Elisa Test In Hindi एलिसा परीक्षण का उपयोग मुख्य रूप से संक्रमण की स्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है। वर्तमान में एचआईवी जैसी अनेक संक्रामक स्थितियां व्यक्तियों के लिए बहुत अधिक चिंता का विषय बन सकती हैं तथा मानव जीवन को खतरे में डाल सकती हैं। एलिसा टेस्ट का एक फायदा यह है कि यह काफी सरल है और जल्द परिणामों को प्रदान कर सकता है। एलिसा टेस्ट अति सूक्ष्म स्तर तक के रोग कारकों का निदान करने में सक्षम होता है। अतः एचआईवी (एड्स) जैसे संक्रमण का निदान करने, कुछ एलर्जी संबंधी रोगों का पता लगाने तथा गर्भावस्था की जानकारी प्राप्त करने के लिए डॉक्टर द्वारा एलिसा परीक्षण की सिफारिश की जा सकती है।
आज के इस लेख में आप जानेंगे कि एलिसा टेस्ट (ELISA test) क्या है, यह टेस्ट क्यों किया जाता है, टेस्ट के प्रकार और प्रक्रिया क्या हैं तथा इसके परिणामों के बारे में।
विषय सूची
एलिसा (ELISA) ” एंजाइम लिंक्ड इम्यूनोसॉर्बेंट एसे ” (enzyme-linked immunosorbent assay) का संक्षिप्त रूप है। यह परीक्षण संक्रमण की स्थिति में व्यक्ति के रक्त में एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। एंटीबॉडीज, विशिष्ट प्रोटीन होते हैं, जिनका उत्पादन मानव शरीर द्वारा हानिकारक पदार्थ एंटीजन (antigens) की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप करता है।
एलिसा टेस्ट एक ऐसी विधि है, जिसका उपयोग प्रयोगशाला में रोगों की एक विस्तृत श्रृंखला के निदान में सहायता प्रदान करने के लिए किया जाता है। इस परीक्षण में मरीज के रक्त या मूत्र के नमूने की आवश्यकता होती है। अतः यह परीक्षण कुछ विशेष संक्रामक स्थितियों से संबंधित एंटीबॉडी की उपस्थिति के साथ-साथ, बैक्टीरियल एंटीजन, वायरल एंटीजन और हार्मोन की उपस्थिति का भी निर्धारण करने में सक्षम है।
एलिसा टेस्ट (ELISA test) का उपयोग करके मानव शरीर की कुछ विशेष बीमारियों का पता लगाया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:
इसके अतिरिक्त यदि किसी व्यक्ति को यह संदेह है कि वह एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी या बैक्टीरिया और परजीवी संक्रमण के संपर्क में आ गया है, तो डॉक्टर की मदद से एलिसा टेस्ट प्राप्त कर सकता है। इसके अतिरिक्त मम्प्स और रूबेला जैसी बीमारियों के खिलाफ टीका का पता लगाने के लिए भी इस टेस्ट की सिफारिश की जा सकती है।
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एलिसा टेस्ट (ELISA test) मुख्य रूप से निम्न प्रकार का होता है:
डायरेक्ट एलिसा (Direct ELISA) – इस टेस्ट के अंतर्गत एक एंटीजन को एक पॉलीस्टीरीन प्लेट (polystyrene plate) में लेपित किया जाता है। जिसके बाद एक एंजाइम-लेबल एंटीबॉडी (enzyme-labeled antibody) को मिलाया जाता है, जो एंटीजन और सब्सट्रेट के साथ प्रतिक्रिया कर सकती है।
इनडायरेक्ट एलिसा (Indirect ELISA) – इनडायरेक्ट एलिसा टेस्ट के दौरान एक पॉलीस्टीरिन प्लेट (polystyrene plate) में एंटीजन को लिया जाता है। जिसके बाद एक unlabeled या प्राथमिक एंटीबॉडी को प्लेट में मिलाया जाता है। बाद में एक एंजाइम-लेबल एंटीबॉडी (enzyme-labeled antibody) या द्वितीयक एंजाइम संयुग्मित एंटीबॉडी को मिलाया जाता है, जो प्राथमिक एंटीबॉडी और सब्सट्रेट दोनों के साथ प्रतिक्रिया कर सकती है।
सैंडविच एलिसा (Sandwich ELISA) – इस प्रकार के एलिसा टेस्ट में एंटीबॉडी को पॉलीस्टाइनिन प्लेट में लेपित किया जाता है, इसके बाद नमूने वाले एंटीजन को प्लेट में शामिल किया जाता है। एंटीजन शामिल करने के बाद उसके ऊपर एक दूसरे प्रकार की एंटीबॉडी, जो एंटीजन के लिए विशिष्ट होती है, को सम्मिलित कर एंटीजन को “सैंडविच” किया जाता है। इसके बाद दूसरे प्रकार की एंटीबॉडी के लिए एक विशिष्ट एंजाइम-लेबल एंटीबॉडी को मिलाया जाता है, जो एक सब्सट्रेट के साथ प्रतिक्रिया कर सकती है।
कॉम्पिटिटिव एलिसा (Competitive ELISA) – यह परीक्षण सैंडविच एलिसा टेस्ट की तरह ही है, लेकिन इसमें दूसरे एंटीबॉडी के स्थान पर प्रतिस्पर्धी एंटीबॉडी (competing antibodies) या प्रोटीन को शामिल किया जाता है। यह परीक्षण अच्छे और अत्यधिक विशिष्ट परिणाम प्रदान करता है।
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एलिसा परीक्षण (ELISA test) के लिए कोई विशेष तैयारी करने की आवश्यकता नहीं होती है। इस टेस्ट के लिए केवल रक्त नमूना निकालने की आवश्यकता होती है। रक्त नमूना निकालने के लिए मरीज को हॉस्पिटल या प्रयोगशाला केंद्र में जाने की आवश्यकता पड़ सकती है रक्त नमूना निकालना के लिए केवल कुछ ही समय लगता है। किसी भी व्यक्ति को परीक्षण से पहले, अपने द्वारा ली जाने वाली दवाओं की जानकारी डॉक्टर को देनी चाहिए।
एलिसा परीक्षण (ELISA test) के दौरान रक्त नमूना लेने की प्रक्रिया को शामिल किया जाता है। रक्त नमूना लेने के लिए सबसे पहले, एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता मरीज के हाँथ में या बांह में एक लचीले बैंड को बाँधता है, जिससे नसों को देखने और रक्त निकालने में सहायता मिल सके। इसके बाद, रक्त नमूना लेने के लिए एक सुई का प्रयोग किया जाता है। पर्याप्त रक्त नमूना एकत्रित करने के बाद बैंड को हटा दिया जाता हैं और रक्त नमूना निकालने वाली साइट पर बैंडेज लगाकर उस स्थान पर दबाव बनाए रखने की सलाह दी जाती है जिससे रक्त प्रवाह को रोकने में मदद मिल सके। यह प्रक्रिया अपेक्षाकृत दर्द रहित होती है।
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एलिसा परीक्षण (ELISA test) के दौरान रक्त नमूना प्राप्त करने के बाद प्रयोगशाला में भेजा जाता है, तथा मरीज को परीणामों की प्रतीक्षा करने के कहा जाता है। एलिसा टेस्ट के परीणामों को कुछ स्थितियों में गोपनीय रखा जाता है। यदि टेस्ट के बाद नकारात्मक परीणाम प्राप्त होते हैं, तो डॉक्टर द्वारा कुछ सप्ताह बाद टेस्ट को दोहराने की सलाह दी जा सकती है।
एलिसा परीक्षण (ELISA test) के दौरान प्राप्त किये गए रक्त के नमूने को विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाता है। परीक्षण के लिए एक पेट्री डिश (petri dish) या माइक्रोटिटर प्लेट (microtiter plate) का उपयोग किया जाता है, जिसपर एक विशिष्ट एंटीजन (antigen) को लेपित किया जाता है, जो एक विशेष एंटीबॉडी की पहचान करने में सहायक होते हैं। अतः एक तकनीशियन, प्रयोगशाला में रक्त के नमूने को इस पेट्री डिश (petri dish) या माइक्रोटिटर प्लेट (microtiter plate) में रखता है और प्रतिक्रिया का अवलोकन करता है। यदि प्लेट में उपस्थित एंटीजन, रक्त नमूने में में उपस्थित एंटीबॉडी से सम्बंधित होती हैं, तो यह एंटीजन और एंटीबॉडी आपस में बंध जाते हैं। इसके पश्चात तकनीशियन पेट्री डिश में एक दूसरा एंटीबॉडी को एंजाइम के रूप में जोड़कर होने वाले रंग परिवर्तन का अवलोकन करते हैं।
यदि परिणाम सकारात्मक हैं, तो रंग परिवर्तन होगा और एंटीबॉडी की उपस्थिति और मात्रा का निर्धारण कर लिया जायेगा। यदि डिश (petri dish) में उपस्थित निश्चित एंटीजन से सबंधित एंटीबॉडी रक्त नमूने में उपस्थित नहीं हैं, तो कोई प्रतिक्रिया नहीं होगी और किसी भी प्रकार का रंग परिवर्तन देखने को नहीं मिलेगा।
एलिसा टेस्ट (ELISA test) बहुत कम जोखिमों का कारण बनता है। इसके जोखिम कारकों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
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रक्त नमूने का प्रयोगशाला विश्लेषण करने के बाद डॉक्टर द्वारा एलिसा टेस्ट (ELISA test) के परिणामों की व्याख्या की जाती है। इस परीक्षण से प्राप्त होने वाले परिणाम एलिसा टेस्ट के प्रकार और परीक्षण की जाने वाली स्थिति पर निर्भर करते हैं। अतः परीक्षण से प्राप्त होने वाले परिणामों की जानकारी के लिए सम्बंधित व्यक्ति को डॉक्टर से चर्चा करनी चाहिए।
अधिकांश एलिसा टेस्ट (ELISA test) के अंतर्गत सकारात्मक (positive) या नकारात्मक (negative) परिणाम प्राप्त होते हैं। सकारात्मक परिणाम शरीर में एंटीबॉडी की उपस्थिति की ओर संकेत देते हैं और नकारात्मक परिणाम उस विशिष्ट एंटीबॉडी की अनुपस्थिति की और संकेत देते हैं, जिसके लिए परीक्षण किया गया है। लेकिन नकारात्मक परिणाम का मतलब हमेशा यह नहीं होता है कि आपके पास संक्रमण की कोई स्थिति नहीं है। क्योंकि कुछ स्थितियों में संक्रमण के तुरंत बाद एंटीबॉडी का उत्पादन नहीं किया जाता है। एचआईवी संक्रमण की स्थिति में वायरस के संपर्क में आने के 6 सप्ताह बाद तक सम्बन्धित व्यक्ति के रक्त में एंटीबॉडी दिखाई नहीं देती है। अतः इस स्थिति में परीक्षण को तीन महीने बाद दोहराए जाने की आवश्यकता पड़ सकती है।
लेकिन कुछ स्थितियों में एलिसा टेस्ट (ELISA test) के परिणाम फॉल्स-पॉजिटिव (False positives) और फॉल्स-नेगेटिव (false negatives) हो सकते हैं। एक फॉल्स-पॉजिटिव (False positives) रिजल्ट बताता है कि सम्बंधित व्यक्ति के पास संक्रमण की स्थिति है, जबकि वास्तव में वह स्थिति नहीं होती है। एक फॉल्स- नेगेटिव रिजल्ट बताता है कि सम्बंधित व्यक्ति के पास कोई स्थिति नहीं है जबकि वास्तव में संक्रमण की स्थिति होती है। अतः फॉल्स- नेगेटिव रिजल्ट की स्थिति में, कुछ हफ्तों बाद पुनः एलिसा टेस्ट दोहराने की सिफारिश की जा सकती है, या डॉक्टर परिणामों की पुष्टि करने के लिए अधिक संवेदनशील परीक्षण का आदेश दे सकता है।
आम जनता द्वारा एलिसा टेस्ट (ELISA test) का उपयोग करने के लिए कुछ किट उपलब्ध हैं। एक एलिसा किट में आमतौर पर पूर्व-लेपित पॉलीस्टीरीन प्लेट्स (pre-coated polystyrene plates), डिटेक्शन एंटीबॉडीज (detection antibodies) और टेस्ट करने के लिए आवश्यक सभी केमिकल्स उपस्थित होते हैं। हालांकि, व्यक्ति ग्राहक सेवा केंद्र से नामांकित पदार्थों के साथ किट को खरीद सकते हैं। होम प्रेगनेंसी टेस्ट (home pregnancy test) भी एलिसा सिद्धांत पर आधारित है। इस टेस्ट में भी एक हार्मोन की उपस्थिति का पता लगाया जाता है, जिसे ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (human chorionic gonadotrophin (hCG)) के नाम से जाना जाता है। यह हार्मोन एक गर्भवती महिला के मूत्र द्वारा उत्सर्जित होता है।
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कोई भी व्यक्ति एलिसा टेस्ट (ELISA test) प्राप्त कर सकता है।
अतः निम्न स्थितियों में सम्बंधित व्यक्ति को एलिसा टेस्ट प्राप्त करने पर विचार करना चाहिए, जिसे:
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एलिसा टेस्ट (ELISA test) की कीमत भिन्न-भिन्न शहरों और प्रयोगशाला के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती है।
एलिसा टेस्ट के प्रकार और इसकी जटिलता के आधार पर कीमत लगभग Rs. 650 से Rs. 2500 तक हो सकती है।
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