Ectopic pregnancy in Hindi एक्टोपिक प्रेगनेंसी जिसे अस्थानिक गर्भावस्था भी कहा जाता है तब होती है जब निषेचित अंडा (fertilized egg) प्रत्यारोपित होकर गर्भाशय के मुख्य गुहा के बाहर ही विकसित होने लगता है। प्रेगनेंसी निषेचित अंडे के कारण होती है। आमतौर पर निषेचित अंडे गर्भाशय की सतह से जुड़ते हैं। एक्टोपिक प्रेगनेंसी अक्सर फैलोपियन ट्यूब में होती है जो अंडों को अंडाशय से गर्भाशय में पहुंचाता है। इस तरह की प्रेगनेंसी को ट्यूबल प्रेगनेंसी करहते हैं। इस लेख में आप जानेंगे एक्टोपिक प्रेगनेंसी (अस्थानिक गर्भावस्था) के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव Ectopic pregnancy ke karan, lakshan,ilaj aur bachav in Hindi के बारे में।
कभी-कभी अस्थानिक गर्भावस्था शरीर के अन्य क्षेत्रों जैसे अंडाशय, पेट के गुहा (abdominal cavity) और गर्भाशय के निचले हिस्से (cervix) में भी हो सकती है जो योनि से जुड़ा होता है। अस्थानिक गर्भावस्थाआमतौर पर अधिक दिनों तक नहीं रह पाती है और निषेचित अंडे जिंदा नहीं रहते हैं । यदि इसका इलाज न किया जाए तो विकसित ऊतक के कारण ब्लीडिंग शुरू हो जाती है। प्रेगनेंसी के 50 मामलों में सिर्फ एक मामले में ही एक्टोपिक प्रेगनेंसी पायी जाती है।
विषय सूची
1. एक्टोपिक प्रेगनेंसी के कारण – Causes of ectopic pregnancy in Hindi
2. एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लक्षण – Symptoms of ectopic pregnancy in Hindi
3. एक्टोपिक प्रेगनेंसी के खतरे – Risk factors of ectopic pregnancy in Hindi
4. अस्थानिक गर्भावस्था की जाँच – Ectopic pregnancy diagnosis in Hindi
5. एक्टोपिक प्रेगनेंसी का इलाज – Ectopic pregnancy treatment in Hindi
6. एक्टोपिक प्रेगनेंसी से बचाव – Prevention of ectopic pregnancy in Hindi
Ectopic pregnancy ke karan in Hindi एक्टोपिक प्रेगनेंसी के कारण हमेशा स्पष्ट नहीं हो पाते है। कुछ मामलों में अस्थानिक गर्भावस्था के पीछे कुछ समस्याएं जुड़ी होती हैं।
आमतौर पर अस्थानिक गर्भावस्था निम्न कारणों से होती है
(और पढ़े – इतने प्रकार की होती है प्रेगनेंसी क्या आप जानते है)
Ectopic pregnancy ke lakshan in Hindi ज्यादातर समय प्रेगनेंसी के कुछ ही हफ्तों बाद महिला को एक्टोपिक प्रेगनेंसी हो जाती है। उस समय तक महिला को यह भी नहीं मालूम रहता है कि वह प्रेगनेंट है, इसलिए अस्थानिक गर्भावस्था के भी कोई लक्षण दिखायी नहीं देते हैं। हालांकि बाद में कुछ सामान्य लक्षणों का अनुभव होता है। इन लक्षणों के जरिए यह आसानी से पता लगाया जा सकता है कि एक्टोपिक प्रेगनेंसी है या नहीं।
अगर आप प्रेगनेंट हैं और आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखायी देते हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए अन्यथा आपकी स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है।
प्रत्येक महिला को यह जानना चाहिए कि अस्थानिक गर्भावस्था के पीछे क्या कारण होते हैं और किन परिस्थितियों में एक्टोपिक प्रेगनेंसी होने का खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है। अस्थानिक गर्भावस्था होने का खतरा इन अवस्थाओं में सबसे अधिक होता है।
एक्टोपिक प्रेगनेंसी के निदान के लिए डॉक्टर पेल्विक का परीक्षण करते हैं। पेल्विक का परीक्षण कर पेट में दर्द, कोमलता (tenderness) और द्रव्यमान का पता लगाया जाता है। इसके अलावा भ्रूण के विकास की स्थिति जानने के लिए डॉक्टर गर्भाशय (uterus) का अल्ट्रासाउंड भी करते हैं। इसके साथ ही एचसीजी (hCG) लेवल का भी परीक्षण करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। यदि एचसीजी का स्तर उम्मीद से अधिक कम हो तो अस्थानिक गर्भावस्था की संभावना होती है।
इसके अलावा डॉक्टर प्रोजेस्टेरोन के स्तर का भी परीक्षण किया जाता है क्योंकि प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम होना एक्टोपिक प्रेगनेंसी का संकेत होता है। इसके अलावा डॉक्टर कुल्डोसेन्टेसिस (culdocentesis) भी करते हैं। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें योनि के सबसे ऊपर और गर्भाशय के पीछे एवं गुदा के सामने एक जगह में सूई डाली जाती है। यदि इन क्षेत्रों में खून पाया जाता है तो इसका अर्थ यह होता है कि फैलोपियन ट्यूब टूट गया है। इस तरह डॉक्टर एक्टोपिक प्रेगनेंसी का निदान करते हैं।
Ectopic pregnancy ka ilaj in Hindi एक्टोपिक प्रेगनेंसी के इलाज के लिए महिला को मेथोट्रेक्जेट (Methotrexate) दिया जाता है। मेथोट्रेक्जेट एक ड्रग है जो शरीर को गर्भावस्था के उत्तकों को अवशोषित करने में सहायक होता है जिससे फैलोपियन ट्यूब को बचाया जा सकता है। हालांकि यह इसपर निर्भर करता है कि प्रेगनेंसी कितनी बढ़ चुकी है।
यदि ट्यूब टूट गया हो या फैल गया हो और ब्लीडिंग शुरू हो गई हो तो इसके सभी हिस्सों को निकालना पड़ता है। इस स्थिति में तत्काल रक्तस्राव (bleeding) को बंद करने की जरूरत होती है और आपातकालीन सर्जरी की भी आवश्यकता पड़ती है।
अस्थानिक गर्भावस्था के इलाज के लिए सामान्य सी एनीस्थिसिया के बाद लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की जाती है। इस प्रक्रिया में सर्जन अस्थानिक गर्भावस्था को हटाने और प्रभावित फैलोपियन ट्यूब की मरम्मत करने या हटाने के लिए लैप्रोस्कोप का उपयोग करते हैं। यदि लैप्रोस्कोपी (laparoscopy) से एक्टोपिक प्रेगनेंसी नहीं हटती है तो दूसरी सर्जरी प्रक्रिया अपनायी जाती है जिसे लैपरोटॉमी कहते हैं।
अस्थानिक गर्भावस्था से बचने का कोई स्थायी उपाय नहीं है लेकिन कुछ सावधानियां बरतकर एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
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