर हो सकता है
एसिड रिफ्लक्स, ओसोफैगिटिस और गोर्ट (Acid reflux, oesophagitis and GORD) : एसिड रिफ्लक्स तब होता है जब कुछ एसिड पेट से एसोफैगस में रिफ्लक्स हो जाता है।
हिट्स हार्निया (Hiatus hernia) : यह तब होता है जब पेट का ऊपरी भाग डायाफ्राम में एक दोष के माध्यम से निचले छाती मे धक्का देता है।
जब एक डॉक्टर को अपच का कारण नहीं मिल पाता है, तो व्यक्ति में कार्यात्मक अपच (functional dyspepsia) हो सकता है। लक्षणों की व्याख्या करने के लिए यह किसी भी संरचनात्म या चयापचय रोग के बिना अपच का एक प्रकार होता है। यह पेट की असुविधा के कारण हो सकता है जो इसे सामान्य तरीके से भोजन को स्वीकार करने और पचाने से रोकता है।
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डिस्पेप्सिया के कुछ लक्षण होते हैं जिनके होने पर या पेट मे किसी प्रकार का दर्द होने पर आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। अपचन के कुछ आम लक्षण इस प्रकार हैं :
हल्के अपच (Mild dyspepsia) को शायद ही कभी जांच की आवश्यकता होती है, यह विशेष चिंता का विषय नहीं होना चाहिए। लेकिन यदि 2 सप्ताह से अधिक समय तक अपच की शिकायत हो तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
यदि दर्द गंभीर है और निम्न में से कोई भी लक्षण दिखें तो आपको तुरंत ही उपचार की आवश्यकता होती है :
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जो लोग नियमित अपच (indigestion) या गंभीर पेट दर्द का अनुभव करते हैं उन्हें प्राथमिक उपचार की आवश्यकता होती है। एक डॉक्टर आपसे अपच के लक्षणों के बारे में पूछेगा। वह आपके पिछले इलाज और पारिवारिक इतिहास के बारे में भी पता लगाएंगे और जरूरत पड़ने पर आपकी छाती और पेट (chest and stomach) की जांच करेंगें। यह पेेट के विभिन्न क्षेत्रों में दबाव डाल कर पता करेंगे कि कोई संवेदनशील (sensitive) कारण तो नहीं है।
अगर डॉक्टर को आंतरिक कारणों पर संदेह होता है तो वे आंतरिक स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान के लिए निम्नलिखित निदान परीक्षणों (diagnostic tests) का उपयोग कर सकते हैं
खून की जांच (Blood test) : अगर डिस्पेप्सिया वाले व्यक्ति को एनीमिया के लक्षण भी होते हैं तो डॉक्टर उन्हें रक्त परिक्षण के लिए कह सकता है।
एंडोस्कोपी (Endoscopy) : जिन लोगों का पहले अपच से संबंधित किसी भी प्रकार का उपचार नहीं किया गया है या पिछले उपचारों का कोई रिकार्ड नहीं है उन्हें ऊपरी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (upper gastrointestinal) ट्रैक्ट के परिक्षण के लिए कहा जा सकता है। इसके लिए एक कैमरे के साथ एक पतली ट्यूब मुंह और पेट में डाली जाती है। यह श्लेष्म की स्पष्ट फोटो देता है। कैंसर के परीक्षण के लिए डॉक्टर इस प्रक्रिया के दौरान बायोप्सी (biopsy) भी कर सकते हैं।
एच. पाईलोरी संक्रमण के लिए टेस्ट (Tests for H. Pylori infection): इनमें यूरिया सांस परिक्षण, मल एंटीजन परीक्षण और रक्त परिक्षण शामिल हो सकता है। एक एंडोस्कोपी एच. पिलोरी (H. Pylori) के साथ-साथ मौजूद किसी भी पेप्टिक अल्सर की पहचान भी कर सकता है।
लिवर फंक्शन टेस्ट (Liver function test) : यदि डॉक्टर यकृत में पित्त नलिकाओं (bile ducts) में संदेह करता है तो वे यह जांचने के लिए रक्त परीक्षण की सलाह दे सकते हैं, यह जानने के लिए कि यकृत कैसे काम कर रहा है।
ऐक्स–रे (X-ray) : डॉक्टर डिस्पेप्सिया के निदान के लिए अन्नप्रणाली (esophagus), पेट और छोटी आंत के एक्स-रे भी ले सकता है।
पेट संबंधि अल्ट्रासाउंड (Abdominal ultrasound) : उच्च आवृत्ति बाली ध्वनीतरंगों के माध्यम से पेट के अंदर की क्रिया, पेट के अंदर के अंगों और रक्त प्रवाह की जांच की जाती है। इसके लिए पेट पर एक जेल लगाया जाता है और एक हाथ से डिवाइस को पेट की त्वचा पर चलाया जाता है।
पेट संबंधि सीटी स्कैन (Abdominal CT scan) : सीटी स्कैन पेट के अंदर की 3 डी छवि बनाने का एक तरीका है जो अंदर की वास्तविक स्थिति का पता लगाने में मदद करती है।
अपच के लिए दवा ही एक मात्र उपचार नहीं है। आप पाचन और जीवनशैली में सुधार करके अपच के लक्षणों को दूर कर सकते हैं। अपच को दूर करने के कुछ घरेलू उपाय इस प्रकार हैं :
कभी कभी अपच एक गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है – उदाहरण के लिए पेट में अल्सर , या शायद ही कभी अपच कैंसर का कारण हो सकता है। यदि आप अपच से ग्रसित है तो आप अपने डॉक्टर से बात करें। यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है यदि निम्न में से कोई एक स्थिति आपकी है :
पाचन क्रिया को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए उच्च फाइबर युक्त भोजन करना एक अच्छा तरीका होता है। इससे आंतों को साफ रखनेऔर क्लीनर प्रक्रिया को बनाए रखने में मदद मिलती है।
बदहजमी के दौरान अधिक मात्रा में फाइबर युक्त फल, सूखे मेवे, फलियां और साबूत अनाज (wholegrain) का सेवन करना चाहिए जो डिस्पेप्सिया को दूर करने के प्रभावी तरीके माने जाते हैं।
मसालेदार या चिकना (spicy or greasy ) भोजन को छोड़कर संतुलित भोजन करना ज्यादा लाभकारी होता है। भोजन के साथ तरल पदार्थों का भी सेवन करना जरूरी होता है, क्योंकि यह भोजन को पाचन तंत्र (digestive tract) में स्थानांतरित करने में मदद करता है।
अपच के दौरान दिन में लगभग चार या पांच बार थोड़ी थोड़ी मात्रा में भोजन करना चाहिए जो आपके पाचन तंत्र के सही तरीके से काम करने में मदद करते हैं।
बदहजमी (indigestion) से बचने के लिए आप कुछ विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं जो आपकी इस समस्या को कम करने में आपकी सहायता कर सकते हैं जैसे कि :
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