Mahila banjhpan in Hindi बच्चे को जन्म देने में असमर्थता को बांझपन (Infertility) कहा जाता है। यदि कोई महिला गर्भधारण करने के लिए एक साल तक असुरक्षित यौन संबंध बनाती है लेकिन उसके बाद भी वह गर्भवती नहीं हो पाती है तो इसका अर्थ यह है कि उस महिला को बांझपन की समस्या है। इस लेख में आप जानेंगे महिला बांझपन के कारण, लक्षण, जाँच और इलाज के बारे में। किस प्रकार से एक महिला बाँझपन से छुटकारा पा सकती है और इसके इलाज क्या है होते है। Female Infertility Causes, symptoms, diagnosis and treatment in Hindi
विषय सूची
1. प्रेगनेंट कैसे होते है – how to get pregnant in hindi
2. महिला बांझपन के कारण – Causes of Female Infertility in Hindi
3. महिला बांझपन उत्पन्न करने वाले कारक – Risk factors of Female Infertility in Hindi
4. महिला बांझपन के लक्षण – Symptoms of Female Infertility in Hindi
5. बांझपन की जाँच – Diagnosis for Female Infertility in Hindi
6. महिला बांझपन का इलाज – Treatment of Female Infertility in Hindi
7. महिलाओं में बांझपन से बचाव – Prevention of Female Infertility in Hindi
8. महिलाओं में प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ – Fertility Foods For Women in Hindi
महिलाओं को प्रेगनेंट होने के लिए अंडाशय में अंडों का बनना जरूरी होता है। जब अंडाशय में अंडों का निर्माण होता है तो ये अंडे फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से गर्भाशय (uterus) में पहुंचते हैं। वहां जब पुरुष का स्पर्म महिला के अंडे से मिलता है तो निषेचन की क्रिया होती है। इसके बाद निषेचित अंडा गर्भाशय की दीवार से चिपक जाता है और भ्रूण के रूप में विकसित होने लगता है। इसकी अवधि पूरी हो जाने के बाद महिला बच्चे को जन्म देती है। लेकिन जिन महिलाओं के गर्भाशय में ये पूरी प्रक्रिया नहीं हो पाती हैं उन महिलाओं को बांझपन की समस्या होती है।
(और पढ़े – जल्दी और आसानी से गर्भवती होने के तरीके)
banjhpan ke karan in hindi महिलाओं में बांझपन के कई कारण होते हैं। उनमें से एक कारण महिला की उम्र भी होती है। जैसे-जैसे महिला की उम्र बढ़ती है उसे गर्भधारण करने में कठिनाई होती है क्योंकि अंडे (egg) कम होने लगते हैं। इस प्रकार से उसका प्रजनन काल भी कम होने लगता है। माना जाता है कि 30 साल की उम्र के बाद गर्भधारण करने की क्षमता घटने लगती है। आइये जानते हैं कि किन कारणों से महिलाओं को बांझपन की समस्या होती है।
(और पढ़े – जानें, मां बनने में महिला के अंगों की क्या है भूमिका)
फैलोपियन ट्यूब अंडाशय से अंडे लेकर गर्भाशय में पहुंचाता है जहां भ्रूण का विकास (development) होता है। पेल्विक में इंफेक्शन और सर्जरी कारण फैलोपियन ट्यूब क्षतिग्रस्त हो जाता है जिसके कारण यह स्पर्म को अंडों तक पहुंचने से रोकता है और इस कारण महिलाओं को बांझपन की समस्या हो जाती है।
(और पढ़े – एक्टोपिक प्रेगनेंसी (अस्थानिक गर्भावस्था) के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव)
यदि किसी महिला के शरीर में सामान्य हार्मोन परिवर्तन नहीं हो रहा है तो वह मां नहीं बन सकती है क्योंकि हार्मोन परिवर्तन के कारण ही अंडाशय से अंडे निकलते हैं और गर्भाशय की सतह को मोटा करके गर्भधारण की क्षमता विकसित करते हैं।
(और पढ़े – एचसीजी हार्मोन क्या होता है गर्भावस्था में एचसीजी की भूमिका)
कुछ महिलाएं को सर्वाइकल की समस्या (cervical problem) होती है जिसके कारण स्पर्म सर्वाइकल कैनाल से नहीं गुजर पाते हैं।
(और पढ़े – जानें सर्वाइकल कैंसर कैसे होता है)
गर्भाशय में पॉलीप्स और फाइब्रॉयड की समस्या होने पर प्रेगनेंसी में परेशानी आती है। गर्भाशय की सतह के गर्भकला (endometrium) पर जब बहुत अधिक कोशिकाएं विकसित होने लगती हैं तो गर्भाशय पॉलीप्स और फाइब्रॉयड की समस्या पैदा हो जाती है और गर्भ धारण करने में भी परेशानी होती है।
इसके अलावा असामान्य रूप से श्लेष्म का बनना (mucus production), सर्जरी, महिलाओं में अंडा न बनना, अधिक उम्र में बच्चे की प्लानिंग करना आदि कारक भी बांझपन के कारण होते हैं।
कभी-कभी महिलाओं की सभी प्रजजन प्रणाली और प्रजनन अंग सही तरीके से काम करने के बावजूद भी उनमें बांझपन की समस्या हो जाती है। आइये जानते हैं कि आखिर किन कारणों से बांझपन होने का खतरा बढ़ जाता है।
उम्र बढ़ने के साथ ही महिलाओं के अंडाशय में अंडे की गुणवत्ता में भी कमी आती है जिसके कारण खराब किस्म के अंडे बनते हैं और उन्हें गर्भधारण करने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और अंत में वे बांझपन का शिकार हो जाती हैं।
धूम्रपान महिलाओं के सर्विक्स और फैलोपियन ट्यूब को क्षतिग्रस्त कर देता है जिससे एक्टोपिक प्रेगनेंसी या गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा अंडाशय से भी कम अंडे उत्सर्जित होते हैं जिससे महिला बांझ हो जाती है।
अधिक वजन बढ़ने से भी अंडोत्सर्ग में परेशानी होती है। बॉडी मास इंडेक्स (BMI) ठीक होने पर अंडों के बनने की गति बढ़ती है और महिलाओं को बांझपन की समस्या नहीं होती है।
यौन संचारित संक्रमण (STD) जैसे क्लैमाइडिया और गोनोरिया के कारण फैलोपियन ट्यूब क्षतिग्रस्त हो जाता है। यौन रोगों का खतरा तब बढ़ जाता है जब आपके पार्टनर को पहले से एसटीडी हो और वह आपके साथ बिना कंडोम के सेक्स करता हो। इस स्थिति में मां बनने में दिक्कत आती है।
बांझपन का मुख्य लक्षण गर्भवती होने में असमर्थ होना है। यदि किसी महिला का मासिक धर्म चक्र बहुत लंबा अर्थात् 35 दिन या इससे अधिक का हो या बहुत छोटा अर्थात् 21 दिन से पहले का हो, अनियमित मासिक धर्म या मासिक धर्म का न होने का अर्थ होता है कि महिला के गर्भाशय में अंडोत्सर्ग (Ovulation) नहीं हो रहा है। हालांकि शरीर में बांझपन के कोई वाह्य लक्षण नहीं दिखायी देते हैं लेकिन आंतरिक लक्षणों की वजह से इस समस्या को पहचाना जा सकता है।
(और पढ़े – पीरियड्स की जानकारी और अनियमित पीरियड्स के लिए योग और घरेलू उपचार)
महिलाओं में बांझपन की जांच करने के लिए डॉक्टर ब्लड टेस्ट और इंडोमेट्रियल बायोप्सी (endometrial biopsy) सहित कई तरह के टेस्ट करते हैं। ब्लड टेस्ट में हार्मोन के स्तर का पता लगाया जाता है और इंडोमेट्रियल बायोप्सी (endometrial biopsy) गर्भाशय की लाइनिंग का परीक्षण करने के लिए किया जाता है। बांझपन की जांच के लिए मुख्य रूप से दो प्रक्रिया अपनायी जाती है जिसमें महिलाओं के प्रजनन प्रणाली (reproductive system) की जांच की जाती है।
एचएसजी (HSG)
इस प्रक्रिया में जनन अंगों का अल्ट्रासाउंड और एक्सरे किया जाता है। डॉक्टर डाई (dye) या लवण (saline) का इंजेक्शन देते हैं और कार्विक्स भर देते हैं जो फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से विचरण करता है। इसके माध्यम से डॉक्टर यह पता करने की कोशिश करते हैं कि महिला का फैलोपियन ट्यूब अवरूद्ध तो नहीं हो गया है।
लेप्रोस्कोपी (Laparoscopy)
डॉक्टर पेट में एक चीरा लगाते हैं और लेप्रोस्कोप (पतला ट्यूब जिसमें एक छोटा कैमरा लगा होता है) के माध्यम से गर्भाशय, अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब की असामान्य विकास की जांच करते हैं। इसके अलावा डॉक्टर यह भी जांच करते हैं कि फैलोपियन ट्यूब बंद हो गया है या खुला है।
banjhpan ka ilaj in hindi आधुनिक तकनीक के विकास के कारण आजकल बांझपन की समस्या का इलाज भी संभव हो गया है। इन नए तकनीकों के माध्यम से बांझपन का इलाज कराकर कोई भी महिला गर्भवती हो सकती है और बच्चे को जन्म दे सकती है। आइये जानते हैं कि बांझपन का इलाज क्या है।
यदि जांच में पेल्विक या ट्यूबल रोग की पुष्टि हुई हो तो इसे ठीक करने का इलाज सर्जरी ही है। सर्जरी के जरिये प्रजनन अंगों का पुनर्निर्माण (reconstruct) किया जाता है। डॉक्टर पेट के पास एक चीरा लगाकर लेप्रोस्कोप के माध्यम से खराब कोशिकाओं को निकाल कर इंडोमेट्रिओसिस का इलाज करते हैं और अवरूद्ध ट्यूब को खोलते हैं एवं ओवेरियन सिस्ट को भी बाहर निकाल देते हैं।
(औरे पढ़े – अंडाशय का कैंसर: प्रारंभिक लक्षण, जाँच, और उपचार)
इस प्रक्रिया में डॉक्टर महिला के गर्भाशय में एक हिस्टीरोस्कोपी रखते हैं। यह पॉलीप्स और फाइब्रॉयड ट्यूमर को हटाने के लिए उपयोग किया जाता है। यह खराब कोशिकाओं को तोड़कर बाहर निकालता है और अवरूद्ध ट्यूब को खोलने में मदद करता है।
यदि किसी महिला को अंडोत्सर्ग (ovulation) में समस्या आती है और इसकी वजह से वह मां नहीं बन पाती है तो उसे क्लोमिफेन साइट्रेट(clomiphene citrate), गोनैडोट्रॉपिन्स(gonadotropins) एवं लेट्रोजोन(letrozole) नामक दवाएं देकर बांझपन का इलाज किया जाता है। इसके अलावा पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम(PCOS) के कारण अगर प्रेगनेंसी में दिक्कत आ रही हो तो मेटफॉर्मिन (Metformin) नामक दवा दी जाती है।
(और पढ़े – पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कारण,लक्षण और उपचार के उपाय)
गर्भ धारण कराने की इस तकनीक में डॉक्टर महिला को गोनैडोट्रॉपिन्स (gonadotropin) देते है जो एक से अधिक अंडों का विकास करता है और अंडे बनने में सहायता करता है। जब अंडे परिपक्व हो जाते हैं तो डॉक्टर उन्हें एक डिवाइस से इकट्ठा करते हैं जिसे इंट्रायूरेटिन इंसेमिनेशन प्रोब कहते हैं। इसके बाद डॉक्टर पुरुष का स्पर्म इकट्ठा करते हैं और अंडों को धोकर स्पर्म के साथ एक डिश में रखते हैं। कई दिनों बाद जब अंडे निषेचित (fertilize) होकर भ्रूण में बदल जाते हैं तो डॉक्टर फिर से इसे महिला के गर्भाशय में रखते हैं। इसके माध्यम से महिला मां बन जाती है।
(और पढ़े – टेस्ट ट्यूब बेबी की प्रक्रिया, विधि, सफलता और नुकसान)
यदि आप भविष्य में या कुछ दिनों में गर्भधारण करने के बारे में सोच रही हैं तो कुछ सावधानियां बरतकर आप अपनी प्रजनन क्षमता बढ़ा सकती हैं और बांझपन की समस्या को दूर कर सकती हैं।
अपना वजन नियंत्रित रखें क्योंकि मोटे शरीर में अंडोत्सर्ग की समस्या हो सकती है। वजन कम करने के लिए सही तरीके से हफ्ते में पांच घंटे से अधिक एक्सरसाइज करें। इससे आपको बांझपन की समस्या नहीं होगी।
(और पढ़े – जानिए पेट की चर्बी कम नहीं कर पाने के सबसे बढ़े कारण)
धूम्रपान और एल्कोहल महिलाओं के प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है। धूम्रपान भ्रूण के सेहत पर असर डालता है जबकि एल्कोहल के सेवन से प्रजनन क्षमता कम होने की संभावना रहती है। इसलिए बच्चे की चाह रखने वाली महिलाओं को इन नशीली चीजों से दूर रहना चाहिए।
स्टडी में पाया गया है कुछ महिलाएं अपने जीवन में किसी कारणवश लंबे समय तक तनाव में रहती हैं। इसकी वजह से उनके शरीर में कुछ विशेष हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं जिसके कारण वे बांझपन का शिकार हो जाती हैं। इसलिए जीवन से तनाव को कम करके भी बांझपन की समस्या से बचा जा सकता है।
महिलाओं को पीरियड आने के सही समय और उसकी स्थिति पर ध्यान रखना चाहिए। यदि यह आशंका हो कि आपका पीरियड सही तरीके से नहीं हो रहा है या शरीर में कोई समस्या पैदा हो रही है तो शुरूआत में ही डॉक्टर को दिखाकर बांझपन की समस्या से बचा जा सकता है।
(और पढ़े – पीरियड्स में पेट दर्द का घरेलू उपाय)
प्रजनन क्षमता एक जटिल क्रिया (complex phenomena) है, और कई कारक इस विषय में योगदान देते हैं। वैश्विक स्तर पर, लाखों मामले हैं जहां जोड़े (couples) गर्भ धारण करने में विफल रहते हैं। प्रजनन क्षमता संवेदनशीलता (sensitivity) का विषय भी है खासकर हमारे देश में। हालांकि रोजाना विकसित होने वाले चिकित्सा विज्ञान के साथ, बांझपन के इलाज के कई समाधान हैं, फिर भी यह मानने के वैज्ञानिक कारण हैं कि आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन में इसका एक प्रभावी समाधान हो सकता है।
काफी हद तक, हमारे शरीर की कार्यप्रणाली हमारे आहार द्वारा निर्धारित होती है। नीचे रोजमर्रा की खाद्य वस्तुओं की एक सूची है जो आपकी प्रजनन क्षमता में काफी वृद्धि कर सकती है। ये निर्धारित दवाओं के लिए विकल्प के रूप में कार्य कर सकते हैं और प्राकृतिक रूप से प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकते है। आइऐ जाने महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए किन खाद्य पदार्थ का उपयोग फायदेमंद होता है।
फल, सामान्य रूप से गर्भधारण (conceiving) की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए एक बड़ा उपाय हो सकता है। इनमें से केले को विटामिन B6 की अधिकता के लिए जाना जाता है। सामान्य यौन चक्र (sexual cycle) को नियंत्रित करने वाले यौन विशिष्ट हार्मोन के उत्पादन में विटामिन एक महत्वपूर्ण घटक है।
(और पढ़े – केला खाने के फायदे जो आपने अभी तक सुने नहीं होंगे)
सूरजमुखी के बीज बांझपन (infertility) की पुरानी समस्या के सबसे शक्तिशाली समाधानों में से एक हैं। से एमिनो एसिड ओर प्रोटीन के साथ पाए जाते हैं। वे आपके शरीर को हार्मोनिक चक्र (harmonic cycle) विकसित करने और शरीर में हार्मोन के स्राव को अनुकूलित करने में मदद कर सकते हैं।
समुद्री भोजन फैटी एसिड (fatty acids) और ओमेगा-3 के साथ प्रजनन क्षमता भी प्रदान करते है। वे एस्ट्रोजेन जैसे उर्वरता (fertility) से संबंधित आवश्यक हार्मोन के स्राव को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इन्हें सामान्य शारीरिक विकास के लिए भी खाया जा सकता है।
फोलिक एसिड और विटामिन B अनार में अच्छी मात्रा में होते है। यदि आप गर्भवती होने की संभावनाओं को बढ़ाने की सोच रही हैं तो अनार का सेवन फायदेमंद होगा। अनार लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन और परिसंचरण (circulation) में सुधार के माध्यम से शरीर के समग्र स्वास्थ्य में योगदान कर सकता है।
अंडे में विटामिन D अधिक मात्रा में होता है। यह व्यापक रूप से सुझाव दिया गया है कि यह विटामिन, गर्भावस्था (pregnancy) के समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
(और पढ़े – अंडा खाने के फायदे और नुकसान)
विटामिन E से भरपूर होने के कारण बादाम महिलाओं के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। यह हार्मोनिक डिम्बग्रंथि चक्र (harmonic ovarian cycle) को बढ़ावा देते हैं और इस प्रकार गर्भावस्था के बेहतर अवसरों का कारण बनते हैं।
(और पढ़े – बादाम के फायदे गुण लाभ और नुकसान)
एक और घटक जो फोलिक एसिड की अच्छी मात्रा रखता है। अनार की तरह शतावरी (Asparagus) का भी एक महिला के शरीर पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ता है।
(और पढ़े – शतावरी के चमत्कारी फायदे जो है अमृत समान)
आहार में शामिल कस्तूरी (Oysters) को विटामिन B 12 की उपस्थिति के लिए जाना जाता है। महिलाओं में एस्ट्रोजेन उत्पादन (estrogen production) के लिए महात्वपूर्ण है ओर गर्भपात की संभावनाओं को कम करने में मदद कर सकता है।
(और पढ़े – एस्ट्रोजन हार्मोन की महिलाओं के शरीर में भूमिका)
ऊपर बताए गए आहारों का सेवन कर आप स्वस्थ्य जीवनशैली, और सकारात्मकता के साथ अच्छी तरह से समयबद्ध सेक्स करना (well time sex)। धूम्रपान ओर एल्कोहल की रोकथाम, नियमित व्यायाम के साथ अपनी लाइफ में एक महत्वपूर्ण अंतर ला सकते हैं। साथ ही, कुछ खाद्य पदार्थ हैं जिनसे आपको बचना चाहिए। लाल मांस और रासायनिक रूप से प्रसंस्कृत खाद्य इस सूची में शीर्ष पर है। यदि आप लंबे समय तक गर्भ धारण करने में विफल रहते हैं, तो संभावना है कि कुछ अन्य मुद्दे हैं। ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
इसी तरह की अन्य जानकरी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…