फीमेल कंडोम एक रेग्युलर डिवाइस होता है जिसे महिलाएं सेक्स के दौरान इस्तेमाल करती हैं। फीमेल कंडोम का उपयोग महिलाओं में गर्भ निरोधक की तरह काम करता है और एसटीडी और अनचाहे गर्भ के खतरे से छुटकारा दिलाता है। रेग्युलर कंडोम और फीमेल कंडोम(female condom) में बस एक यही फर्क है कि इसे महिलाएं पुरुषों की तरह बाहर नहीं बल्कि अंदर पहनती हैं। फीमेल कंडोम का उपयोग योनि के बीच वीर्य के स्खलन को अवरूद्ध कर देता है और इससे गर्भधारण नहीं होता है।
ऐसी होती है फीमेल कंडोम की बनावट – shape of female condom in hindi
ये एक पतली और मुलायम से ढीली फिट होने वाले खोल की तरह होता है जिसके दोनों और रिंग होती है और ये अलग- अलग साइज़ में भी आता है। इस डिवाइस का सही तरीके से कार्य करना इसके साइज़ पर निर्भर करता है। इसमें से एक रिंग को वजाइना के अंदर फिट किया जाता है और ये संभोग के दौरान गर्भ ठहरने से बचाती है जबकि दूसरी रिंग बाहर रहती है।
लैटेक्स से बना होता है ये कंडोम – The condom is made of latex in hindi
female condom पॉलीयूथरेन से बनी हो ती हैं और इन्हें नैचुरल लैटेक्स से बनाया जाता है। पुरुषों की कंडोम भी इसी से बनती है। भारत में ये कई ब्रांड के नाम से बिकती है! रेग्युलर मेल कंडोम की तुलना में फीमेल कंडोम एसटीडी जैसी बीमारियों से बचाने में ज्यादा कारगर साबित हुई है।
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फीमेल कंडोम नहीं है महिलाएं की पसंद – Female condom is not the choice of women in hindi
इन सब फायदों के बावजूद फीमेल कंडोम बहुत कम बिकती हैं, खासकर विकासशील देशों में इसकी बिक्री बहुत कम है। हालांकि, परिवार नियोजन गतिविधियों के साथ-साथ भारत जैसे विकासशील देशों में इसे कार्यान्वित करना सफल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक कीमत और इसे लगाने के तरीके के थोड़े कठिन होने के कारण इसकी बिक्री कम होती है।
फीमेल कंडोम एक लुब्रिकेटेड पाउच होता है जिसे योनि के अंदर डाला जाता है ताकि आपकी सेक्स लाइफ, संबंध और स्वास्थ्य नियंत्रित रहे। आइये female condom के 10 fact के बारे में जानें ताकि आप सेक्स लाइफ फुल इंजॉय कर सके।
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फीमेल कंडोम से जुड़े 10 fact – 10 facts related to Female condom in hindi
फैक्ट 1
फीमेल कंडोम स्पर्म को कंडोम के अन्दर और योनि के बाहर रखता है। कंडोम के प्रत्येक सिरे पर एक नरम रिंग होता है (ताकि कंडोम अपनी जगह पर बना रहे), जो योनि या गुदा के अन्दर के भाग को ढँक कर रखता है ताकि स्पर्म बाहर ही रहे। यह जानने के लिए कि female condom को किस तरह अंदर डाला जाता है, यहाँ देखें।
फैक्ट 2
साधारणत: फीमेल कंडोम 75-82% सुरक्षा प्रदान करते हैं और यदि हमेशा इसका सही उपयोग किया जाए तो फीमेल कंडोम 95% तक प्रभावी होते हैं।
फैक्ट 3
कंडोम को सेक्स करने के आठ घंटे पहले योनि में डाला जा सकता है और हर बार सेक्स करने से पहले नया कंडोम डालना चाहिए। फीमेल कंडोम को मासिक धर्म या गर्भावस्था के समय (या बच्चे के जन्म के बाद) भी उपयोग में लाया जा सकता है।
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फैक्ट 4
कुछ महिलाओं में फीमेल कंडोम के उपयोग के कारण योनि, वुल्वा, पेनिस या गुदा में जलन हो सकती है। इससे संभोग का आनंद भी कम हो सकता है या सेक्स करते समय कंडोम योनि में या गुदा में अंदर जा सकता है।
फैक्ट 5
फीमेल कंडोम निट्रील (एक कृत्रिम रबर जो बीमारियों से रक्षा करता है और उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है जिन्हें लेटेक्स की एलर्जी होती है) से बना होता है और यह स्थानीय मेडिकल दुकानों, सुपरमार्केट या परिवार नियोजन केन्द्रों में उपलब्ध होता है।
फैक्ट 6
फीमेल कंडोम का उपयोग करने के लिए किसी प्रिस्क्रिप्शन (डॉक्टर का पर्चा) की आवश्यकता नहीं होती।
फैक्ट 7
female condom का उपयोग ऑइल बेस या वॉटर बेस लुब्रिकेंट्स दोनों के साथ किया जा सकता है। यदि सेक्स के दौरान कंडोम टूट/लीक/बाहर आ जाता है तो पांच दिनों तक इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन पिल्स लें। आपको यह सलाह भी दी जाती है कि आप यौन संबंधों से होने वाले संक्रमण की जांच भी करवा लें।
फैक्ट 8
सेक्स के दौरान फीमेल कंडोम का उपयोग करना आसान और सुरक्षित होता है।
फैक्ट 9
जन्म नियंत्रण करने वाली गोलियों की तरह फीमेल कंडोम का भी महिलाओं के प्राकृतिक हार्मोन्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। कृपया ध्यान दें: अधिक सावधानी के लिए जन्म नियंत्रण की गोलियों के साथ भी कंडोम का उपयोग किया जा सकता है।
फैक्ट 10
यह आवश्यक नहीं है कि आप मेल और female condom एक समय में ही उपयोग करें क्योंकि ऐसा करने से दोनों कंडोम्स के फट जाने या टूटने का खतरा रहता है।
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