Falsa Fruit in Hindi आज के व्यस्तता पूर्ण जीवन में पोषक तत्वों की प्राप्ती के लिए विभिन्न फलों का सेवन किया जाना चाहिए। फालसा फल भी इन्ही में से एक है। लेकिन फालसा फल के फायदे और नुकसान बहुत ही कम लोगों को पता हैं। फालसा भारत और दक्षिण एशिया के मूल निवासी माने जाते हैं। फालसा का उपयोग बहुत से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए किया जाता है। क्योंकि इसमें बहुत से दुलर्भ पोषक तत्व और खनिज पदार्थ मौजूद रहते हैं। इस लेख में आप जानेंगे फालसा के फायदे और उपयोग के बारे में। आइए जाने फालसा फल के फायदे और नुकसान क्या हैं।
विषय सूची
1. फालसा क्या है – What Is Falsa in Hindi
2. फालसा का पेड़ – Falsa Tree in Hindi
3. फालसा के पोषक तत्व – Falsa Fruit Nutrients Value in Hindi
4. फालसा के अन्य नाम – Other Names Of Falsa in Hindi
5. पफालसा के फायदे – Falsa Benefits in Hindi
6. फालसा जूस या शरबत बनाने की विधि – How to Make Falsa Juice in Hindi
7. फालसा के नुकसान – Falsa Fruit Ke Nuksan in Hindi
गर्म जलवायु में पाये जाने फलों में फालसा भी शामिल है जो बहुत ही पौष्टिक माना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम ग्रुविया एशियाटिका (Grewia asiatica) है जो टिलियासी (tiliaceae) परिवार से संबंधित है। इस फल की बहुत सी प्रजातियां हैं। आजकल इस फल का उत्पादन व्यवसायिक स्तर पर किया जाता है। ताकि लोग इस फल का आनंद लंबे समय तक ले सकें। वास्तव में यह एक छोटी बेरी के समान होता है। यह मानव शरीर में प्राकृतिक ठंडक दिलाने के लिए फायदेमंद होता है। इसलिए अक्सर इसे गर्मीयों के मौसम शीतलन प्रभाव के लिए उपभोग किया जाता है। इसमें बहुत से औषधीय गुण भी होते हैं जो इसे हमारे लिए उपयोगी बनाते हैं। आइये जाने फालसा के बारे में अन्य जानकारीयां।
गर्मी के मौसम में मिलने वाले इस फल का पेड़ फैला हुआ, झाड़ी युक्त छोटा पेड़ होता है। यह लगभग 8 मीटर लंबा होता है। यह एक सदाबहार पेड़ है। ये झाड़ीयां सर्दीयों के मौसम में ज्यादा घनी और स्वस्थ्य दिखाई देती हैं। इस प्रकार के पौधे रेतीली मिट्टी या समुद्र के किनारे वाली जगहों पर बहुत अच्छी तरह से विकास करते हैं। इसके वयस्क पौधों की छाल का रंग भूरा होता है। इसकी शाखएं पतली और फैली हुई होती हैं।
इसके फूलों का रंग पीला या लाल-बैंगनी होता है। इनके फूलों में पांच पंखुडियां होती है। यह पौधा सर्दीयों और वसंत के मौसम में फूलता है। इन फूलों के बाद ही फालसा का फल लगता है जो कि आकार में छोटे और गोल होते हैं। पूर्ण रूप से पकने पर इनका रंग लाल या बैंगनी होता है। लेकिन पकने के बाद इनका रंग बैंगनी या काला हो जाता है। आइये जाने फालसा में पाये जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में।
हमारी विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने की फालसा फल में मौजूद रहती है। इसका कारण यह है कि इसमें बहुत से पोषक तत्व और खनिज पदार्थों की उच्च मात्रा होती है। आइये जाने प्रति 100 फालसा फल के अनुसार इसमें मौजूद पोषक तत्व क्या हैं।
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अलग-अलग देशों और जगहों में फालसा को कई नामों से जाना जाता है। कुछ विशेष स्थानों के अनुसार फालसा फल के अन्य नाम इस प्रकार हैं:
कच्चे फालसा फलों के स्वास्थ्य लाभों में से एक यह है कि यह सूजन को कम कर सकता है। इसके अलावा यह हृदय रोग को ठीक करने, बुखार को कम करने, सांस की समस्या का निदान करने आदि में महत्वपूर्ण योगदान देता है। इसके अलावा अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, सर्दी, खांसी और गले की समस्या बाले रोगीयों को फालसा फल का नियमित सेवन करने की सलाह दी जाती है। ये सारे लाभ इसमें मौजूद औषधीय गुणों के कारण होते हैं। आइये विस्तार से जाने फालसा फल से प्राप्त होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में।
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अध्ययनों से पता चलता है कि फालसा फल में इथेनॉलिक (ethanolic) होता है। इसमें हाइपोग्लाइमिक, एंटीऑक्सीडेंट और प्रतिरक्षा-मॉड्यूल प्रभाव होते हैं। इस फल से निकाले गये रस में विशेष रूप से फ्लैवोनोइड्स और फेनोलिक एसिड में कई बायोएक्टिव यौगिकों की उपस्थिति होती है जो इन प्रभावों का प्रमुख कारण होते हैं। इसलिए इस फल का नियमित सेवन कर मधुमेह के प्रभाव को कम किया जा सकता है। यदि आप मधुमेह से ग्रसित हैं तो इस फल का या इसके जूस का उपभोग कर सकते हैं। यह मधुमेह की प्रभावशीलता को कम करने का आसान तरीका हो सकता है।
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)इस पौष्टिक फल में अन्य खनिज पदार्थों के साथ ही कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है। कैल्शियम हमारी हड्डियों को स्वस्थ्य रखने और मजबूत बनाने में मदद करता है। हमारी हड्डीयों में कैल्शियम प्रमुख घटक होता है। शरीर में कैल्शियम की कमी होने से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। इसलिए शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए अन्य पूरक आहारों के साथ ही फालसा फल का उपयोग किया जा सकता है। यह कैल्शियम की कमी को पूरा कर हड्डीयों के घनत्व को बढ़ावा देता है जिससे हड्डीयां मजबूत होती हैं।
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जानकारों का मानना है कि फालसा फल सूजन से राहत दिलाने में मदद करता है। इसके साथ ही यह स्वस्थ्य दिल के लिए भी फायदेमंद होता है। आप अपने दिल से संबंधित समस्याओं को दूर करने और हृदय को मजबूत रखने के लिए फालसा का उपायोग कर सकते हैं। इसके लिए आप फालसा फल के 50 मिली लीटर रस में काली मिर्च और नमक को 1-1 चुटकी मिलाएं और इसका सेवन करें। यह आपके शरीर के आंतरिक और बाहृ भाग की सूजन को ठीक कर सकता है। लेकिन आपको सलाह दी जाती है कि यह किसी भी दवा का स्थान नहीं ले सकता है। इसलिए इसका उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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फाइबर की अच्छी मात्रा फालसा फलों में मौजूद होती है। इस कारण से फालसा पाचन और पेट से संबंधित समस्याओं का आसानी से उपचार कर सकता है। इसमे मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को तेज करने में सहायक होता है। इस तरह से फालसा फल पेट दर्द, मतली, और अन्य पाचन तंत्र की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। पेट की समस्याओं को दूर करने के लिए आप फालसा फल या इसके जूस का उपयोग कर सकते हैं। पेट दर्द की समस्या को दूर करने के लिए नियमित रूप से प्रतिदिन 1 गिलास फालसा जूस का सेवन करें।
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इस औषधीय फल के लाभ के साथ ही इसकी पत्तियां भी उपयोगी होती हैं। फालसा की पत्तियां घावों और एक्जिमा को ठीक करने में मदद करती है। यदि आपको किसी प्रकार की चोट या घाव है तो आप इसकी पतितयों का उपयोग कर सकते हैं। यह घाव को संक्रमण से बचाने के साथ ही उपचार गति में वृद्धि करती हैं। इसके लिए आप फालसा की पत्तियों को पीसकर प्रभावित क्षेत्र में लगाएं। इन्हें लगाने के बाद कुछ देर के लिए इन्हें ऐसे ही छोड़ दें। यह आपके घावों की जलन को शांत करने में भी सहायक होती हैं।
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विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के साथ-साथ फालसा फल कैंसर के प्रभाव को भी कम कर सकता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि फालसा फल में ऐसे रसायन होते हैं जो स्तन कैंसर कोशिकाओं और यकृत कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद करते हैं। यह कैंसर का उपचार नहीं कर सकता है, लेकिन कैंसर के रोगाणुओं के विकास को कम करता है। जिससे कैंसर के प्रभाव को कम करने और उपचार प्रक्रिया को गति देने में मदद मिलती है। आप नियमित रूप से फालसा फल का सेवन कर कैंसर की संभावनाओं को कम कर सकते हैं।
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हमारे गलत खान-पान और खराब पाचन के कारण दस्त की समस्या हो सकती है। आप सभी जानते हैं कि फालसा पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करता है। इसके साथ ही यह दस्त को रोकने में मदद करता है। दस्त के दौरान शरीर में पानी की कमी हो सकती है। जिससे शरीर में मौजूद पोषक तत्व पतले मल के साथ बाहर निकल जाते हैं। ऐसी स्थिति में पोषक तत्वों की की कमी को पूरा करने और दस्त के उपचार के लिए फालसा फल का उपयोग किया जा सकता है।
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विभिन्न प्रकार की श्वसन समस्याओं का इलाज करने के लिए फालसा फल का उपयोग किया जाता है। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, सर्दी और अन्य श्वसन समस्याओं का इलाज करने के लिए फालसा फल का रस फायदेमंद होता है। आप इस जूस को और अधिक स्वादिष्ट और प्रभावी बनाने के लिए इसमें अदरक या नींबू के रस को मिला सकते हैं। यदि आप किसी भी प्रकार की श्वसन समस्याओं से ग्रसित हैं तो इस स्वादिष्ट जूस का सेवन कर सकते हैं। यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
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आप अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए फालसा फल का सेवन कर सकते हैं। लेकिन आप इसे और अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए इसका जूस भी बना सकते हैं। फालसा जूस बनाने का तरीका बहुत ही आसान है। आइए जाने फालसा जूस बनाने की रेसेपी क्या है।
फालसा जूस बनाने के लिए आपको लगभग 250 ग्राम फालसा फल, 3 चम्मच चीनी, 1 नींबू और 1 कप बर्फ की आवश्यकता होती है।
लगभग 30 मिनिट तक फालसा फलों को पानी में भीगने दें और फिर इन्हें बाहर निकाल लें। इन फलों को ग्राइंडर में पीसें। पीसने के बाद इस लुग्दी को किसी कपड़े या अन्य साधन की सहायता से निचोड़लें। एक अलग बर्तन में 3 गिलास ठंडा पानी डालें और इसमें 3 चम्मच चीनी को घोलें। इस मिश्रण में 1 पूरे नींबू का रस मिलायें और इसमें बर्फ को डालकर अच्छी तरह से हिलायें। अब इस संपूर्ण मिश्रण में फालसा फल के रस को मिलायें। इसे अतिरिक्त स्वाद देने के लिए आप इसमें 1 चुटकी काला नमक और 1 चुटकी लाल मिर्च या काली मिर्च मिला सकते हैं। यह मात्रा 5 लोगों के लिए पर्याप्त है। इसके अलावा यह मधुमेह रोगी के लिए अच्छे पूरक के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
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नियंत्रत मात्रा में फालसा फल का सेवन करने से किसी प्रकार के नुकसान नहीं होते हैं। फालसा फल के अब तक किसी विशेष प्रकार के नुकसान या दुष्प्रभावों की जानकारी नहीं है। फिर भी सलाह दी जाती है कि इनका अधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए।
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