What is Fat Source and Benefits in Hindi वसा (fat) एक आवश्यक पोषक तत्व है। यह सामान्य शरीर के कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है। आहार में उपस्थित वसा (Fats) या लिपिड (Lipids) त्वचा स्वास्थ्य को बनाए रखने और पुरानी बीमारी (Chronic Dis ease) को रोकने के लिए आवश्यक हैं, लेकिन गलत तरीके से वसा का सेवन करने से वजन बढ़ने या दिल की बीमारी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। विभिन्न स्वस्थ स्रोतों से प्राप्त वसा सेवन के फायदे और नुकसान की तुलना करते समय वजन, कैलोरी सेवन और स्वास्थ्य चिंताओ पर ध्यान देना अति आवश्यक होता है। विभिन्न स्रोतों के माध्यम से वसा की आवश्यक मात्रा का सेवन करने से शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व की पूर्ति होती है। इस लेख में आप जानेंगे कि वसा क्या है, इसके स्रोत क्या है, तथा वसा के फायदे और वसा के नुकसान क्या है ।
विषय सूची
1. वसा क्या होता है – What is Fat in Hindi
2. वसा के प्रकार – Types Of Fats in Hindi
3. असंतृप्त वसा के प्रकार – Types of Unsaturated Fats in Hindi
4. वसा के स्रोत – Source of Best Healthy Fats in Hindi
5. वसा के फायदे – Health Benefits of Fat in Hindi
6. वसा के नुकसान – Eating Fat Side Effect in Hindi
वसा (Fats), आहार और पोषण के रूप में शरीर का एक आवश्यक हिस्सा है, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
हमारे शरीर को कार्य करने और बीमारी को रोकने में मदद करने के लिए ‘स्वस्थ वसा’ की थोड़ी मात्रा की आवश्यकता होती है। वसा वह आवश्यक पदार्थ है जो मानव शरीर को आकार प्रदान करने, त्वचा को स्वस्थ रखने, आवश्यक विटामिन का अवशोषण करने, प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधर करने और विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने का कार्य करता है। अतः शरीर के लिए एक निश्चित मात्रा में वसा (Fats) की आवश्यकता होती है। परन्तु बहुत अधिक वसा का सेवन मोटापा, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर सहित गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जिससे हृदय रोग का अधिक खतरा होता है।
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संतृप्त वसा क्या है संतृप्त वसा (Saturated Fats) कमरे के तापमान पर ठोस अवस्था में पाए जाते हैं इसी कारण से इन्हें ठोस वसा (Solid Fat) भी कहा जाता है। ये वसा पूरी तरह से संतृप्त (Saturated) होते हैं, अर्थात वसा का प्रत्येक अणु हाइड्रोजन परमाणुओं से जुड़ा हुआ होता है। संतृप्त वसा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते है। लम्बे समय तक उपभोग किए जाने पर, ये स्वास्थ्य जोखिम को बढ़ाते हैं।
Saturated Fats (संतृप्त वसा) का अत्यधिक सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है, जिससे कार्डियोवैस्कुलर बीमारी (Cardiovascular Dis ease) और स्ट्रोक (Stroke) का खतरा बढ़ जाता है।
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Unsaturated Fats (असंतृप्त वसा), कमरे के तापमान पर तरल अवस्था में होते हैं। वे रक्त कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) के स्तर में सुधार कर सकते हैं, सूजन को कम कर सकते हैं और हृदय रोग में सुधार कर सकते हैं। असंतृप्त वसा (Unsaturated Fats) मुख्य रूप से पौधों, जैसे कि वनस्पति तेल, नट और बीज के खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं। असंतृप्त वसा (Unsaturated Fats) को अच्छे वसा के रूप में जाना जाता है। इसे मुख्य रूप से दो भागो में वर्गीकृत किया गया है
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मोनोअनसैचुरेटेड वसा (Monounsaturated Fats) – मोनोअनसैचुरेटेड वसा मुख्य रूप से Avocado, नट्स (Nuts) और वनस्पति तेल जैसे कैनोला (Canola), जैतून और मूंगफली के तेल में अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। मोनोसंसैचुरेटेड (Monounsaturated) वसा युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन, कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (Lipoprotein) जैसे ख़राब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और उच्च घनत्व लिपोप्रोटीन जैसे अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को उच्च रखने में मदद करता है।
पॉलीअनसैचुरेटेड वसा (Polyunsaturated Fats) – इस प्रकार की वसा मुख्य रूप से वनस्पति तेल जैसे कि कुसुम (Safflower), सूरजमुखी, तिल, सोयाबीन और मकई (Corn) के तेलों में पाए जाते हैं। समुद्री भोजन पॉलीअनसैचुरेटेड वसा (Polyunsaturated Fats) का मुख्य स्त्रोत है। पॉलीअनसैचुरेटेड वसा दो प्रकार के होते हैं, ओमेगा -3 और ओमेगा -6 फैटी एसिड।
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Trans Fats (ट्रांस वसा) को एक औद्योगिक प्रक्रिया के द्वारा हाइड्रोजन गैस और उत्प्रेरक की उपस्थिति में तरल वनस्पति तेलों को गर्म करके बनाया जाता है, इस क्रिया को हाइड्रोजनीकरण (Hydrogenation) कहा जाता है। ट्रांस वसा (Trans Fats) आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत तेल (Hydrogenated Oils) भी कहा जाता है।
ट्रांस वसा अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा नहीं देते हैं। ट्रांस वसा (Trans Fats) का सेवन कोरोनरी हृदय रोग (Coronary Heart Dis ease) विकसित करने और अन्य वसा की तुलना में 3 गुना अधिक स्ट्रोक (Stroke) का खतरा बढ़ा सकता है।
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प्राकृतिक वसा में अनेक स्वास्थ्य लाभ पाए जाते हैं, जिनकी प्राप्ति विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों से की जा सकती है। अतः वसा के स्वस्थ लाभ प्राप्त करने के लिए व्यक्ति वसा (Fats) युक्त पदार्थों का उपयोग अपने भोजन के रूप में कर सकता है। वसा (Fats) के अच्छे स्रोत के रूप में निम्न खाद्य पदार्थ शामिल हैं:
एवोकैडो (Avocado) को स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए सबसे स्वस्थ फल के रूप में जाना जाता हैं। ये मोनोसैचुरेटेड वसा (Monounsaturated Fats) में समृद्ध होते हैं, जो अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ावा देते हैं। एवोकैडो (Avocado) में विटामिन-ई भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो घावों को भरने में मदद करता है, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है और त्वचा के लिए एंटी एजिंग पोषक तत्व के रूप में भी कार्य करता है। रसोईघर में एवोकैडो तेल (Avocado Oil) के रूप में इसको आहार में शामिल किया जा सकता है।
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अंडे को कोलेस्ट्रॉल और वसा के उच्च स्रोत के रूप में जाना जाता है। वास्तव में, एक अंडे से कोलेस्ट्रॉल की 212 मिलीग्राम मात्रा प्राप्त की जा सकती है, जो दैनिक कार्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक मात्रा का 71% है। इसके अलावा, एक अंडे से 62% कैलोरी वसा प्राप्त होती है। अंडे को ओमेगा -3, प्रोटीन, विटामिन और खनिजों के सबसे अच्छे समृद्ध स्रोत के रूप जाना जाता है। इसे वजन घटाने के अनुकूल भोजन के रूप में शामिल किया जा सकता है।
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सभी प्रकार के डेयरी उत्पादों में से पूर्ण वसा युक्त दही (Full-Fat Yogurt) विश्वसनीय रूप से स्वस्थ है। यह अन्य सभी वसा युक्त पदार्थों में से महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से परिपूर्ण है। फैट के उत्तम स्रोत के रूप में दही पाचन स्वास्थ्य में सुधार करने, हृदय रोग और मोटापे से लड़ने तथा प्लेग (Plague) जैसी बीमारियों से रक्षा करने के लिए आवश्यक है। अतः हमेशा पूर्ण वसा वाले दही (Full-Fat Yogurt) का चयन करना चाहिए।
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कुछ स्वस्थ वसायुक्त मांसाहारी भोजन के रूप में सबसे लोकप्रिय मछली को माना जाता है। एक उत्तम वसा युक्त मछली के रूप में सैल्मन, ट्राउट (Trout), मैकेरल (Mackerel), सार्डिन (Sardines) और हेरिंग (Herring) शामिल है। ये मछली ओमेगा -3 फैटी एसिड, उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन और महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से परिपूर्ण हैं। मछली खाने वाले लोग हृदय रोग, अवसाद (Depression), डिमेंशिया (Dementia) और सामान्य बीमारियों के जोखिम को कम करने के साथ-साथ, बहुत स्वस्थ होते हैं।
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नारियल और नारियल का तेल (Coconut Oil) घर पर संतृप्त वसा के रूप में उपलब्ध सबसे अच्छा स्रोत हैं। नारियल में 90% संतृप्त फैटी एसिड होने के बाबजूद अधिक मात्रा में नारियल का सेवन करने से हृदय रोग का खतरा बिलकुल भी नहीं होता है। नारियल में मध्यम-श्रृंखला का फैटी एसिड (Fatty Acids) पाया जाता हैं, जो अन्य सभी फैटी एसिड से अधिक लाभकारी होता है। यह चयापचय (Metabolism) को बढ़ावा देता है और अल्जाइमर (Alzheimer’s) वाले लोगों के लिए लाभकारी होता है।
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पनीर (Cheese) अविश्वसनीय रूप से पौष्टिक वसा आहार है। यह कैल्शियम, विटामिन बी-12, फॉस्फोरस और सेलेनियम (Selenium) का एक बड़ा स्रोत है साथ ही साथ इसमें अन्य पोषक तत्व भी शामिल होते हैं। यह प्रोटीन
का भी समृद्ध स्रोत है, पनीर (Cheese) के एक मोटी टुकड़े में लगभग 6.7 ग्राम प्रोटीन होता है, जो कि एक गिलास दूध के समान होता है। अन्य उच्च वसा वाले डेयरी उत्पादों की तरह, पनीर में भी शक्तिशाली फैटी एसिड (Fatty Acids) पाया जाता है, जो कि सभी प्रकार के लाभों को प्रदान कर सकते है।(और पढ़े – पनीर खाने के फायदे और उसमे पाए जाने वाले पोषक तत्व…)
स्वस्थ वसा और फाइबर के उच्च स्रोत के रूप में नट्स (Nuts) लाभकारी होते हैं। इसके साथ ही ये प्रोटीन के भी एक अच्छे स्रोत हैं। लोगों के लिए बेहद जरूरी खनिज जैसे- मैग्नीशियम एवं विटामिन ई की पूर्ति के लिए भी नट्स (Nuts) का सेवन आवश्यक होता है। अध्ययनों से ज्ञात होता है कि नट्स (Nuts) में मोटापा, हृदय रोग और मधुमेह को कम करने के गुण पाए जाते हैं। स्वस्थ नट्स के रूप में बादाम, अखरोट (Walnuts), मैकडामिया नट्स और अन्य शामिल हैं।
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जैतून तेल (Olive Oil) के अनेक प्रकार के लाभदायक गुणों के कारण प्रत्येक व्यक्ति को इसे अपने आहार में शामिल करना चाहिए। यह फैटी भोजन के रूप में, सभी प्रकार से स्वस्थ है। प्राकृतिक जैतून का तेल (Virgin Olive Oil) में विटामिन E और K प्रचुर मात्रा में होते हैं, साथ ही साथ यह शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) का भी प्रमुख स्रोत है।
सूजन और रक्तचाप को कम करने, कोलेस्ट्रॉल में सुधार करने और दिल की बीमारी के जोखिम को कम करने में जैतून का तेल (Olive Oil) लाभदायक होता है।
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एक स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ के रूप में डार्क चॉकलेट (Dark Chocolate), वसा और एंटीऑक्सीडेंट गुणों में समृद्ध है, जो शरीर में बीमारी का कारण बनने वाले मुक्त कणों (Free Radicals) को कम करने में मदद करते हैं। यह लगभग 65% कैलोरी के साथ वसा से संपन्न होते हैं। इसके अतिरिक्त डार्क चॉकलेट (Dark Chocolate) फाइबर, लोहा, मैग्नीशियम, तांबा और मैंगनीज की पूर्ति के लिए भी आवश्यक होती हैं। डार्क चॉकलेट मस्तिष्क कार्यों (Brain Function) को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।
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वसा में विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ इसमें उपस्थित विभिन्न खनिज, फैटी एसिड (Fatty Acids) और अन्य पोषक तत्वों की उपस्थिति के कारण पाए जाते हैं। अतः वसा का सेवन मानव स्वास्थ्य के लिए विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है, जो निम्न हैं:
वसा, ऊर्जा भंडारण (Stores Energy) के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीवन के बाद के चरणों में वृद्ध व्यक्तियों के वजन में तेजी से कमी आती है, इसलिए इस अवस्था में ऊर्जा भंडारण अत्यंत लाभकारी होता है। वसा लम्बे समय तक ऊर्जा की पूर्ति करता है। तथा स्टोर ऊर्जा (Stores Energy) कैंसर रोगियों के लिए, रोग से लड़ने के लिए भी आवश्यक होती है, क्योंकि कैंसर अक्सर वजन में कमी और कमजोरी का कारण बनता है।
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वसा-घुलनशील विटामिन जैसे- A, E, D और K शरीर के वसा ऊतक द्वारा अवशोषित किए जाते हैं। अतः जब लोग आहार में वसा पदार्थों के सेवन में कमी करते हैं, तो वे इन विटामिनों के अवशोषण में भी कमी करते हैं। अतः वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण में वृद्धि करता है, जिससे सूजन को कम करने, रक्त का थक्का जमने, त्वचा को स्वस्थ रखने और हड्डियों को मजबूत करने में मदद मिलती है।
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ठंडे मौसम में, अधिक वजन वाले व्यक्ति को दुबले व्यक्ति की तुलना में अधिक लाभ प्राप्त होता है। वसा एक इंसुलेटर (Insulator) की तरह कार्य करता है। जब व्यक्ति अत्यधिक ठंडे मौसम के संपर्क में आते हैं, तो वसा शरीर के अन्दर गर्मी को बनाये रखता है, जिससे व्यक्ति को अधिक ठंड की अनुभूति नहीं हो पाती है। यह तापमान को सामान्य रखने में मदद करता है।
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विसरल फैट (Visceral Fat) या अंगों के चारों ओर स्थित वसा गुर्दे (Kidneys), यकृत (Liver) और दिल के लिए गद्दी (Padding) और ऊर्जा स्रोत के रूप में कार्य करता है। अतः वसा शारीरिक सुरक्षा के लिए एक परत प्रदान करता है। यह खेल-कूद, प्रतिस्पर्धा और प्रशिक्षण कार्य के दौरान शारीरिक अंगों की आघात से रक्षा करता है।
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प्रोटीन में उपस्थित एमिनो एसिड की तरह, वसा में भी आवश्यक फैटी एसिड (Fatty Acids) पाए जाते हैं। ये आवश्यक फैटी एसिड अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक होते हैं। वसा में उपस्थित फैटी एसिड दिल और प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वास्थ्य रखने में मदद करते हैं। मानव शरीर इन फैटी एसिड (Fatty Acids) को स्वयं उत्पन्न नहीं कर सकता है, इसलिए इनकी पूर्ति वसा की खपत के रूप में की जाती है। इसके साथ ही भोजन से वसा-घुलनशील विटामिन A, D, E और K का अवशोषण करने के लिए शरीर को वसा की आवश्यकता होती है। ये विटामिन त्वचा, हड्डियों, दांतों और आंखों को स्वस्थ बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अतः शरीर को स्वास्थ्य रखने के लिए एक निश्चित मात्रा में वसा का सेवन कारण चाहिए।
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पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए वसा युक्त पदार्थ का सेवन संतुलित मात्रा में करना जरूरी होता है। लेकिन वसा की उच्च खुराक विभिन्न प्रकार की समस्याओं को जन्म दे सकती है। वसा पदार्थों के अत्यधिक सेवन से निम्न समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता हैं, जैसे:
फैटी खाद्य पदार्थ में कैलोरी की अधिक मात्रा (1 ग्राम वसा = 9 कैलोरी) पाई जाती है, जिसके कारण इसका अधिक मात्रा में सेवन करने के दौरान अत्यधिक कैलोरी शरीर में वसा के रूप में संचित हो जाती है और वजन बढ़ाने का कारण बनती है। मानव शरीर वसा का भंडारण करता हैं और भोजन की कमी होने पर इसे ऊर्जा के रूप में उपलब्ध करता हैं। लेकिन वसा युक्त भोजन की हर समय उपलब्धता के कारण शरीर वसा भंडार की खपत नहीं कर पता है, जिससे वसा जमा होता रहता है और अधिक वजन और मोटापा का कारण बनता हैं।
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वसा में उपस्थित ओमेगा-6 फैटी एसिड (Omega-6 Fatty Acids) के उच्च स्तर का सेवन कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिमों को बढ़ाता है। शोध से पता चलता है कि नियमित आधार पर ट्रांस और संतृप्त वसा खाने से प्रोस्टेट (Prostate), कोलन (Colon) और रेक्टम (Rectum) कैंसर समेत विभिन्न कैंसर के लिए जोखिम बढ़ सकता है।
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Fat (वसा) का अत्यधिक सेवन शरीर में उच्च कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) का कारण बनता है। शरीर में यकृत (Liver) कोलेस्ट्रॉल पैदा करता है, जो एक स्वस्थ शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है और शरीर के अन्य आवश्यक रसायनों के निर्माण में अपनी भूमिका निभाता है। कोलेस्ट्रॉल एक कोमल, मोमिक पदार्थ है, जो कम मात्रा में रक्त के माध्यम से शरीर के चारों ओर स्वतंत्र रूप से बहता है। कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) के उच्च स्तर के कारण कोरोनरी हृदय रोग (Coronary Heart Dis ease) विकसित करने के जोखिम बढ़ जाते हैं।
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वसा में उपस्थित आवश्यक ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acids) की अधिक मात्रा का सेवन, रक्त को पतला कर सकता है। जो अत्यधिक रक्तस्राव का कारण बनता है। शरीर में वसा की अत्यधिक मात्रा, रक्त से सम्बंधित स्थितियों जैसे मधुमेह और उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए गंभीर समस्या पैदा कर सकती है। इसके साथ ही इसकी अधिक मात्रा छोटी चोटों को बढ़ा कर सकती हैं।
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पूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए वसा का सेवन निश्चित मात्रा में करना जरूरी होता है। वसा अर्थात ओमेगा 3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acids) की अधिक मात्रा होने के कारण टाइप 2 मधुमेह (Type 2 Diabetes) से पीड़ित लोगों में रक्त ग्लूकोज का स्तर बढ़ने की समस्या पैदा होती है। इससे धुंधली दृष्टि या दिखाई देने की क्षमता में कमी जैसे लक्षण प्रगट हो सकते हैं। इसके साथ ही रक्त में उच्च ग्लूकोज के स्तर, रक्त वाहिका (Blood Vessel) और महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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कुछ शोध से पता लगाया गया है कि मस्तिष्क रोगों और ह्रदय रोगों के विकास के लिए वसा युक्त पदार्थ में उपस्थित ओमेगा 6 फैटी एसिड की अत्यधिक मात्रा जिम्मेदार होती है। ओमेगा 6 फैटी एसिड (Omega-6 Fatty Acids) का अत्यधिक सेवन करने से खून के थक्के बन सकते हैं, जो दिल में रक्त के प्रवाह को प्रतिबंधित करते हैं और दिल के दौरे जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इसके साथ ही इसकी उच्च मात्रा डिप्रेशन (Depression) का कारण बन सकती है।
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उच्च वसा युक्त भोजन का सेवन शरीर में हानिकारक वसा के भण्डारण को बढ़ावा दे सकता है, जो अनेक प्रकार की बीमारियों का कारण बन सकता है। तले हुआ भोजन में शामिल हानिकारक वसा, किडनी की बीमारी वाले व्यक्तियों के लिए जोखिम पैदा कर सकता हैं। अतः किडनी रोग वाले व्यक्ति वसा आहार का सेवन नहीं करना चाहिए क्योकिं यह किडनी की विफलता, हार्ट अटैक (Heart Attacks), दिल की विफलता स्ट्रोक (Heart Failure Stroke) और मृत्यु के जोखिमों को बढ़ावा देती हैं।
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