शारीरिक संबंध बनाते समय किसी भी तरह की समस्याए आए तो रिश्तों में बिखराव आ सकता है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन erectile dysfunction (ED) (नपुंसकता या स्तंभन दोष) भी एक ऐसी ही समस्या हैं। पुरुषों के लिये इरेक्टाइल डिसफंक्शन होना एक तनाव में डाल देने वाली स्थति होती है। आइए विस्तार से जानते हैं इरेक्टाइल डिसफंक्शन के बारे में…
इरेक्टाइल डिसफंक्शन (नपुंसकता) क्या है- What is erectile dysfunction (ED) in hindi
संतोषजनक संभोग के लिए लगातार पर्याप्त इरेक्शन न होने को इरेक्टाइल डिसफंक्शन कहा जाता है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) जिसे हम नपुंसकता के नाम से भी जानते है, पुरुषों से संबंधित एक समस्या है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन या स्तंभन दोष वह स्थिति है, जिसमें एक पुरुष संभोग के लिए पर्याप्त इरेक्शन / स्तम्भन को पाने या उसे बरकरार रखने में असमर्थ रहता है। अर्थात वह शारीरिक संबंध बनाने में अक्षम होता है। इस स्थिति को हम नपुंसकता के नाम से भी जानते हैं। अगर यह एक या दो बार हो तो इतनी चिंताजनक बात नहीं है, लेकिन अगर यह रोज ही होने लगे तो आपको सचेत हो जाना चाहिये।
यह कहा जा सकता है की व्यक्ति को इरेक्टाइल डिसफंक्शन है, यदि
- उसे कभी कभी इरेक्शन होता है, लेकिन हर बार नहीं
- इरेक्शन होता है लेकिन यह संभोग के लिए पर्याप्त समय तक नहीं रहता
- व्यक्ति कभी भी इरेक्शन पाने में असमर्थ
स्तंभन क्या है – What is erection in Hindi
स्तंभन या इरेक्शन वह स्थिति है जिसमें यौनोत्तेजना में पुरुष का शिश्न / पेनिस का आकार बढ़ जाता है और कड़ा हो जाता है। यौन रूप से उत्तेजित होने पर शिश्न की धमनियाँ स्वतः फैल जाती हैं, जिसके कारण अधिक रक्त शिश्न के तीन स्पंजी ऊतक कक्षों मे भर जाता है और इसे लंबाई और कठोरता प्रदान करता है। यह रक्त से भरे ऊतक रक्त को वापस ले जाने वाली शिराओं पर दबाव डाल कर सिकोड़ देते है, जिसके कारण अधिक रक्त प्रवेश करता है और कम रक्त वापस लौटता है। ऐसा होने से शिश्न को एक निश्चित स्तंभन आकार मिलता है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन (नपुंसकता) के लक्षण – Symptoms of erectile dysfunction in hindi
- जब लिंग में उत्तेजना लाने में परेशानी हो तो, इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या हो सकती है।
- शारीरिक गरतिविधियों के दौरान यदि उत्तेजना में कमी हो तो इरेक्टाइल डिसफंक्शन या नपुंसकता के लक्षण माने जाते हैं।
- समय से पहले स्खलन और विलंब स्खलन भी नपुंसकता के लक्षण है।
- एनोरगास्मिया जिसका मतलब यह हुआ कि पर्याप्त उत्तेजना के बाद संभोग सुख प्राप्त करने में असमर्थता हो रही है।
उपरोक्त लक्षणों में से कोई लक्षण दिखाई दे तो आप अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें। खासकर तब जब यह लक्षण दो या अधिक महीनों से चल रहें हो।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन (नपुंसकता) के कारण – Causes of Erectile Dysfunction in hindi
हृदय रोग – Heart disease
बदलती जीवन शैली के कारण हृदय रोग एक बड़ी बीमारी के रुप में उभरी है। यह बीमारी हमारे शारीरिक संबंध को भी खराब करती है। इससे इरेक्टाइल डिसफंक्शन (नपुंसकता) आ सकती है।
मधुमेह – Diabetes
कुछ साल पहले तक मधुमेह होने की औसत उम्र 40 साल थी जो अब घट कर 25 से 30 साल हो चुकी है। यह बढ़ता हुआ रोग इरेक्टाइल डिसफंक्शन बन सकता है। स्वस्थ खून की धमनियां, टेस्टोस्टेरोन का स्तर, स्वस्थ तंत्रिकाओं और अच्छे मूड के होने से ही यौन सुख प्राप्त होता है। लेनिक मधुमेह के कारण से खून की धमनियों और तंत्रिकाओं पर बुरा असर पड़ता है, जिससे यह समस्या पैदा होती है।
हाइपरलिपिडिमिया – Hyperlipidemia
हाइपरलिपिडाइमिया एक बीमारी है। यह तब होता है जब आपके खून में बहुत अधिक लिपिड (वसा) हैं, यानी, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स। इस बीमारी के कारण आपके इरेक्टाइल डिसफंक्शन या नपुंसकता आ सकती है। जब धमनियां पूरी तरह से ब्लॉक हो जाएंगी तो खून की सप्पलाई भी धीमी पड़ जाएगी। जिससे प्राइवेट पार्ट पर असर पड़ने लगेगा।
उच्च रक्तचाप – High blood pressure
हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप, जिसे कभी कभी धमनी उच्च रक्तचाप भी कहते हैं, एक पुरानी बीमारी है। इससे इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या आ सकती है।
तनाव – stress
डिप्रेशन, एक्जाइटी या स्ट्रेस आदि पुरुषो के लिये खतरनाक माने जाते हैं।
काम का बोझ, वक्त की कमी, रिश्तों के बीच बढ़ती दूरियां, अकेलापन और महत्वाकांक्षाएं आदि मानसिक तनाव या चिंता कई रोगों को बुलावा देती है। इस रोग में इरेक्टाइल डिसफंक्शन भी शामिल है। इसलिये इन्हें दूर करने के लिये व्यायाम और मेडिटेशन करें।
मोटापे या अधिक वजन होने के कारण – Obesity or overweight
मोटापा शहरी जीवन की एक आम समस्या बन चुका है। मोटापे की वजह से हमें कई तरह के रोगों का सामना करना पड़ता है। इससे डायरेक्ट असर लिंग पर पड़ता है और मेल हार्मोन का प्रॉडक्शन धीमा पड़ जाता है। यह बीमारी इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी समस्या को जन्म देती है इसलिये दिन में करीबन 45 मिनट जरुर व्यायाम करें और मोटापा घटा कर ब्लड सर्कुलेशन बढाएं। (और पढ़े: मोटापा कम करने के लिए योग)
धूम्रपान – Smoking
धूम्रपान करते वक्त कई रसायन और पदार्थ आपके शरीर तक पहुंचते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। यदि आप धूम्रपान करते हैं तो सावधान हो जाइए। धूम्रपान, इसका सबसे बड़ा कारण है। इससे शरीर में ठीक तरह से ब्लड सर्कुलेशन नहीं होता। जिसकी वजह से आप बेड पर ठीक तरह से परफॉर्म नहीं कर पाते।
शराब का सेवन – Taking alcohol
शराब के अधिक सेवन से उच्च रक्तचाप, दिल, लीवर, मोटापा और गठिया जैसी अनेक स्वावस्य्आ समस्या,एं पैदा हो सकती है। धूम्रपान के अलावा शराब का सेवन भी आपके शारीरिक संबंध को खराब सकता है।
उम्र बढ़ना भी एक कारण – Aging is also a reason
उम्र बढ़ने के साथ ही यौन इच्छा में कमी होने लगती है। जो पुरुष सहवास करने की इच्छा नहीं रखते या फिर जिन्हें उत्तेजना ही नहीं होती, वे नपुंसक होते हैं। वहीं दूसरी ओर जो पुरुष उत्तेजित होते हैं लेकिन घबराहट के कारण जल्दी ही शांत हो जाते हैं, वे आंशिक नपुंसक होते हैं।
अन्य कारण – Other reason
नशीली दवाओं के उपयोग भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या को जन्म देती है। इसके साथ ही ऐसी दवाइयां जो हाई बीपी या तनाव दूर करने के लिये खाई जाती हैं, वह आपकी बेड लाइफ के लिये अच्छी नहीं मानी जाती।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन का निदान कैसे होता है – What are the tests used to diagnose Erectile Dysfunction in hindi
इरेक्टाइल डिसफंक्शन में डॉक्टर मरीज से उसकी मेडिकल और सेक्सुअल हिस्ट्री के बारे में पूछते हैं और कई टेस्ट कराते हैं।
- मेडिकल और सेक्सुअल हिस्ट्री medical and sexual history
- शारीरिक परीक्षा physical exam
- ब्लड टेस्ट blood tests
- पेशाब की जांच Urine tests (urinalysis)
- नोक्टर्नल इरेक्शन टेस्ट erection test
- इंजेक्शन परीक्षण injection test
- डॉपलर अल्ट्रासाउंड Doppler ultrasound
- मानसिक स्वास्थ्य परीक्षा Mental Health Exam
शारीरिक परीक्षा physical exam के दौरान निम्न को जांचा जाता है
- लिंग को छू कर यह जांचा जाता है की क्या यह शारीरिक स्पर्श के प्रति संवेदनशील है। लिंग में यदि संवेदनशीलता का अभाव है, तो तंत्रिका तंत्र में किसी प्रकार की दिक्कत इरेक्टाइल डिसफंक्शन /erectile dysfunction का कारण हो सकती है।
- लिंग में देखने पर किसी प्रकार की असामान्यता। उदाहरण के लिए, Peyronie रोग में लिंग के सख्त होए पर वह मुड़ा हुआ या वक्र लगता है।
- शरीर के बालों का गिरना या स्तनों का बढ़ना जो की हॉर्मोन असंतुलन low testosterone को दिखाता है।
- ब्लड प्रेशर की जांच की जाती है।
- कलाई में और एड़ियों में नाड़ी की जांच जिससे सर्कुलेशन blood circulation में होने वाली दिक्कत पता लग सके।
- ब्लड टेस्ट blood tests में मधुमेह, atherosclerosis, क्रोनिक किडनी रोग, और हार्मोन संबंधी समस्याओं आदि है की नहीं जांचा जाता है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन इलाज कैसे होता है – What are the treatments and medications for Erectile Dysfunction in hindi
सही इलाज सही कारण पता लगने के बाद किया जा सकता है। निम्न सुझावों से भी बहुत मदद होती है:
- जीवन शैली में परिवर्तन (सिगरेट, शराब ड्रग्स आदि का सेवन न करके, व्यायाम बढ़ा कर, और प्राणायाम करके )
- काउंसलिंग (इमोशनल करणों को दूर करके, स्ट्रेस-एंग्जायटी कम करके)
- अन्य रोगों में दी गई दवाई में बदलाव लाकर
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए विशेष दवाएं देकर, सर्जरी से कोई शारीरिक दिक्कत दूर करके
इंजेक्शन परीक्षण में इंजेक्शन intracavernosal injection लगाकर लिंग में आये स्तम्भन और समय को देखते हैं।
डॉपलर अल्ट्रासाउंड, द्वारा लिंग में रक्त के प्रवाह को जांचा जाता है। इरेक्शन लाने के लिए इंजेक्शन भी लगाया जा सकता है। एक्स-रे तकनीशियन लिंग पर हल्के हाथ से डिवाइस गुजारता है। कंप्यूटर स्क्रीन पर रक्त वाहिका में रक्त प्रवाह की गति और दिशा देखी जाती है।
मानसिक स्वास्थ्य परीक्षा के द्वारा दंपति के भावनात्मक और शारीरिक संबंधों के बारे में जानकारी ली जाती है।
निम्नलिखित दवाएं नपुंसकता के इलाज में मदद के लिए उपयोग की जाती है जो आपके पेनिस में रक्त के प्रवाह को उत्तेजित करती हैं:
- एलप्रोस्टेडिल – alprostadil (Caverject)
- अवानफिल – avanafil (Stendra)
- सिल्डेनाफिल -sildenafil (Viagra)
नोट: यह सभी दवाएं पेनिस में खून के दौरे को बढ़ाती हैं, कोई भी दवा आपके डॉक्टर की सलाह के बिना ना लें।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन दूर करने के लिए व्यायाम – Exercise to remove erectile dysfunction in hindi
पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज, पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों की शक्ति में सुधार कर पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन और मूत्र संयम की समस्या दूर कर यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज सिल्डेनाफिल (वियाग्रा) जैसी दवाओं के साथ करना ही एकमात्र विकल्प नहीं है। पश्चिम, ब्रिटेन के विश्वविद्यालय में हुए एक अध्ययन के अनुसार, पेल्विक एरिया की एक्सरसाइज करने से लगभग 40 प्रतिशत पुरुषों में इरेक्टाइल की समस्या नार्मल हो गई और 33.5 प्रतिशत लोगों में समस्या का सुधार हुआ।
(और पढ़े: इन संकेतो से पहचाने की कहीं आपको हस्तमैथुन की लत तो नहीं)
पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज – Pelvic floor exercises in hindi
Pelvic floor exercise पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों की शक्ति में सुधार और अधिक सामान्यतः “किगल” एक्सरसाइज के रूप में जाना जाता है। बच्चे के जन्म के बाद महिलाएं की मांसपेशियों को टोन करने के लिए यह एक्सरसाइज करती है। कीगल एक्सरसाइज मूत्र संयम और यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है। यह एक्सरसाइज पुरुषों के लिए भी फायदेमंद होती है। विशेष रूप से, बुलबोकावरनोसस की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करती हैं। यह महत्वपूर्ण मांसपेशी के तीन काम होते हैं, स्खलन के दौरान पंप करना, इरेक्शन के दौरान लिंग को रक्त से भर देना, और यूरीन के बाद मूत्रमार्ग को खाली करने में मदद करना।
बेसिक किगल एक्सरसाइज इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए – Basic Kegel Exercises for erectile dysfunction in hindi
पेल्विक फ्लोर (कम श्रोणि) की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए एक्सरसाइज करने का सबसे अच्छा तरीका है, यूरीन बीच में अपनी धारा को कई बार रोकने का प्रयास करना। आप जिस मांसपेशियों को पकड़ते हैं, उसमें व्यायाम करने की जरूरत होती हैं। इसे एक्सरसाइज को करने के लिए इन मांसपेशियों को 5 सेकंड तक पकड़ कर फिर आराम से छोड़ना है। इसे 10 से 20 बार, दो या तीन बार एक दिन दोहराये। आप इस एक्सरसाइज को बैठकर, खड़े होकर या घुटनों के बल लेटकर कर सकते हैं
(और पढ़े: पुरुषों के लिए Kegel Exercise अब जल्दी स्खलन की समस्या को भूल जाओ)
ध्यान देने योग्य बातें Keep these things in mind in hindi
पहली बार प्रयास करने पर आप कीगल एक्सरसाइज की पूरी श्रृंखला को 10 बार में खत्म करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं। इसलिए आप कीगल एक्सरसाइज को पहली बार एक दिन में 10 से 20 बार तीन बार में करें। इसे करते समय अपनी सांस को रोकें नहीं और न ही अपने पेट, कूल्हों, या जांघ की मांसपेशियों को धक्का दें। इसके अलावा इस बात को भी ध्यान रखें कि पांच बार करने के बाद आपको रिलेक्स करना है।
एरोबिक व्यायाम के लाभ इरेक्टाइल डिसफंक्शन में – Benefits of Aerobic Exercise in Erectile Dysfunction in hindi
इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या अक्सर लिंग में रक्त प्रवाह की समस्याओं के कारण होता है। मोटापा, मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल, और नाड़ी संबंधी रक्त प्रवाह को प्रभावित कर इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण बनते हैं। अपनी दिनचर्या में एरोबिक एक्सरसाइज को शामिल कर आप समग्र स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं और इससे स्तंभन दोष में भी सुधार हो सकता है। यहां तक कि एक दिन में 30 मिनट या तीन से चार बार एक सप्ताह में ब्रिस्क वाकिंग करना आपके हृदय रोगों के साथ इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए भी अच्छा होता है।
एक्यूपंक्चर इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए – Acupuncture for Erectile Dysfunction in hindi
एक्यूपंक्चर मनोवैज्ञानिक नपुंसकता का इलाज करने में मदद कर सकता है, हालांकि इसके असर पर अध्ययन सीमित हैं। एक एक्यूपंक्चरिस्ट का चयन करते समय यह ध्यान रखें कि वह एक प्रमाणित विशेषज्ञ है और डिस्पोजेबल सुई का इस्तेमाल करता है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन को व्यक्ति में जीवन शैली में अवश्य परिवर्तन लाना चाहिए। उसे किसी भी प्रकार के मादक पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए। सिगरेट का प्रयोग तो बिलकुल बंद कर देना चाहिए। खून के दौरे को सही रखने के लिए व्यायाम करना चाहिए। भोजन में पौष्टिक, एल आरजिनिन, आयोडीन, नियासिन, सेलेनियम, जिंक, विटामिन सी और विटामिन ई युक्त सुपाच्य और हल्का भोजन करना चाहिए। फल, सब्जी, अनाज, दूध आदि का सेवन करना चाहिए। नमक का सेवन कम करना चाहिए।
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