Essential Oils Benefits In Hindi एसेंशियल ऑयल के फायदे, प्रकार, उपयोग और नुकसान सभी लोगों को पता नहीं हैं। एसेंशियल आयल विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं, त्वचा और बालों से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। एसेंशियल ऑयल को सामान्य रूप से आवश्यक तेल भी कहा जाता है। प्राचीन समय से ही आवश्यक तेलों का उपयोग दवा, सौंदर्य प्रसाधन, इत्र, भोजन और विभिन्न प्रकार चिकित्सा प्रणाली में उपयोग किया जा रहा है। यदि नियमित रूप से इन तेलों का उपयोग किया जाए तो यह हमारी बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं की संभावनाओं को कम कर सकते हैं। आइए जाने एसेंशियल ऑयल के फायदे और नुकसान क्या हैं।
विषय सूची
1. आवश्यक तेल क्या है – What Is Essential Oil in Hindi
2. आवश्यक तेल के उपयोग – Essential Oil Use in Hindi
3. आवश्यक तेल के पोषक तत्व – essential oil nutrition Value in Hindi
4. आवश्यक तेलों की सूची – Essential Oil List in Hindi
5. आवश्यक तेल के लाभ – Essential Oil Health Benefits in Hindi
हम और आप अक्सर एसेंशियल ऑयल के बारे में सुनते और पढ़ते हैं। यह भी जानते हैं कि आवश्यक तेल के फायदे हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक हैं। लेकिन आवश्यक तेल है क्या यह बहुत ही कम लोगों को पता होता है। एसेंशियल ऑयल या अस्थिर तेल पौधों से प्राप्त अर्क होता है। जिन्हें अलग-अलग निष्कर्षण विधियों द्वारा प्राप्त किया जाता है। आवश्यक तेल प्राप्ति के आधार पर पौधों के अलग-अलग हिस्सों का उपयोग किया जा सकता है। आमतौर पर सबसे ज्यादा और सुगंधित तेल प्राप्त करने के लिए पौधों के फूलों का उपयोग किया जाता है। लेकिन फूलों के अलावा भी अन्य हिस्से जैसे पत्तियां, छाल, जड़ों, फलों कि छिल्के आदि का भी उपयोग किया जाता है।
आवश्यक तेल इसलिए फायदेमंद माने जाते हैं क्योंकि ये आमतौर पर जड़ी-बूटीयों के मुकाबले 75 प्रतिशत अधिक शक्तिशाली और प्रभावी होते हैं। आवश्यक तेल पूर्ण रूप से प्राकृतिक उत्पाद होता है इसलिए ऐसा माना जाता है कि यह बहुत अधिक प्रभावी होता है। लेकिन इसका यह मतबलब बिल्कुल नहीं है कि इसके नुकसान नहीं होते हैं। यदि सावधानी से उपयोग न किया जाए तो इसके दुष्प्रभाव भी होते हैं क्योंकि ये बहुत ही शक्तिशाली होते हैं। आइए जाने आवश्यक तेल के उपयोग के बारे में।
अक्सर यह लोगों के मन में ये प्रश्न उठता है कि आवश्यक तेल का उपयोग कैसे किया जा सकता है। क्या हम इस तेल को सामान्य तेल की तरह उपयोग कर सकते हैं। क्या हम इसे अपनी त्वचा पर सीधे उपयोग कर सकते हैं या यह किस रूप में हमारे लिए फायदेमंद है। इन सभी लोगों के प्रश्नों का जबाब हां है। पर यह भी ध्यान रखें कि यह जिस वनस्पति से प्राप्त किया गया है उसके गुणों का 75 प्रतिशत होता है जो कि बहुत ही शक्तिशाली होता है। यदि आप इसे अपनी त्वचा पर उपयोग करना चाहते हैं तो इसे पतला करके ही उपयोग करें। आप इसे अपने आहार में भी शामिल कर सकते हैं। लेकिन आपको सलाह दी जाती है कि आवश्यक तेलों का उपयोग तब तक न करें जब तक आपको पूरी तरह से समस्या और आवश्यक तेल के गुणों की जानकारी न हो।
मौखिक रूप से इस प्रकार के तेलों का उपयोग अपने डॉक्टर की सलाह के बिना न करें क्योंकि इन तेलों में फाइटोकेमिकल्स की अच्छी मात्रा होती है। आइए जाने आवश्यक तेलों में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में।
वैसे तो सभी आवश्यक तेलों के अपने अलग-अलग गुण और पोषक तत्व होते हैं। ये पोषक तत्व उन पौधों के आधार पर होते हैं जिनसे आवश्यक तेलों को प्राप्त किया जाता है। लेकिन फिर भी एसेंशियल तेलों के कुछ ऐसे सामान्य गुण होते हैं जो सभी तेलों में उपलब्ध होते हैं। आवश्यक तेलों में एंटीमाइक्रोबायल और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। इनके अलावा इनमें विभिन्न प्रकार के विटामिन, पोषक तत्व और खनिज पदार्थ मौजूद रहते हैं जो हमें स्वास्थ्य लाभ दिलाने में मदद करते हैं। आवश्यक तेलों में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो हानिकारक फ्रीरेडिकल्स से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। आइए जाने आवश्यक तेल के फायदे और प्रकार क्या हैं।
विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ और अन्य प्रकार के फायदे पहुंचाने वाले आवश्यक तेलों की सूची बहुत लंबी है। हालांकि ये सभी तेल हमारे लिए बहुत ही उपयोगी होते हैं। लेकिन कुछ आवश्यक तेल उत्पादन, परिवेश और उपयोगिता के आधार पर सभी जगह उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। आइए जाने अन्य आवश्यक तेलों कौन-कौन से हैं।
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यदि सही तरीके से आवश्यक तेलों का उपयोग किया जाए तो यह हमें कई प्रकार के लाभ प्रदान करते हैं। लेकिन यदि इन तेलों का उपयोग करते समय सावधानी न रखी जाए तो इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। कुछ आवश्यक तेल हमारी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। कुछ आवश्यक तेल हमारे बालों और त्वचा संबंधी समस्याओं को हल करते हैं। आवश्यक तेल हानिकारक जीवों के खिलाफ प्रभावी होते हैं। कुछ आवश्यक तेल आपकी मनोदशा को सुधारने और मस्तिष्क की कार्य क्षमता में वृद्धि करने में मदद करते हैं। कुछ तेलों में आपकी स्वास्थ्य समस्याओं जैसे सिरदर्द, मतली, उल्टी आदि की भावनाओं को कम करने वाले गुण होते हैं। इसके अलावा कुछ तेल अरोमाथेरेपी के दौरान दुष्प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं। आइए विस्तार से जाने आवश्यक तेल के फायदे और प्रकार के बारे में।
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दांत दर्द का अचूक इलाज लौंग के तेल को माना जाता है। दांत का दर्द होने पर कपास की रूई में लौंग का तेल लें और दर्द वाले दांत के आस-पास मसूढ़ों में लगाएं। प्राचीन समय से ही दांतों के दर्द का उपचार करने के लिए लौंग तेल का उपयोग किया जा रहा है। इसमें शक्तिशाली एंटी-फंगल गुण होते हैं जो विशेष रूप से कैंडिडा अल्बिकांस बैक्टीरिया के विकास को कम करने में मदद करते हैं। लौंग तेल के अन्य फायदे इस प्रकार हैं।
लौंग तेल में एंटी-वायरल गुण होते हैं विशेषतौर पर हर्पस सिम्प्लेक्स (herpes simplex) से हमारी रक्षा करते हैं। इसके साथ ही दर्द को कम करने और उपचार प्रक्रिया को तेज करते हैं। मुंह के छालों में लौंग तेल की 1 बूंद का उपयोग करें।
लौंग तेल के दर्द निवारक गुण संधिशोथ और गठिया के लिए फायदेमंद होते हैं। आप प्रभावित क्षेत्र में लौंग तेल से मालिश कर सकते हैं।
आप अपने रसोई और घर के आस-पास बैक्टीरिया को नष्ट करने के लिए लौंग तेल का उपयोग कर सकते हैं। यह एक प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरिया है जो ई.कोलाई, साल्मोनेला, हेलिकोबैक्टर पिलोरी (पेट के अल्सर से जुड़ा) आदि बैक्टीरिया को नष्ट कर सकता है जो हमारे लिए हानिकारक होते हैं। आप अपनी रसोई, टेलिफोन, टॉयलेट सीट, कम्प्यूटर की बोर्ड और ऐसी जगहों जहां अधिक से अधिक लोगों के हाथ लगें वहां 1 बूंद लौंग तेल का उपयोग करें।
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आप अपने भोजन को पकाते समय नींबू से निकाले गए आवश्यक तेल की 1 से 2 बूंदों को शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा आप केक, सीफूड व्यंजन, सलाद आदि में भी नींबू तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेमन आयल अपनी अच्छी खुशबू के लिए बहुत ही लोकप्रिय है। लेकिन इसमें कई चिकित्सकीय गुण भी होते हैं जो एकाग्रता में वृद्धि करने, पाचन को सुधारने और गठिया के दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
आप अपने बर्तनों को साफ करने वाले साबुन में नींबू तेल की 1 से 2 बूंदों को मिलाएं। यह आपके बर्तनों में मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट करने और बर्तनों को स्वच्छ और खुशबूदार बनाने में मदद करता है।
नींबू में साइट्रिक एसिड की अच्छी मात्रा होती है। इसके अलावा आप अपने घर में मनमोहक खुशबू के लिए नींबू तेल का उपयोग कर सकते हैं। नींबू तेल की खुशबू आपकी थकान को दूर कर आपको ताजगी दिलाने में मदद करती है। इसके अलावा आप अपने शरीर में भी परफ्यूम की तरह नींबू के तेल को अन्य तेलों के साथ मिलाकर उपयोग कर सकते हैं। आप अपने नहाने के पानी में भी नींबू तेल की कुछ बूंदें मिलाएं।
नींबू के तेल का उपयोग बालों के अच्छे विकास के लिए कर सकते हैं। इस तेल की 2-3 बूंदों को किसी अन्य तेल के साथ मिलाकर अपने सिर की मालिश करें। इस तेल के गुण सिर की तेल ग्रंथियों पर संतुलन प्रभाव डालती हैं। रात में सोने से पहले इस तेल से सिर की मालिश करने पर आपको अच्छी नींद आती है इसके साथ ही यह आपके बालों को पर्याप्त पोषण उपलब्ध कराता है।
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ताजा लैवेंडर के फूलों से निकाले गए लैवेंडर आवश्यक तेल सबसे प्रसिद्ध तेलों में से एक है। इसका उपयोग कर अनिद्रा, एकाग्रता की कमी, बालों के झड़ने की समस्या आदि के उपचार के लिए किया जाता है।
मानसिक तनाव, नींद की कमी, थकान आदि से परेशान लोगों की समस्या को दूर करने के लिए लैवेंडर तेल का उपयोग बहुत ही प्रभावी होता है। इस प्रकार की समस्या को दूर करने के लिए लैवेंडर तेल को पतला करके उपयोग किया जा सकता है। इस तेल की खुशबू मन को शांत करने में
मदद करती है। आप इसे अपने हाथों या गर्दन में लगा सकते हैं। इसके अलावा आप अपने नहाने के पानी में भी लैवेंडर तेल को मिला सकते हैं।किसी कीड़े के काटने या त्वचा संक्रमण के कारण होने वाली खुजली को शांत करने में लैवेंडर तेल मदद करता है। यह मच्छर, मधुमक्खी के काटने पर होने वाले दर्द, खुजली, सूजन को ठीक कर सकता है।
तेज धूप के कारण होने वाली त्वचा की जलन को ठीक करने के लिए लैवेंडर तेल की 2 से 3 बूंदों का उपयोग करें। इसके अलावा रसोई में खाना पकाते समय हाथ जलने या ज्यादा गर्म लगने पर भी लैवेंडर तेल का उपयोग किया जा सकता है। सनबर्न के दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप एलोवेरा जेल और लैवेंडर तेल के मिश्रण का उपयोग कर सकते हैं।
अपने अनूठे स्वाद के कारण इसका कई प्रकार के व्यंजनों में उपयोग किया जा सकता है। आप इसे चॉकलेट, मीठे व्यंजनों और सलाद आदि में भी उपयोग कर उनका स्वाद बढ़ा सकते हैं।
इसके अन्य फायदे इस प्रकार हैं :
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यूकेलिप्टस तेल नीलगिरी के पेड़ की पत्तियों से प्राप्त किया जाता है। इस तेल में एंटीमाइक्रोबायल, कीटनाशक गुण होते हैं। इसलिए इसे विभिन्न प्रकार के संक्रामक जीवाणुओं को नष्ट करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को भी ठीक करता है।
जिन लोगों को सांस से संबंधित परेशानी होती हैं उन्हें नियमित रूप से नीलगिरी तेल का उपयोग करना चाहिए। खांसी का उपचार करने के लिए नीलगिरी तेल की वाष्प लेना फायदेमंद होता है यह सर्दी का भी इलाज कर सकता है। यह नाक में और फेफड़ों में जमे हुए कफ को निकालने में मदद करता है।
एक अध्ययन से पता चलता है कि नीलगिरी तेल और पुदीना तेल के मिश्रण का उपयोग करने से यह संज्ञानातमक प्रदर्शन को बढ़ावा देता है। एक अन्य अध्ययन यह भी बताता है कि इन दोनों तेलों की मिश्रित खुशबू लेने पर यह सिरदर्द को कम कर सकता है।
बुखार को कम करने के लिए पानी में 1 या 2 बूंद नीलगिरी तेल मिलाएं और एक कपड़े को इस पानी में गीला करें। रोगी के पूरे शरीर को इस गीले कपड़े से पोंछें। इस कपड़े से रोगी की छाती, गर्द, पीठ, पैर और तलवे आदि को पोंछें यह बुखार को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा नीलगिरी तेल के अन्य लाभ इस प्रकार हैं :
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पुदीना तेल मतली को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा यह सिरदर्द, पेट दर्द गैस, अपचन, चिंता और तनाव का भी प्रभावी उपचार कर सकता है। पेपरिमिंट तेल मेन्थॉल की उपस्थिति के कारण बहुत ही प्रभावी होता है।
पेपरमिंट की उच्च मेन्थॉल सामग्री से भरपूर पुदीना तेल महिलाओं को होने वाले हॉट फ़्लैश को शांत करने में मदद करता है। आपको जब अधिक मात्रा में गर्मी महसूस हो तो आप पुदीना तेल से अपने सिर की मालिश करें या अपने सर्ट की कॉलर पर इस तेल की कुछ बूंदें डालें। इस तेल की खुशबू आपके शरीर को ठंड़ा करने में मदद करती है।
आप अपनी और अपने बच्चों की सतर्कता को बढ़ाने के लिए पुदीना तेल का उपयोग कर सकते हैं। विशेष रूप से यह उन ड्राइवरों के लिए आवश्यक है जो लंबी दूरी तक गाड़ीयां चलाते हैं। तंत्रिका तंत्र को जागने और मस्तिष्क को सचेत रखने में यह तेल बहुत ही प्रभावी होता है। इस तेल की खुशबू बच्चों में एकाग्रता को बढ़ाने के लिए भी उपयोग की जा सकती है।
पेपरमिंट तेल मांसपेशियों को आराम दिला सकता है जिससे आपके शरीर के दर्द को कम करने में मदद मिलती है। आप पुदीना तेल को किसी दूसरे तेल के साथ मिलाकर पतला करें और प्रभावित क्षेत्र की मालिश करें। यह तुरंत दर्द से राहत दिला सकता है। इस तेल का उपयोग गठिया के दर्द को कम करने के लिए भी किया जाता है।
पुदीना तेल केवल मांसपेशीय दर्द को ही ठीक नहीं करता है बल्कि यह श्वसन तंत्र की मांसपेशियों को भी राहत दिलाता है। पुदीना की खुशबू लेने से एलर्जी को भी दूर किया जा सकता है।
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इस आवश्यक तेल में एंटीमाइक्रोबायल गुण बहुत अच्छी मात्रा में होते हैं। इसके एंटी-इंफ्लामेटरी गुण के कारण टी ट्री आयल का उपयोग सूजन को दूर करने के लिए किया जाता है। यह विशेष रूप से एक्जिमा और सोरायसिस से छुटकारा पाने में मदद करता है। इस प्रकार की समस्या होने पर इस तेल को पतला करके प्रभावित क्षेत्र में प्रतिदिन दो बार उपयोग करना चाहिए।
गर्मीयों के मौसम जब आपका डिओडोरेंट विफल हो जाता है तो आप इस तेल का उपयोग कर सकते हैं। यह आपके शरीर में मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करता है। अध्ययनों से पुष्टि भी हो चुकी है कि टी ट्री आयल में जीवाणुरोधी गुण होते हैं।
अक्सर देखा जाता है कि सेव करने के बाद चेहरे में छोटे-छोटे कट लग जाते हैं और चेहरे की त्वचा में जलन होने लगती है। इस समस्या से बचने के लिए नारियल के तेल में टी ट्री आयल की 1 बूंद मिलाएं और अपने चेहरे पर लगाएं। यह जलन को शांत करने में मदद करता है।
यदि त्वचा पर कोई दोष या कोई चोट या कट लगा हो तब भी टी ट्री आयल का उपयोग किया जा सकता है। यह आवश्यक तेल एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक होता है।
यह मच्छरों और कीट पतंगों के काटने से होने वाली समस्याओं को रोकता है। इस तेल का उपयोग करने पर कीट और मच्छर पास में नहीं आते हैं। इसके अलावा मच्छरों के काटे हुए स्थान पर इस तेल को लगाने से सूजन नहीं होती है। टी ट्री आयल के अन्य लाभ
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हानिकारक जीवाणुओं से हमारी रक्षा के लिए ओरेगेनो तेल में कारवाक्रोल होता है, यह एक शक्तिशाली कार्बनिक यौगिक है। 2016 में किये गए एक अध्ययन से पता चलता है कि इसका उपयोग बैक्टीरिया के विकास को रोकने में प्रभावी होता है।
इस तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण उम्र बढ़ने संबंधि लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं। क्योंकि यह फ्री रेडिकल्स को रोकने और इनसे हमारे शरीर की रक्षा करने में मदद करते हैं।
गले की खराश, गले का दर्द आदि समस्याओं के लिए इस एसेंशियल तेल का उपयोग बहुत ही लाभकारी होता है। 1 गिलास पानी में इस तेल की 1 बूंद डालें और इस पानी से गरारे करें। यह सर्दी और बुखार के लक्षणों को भी कम करता है।
इस प्रकार की समस्या होने पर आप इस तेल से अपने पैरों और उंगलियों के बीच मालिश करें। इसके एंटी-फंगल गुण प्रभावित क्षेत्र में मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करते हैं। ओरेग्नो तेल का इस्तेमाल रिंगवार्म और अन्य त्वचा संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए भी किया जा सकता है।
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गुलाब का तेल इस फूल की कई प्रजातियों से निकाला गया एक सुगंधित तेल है। यह पूर्ण रूप से आवश्यक तेल नहीं है क्योंकि इसको प्राप्त करने के लिए बहुत से केमिकलों का उपयोग किया जाता है। अन्य आवश्यक तेलों की तरह गुलाब आवश्यक तेल भी दिमाग को शांत करने में मदद करता है। इसके अलावा यह भी विभिन्न प्रकार के संक्रामक जीवाणुओं से हमारे शरीर की रक्षा करता है। इस तेल में टोकोफेरोल (विटामिन ई का एक यौगिक), कैरोटीन और फेनोलिक यौगिकों के उच्च स्तर होते हैं। गुलाब का तेल आपकी त्वचा को निखारने में मदद कर सकता है।
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ब्लू कैमोमाइल तेल जर्मन कैमोमाइल से निकाला जाता है। नीले कैमोमाइल तेल का रंग भाप निष्कर्षण प्रक्रिया का परिणाम है। अनिद्रा, बुखार और त्वचा संक्रमणों के लिए कैमोमाइल तेल का उपयोग प्राचीन समय से किया जा रहा है। इसके अलावा कैमोमाइल तेल का उपयोग एक्जिमा, घाव, चोट, जलन, कैंसर से बने घाव और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपयोग किया जा रहा है।
इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुण के कारण यह हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। एक अध्ययन से पता चलता है कि कैमोमाइल तेल शरीर में रासायनिक प्रक्रियाओं को रोकता है जो सूजन का कारण होती हैं। इसके अलावा यह पेट के अल्सर को भी रोकने में सक्षम होता है।
कैमोमाइल चाय अनिद्रा को दूर कर सकती है। इस तेल की शांतिदायक खुशबू मस्तिष्क को शांत करने और आपको अच्छी नींद लेने में मदद करती हैं। इसके अलावा यह चिंता और तनाव को भी ठीक करती है।
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