फैटी लिवर लाइफस्टाइल से जुड़ी एक आम समस्या है जिससे बहुत से लोग पीड़ित हैं। उम्र बढ़ने के साथ फैटी लिवर होना बहुत सामान्य है। फैटी लिवर रोग लिवर को डैमेज कर देता है जिससे यह सही तरीके से काम नहीं कर पाता है। फैटी लिवर के लक्षण सांसों में बदबू, पेट फूलना, अपच, अचानक वजन घटना और समय से पहले बाल सफ़ेद होना है। हालांकि जीवनशैली और खानपान में सुधार करके फैटी लिवर की समस्या से बचा जा सकता है। लेकिन इससे पहले यह जानना जरुरी है कि कौन से आहार फैटी लिवर के लिए अच्छे हैं और कौन से नुकसानदायक। इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि फैटी लिवर डाइट – फैटी लिवर में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।
लिवर में अधिक मात्रा में फैट जमा होने की समस्या को फैटी लिवर कहा जाता है। लिवर भोजन को डाइजेस्ट होने में सहायता करता है और बॉडी को एनर्जी प्रदान करता है। जब लिवर में अत्यधिक फैट जमा हो जाता है तो कई तरह की बीमारियां उत्पन्न होने लगती हैं। फैटी लिवर दो प्रकार का होता है
नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज : फैटी लिवर की यह समस्या असंतुलित डाइट और खराब लाइफस्टाइल के कारण होती है। समस्या गंभीर होने पर लिवर कैंसर, सिरोसिस और फाइब्रोसिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज: यह समस्या अधिक एल्कोहल का सेवन करने के कारण होती है। एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज से पीड़ित व्यक्ति को भविष्य में सिरोसिस और एल्कोहलिक हेपेटाइटिस जैसे रोग हो सकते हैं।
लिवर को मजबूत करने के लिए क्या खाना चाहिए, आमतौर पर यह जानकारी हर किसी को होनी चाहिए। फैटी लिवर होने पर उन्हीं चीजों को अधिक खाना चाहिए जिनमें कम मात्रा में फैट पाया जाता है अन्यथा ब्लड शुगर बढ़ सकता है। आइये जानते हैं फैटी लिवर में क्या खाना चाहिए।
फैटी लिवर में कॉफी पीना फायदेमंद होता है। कॉफी में कैफीन पाया जाता है जो लिवर को डैमेज होने से बचाता है और असामान्य लिवर एंजाइम को घटाता है जिसके कारण लिवर स्वस्थ होता है। ज्यादातर घरों में रोजाना सुबह लोग कॉफी पीते हैं। वास्तव में यह कैफिनेटेड ड्रिंक शरीर में एनर्जी को बढ़ाता है जिसके कारण लिवर में जमा फैट बर्न होता है और मेटाबोलिज्म बेहतर तरीके से काम करता है। इसलिए फैटी लिवर वालों को कॉफी जरुर पीना चाहिए।
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फैटी लिवर वालों को अपना लिवर मजबूत करने के लिए ब्रोकली खाना चाहिए। ब्रोकली में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो शरीर से टॉक्सिन को निकालता है और बॉडी फैट को कम करता है। इसके साथ ही ब्रोकली ट्राइग्लिसराइड और हिपैटिक मैक्रोफेज (macrophage) को कम करने में मदद करता है जिसके कारण लिवर हेल्दी रहता है और लिवर से जुड़ी बीमारियां नहीं होती हैं।
लिवर में जब फैट बढ़ जाए तो ऐसी स्थिति में ओट्स खाना चाहिए। वास्तव में ओट्स में डाइटरी फाइबर और ओमेगा 3 फैटी एसिड पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है जो वजन घटाने में मदद करता है। रोजाना ओटमील खाने से अतिरिक्ट फैट बर्न होता है और नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज ठीक होने में मदद मिलता है। ओटमील को दूध में बनाते समय इसमें शहद और चीनी की बजाय एक चुटकी नमक डालिए। इसके साथ ही बेरी और नट्स मिलाने से ओट्स का स्वाद बढ़ जाता है और यह बॉडी को लंबे समय तक एनर्जी देता है। ओट्स को गाजर, ब्रोकली और मशरुम के साथ भी पकाया जा सकता है। फैटी लिवर वाले लोगों के लिए यह एक बेस्ट डाइट है।
लिवर को हेल्दी रखने और फैटी लिवर की समस्या होने पर सूरजमुखी के बीज का सेवन करना चाहिए। सूरजमुखी के बीज में पर्याप्त मात्रा में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी पाया जाता है। इसके साथ ही सूरजमुखी के बीज में डायटरी फाइबर और कॉपर पाया जाता है जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज ठीक हो जाता है। रोजाना ब्रेकफास्ट में एक कटोरी सूरजमुखी के बीज का स्मूदी खाने से लिवर का फैट कम होता है और लिवर हेल्दी होता है।
फैटी लिवर के लिए ऑलिव ऑयल रामबाण है। ऑलिव ऑयल ब्लड लिपिड में सुधार करता है और ग्लूकोज मेटाबोलिज्म को बढ़ाने का काम करता है। इसके साथ ही ऑलिव ऑयल मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड का मुख्य स्रोत है और यह नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज से पीड़ित लोगों के इलाज में मदद करता है। रोजाना 4 से 5 चम्मच ऑलिव ऑयल का सेवन करने से लिवर में जमा फैट घटता है जिसके कारण वजन कंट्रोल होता है और लिवर भी स्वस्थ रहता है। ऑलिव ऑयल को सलाद, रोस्ट और फ्राइड वेजिटेबल में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
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फैटी लिवर डाइट में लहसुन की अहम भूमिका है। लिवर में फैट बढ़ जाने पर हर रोगी को लहसुन का सेवन करना चाहिए। लहसुन एक सुपर फूड है जिसमें एलिसिन नामक कंपाउंड पाया जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है और नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज से सुरक्षा प्रदान करता है। इसके साथ ही यह शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालता है और बॉडी फैट को बर्न करता है। रोजाना सुबह खाली पेट लहसुन की कच्ची कलियां चबाने से लिवर का फैट कम होता है। इसके अलावा लहसुन को सूप और सलाद के रुप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
लिवर को मजबूत बनाने और फैटी लिवर की समस्या से छुटकारा पाने के लिए रोजाना ग्रीन टी का सेवन करना फायदेमंद होता है। ग्रीन टी को एंटीऑक्सीडेंट का स्टोरहाउस माना जाता है जो हिपैटिक इंफ्लैमेशन को कम करने के साथ ही लिवर फैट को बर्न करता है और नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज से पीड़ित व्यक्तियों में लिवर एंजाइम को कम करता है। रोजाना दिन में 3 या 4 कप ग्रीन टी पीने से लिवर में जमा एक्स्ट्रा फैट कम होता है।
फैटी लिवर में क्या खाना चाहिए, यह आपको हमेशा ध्यान रखना चाहिए। रोजाना सब्जियां और फल खाने से फैट प्रतिशत घटता है और लिवर की वसा कम होती है जिसके कारण लिवर हेल्दी बनता है। अपने भोजन में अलग-अलग पोषक तत्वों वाली रंगीन सब्जियां और फल शामिल करें। फैटी लिवर से पीड़ित मरीजों को रोजाना पांच अलग-अलग प्रकार की सब्जियां और तीन अलग प्रकार के फल खाना चाहिए। इससे कम समय में ही फैटी लिवर की समस्या दूर हो जाती है।
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लिवर में वसा जमने पर टोफू खाने के फायदे होते हैं। आमतौर पर डॉक्टर भी फैटी लिवर के मरीजों को टोफू खाने की सलाह देते हैं। टोफू में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है और रेगुलर टोफू का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है। सिर्फ इतना ही नहीं टोफू बॉडी में प्रोटीन और एल्बुमिन की सांद्रता को बढ़ाता है और वजन को कंट्रोल रखता है। अगर आपका लिवर फैटी है तो आपको रोजाना अपने लंच या डिनर में टोफू खाना चाहिए। सलाद में भी टोफू को शामिल किया जा सकता है।
लिवर को मजबूत बनाने और फैटी लिवर की समस्या को कम करने के लिए नियमित अखरोट खाना फायदेमंद होता है। अखरोट में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और हेल्दी फैट पाया जाता है जो हिपैटिक ट्राइग्लिसराइड और सूजन को कम करता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है। रोजाना ब्रेकफास्ट स्मूदी में अखरोट शामिल करें या ओटमील के साथ अखरोट का सेवन करना फैटी लिवर के रोगियों के लिए फायदेमंद है।
फैटी लिवर की डाइट में एवोकैडो भी शामिल किया जाता है। एवोकैडो में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है जो लिवर के सूजन और बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करता है और ब्लड में ट्राइग्लिसराइड के लेवल को घटाता है। इसके साथ ही यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। रोजाना सुबह नाश्ते में एवोकैडो खाने से वजन नहीं बढ़ता है और लिवर में जमा एक्स्ट्रा फैट बर्न होता है।
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ब्रेकफास्ट
लंच
स्नैक
डिनर
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फैटी लिवर के मरीजों को चावल नहीं खाना चाहिए। वास्तव में चावल में कार्बोहाइड्रेट होता है जो ब्लड शुगर को बढ़ा देता है जिसके कारण लिवर में एक्स्ट्रा फैट जमा होने लगता है। इसलिए फैटी लिवर में चावल या चावल से बने किसी भी खाद्य पदार्थ को खाने से परहेज करना चाहिए।
फैटी लिवर में दही खाने से पेट में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ते हैं जिससे लिवर मजबूत होता है। हालांकि फैटी लिवर की समस्या होने पर प्रोबायोटिक दही या बिना मलाई वाली दही या ग्रीक दही खाना चाहिए। खूब मलाई वाली दही खाने से लिवर में वसा का स्तर बढ़ सकता है।
फैटी लिवर में दूध पीना तभी फायदेमंद होता है जब दूध में मलाई बिल्कुल न हो। मलाई रहित दूध में ओट्स बनाकर खाना फायदेमंद होता है। इसके साथ ही बिना मलाई के दूध पीना अच्छा माना जाता है। बिना मलाई के दूध में बनी कॉफी फैटी लिवर की समस्या को दूर करने के लिए सेवन किया जाता है।
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