वर्तमान में फेफड़ों के संक्रमण से सम्बंधित अधिक मामले देखने को मिलते हैं, और यह रोग मृत्यु का कारण भी बनते हैं। फेफड़े के संक्रमण की स्थिति में सूजन, संक्रीण वायुमार्ग, क्षतिग्रस्त वायुकोष इत्यादि समस्याएं उत्पन्न होती हैं। फेफड़ों के संक्रमण की बीमारी एक वायरस, कवक या बैक्टीरिया के कारण उत्पन्न होती है। सबसे आम फेफड़ों में संक्रमण के रूप में इन्फ्लूएंजा (फ्लू), तपेदिक (टीबी), ब्रोंकाइटिस और निमोनिया शामिल हैं। फेफड़ों में इन्फेक्शन की स्थिति में व्यक्ति अनेक प्रकार के लक्षणों को महसूस करता है। यह लक्षण सर्दी या फ्लू के समान अधिक सामान्य होने के साथ-साथ अधिक गंभीर तक हो सकते हैं और लंबे समय तक रहते हैं। अतः व्यक्ति को समय पर इसके लक्षणों की पहचान कर इलाज प्राप्त करना आवश्यक होता है। आज के इस लेख में आप फेफड़ों में इन्फेक्शन का कारण, लक्षण, जांच, इलाज, बचाव और घरेलू उपचार के बारे में जानेगें।
वायरस, बैक्टीरिया और कभी-कभी एक कवक (fungus) के कारण फेफड़ों के प्रभावित होने की स्थिति फेफड़ों का संक्रमण कहलाती है। जब यह सूक्ष्मजीव किसी व्यक्ति के फेफड़ों में इकट्ठा होते हैं, तो फेफड़ों में वायुकोष (air sacs) मवाद और तरल से भर जाती है, जिससे व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है। संक्रमित व्यक्ति द्वारा छींकने या खांसने के दौरान बैक्टीरिया या वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरित हो सकते हैं, और फेफड़ों में संक्रमण का कारण बन सकते हैं। फेफड़ों के संक्रमण का सबसे सामान्य प्रकार निमोनिया है।
फेफड़ों में इन्फेक्शन से सम्बंधित रोग के नाम निम्न हैं:
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फेफड़ों के संक्रमण की बीमारी में मुख्य रूप से निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
फ्लू (इन्फ्लुएंजा) नामक फेफड़ों का संक्रमण रोग, इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है। यह एक सामान्य मौसमी श्वसन संक्रमण (seasonal respiratory infection) है जो नाक, गले और फेफड़ों को प्रभावित करता है। बुजुर्गों, नवजात शिशुओं और पुरानी चिकित्सा स्थितियों वाले लोगों को विशेष रूप से फ्लू होने का खतरा अधिक होता है। इन्फ्लुएंजा नामक फेफड़ों का संक्रमण, गंभीर और जीवन के लिए घातक हो सकता है।
इन्फ्लुएंजा के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
तपेदिक को आमतौर पर क्षय रोग या टीबी के रूप में जाना जाता है, एक अत्यधिक संक्रामक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है, जो फेफड़ों को प्रभावित करता है। अगर टीबी या तपेदिक का सही तरीके से इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा हो सकती है। यह फेफड़ों का संक्रमण रोग शरीर के अन्य अंगों जैसे किडनी, रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकता है। तपेदिक की स्थिति निम्न लक्षणों के उत्पन्न होने का कारण बन सकती है, जैसे:
टीबी से सम्बंधित अन्य लक्षणों में शामिल हैं:
निमोनिया, जो फेफड़ों के छोटे वायुकोष (air sacs) (एल्वियोली (alveoli)) को प्रभावित करता है, यह फेफड़ों का संक्रमण अक्सर बैक्टीरिया के कारण होता है, लेकिन एक वायरस के कारण भी हो सकता है। निमोनिया का आमतौर पर इलाज संभव है, लेकिन यह संक्रमण बुजुर्गों में घातक हो सकता है। निमोनिया के लक्षणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
जब बड़ी ब्रोन्कियल नलिकाएं (bronchial tubes), जो फेफड़ों से हवा को बाहर ले जाती हैं, संक्रमित हो जाती हैं और उनके अस्तर में सूजन आ जाती है, तो इस स्थिति को ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) कहा जाता है। बैक्टीरिया की अपेक्षा वायरस के कारण ब्रोंकाइटिस नामक फेफड़ों का संक्रमण होने की अधिक संभावना होती है। ब्रोंकाइटिस दो प्रकार का होता है-
वायरस, फेफड़ों या फेफड़ों तक जाने वाले वायु मार्ग पर भी हमला कर सकते हैं, और व्यक्ति को बीमार बना सकते हैं। इस रोग को ब्रोंकियोलाइटिस (bronchiolitis) कहा जाता है। वायरल ब्रोंकियोलाइटिस (Viral bronchiolitis) सबसे अधिक बच्चों और शिशुओं को प्रभावित करता है।
फेफड़ों के संक्रमण से सम्बंधित लक्षण हल्के से अधिक गंभीर तक हो सकते हैं, जो कि संक्रमण रोग के प्रकार पर निर्भर करते हैं। लक्षणों की गंभीरता पीड़ित व्यक्ति की उम्र और समग्र स्वास्थ्य सहित अनेक कारकों पर निर्भर करती है। फेफड़ों में इन्फेक्शन से सम्बंधित लक्षण सर्दी या फ्लू की बीमारी के समान हो सकते हैं, लेकिन यह लंबे समय बने रहते हैं।
यदि किसी व्यक्ति को फेफड़ों का संक्रमण है, तो वह निम्न लक्षणों को प्राप्त कर सकता है, जिनमें शामिल हैं:
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फेफड़ों के इन्फेक्शन का मुख्य कारण आमतौर पर वायरस, बैक्टीरिया या फंगल हो सकते हैं। क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) की स्थिति से पीड़ित व्यक्ति भी फेफड़ों में संक्रमण की स्थिति को प्राप्त कर सकते हैं।
ब्रोंकाइटिस नामक फेफड़ों के संक्रमण का कारण बनने वाले सूक्ष्मजीवों में निम्न शामिल हो सकते हैं, जैसे:
निमोनिया के लिए जिम्मेदार सबसे आम सूक्ष्मजीवों में शामिल हैं:
फेफड़े में संक्रमण की स्थिति शायद ही कभी कवक (fungi) जैसे कि न्यूमोसिस्टिस जिरोवेसी (Pneumocystis jirovecii), एस्परगिलस (Aspergillus) या हिस्टोप्लाज्मा कैप्सुलटम (Histoplasma capsulatum) के कारण उत्पन्न हो सकती है।
एक फंगल लंग इन्फेक्शन (fungal lung infection) उन लोगों में अधिक होता है जो कुछ प्रकार के कैंसर या एचआईवी से या इम्यूनोसप्रेस्सिव (immunosuppressive) दवाएँ लेने से प्रतिरक्षादमन (immunosuppressed) होते हैं।
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बच्चों और वृद्ध वयस्कों को फेफड़ों में संक्रमण होने का ख़तरा अधिक होता है। इसके अधिक निम्न स्थितियां भी फेफड़ों में संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
यदि उपचार न किया जाए तो, फेफड़े में संक्रमण की स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है और अनेक गंभीर समस्याओं को उत्पन्न कर सकती है। सामान्य तौर पर, निम्न लक्षणों के प्रगट होने पर पीड़ित व्यक्ति को डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए, जैसे:
एक डॉक्टर फेफड़े में इन्फेक्शन की समस्या का निदान करने के लिए पहले मरीज के चिकित्सकीय इतिहास के बारे में जानकारी लेगा और लक्षणों से सम्बंधित कुछ प्रश्न पूछेगा।
फेफड़ों के संक्रमण की जाँच करने के लिए डॉक्टर निम्न परीक्षणों की सहायता ले सकता है, जैसे:
ब्रोंकोस्कोपी (Bronchoscopy) – ब्रोंकोस्कोपी, फेफड़ों तक जाने वाली नलियों का एक दृश्य परीक्षण है। इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर ऊतक, तरल या बलगम के नमूने को भी प्राप्त कर सकता है।
आर्टेरिअल ब्लड गैस टेस्ट (arterial blood gases test) – यह परीक्षण धमनी (artery) से प्राप्त रक्त के नमूने में ऑक्सीजन के स्तर को मापता है। डॉक्टर इस परीक्षण का उपयोग कर यह पता लगाता है कि फेफड़ों से रक्तप्रवाह में पर्याप्त ऑक्सीजन मिल रही है या नहीं।
(और पढ़ें: फेफड़े के रोग, कारण, लक्षण, जांच, इलाज और बचाव)
अधिक गंभीर फेफड़ों के संक्रमण की स्थिति में मरीज को अस्पताल में भर्ती रहने की सिफारिश की जा सकती है। यदि कोई व्यक्ति सांस लेने में कठिनाई का अनुभव करता है, तो उसे अंतःशिरा तरल पदार्थ और श्वसन चिकित्सा (respiratory therapy) या ऑक्सीजन थेरेपी प्रदान की जा सकती है। इसके अतिरिक्त फेफड़ों में संक्रमण की कारणों के आधार पर निम्न उपचार की सिफारिश की जा सकती है:
फेफड़ों में संक्रमण की स्थिति से पीड़ित व्यक्ति, कुछ घरेलू उपचार अपनाकर, शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार कर सकते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार ला सकते हैं। फेफड़ों में इन्फेक्शन के घरेलू उपाय के तहत निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
(और पढ़ें: फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए योग)
सभी प्रकार के फेफड़ों के संक्रमण को रोका नहीं जा सकता है। लेकिन व्यक्ति कुछ उपाय अपनाकर इसके जोखिमों और लक्षणों को कम करने में मदद प्राप्त कर सकता है, इन उपाय में शामिल हैं:
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