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बच्चेदानी (गर्भाशय) का कैंसर क्या है, लक्षण, कारण और इलाज – Endometrial (Uterine) Cancer in Hindi

एंडोमेट्रियल कैंसर या बच्चेदानी का कैंसर एक प्रकार का गर्भाशय कैंसर होता है, जो कि गर्भाशय के अस्तर का निर्माण करने वाली कोशिकाओं की परत, जिसे एंडोमेट्रियम कहा जाता है, में शुरू होता है। गर्भाशय के अधिकांश कैंसर एंडोमेट्रियल कैंसर ही होते हैं, इस बजह से इसे कभी-कभी गर्भाशय कैंसर या यूटेराइन कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। यदि अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो बच्चे दानी का कैंसर (एंडोमेट्रियल कैंसर) मूत्राशय (bladder) या मलाशय (rectum) में फैल सकता है। हालांकि यह कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है, इस बजह से इसका निदान और इलाज समय पर किया जाना आवश्यक होता है।

आज इस लेख में आप बच्चेदानी में कैंसर के बारे में जानेगें एंडोमेट्रियल कैंसर क्या है, बच्चेदानी के कैंसर का कारण, लक्षण, जाँच और इलाज के साथ साथ इससे बचने के तरीकों के बारे में भी जान सकते हैं।

विषय सूची

एंडोमेट्रियल कैंसर क्या है – What Is Endometrial Cancer in Hindi

बच्चेदानी का कैंसर एक प्रकार का गर्भाशय कैंसर है, जो गर्भाशय की अंदरूनी परत या भीतरी अस्तर में शुरू होता है। इस अस्तर को एंडोमेट्रियम कहा जाता है। यह गर्भाशय कैंसर का सबसे सामान्य प्रकार है। इसे एंडोमेट्रियल कैंसर या कभी कभी यूटेराइन कैंसर के नाम से भी जाना जाता है।

राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के अनुसार, 100 में से लगभग 3 महिलाओं को उनके जीवनकाल में कभी न कभी गर्भाशय में कैंसर या बच्चेदानी में कैंसर होता है। बच्चेदानी के कैंसर का प्रारंभिक चरण में पता लगाया जा सकता है, क्योंकि यह योनि से असामान्य रक्तस्राव का कारण बनता है। यदि इस कैंसर का जल्द से जल्द पता लगाया जाए, तो गर्भाशय को शल्यचिकित्सा द्वारा हटाकर सम्बंधित महिला की जान बचाई जा सकती है।

बच्चेदानी में कैंसर के लक्षण – Endometrial Cancer Symptoms in Hindi

एंडोमेट्रियल कैंसर (बच्चेदानी का कैंसर) का सबसे आम लक्षण योनि से असामान्य रक्तस्राव (vaginal bleeding) होना है। इसके अलावा अन्य लक्षण भी प्रगट हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

एंडोमेट्रियल कैंसर के अन्य संभावित लक्षणों में शामिल हैं:

यदि किसी महिला को इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव होता है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ये लक्षण जरूरी नहीं कि गंभीर स्थिति का संकेत हों, लेकिन इनकी जांच करवाना जरूरी है।

हालांकि योनि से असामान्य रक्तस्राव अक्सर रजोनिवृत्ति या अन्य कैंसर रहित स्थितियों के कारण होता है। लेकिन कुछ मामलों में, यह एंडोमेट्रियल कैंसर या अन्य प्रकार के स्त्री रोग संबंधी कैंसर का संकेत हो सकता है। अतः लक्षणों के प्रगट होने पर डॉक्टर की मदद अवश्य लें।

(और पढ़ें: महिलाओं में कैंसर के लक्षण..)

एंडोमेट्रियल कैंसर के चरण – Endometrial Cancer Stages in Hindi

बच्चेदानी का कैंसर समय के साथ गर्भाशय से शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है। कैंसर कितना बढ़ा है या फैला चुका है इस आधार पर एंडोमेट्रियल कैंसर को चार चरणों में वर्गीकृत किया जाता है, जो इस प्रकार हैं:

  • 1 स्टेज एंडोमेट्रियल कैंसर इस स्टेज में कैंसर केवल गर्भाशय के अन्दर तक ही सीमित होता है।
  • 2 स्टेज एंडोमेट्रियल कैंसरइस चरण में कैंसर गर्भाशय और गर्भाशय ग्रीवा में फ़ैल चुका होता है।
  • 3 स्टेज एंडोमेट्रियल कैंसर बच्चेदानी में कैंसर के तृतीय चरण में कैंसर गर्भाशय के बाहर फैल चुका है, यह फैलोपियन ट्यूब, अंडाशय, योनि में मौजूद हो सकता है, लेकिन मलाशय या मूत्राशय तक नहीं फैला है।
  • 4 स्टेज एंडोमेट्रियल कैंसरबच्चेदानी का कैंसर के चतुर्थ चरण में कैंसर श्रोणि क्षेत्र (pelvic area) से आगे फैल चुका होता है। यह मूत्राशय, मलाशय या दूर के अंगों में मौजूद हो सकता है।

बच्चेदानी में कैंसर का कारण – Endometrial Cancer Causes in Hindi

ज्यादातर मामलों में, बच्चेदानी के कैंसर का सटीक कारण अज्ञात होता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना ​​है कि शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में बदलाव के परिणामस्वरूप कैंसर की स्थिति पैदा हो सकती है।

जब सेक्स हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव होता है, तो यह परिवर्तन आपके बच्चादानी (एंडोमेट्रियम) को प्रभावित करता है। जब एस्ट्रोजन के स्तर वृद्धि होती है, तो यह एंडोमेट्रियल कोशिकाओं के विभाजन और संगुणन का कारण बनता है। यदि एंडोमेट्रियल कोशिकाओं में कुछ आनुवंशिक परिवर्तन होते हैं, तो वे कैंसर या ट्यूमर का निर्माण करती हैं।

वैज्ञानिक द्वारा अभी भी रिसर्च जारी है कि किस तरह से सामान्य एंडोमेट्रियल कोशिकाएं कैंसर कोशिकाएं बन जाती हैं।

(और पढ़ें: यूटेराइन प्रोलैप्स (बच्चेदानी/गर्भाशय का बाहर आना)..)

एंडोमेट्रियल कैंसर के जोखिम कारक – Endometrial Cancer Risk factors in Hindi

बच्चेदानी का कैंसर होने का खतरा उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता जाता है। गर्भाशय कैंसर के अधिकांश मामले 45 से 74 वर्ष की आयु के बीच ज्यादातर देखने को मिलते हैं। एस्ट्रोजन के स्तर में वृद्धि मुख्य रूप से बच्चेदानी के कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है।

अनेक प्रकार के जोखिम कारक गर्भाशय के कैंसर या एंडोमेट्रियल कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • सेक्स हार्मोन के स्तर में परिवर्तन
  • कैंसर का पारिवारिक इतिहास
  • ग्रैनुलोसा सेल ट्यूमर (Granulosa cell tumors) या डिम्बग्रंथि ट्यूमर (varian tumor) से पीड़ित होना
  • पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम (Polycystic ovarian syndrome) से पीड़ित होना
  • एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया (Endometrial hyperplasia) की स्थिति
  • एस्ट्रोजन रिप्लेसमेंट थेरेपी (Estrogen replacement therapy)
  • टैमोक्सीफैन (Tamoxifan) (स्तन कैंसर की दवा) का सेवन करना
  • मोटापा (Obesity) से ग्रस्त होना
  • डायबिटीज (Diabetes) से पीड़ित होना
  • गर्भावस्था का इतिहास: यदि आप कभी गर्भवती नहीं हुई हैं, तो आपको एंडोमेट्रियल कैंसर होने की संभावना अधिक होती है।

जिन महिलाओं ने गर्भनिरोधक गोलियां ली हैं, उनमें रजोनिवृत्ति के बाद एंडोमेट्रियल कैंसर होने की संभावना बहुत कम होती है।

(और पढ़ें: गर्भाशय फाइब्रॉएड (बच्चेदानी में रसौली) के लक्षण, कारण, जांच और इलाज..

)

एंडोमेट्रियल कैंसर की जाँच – Endometrial Cancer Diagnosis in Hindi

यदि आपको बच्चेदानी का कैंसर से सम्बंधित लक्षण विकसित होते हैं, तो तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर बच्चेदानी के कैंसर का निदान करने के लिए आपके लक्षणों और चिकित्सा इतिहास के बारे में कुछ सवाल पूंछ सकता है। इसके अलावा कैंसर की जाँच करने के लिए निम्न परीक्षणों की सहायता ली जा सकती है, जिनमें शामिल हैं:

  • पैल्विक परीक्षण (pelvic examination) – गर्भाशय और अन्य प्रजनन अंगों में असामान्यताओं को देखने और महसूस करने के लिए डॉक्टर पैल्विक परीक्षण कर सकता है।
  • ट्रांसवेजिनल अल्ट्रासाउंड (transvaginal ultrasound) – योनि या प्रजनन अंग में ट्यूमर या अन्य असामान्यताओं की जांच के लिए, एक ट्रांसवेजिनल अल्ट्रासाउंड परीक्षण का उपयोग किया जा सकता है जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण परीक्षण होता है।

यदि अल्ट्रासाउंड परीक्षण के दौरान योनि क्षेत्र में किसी भी प्रकार की असामान्यताओं का पता चलता है, तो डॉक्टर आगे के परीक्षण के लिए निम्नलिखित में से एक या अधिक परीक्षणों का आदेश दे सकता है:

  • एंडोमेट्रियल बायोप्सी (Endometrial biopsy) – इस परीक्षण के दौरान बच्चेदानी में कैंसर की जाँच करने के लिए, डॉक्टर गर्भाशय ग्रीवा के माध्यम से आपके गर्भाशय में एक पतली लचीली ट्यूब डालता है। इस ट्यूब के माध्यम से एंडोमेट्रियम से ऊतक का छोटा सा नमूना एकत्रित किया जाता है।
  • हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy) – इस प्रक्रिया में, एक फाइबर ऑप्टिक कैमरे के साथ एक पतली लचीली ट्यूब को गर्भाशय ग्रीवा के माध्यम से गर्भाशय में डाली जाती है। वे इस एंडोस्कोप का उपयोग कर एंडोमेट्रियम की असामान्यताओं को देखने और बायोप्सी नमूने को एकत्रित करने के लिए करते हैं।
  • डाइलेशन और क्यूरेटेज (Dilation and curettage (D&C)) – यदि बायोप्सी के परिणाम अस्पष्ट होते हैं, तो डॉक्टर मरीज को डी एंड सी टेस्ट की सिफारिश कर सकता है इसके तहत बच्चेदानी के ऊतक का नमूना एकत्र किया जाता है।

माइक्रोस्कोप से एंडोमेट्रियल के नमूने की जांच करने के बाद यदि कैंसर का निदान किया जाता है तो डॉक्टर कैंसर के चरणों का निदान करने के लिए कुछ अन्य परीक्षणों का आदेश दे सकता है जिनमें शामिल हैं:

बच्चेदानी के कैंसर का उपचार – Endometrial Cancer Treatment in Hindi

एंडोमेट्रियल कैंसर के उपचार के लिए कई विकल्प मौजूद हैं। डॉक्टर कैंसर के चरण के आधार पर और समग्र स्वास्थ्य के आधार पर सर्वोत्तम उपचार प्रक्रिया को अपना सकता है। बच्चेदानी के कैंसर का इलाज करने के लिए निम्न उपचार प्रक्रियाओं को अपनाया जा सकता है:

गर्भाशय कैंसर का इलाज शल्य चिकित्सा – Uterine Cancer Treatment Surgery in Hindi

बच्चेदानी के कैंसर का इलाज करने के लिए सर्जरी उपयोग में लायी जाती है, जिसे हिस्टेरेक्टॉमी (hysterectomy) कहा जाता है। हिस्टेरेक्टॉमी के दौरान, एक सर्जन गर्भाशय (uterus) को हटा देता है। डॉक्टर सर्जरी के दौरान अंडाशय (ovaries) और फैलोपियन ट्यूब को भी हटा सकते हैं।

यदि कैंसर फैल गया है, तो सर्जन गर्भाशय के पास के लिम्फ नोड्स को भी हटा देगा। इसे लिम्फ नोड विच्छेदन या लिम्फैडेनेक्टॉमी (lymphadenectomy) के रूप में जाना जाता है।

रेडिएशन थेरेपी से गर्भाशय के कैंसर का इलाज – Radiation therapy for Uterine Cancer in Hindi

विकिरण थेरेपी में कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए उच्च-ऊर्जा विकिरण का उपयोग किया जाता है। बच्चेदानी का कैंसर के इलाज के लिए मुख्य दो प्रकार की विकिरण चिकित्सा का उपयोग किया जाता है:

  • बाहरी बीम विकिरण चिकित्सा (External beam radiation therapy) – इस रेडिएशन थेरेपी में एक बाहरी मशीन के माध्यम से शरीर के बाहर से गर्भाशय पर रेडिएशन की बीम को डाला जाता है।
  • आंतरिक विकिरण चिकित्सा (Internal radiation therapy) – इस रेडिएशन थेरेपी में रेडियोधर्मी पदार्थ को शरीर के अंदर, योनि या गर्भाशय में रखा जाता है। इसे ब्रैकीथेरेपी (brachytherap) के रूप में भी जाना जाता है।

बच्चेदानी में कैंसर का इलाज कीमोथेरपी से  – Chemotherapy treat Endometrial Cancer in Hindi

कीमोथेरेपी उपचार के तहत कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है। कुछ प्रकार के कीमोथेरेपी में एक दवा शामिल होती है, जबकि अन्य में दवाओं का संयोजन शामिल होता है। कीमोथेरेपी के प्रकार के आधार पर, दवाएं गोली के रूप में या अंतःशिरा (intravenous) के माध्यम से दी जा सकती हैं।

बच्चेदानी के कैंसर के लिए हार्मोन थेरेपी – Hormone therapy for Endometrial Cancer in Hindi

हार्मोन थेरेपी के तहत शरीर के हार्मोन स्तर को बदलने के लिए हार्मोन या हार्मोन-अवरोधक दवाओं का उपयोग किया जाता है। इस उपचार प्रक्रिया से बच्चेदानी की कैंसर कोशिकाओं के विकास को धीमा करने में मदद मिलती है।

(और पढ़ें: महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के उपचार…)

बच्चेदानी में कैंसर से बचाव – Endometrial Cancer Prevention in Hindi

बच्चेदानी में कैंसर होने से बचने और एंडोमेट्रियल कैंसर के विकास के जोखिम को कम करने के लिए निम्न तरीके अपनाए जा सकते हैं:

  • वजन को संतुलित रखें – यदि आप अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं, तो मोटापा कम करने और वजन घटाने से आप एंडोमेट्रियल कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं।
  • नियमित व्यायाम करें – नियमित शारीरिक गतिविधि करने से बच्चेदानी का कैंसर होने का जोखिम कम हो जाता है। अतः नियमित व्यायाम करने की आदत डालें।
  • जन्म नियंत्रण (birth control) गोलियां लेने से बच्चेदानी के कैंसर का जोखिम कम होता है, अतः इनके सेवन से पूर्व अपने डॉक्टर से सलाह लें।

बच्चेदानी (गर्भाशय) का कैंसर क्या है, लक्षण, कारण और इलाज (Endometrial (Uterine) Cancer in Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।

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