E Cigarette in hindi ई सिगरेट (इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट) मॉडर्न टाइम का एक नया ट्रेंड है। आजकल बहुत से युवाओं को तेजी से ई सिगरेट की लत लग रही है। कुछ लोग रेगुलर सिगरेट की जगह ई सिगरेट का इस्तेमाल करते हैं तो कुछ लोग ई सिगरेट पीना फैशन मानते हैं। वजह चाहे जो भी हो लेकिन ई सिगरेट से सेहत को होने वाली नुकसान को देखते हुए सरकार ने ई सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। वास्तव में ई सिगरेट में जीरो से लेकर 16 मिलीग्राम निकोटिन का उपयोग करने की छूट है लेकिन ई सिगरेट बनाने वाली कंपनियां इससे अधिक मात्रा में निकोटिन का उपयोग कर रही हैं। इसी कारण सरकार ने देश में ई सिगरेट की बिक्री और आयात निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। कई लोगों का मानना यह भी है कि ई सिगरेट पीने के फायदे ज्यादा और नुकसान कम होते हैं।
आइये जानते हैं ई सिगरेट क्या है, ई सिगरेट कैसे काम करती है और इसके फायदे नुकसान क्या हैं।
विषय सूची
ई सिगरेट क्या होती है? – What are e-cigarettes in Hindi
एक इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट, ई सिगरेट या वाष्पीकृत सिगरेट बैटरी से चलने वाली एक डिवाइस है। इसमें लिक्विड भरा होता है और ई सिगरेट की कश लेने पर हीटिंग डिवाइस इस लिक्विड को गर्म करके वाष्प (vapour) में बदल देती है। जिसके कारण बिल्कुल सिगरेट पीने जैसा एहसास होता है और उतना ही मजा भी आता है। ई सिगरेट को इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट, ई सिग्स (e-cigs), ई हुक्का, वेप पेन्स (vape pens), वेप्स (vapes), टैंक सिस्टम और मोड्स कहते हैं। ई सिगरेट में आमतौर पर निकोटिन, प्रोपिलीन ग्लाइकोल, ग्लिसरीन, फ्लेवरिंग और कई तरह के केमिकल भरे होते हैं। निकोटिन एक नशीला पदार्थ है जो रेगुलर सिगरेट और तंबाकू उत्पादों में पाया जाता है। ई सिगरेट के एयरोसोल नें ऐसे कई पदार्थ होते है जो बहुत हानिकारक होते हैं। इसमें फ्लेवरिंग केमिकल जैसे डाईएसिटिल फेफड़े से जुड़ी बीमारियों, धातु जैसे लेड और अन्य केमिकल कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं।
ई सिगरेट कैसे काम करती है – How do e-cigarettes work in Hindi
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट या ई सिगरेट में तीन मुख्य भाग होते हैं।
- रिचार्जेबल बैटरी
- वेपोराइजेशन चैम्बर या आटोमाइजर
- लिक्विड कार्ट्रिज या माउथपीस
लिक्विड कार्ट्रिज में निकोटिन टीएचसी, केमिकल फ्लेवरिंग और अन्य कंपाउंड होते हैं। जब ई सिगरेट की नोक (tip) से कश खींचा जाता है तब एक वाल्व खुलता है जो फ्लुइल को वेपोराइजेशन चैम्बर या आटोमाइजर में भेजता है। तब बैटरी उस लिक्विड को गर्म करती है और वह भाप में बदल जाता है और फिर ई सिगरेट की कश लेने पर मजा आता है।
ई सिगरेट कैसी होती है – E-cigarettes kaisi hoti hai in Hindi
ई सिगरेट आमतौर पर कई तरह के शेप और साइज में आती है। कुछ ई सिगरेट रेगुलर सिगरेट के जैसी होती है जबकि कुछ बहुत अलग दिखती है। ई सिगरेट को रेगुलर सिगरेट की तरह नहीं जलाया जाता है। इसमें लिथियम की बैटरी लगी होती है जिसे रिचार्ज करके ई सिगरेट का यूज किया जाता है। ई सिगरेट में तंबाकू नहीं होता है बल्कि इसमें ई लिक्विड भरा होता है जो गर्म होकर वेपोराइज होता है। ई सिगरेट में नीचे दिए गये ये सभी पार्ट्स होते हैं।
माउथपीस : यह ट्यूब के पहले सिरे पर लगा होता है। माउथपीस के अंदर प्लास्टिक का एक छोटा सा कप होता है जो लिक्विड में डूबा होता है और इसमें एब्सॉर्वेंट मैटेरियल होता है।
आटोमाइजर: यह ई सिगरेट में भरे लिक्विड को गर्म करने का काम करता है जिसके कारण लिक्विड वेपोराइज होती है। तब ई सिगरेट की कश ली जाती है।
बैटरी: ई सिगरेट में लिथियम की एक बैटरी लगी होती है जो रिचार्जेबल होती है। इसी से ई सिगरेट ऑपरेट होती है।
सेंसर: ई सिगरेट में एक सेंसर लगा होता है। जब यूजर ई सिगरेट की कश लेता है तो सेंसर उस हीटर को एक्टिवेट करता है।
ई सिगरेट (E-cigarette) पीने का नुकसान क्या है? – side effects of e cigarette in Hindi
रेगुल सिगरेट की तरह ई सिगरेट में भी निकोटिन की मात्रा होती है जो नशा पैदा करती है। इसी निकोटिन के कारण ही ई सिगरेट की भी लत लगती है। इसके अलावा भी इसमें कई ऐसे केमिकल होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। आइये जानते हैं ई सिगरेट पीने का नुकसान क्या है।
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का नुकसान निकोटिन की लत लगने में – E cigarette side effect nicotine addiction in Hindi
ई सिगरेट पीने का नुकसान यह है कि इसे पीने से सिगरेट पीने की लत लग सकती है। ई सिगरेट में आमतौर पर निकोटिन होता है। निकोटिन ऐसी चीज है जो तंबाकू उत्पादों को नशीली बनाती है। ई सिगरेट की कश खींचने पर रेगुलर सिगरेट जैसी ही फीलिंग आती है। कुछ ई सिगरेट बनाने वाली कंपनियां इस बात का दावा करती हैं कि ई सिगरेट में निकोटिन फ्री है लेकिन जांच में निकोटिन मिली। इसलिए अगर आप सिगरेट की लत से बचना चाहते हैं तो यह आपके लिए नुकसानदेह है।
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प्रेगनेंट महिला के लिए ई सिगरेट के साइड इफेक्ट – Pregnant mahila ke liye e cigarette ke side effect in Hindi
ई-सिगरेट से प्रेगनेंट महिलाओं को भी नुकसान पहुंचता है। इसमें निकोटिन और अन्य हानिकारक केमिकल होते हैं जो गर्भ में पल रहे शिशु के शारीरिक विकास को रोकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं ई सिगरेट के कारण जन्म लेने वाले बच्चे के मस्तिष्क पर भी बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा बच्चे का वजन भी बहुत कम होता है। इसलिए प्रेगनेंट महिला को ई सिगरेट से दूर रहना चाहिए।
ई सिगरेट से स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा – E cigarette side effects for heart attack in Hindi
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पीने से स्ट्रोक और हार्ट अटैक का भी खतरा बढ़ता है। इसमें मौजूद हानिकारक तत्व हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को बढ़ा देते हैं। जिसके कारण हृदय कोशिकाओं को ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं कर पाता है। लंबे समय तक जब सेल्स में रक्त की आपूर्ति नहीं हो पाती है तो व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने लगता है।
(और पढ़े – हार्ट अटैक से बचने के उपाय…)
ई सिगरेट पीने से होती है फेफड़े की बीमारी – E-cigarette ka side effect lung disease ke liye in Hindi
ई सिगरेट पीने से फेफड़े को भी नुकसान पहुंचता है। ई सिगरेट में डाईएसिटिल और फ्लेवरिंग एजेंट पाए जाते हैं। ये सभी रसायन फेफड़े को हमेशा के लिए डैमेज कर देते हैं। जिससे सांस की समस्या बढ़ जाती है। कुछ गंभीर परिस्थितियों में ई सिगरेट पीने से फेफड़े का कैंसर भी हो सकता है।
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ई सिगरेट के नुकसान इम्यून सिस्टम कमजोर होना – Immune system ke liye e cigarette ke nuksan in Hindi
ई-सिगरेट पीने के साइड इफेक्ट इम्यून सिस्टम पर भी पड़ते हैं। इसमें पाये जाने वाले हानिकारक केमिकल सैकड़ों इम्यून जीन को दबा देते हैं जिसके कारण प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है और बीमारियां अटैक करने लगती हैं। ई सिगरेट के कारण अस्पतालों में भी ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
ई सिगरेट का सेवन पॉपकॉर्न लंग की समस्या का कारण – e cigarette causes popcorn lung in Hindi
ई सिगरेट पीने से पॉपकॉर्न लंग यानी ब्रोंकियोलिटिस ओब्लिटरैंस की समस्या हो जाती है। यह फेफड़ों से जुड़ी एक बीमारी है जिसके कारण फेफड़े के एयरवेज में घाव बन जाता है और यह सिकुड़ जाता है। यह बीमारी ई सिगरेट में मौजूद डाईएसिटिल नामक केमिकल के कारण होती है। ई सिगरेट को पॉपकॉर्न लंग की समस्या के लिए सबसे बड़ा खतरा माना जाता है।
दांतों और मसूढ़ों के लिए ई सिगरेट के नुकसान – Side effects of e cigarette for teeth and gums in Hindi
ई सिगरेट से ओरल हेल्थ पर भी निगेटिव इफेक्ट पड़ता है। ई सिगरेट पीने से दांतों की सतह पर बहुत तेजी से बैक्टीरिया पनपते हैं जिसके कारण दांतों में सड़न की समस्या बढ़ती है और कैविटी होने का खतरा भी बना रहता है। ई सिररेट से मुंह, गले और मसूढ़ों में जलन हो सकती है। इसके अलावा निकोटिन दांतों की कोशिकाओं को डैमेज कर देता है। इसलिए ई सिगरेट हानिकारक होती है।
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ई सिगरेट पीने के फायदे – Benefits of E-cigarettes in Hindi
- कई लोगों को लगता है कि ई सिगरेट पीने से रेगुलर सिगरेट पीने की लत छूट जाती है और यह सिगरेट की तरह सेहत के लिए हानिकारक भी नहीं होता। इसलिए लोग ई सिगरेट पीना फायदेमंद मानते हैं।
- ई सिगरेट कई फ्लेवर में आता है और इसमें से दुर्गंध नहीं आती है। इसलिए यह लोगों को अच्छा लगता है।
- वर्किंग प्लेय या कई जगहों पर सिगरेट पीना मना है। ऐसी जगहों पर ई सिगरेट पीने पर कोई प्रतिबंध नहीं है और इसका उपयोग करना भी आसान है। इसलिए लोग ई सिगरेट को पसंद करते हैं।
क्या ई-सिगरेट धूम्रपान छोड़ने में मदद करती है? – Do e-cigarettes help with quitting smoking in Hindi
एफडीए द्वारा यह साबित किया जा चुका है कि ई सिगरेट धूम्रपान की आदत को छोड़ने में मदद नहीं करती है। स्मोकिंग छोड़ने के लिए सुरक्षित और प्रभावी तरीके अपनाना चाहिए। ज्यादातर लोग स्मोकिंग की लत छोड़ने के लिए निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी (NRT) को पैच, गम (gum) या मिंट के रुप में यूज करते हैं। डॉक्टर और एक्सपर्ट भी इसे स्मोकिंग छोड़ने का अच्छा तरीका मानते हैं, ना कि ई सिगरेट को।
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ई सिगरेट की कीमत – e cigarette price in India in Hindi
भारत में ई सिगरेट (इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट) की ऑनलाइन कीमत 1500 से 5000 रुपये के बीच है। हालांकि ई सिगरेट की कीमत इस बात पर भी निर्भर करती है कि यह किस कंपनी और किस ब्रांड की है। अलग अलग ब्रांड की ई सिगरेट की कीमत अलग अलग होती है। कुछ ई सिगरेट सस्ती तो कुछ बहुत महंगी हैं।
नोट – भारत मे इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। भारत मे इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट को उपयोग करते हुए कोई पकड़ा गया तो उसे 3 साल की सजा या फिर 5 लाख तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। Healthunbox किसी भी रूप में ई सिगरेट के इस्तेमाल का समर्थन नहीं करता है।
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