Make Threading At Home In Hindi थ्रेडिंग बालों को हटाने का एक तरीका है जिसका उपयोग ज्यादातर भौहों, होठ के ऊपरी और निचले हिस्सों, ठोड़ी और गाल पर किया जाता है। इसका थ्रेडिंग नाम कपास के धागों से लिया गया है जिसे मोड़कर बालों को खींचकर जड़सहित बाहर निकाला जाता है इस लेख में आप जानेगी थ्रेडिंग क्या है, थ्रेडिंग बनाने का तरीका और आईब्रो बनाने से होने वाली परेशानियों के घरेलू उपाय के बारे में।
हर महिला अपनी खूबसूरती निखारना चाहती है। इसके लिए व महंगे से महंगा ट्रीटमेंट लेने से भी नहीं चूंकती। कभी फेशियल, कभी क्लीनअप और भी बहुत कुछ। इन ब्यूटी ट्रीटमेंट में एक ट्रीटमेंट है थ्रेडिंग, जो आमतौर पर हर महिला कराती है। हर ब्यूटी पार्लर में ये ट्रीटमेंट आसानी से मिल जाता है और ज्यादा महंगा भी नहीं होता। हालांकि बड़े शहरों में थ्रेडिंग ट्रीटमेंट के चार्जेस में अंतर हो सकता है, फिर भी ये ऐसा ट्रीटमेंट है जो हर महिला के बजट में है। यही वजह है कि दो हफ्ते में महिलाएं थ्रेडिंग जरूर कराती हैं। अब सवाल है कि आखिर ये थ्रेडिंग है क्या।
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दरअसल, थ्रेडिंग शरीर से अनचाहे बालों को हटाने का एक तरीका है। खासतौर से यह आइब्रो को शेप देने का एक तरीका है। इसमें आइब्रो पर अनचाहे बालों को हटाया जाता है और इसे सुंदर शेप दिया जाता है, वो भी कॉटन के धागे से। वैसे थ्रेडिंग बाल हटाने की पुरानी तकनीक है जो ईस्टर्न कल्चर का हिस्सा रही है। अच्छी बात ये है कि आज मॉर्डन टेक्नीक्स के जमाने में भी ये प्राचीन तकनीक महिलाओं की पहली पसंद है। बता दें कि ईरान, भारत और मिडिल एशिया में थ्रेडिंग काफी पॉपुलर है। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं थ्रेडिंग से जुड़ी कई ऐसी बातें, जो शायद ही आपको पता हो।
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थ्रेडिंग एक ऐसा हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट है जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। आजकल लोग थ्रेडिंग के अलावा वैक्सिंग भी कराने लगे हैं। सैलून में मौजूद वैक्स में कई हानिकारक केमिकल्स पाए जाते हैं, जिसमें रेजिन, कार्सिनोजेनिक पैराबन्स, आर्टिफिशियल फ्रेंगनेंसिस और खतरनाक डाई मौजूद रहती हैं। सेंसिटिव स्किन के लिए ये काफी नुकसानदायक है। इससे कई बार केमिकल बर्न और स्किन डैमेज होने की समस्या पैदा हो सकती है। जबकि थ्रेडिंग में कॉटन के धागे का इस्तेमाल किया जाता है, जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।
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भले ही थ्रेडिंग वैक्सिंग से बेहतर विकल्प हो, लेकिन ये सच है कि थ्रेडिंग वैक्सिंग की अपेक्षा ज्यादा दर्दनाक होती है। थ्रेडिंग अपरलिप, फोरहेड और आईब्रो की होती है, लेकिन आजकल महिलाएं शौकिया तौर पर फुल फेस थ्रेडिंग कराने लगी हैं। विशेषज्ञों की मानें तो ये ज्यादा खतरनाक है। पूरे चेहरे की थ्रेडिंग ज्यादा पेनफुल साबित हो सकती है।
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आज के जमाने में महिलाएं बॉडी से अनवॉन्टेड हेयर रिमूव करने के लिए थ्रेडिंग के अलावा वैक्सिंग ट्रीटमेंट लेती हैं। दोनों में ज्यादा कुछ अंतर नहीं है। थ्रेडिंग में जहां धागे की मदद से एक्सपर्ट अनचाहे बालों की छंटाई करते हैं, वहीं वैक्सिंग में वैक्स की मदद से बालों को हटाया जाता है। लेकिन अब सवाल ये है कि दोनों में से बेहतर क्या है। थ्रेडिंग या वैक्सिंग। विशेषज्ञों के अनुसार थ्रेडिंग वैक्सिंग से ज्यादा बेस्ट ऑप्शन है। इसमें खर्चे के साथ पेन भी कम होता है। साथ ही ये किसी भी स्किन पर आराम से सूट होता है।
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अपनी आईब्रो को आकर्षक आकार देने के लिए महिलाओं को हफ्ते दो हफ्ते में पार्लर जाना ही पड़ता है, लेकिन अगर आप चाहें तो घर बैठे ही थ्रेडिंग कर सकती हैं। बस इसके लिए आपको कुछ टिप्स को अपनाना होगा।
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कौन कहता है कि थ्रेडिंग कराने या आइब्रो बनाने के बाद काम खत्म हो जाता है। बल्कि सच तो ये है कि इसे कराने के बाद स्किन की केयर करना और भी जरूरी हो जाता है। अगर आपने ऐसा नहीं किया, तो कहीं आप अपनी ही स्किन के साथ खिलवाड़ न कर बैठें। इसलिए हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे स्किन केयर टिप्स जो आपको आफ्टर थ्रेडिंग अपनाने चाहिए।
थ्रेडिंग के तुंरत बाद आपको किसी भी तरह का फेशियल करने से बचना चाहिए। इससे आपको जलन और रेडनेस की समस्या उभर सकती है।
साथ ही थ्रेडिंग बनाने के तुरंत बाद थ्रेडिड एरिया को हाथों से बार-बार नहीं छूना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि थ्रेडिंग आपकी त्वचा के छिद्रों को खोलती है, जब आप उसी जगह पर बार-बार हाथ लगाते हैं, तो गंदगी और कुछ डस्ट पार्टिकल्स छिद्र में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे इंफेक्शन का रिस्क बढ़ जाता है।
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ब्यूटी एक्सपट्र्स का मानना है कि थ्रेडिंग बनाने के बाद चेहरे पर किसी तरह की एक्सफोलिएटिंग क्रीम न लगाएं। अगर थ्रेडिंग बनाने के बाद कुछ हिस्सों पर लालपन आ भी गया है, तो इसे दूर करने के लिए आप आईसक्यूब्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे ठंडक मिलती है साथ ही रेडनेस और जलन भी कम हो जाती है।
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कई ब्यूटी एक्सपट्र्स की राय है कि थ्रेडिंग कराने के एक घंटे बाद तक किसी भी तरह की ब्लीच का इस्तेमाल न करें। इससे चेहरे पर खुजली और इरीटेशन हो सकता है। खासतौर पर अगर आपने थ्रेडिंग के बाद हीट वैपर फेशियल ट्रीटमेंट बुक किया है, तो इसे एक दिन बाद कराएं, वरना आपकी स्किन डैमेज होने की संभावना बढ़ सकती है।
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