Ear discharge in Hindi कान से तरल पदार्थ का स्राव होने की क्रिया को कान बहना (Ear discharge) या ओटोरिया (otorrhea) कहा जाता है। कान से बहने वाले तरल पदार्थ पतला, पानी जैसा, खून के समान, सफेद और पस (pus) जैसा हो सकता है। हालांकि यह कान बहने के कारणों पर निर्भर करता है। ज्यादातर समय कान से मैल (earwax) का स्राव होता है। ईयर वैक्स कान में स्वतः बनता है और यह बैक्टीरिया और धूल से कान की सुरक्षा करता है। लेकिन कान में किसी कारण से इंफेक्शन या अन्य समस्या होने के कारण कान बहने लगता है। इसे लेख में हम कान बहने के कारण, लक्षण और इलाज को विस्तार से जानेंगे।
विषय सूची
ज्यादातर मामलों में आमतौर पर कान में मैल या मोम जैसा चिपचिपा पदार्थ (wax) अधिक हो जाने के कारण कान बहने लगता है। यह स्वाभाविक होता है। लेकिन इसके अलावा भी कुछ अन्य कारणों से भी कान बहने लगता है। आइये जानते हैं कान बहने के कारण क्या है।
ज्यादातर मामलों में कान बहना अचानक शुरू होता है। इससे पहले व्यक्ति को कुछ विशेष महसूस नहीं होता है। लेकिन कान के बहने के लक्षणों को जानना जरूरी होता है। आइये जानते हैं कि कान बहने के लक्षण क्या हैं।
कान बहने पर कान से कई तरह के तरल पदार्थ (fluid) निकलते हैं जिसे ओटोरिया (otorrhea) भी कहा जाता है। कान में मैल जमा होकर बहना सामान्य होता है क्योंकि यह कान में प्राकृतिक रूप से बनने वाले ऑयल के कारण कान में जमा होता है। यह कान के अंदर धूल और बैक्टीरिया जाने से रोकता है। लेकिन कभी-कभी कान का पर्दा टूट जाने के कारण कान से खून या अन्य तरल पदार्थ निकलता है। अगर ऐसे लक्षण दिखायी देते हैं तो इन लक्षणों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए क्योंकि ये लक्षण अधिक गंभीर हो सकते हैं।
(और पढ़े – स्केबीज (खाज) होने के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव…)
कान की समस्या का निदान करने के लिए डॉक्टर एक विशेष रोशनी युक्त उपकरण (lighted instrument) से कान का परीक्षण करता है। इस यंत्र को ओटोस्कोप (otoscope) कहा जाता है। कान के अंदर उपकरण (equipment) की सहायता से डॉक्टर कान के पर्दे के पीछे इकट्ठा तरल पदार्थ की जांच करते हैं। यदि जांच के दौरान कान में किसी गंभीर समस्या का संकेत दिखाई देता है तो डॉक्टर टिम्फानोमेट्री (tymphanometry) या एकॉस्टिक रिफ्लेक्टिव टेस्ट (acoustic reflective test ) कान के पर्दे में हलचल की जांच करने के लिए करते हैं।
(और पढ़े – क्या आँखों की इन बीमारियों को जानते हैं आप…)
कान के बहने का इलाज आमतौर पर इसके कारण औऱ लक्षण के आधार पर किया जाता है। लेकिन यदि कान में जमा मैल (earwax) के कारण कान बह रहा हो तो यह कुछ दिन में अपने आप ठीक हो जाता है। डॉक्टर इलाज शुरू करने से पहले कुछ दिनों तक इसके लक्षणों को देखते हैं और यदि कान में दर्द या अन्य तरह की परेशानी महसूस हो रही हो तो दर्द से राहत के लिए इबुप्रोफेन (ibuprofen) नामक दवा देते हैं। लेकिन यदि कान में इंफेक्शन हो तो इस स्थिति में डॉक्टर एंटीबायोटिक ईयरड्रॉप (eardrop) देते हैं जो कान के दर्द और संक्रमण को बहुत जल्दी ही ठीक कर देता है। (और पढ़े – कंजंक्टिवाइटिस एलर्जी (आँख आना) के कारण, लक्षण और ठीक करने के घरेलू उपाय…)
लेकिन यदि कान के बहने का कारण कान के पर्दे से संबंधित हो तो डॉक्टर इसे कुछ दिन प्राकृतिक रूप से ठीक होने के लिए छोड़ देते हैं औऱ इसके बाद कान पर विशेष पैच लगाते हैं और कान के छेद (ear hole) को बंद कर देते हैं। लेकिन यदि पैच लगाने के बाद भी कान बहना बंद नहीं होता है तो अंत में कान के पर्दे की सर्जरी की जाती है।
(और पढ़े – थायराइड के लक्षण कारण व घरलू उपचार…)
(और पढ़े – एलर्जी लक्षण, बचाव के तरीके और उपचार…)
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…