एंडोमेट्रियल कैंसर या बच्चेदानी का कैंसर एक प्रकार का गर्भाशय कैंसर होता है, जो कि गर्भाशय के अस्तर का निर्माण करने वाली कोशिकाओं की परत, जिसे एंडोमेट्रियम कहा जाता है, में शुरू होता है। गर्भाशय के अधिकांश कैंसर एंडोमेट्रियल कैंसर ही होते हैं, इस बजह से इसे कभी-कभी गर्भाशय कैंसर या यूटेराइन कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। यदि अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो बच्चे दानी का कैंसर (एंडोमेट्रियल कैंसर) मूत्राशय (bladder) या मलाशय (rectum) में फैल सकता है। हालांकि यह कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है, इस बजह से इसका निदान और इलाज समय पर किया जाना आवश्यक होता है।
आज इस लेख में आप बच्चेदानी में कैंसर के बारे में जानेगें एंडोमेट्रियल कैंसर क्या है, बच्चेदानी के कैंसर का कारण, लक्षण, जाँच और इलाज के साथ साथ इससे बचने के तरीकों के बारे में भी जान सकते हैं।
बच्चेदानी का कैंसर एक प्रकार का गर्भाशय कैंसर है, जो गर्भाशय की अंदरूनी परत या भीतरी अस्तर में शुरू होता है। इस अस्तर को एंडोमेट्रियम कहा जाता है। यह गर्भाशय कैंसर का सबसे सामान्य प्रकार है। इसे एंडोमेट्रियल कैंसर या कभी कभी यूटेराइन कैंसर के नाम से भी जाना जाता है।
राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के अनुसार, 100 में से लगभग 3 महिलाओं को उनके जीवनकाल में कभी न कभी गर्भाशय में कैंसर या बच्चेदानी में कैंसर होता है। बच्चेदानी के कैंसर का प्रारंभिक चरण में पता लगाया जा सकता है, क्योंकि यह योनि से असामान्य रक्तस्राव का कारण बनता है। यदि इस कैंसर का जल्द से जल्द पता लगाया जाए, तो गर्भाशय को शल्यचिकित्सा द्वारा हटाकर सम्बंधित महिला की जान बचाई जा सकती है।
एंडोमेट्रियल कैंसर (बच्चेदानी का कैंसर) का सबसे आम लक्षण योनि से असामान्य रक्तस्राव (vaginal bleeding) होना है। इसके अलावा अन्य लक्षण भी प्रगट हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
एंडोमेट्रियल कैंसर के अन्य संभावित लक्षणों में शामिल हैं:
यदि किसी महिला को इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव होता है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ये लक्षण जरूरी नहीं कि गंभीर स्थिति का संकेत हों, लेकिन इनकी जांच करवाना जरूरी है।
हालांकि योनि से असामान्य रक्तस्राव अक्सर रजोनिवृत्ति या अन्य कैंसर रहित स्थितियों के कारण होता है। लेकिन कुछ मामलों में, यह एंडोमेट्रियल कैंसर या अन्य प्रकार के स्त्री रोग संबंधी कैंसर का संकेत हो सकता है। अतः लक्षणों के प्रगट होने पर डॉक्टर की मदद अवश्य लें।
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बच्चेदानी का कैंसर समय के साथ गर्भाशय से शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है। कैंसर कितना बढ़ा है या फैला चुका है इस आधार पर एंडोमेट्रियल कैंसर को चार चरणों में वर्गीकृत किया जाता है, जो इस प्रकार हैं:
ज्यादातर मामलों में, बच्चेदानी के कैंसर का सटीक कारण अज्ञात होता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में बदलाव के परिणामस्वरूप कैंसर की स्थिति पैदा हो सकती है।
जब सेक्स हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव होता है, तो यह परिवर्तन आपके बच्चादानी (एंडोमेट्रियम) को प्रभावित करता है। जब एस्ट्रोजन के स्तर वृद्धि होती है, तो यह एंडोमेट्रियल कोशिकाओं के विभाजन और संगुणन का कारण बनता है। यदि एंडोमेट्रियल कोशिकाओं में कुछ आनुवंशिक परिवर्तन होते हैं, तो वे कैंसर या ट्यूमर का निर्माण करती हैं।
वैज्ञानिक द्वारा अभी भी रिसर्च जारी है कि किस तरह से सामान्य एंडोमेट्रियल कोशिकाएं कैंसर कोशिकाएं बन जाती हैं।
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बच्चेदानी का कैंसर होने का खतरा उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता जाता है। गर्भाशय कैंसर के अधिकांश मामले 45 से 74 वर्ष की आयु के बीच ज्यादातर देखने को मिलते हैं। एस्ट्रोजन के स्तर में वृद्धि मुख्य रूप से बच्चेदानी के कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है।
अनेक प्रकार के जोखिम कारक गर्भाशय के कैंसर या एंडोमेट्रियल कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
जिन महिलाओं ने गर्भनिरोधक गोलियां ली हैं, उनमें रजोनिवृत्ति के बाद एंडोमेट्रियल कैंसर होने की संभावना बहुत कम होती है।
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)यदि आपको बच्चेदानी का कैंसर से सम्बंधित लक्षण विकसित होते हैं, तो तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर बच्चेदानी के कैंसर का निदान करने के लिए आपके लक्षणों और चिकित्सा इतिहास के बारे में कुछ सवाल पूंछ सकता है। इसके अलावा कैंसर की जाँच करने के लिए निम्न परीक्षणों की सहायता ली जा सकती है, जिनमें शामिल हैं:
यदि अल्ट्रासाउंड परीक्षण के दौरान योनि क्षेत्र में किसी भी प्रकार की असामान्यताओं का पता चलता है, तो डॉक्टर आगे के परीक्षण के लिए निम्नलिखित में से एक या अधिक परीक्षणों का आदेश दे सकता है:
माइक्रोस्कोप से एंडोमेट्रियल के नमूने की जांच करने के बाद यदि कैंसर का निदान किया जाता है तो डॉक्टर कैंसर के चरणों का निदान करने के लिए कुछ अन्य परीक्षणों का आदेश दे सकता है जिनमें शामिल हैं:
एंडोमेट्रियल कैंसर के उपचार के लिए कई विकल्प मौजूद हैं। डॉक्टर कैंसर के चरण के आधार पर और समग्र स्वास्थ्य के आधार पर सर्वोत्तम उपचार प्रक्रिया को अपना सकता है। बच्चेदानी के कैंसर का इलाज करने के लिए निम्न उपचार प्रक्रियाओं को अपनाया जा सकता है:
बच्चेदानी के कैंसर का इलाज करने के लिए सर्जरी उपयोग में लायी जाती है, जिसे हिस्टेरेक्टॉमी (hysterectomy) कहा जाता है। हिस्टेरेक्टॉमी के दौरान, एक सर्जन गर्भाशय (uterus) को हटा देता है। डॉक्टर सर्जरी के दौरान अंडाशय (ovaries) और फैलोपियन ट्यूब को भी हटा सकते हैं।
यदि कैंसर फैल गया है, तो सर्जन गर्भाशय के पास के लिम्फ नोड्स को भी हटा देगा। इसे लिम्फ नोड विच्छेदन या लिम्फैडेनेक्टॉमी (lymphadenectomy) के रूप में जाना जाता है।
विकिरण थेरेपी में कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए उच्च-ऊर्जा विकिरण का उपयोग किया जाता है। बच्चेदानी का कैंसर के इलाज के लिए मुख्य दो प्रकार की विकिरण चिकित्सा का उपयोग किया जाता है:
कीमोथेरेपी उपचार के तहत कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है। कुछ प्रकार के कीमोथेरेपी में एक दवा शामिल होती है, जबकि अन्य में दवाओं का संयोजन शामिल होता है। कीमोथेरेपी के प्रकार के आधार पर, दवाएं गोली के रूप में या अंतःशिरा (intravenous) के माध्यम से दी जा सकती हैं।
हार्मोन थेरेपी के तहत शरीर के हार्मोन स्तर को बदलने के लिए हार्मोन या हार्मोन-अवरोधक दवाओं का उपयोग किया जाता है। इस उपचार प्रक्रिया से बच्चेदानी की कैंसर कोशिकाओं के विकास को धीमा करने में मदद मिलती है।
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बच्चेदानी में कैंसर होने से बचने और एंडोमेट्रियल कैंसर के विकास के जोखिम को कम करने के लिए निम्न तरीके अपनाए जा सकते हैं:
बच्चेदानी (गर्भाशय) का कैंसर क्या है, लक्षण, कारण और इलाज (Endometrial (Uterine) Cancer in Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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