Fish benefits for health in Hindi मछली खाने के फायदे विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभों के लिए जाने जाते हैं। ऐसा माना जाता है यह दुनिया का सबसे पौष्टिक खाद्य पदार्थ है। मछली का सेवन करने से यह आपके वजन को नियंत्रित करने, दिल को स्वस्थ्य रखने, मस्तिष्क को स्वस्थ्य रखने, रक्तचाप और मधुमेह जैसी गंभीर समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। इसके अलावा इसमें मौजूद पोषक तत्व आपके देखने की क्षमता को बढ़ाते हैं और उम्र बढ़ने के दौरान आंखों की समस्याओं को दूर करते हैं।
विषय सूची
1. मछली में के पोषक तत्व – Fish Nutrition Value in Hindi
2. मछली खाने के फायदे इन हिंदी – Benefits Of Eating Fish in Hindi
3. मछली खाने के नुकसान – Machli Khane Ke Nuksan in Hindi
सभी लोग जानते हैं कि मछली का नियमित रूप से सेवन करना सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मछली के सबसे प्रमुख पोषक तत्वों में विटामिन डी होता है। जैसा की आप जानते हैं कि प्रकृति में विटामिन डी केवल सूर्य के प्रकाश से मिलता है। इसके अलावा बहुत ही कम ऐसे उत्पाद हैं जो विटामिन डी उपलब्ध कराते हैं। विटामिन डी के अलावा मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो आपके मस्तिष्क और शरीर के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। मछली में आयोडीन भी पाया जाता है जो हमारे शरीर में आयोडीन की कमी को पूरा कर सकता है। आइए जाने मछली खाने के फायदे और नुकसान के बारे में।
अपने आहार में नियमित रूप से मछली को शामिल करने के बहुत से कारण हैं। इसका पहला कारण यह है कि यह एक उच्च प्रोटीन और कम वसा वाला आहार है। इसके अलावा इससे प्राप्त होने वाला तेल (ओमेगा-3 फैटी एसिड) या वसा अच्छी मात्रा में मौजूद रहती है जो हृदय संबंधि विभिन्न समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। चूंकि मानव शरीर इन सभी पोषक तत्वों को अपने शरीर में खुद से नहीं बना सकता है। इसलिए इनकी आपूर्ति के लिए मछली का सेवन करना आवश्यक हो जाता है। इन पोषक तत्वों की मौजूदगी के कारण यह हमारी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए आवश्यक हो जाता है।
आपके शरीर मे ऊर्जा को बनाए रखने के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है। चूंकि मछली में प्रोटीन सामग्री बहुत अच्छी मात्रा में मौजूद रहती है इसलिए इसे अच्छा विकल्प माना जा सकता है। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन होने के कारण मछली का सेवन करने से तत्काल ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है। अपने पोषक तत्वों की उपस्थिति के कारण यह न केवल आपको तत्काल ऊर्जा दिला सकती है बल्कि इसमें मौजूद प्रोटीन क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करने में मदद भी करते हैं। आपके शरीर में पर्याप्त ऊर्जा बनाए रखने के लिए आप अपने नियमित आहार में मछली को शामिल कर सकते हैं।
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कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए मछली का उपभोग फायदेमंद होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड अच्छी मात्रा में होता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड का नियंत्रित मात्रा में सेवन करने से यह स्ट्रोक और दिल के दौरा जैसे खतरों से बचाता है। एक अध्ययन से पता चलता है कि अपने आहार में मछली को शामिल करके शरीर में मौजूद खराब कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम किया जा सकता है। शरीर में मौजूद खराब कोलेस्ट्रोल हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड रक्त के थक्का बनने से रोकने और रक्तवाहिकाओं को लचीला बनाए रखने में सहायक होता है। इस तरह से यह आपके शरीर में उचित रक्त प्रवाह को बनाए रखने और दिल को स्वस्थ्य बनाने में अपना अहम योगदान देता है। इसलिए कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य के लिए मछली का नियमित सेवन किया जा सकता है।
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लगभग सभी लोग नींद की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि आज का जीवन बहुत ही व्यस्तता वाला है। इसके अलावा हमारी गलत जीवन शैली भी इसका प्रमुख कारण है। लेकिन अनिद्रा का उपचार किया जा सकता है। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि विटामिन डी की कमी के कारण भी नींद की कमी हो सकती है। यदि आप मछली को अपने नियमित आहार में शामिल करते हैं तो इससे आपको विटामिन डी के साथ ही प्रोटीन, मैंग्नीशियम
, मैंगनीज आदि जैसे पोषक तत्व प्राप्त हो सकते हैं जो आपकी अच्छी नींद को उत्तेजित करने में मदद करते हैं। जिन लोगों में नींद की कमी होती है वे अक्सर तनाव या अवसाद से ग्रस्त होते हैं। इसलिए अपने तनाव को कम करने के लिए आप मछली का सेवन कर सकते हैं। यह अच्छी नींद लाकर आपके तनाव को कम कर सकती है।(और पढ़े – अनिद्रा के कारण, लक्षण और उपचार…)
आपको अपनी त्वचा को स्वस्थ्य रखने के लिए कई प्रकार के पोषक तत्व और विटामिनों की आवश्यकता होती है। आप इनकी पूर्ति के लिए मछली का सेवन कर सकते हैं। दैनिक आहार में मछली का उपयोग करने पर यह ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन, विटामिन ए और बी की अच्छी मात्रा प्राप्त की जा सकती है। ये सभी पोषक तत्व आपकी त्वचा को स्वस्थ्य व सुंदर बनाने में मदद करते हैं। मछली का उपभोग कर आप समय से पहले आने वाले बुढ़ापे के संकेतो जैसे त्वचा में झुर्रियां आना, दाग बनना आदि को रोक सकते हैं। इस तरह से मछली एंटी-एजिंग गुणों के लिए जानी जाती है।
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यदि आप बालों के झड़ने से परेशान हैं तो सबसे पहले इनके झड़ने का कारण ढूंढने का प्रयास करें। प्रोटीन और विटामिनों की कमी के कारण आपके सिर से बाल झड़ सकते हैं। इस समस्या से बचने के लिए आप मछली से प्राप्त ओमेगा-3 फैटी एसिड का उपभोग कर सकते हैं। यह आपके बालों को झड़ने से रोकने में मदद करता है। इसके अलावा मछली का सेवन करने से आपको बहुत से विटामिन और प्रोटीन की अच्छी मात्रा प्राप्त हो सकती है। मछली को प्रोटीन का पावरहाउस भी माना जाता है। नियमित रूप से मछली का सेवन करने पर यह बालों के विकास और नए बालों को उगने में मदद कर सकता है। आप अपने बालों की अच्छी देखरेख और स्वास्थ्य के लिए मछली का उपभोग कर सकते हैं।
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मैकुलर अपघटन नामक एक बीमारी द्रष्टि विकार और अंधापन का एक प्रमुख कारण है। यह एक ऐसी स्थिति है जो उम्र बढ़ने के साथ ही लगभग सभी लोगों को प्रभावित करती है। लेकिन कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड की मौजूदगी इस समस्या से निजात दिला सकती है। जानकारों का मानना है कि नियमित रूप से मछली का सेवन करने पर यह मैकुलर अपघटन की संभावना को 42 प्रतिशत तक कम कर सकता है। यदि आप बढ़ती उम्र के कारण होने वाली द्रष्टि हानि से बचना चाहते हैं तो मछली को साप्ताहिक आहार में शामिल कर सकते हैं।
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पोषण विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित रूप में मछली का सेवन किया जाना चाहिए। क्योंकि इसमें मौजूद पोषक तत्व संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। मछली में पोटेशियम की अच्छी मात्रा होने के कारण साल्मन मछली और ट्यूना फिश खाने की सलाह दी जाती है। पोटेशियम की पर्याप्त मात्रा आपकी मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करती है। आप अपनी मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए राजमा जैसे अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थों के साथ मैकेरल या साल्मन मछली का सेवन कर सकते हैं।
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शरीर में खून की कमी का प्रमुख कारण आयरन की कमी माना जाता है। लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में आयरन का विशेष योगदान होता है। मछली ऐसा खाद्य पदार्थ है जो आयरन की अच्छी मात्रा रखता है। इसके अलावा मछली में बहुत से पोषक तत्व और विटामिन होते हैं। यदि आपको आयरन की कमी है तो इस कमी को दूर करने के लिए आप मछली का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप ट्यूना और सालमन मछली का चुनाव कर सकते है। इनका उपभोग करने से आपका रक्तपरिसंचरण सुचारू रूप से चलता रहता है। इसके साथ ही यह थकान और एनीमिया से जुड़े खतरों को कम करने में मदद करता है।
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श्वसन तंत्र से संबंधित बीमारी अस्थमा जो बच्चों के लिए घातक हो सकती है। यह बीमारी वायुमार्ग मे सूजन के कारण होती है। पिछले कुछ समय से इस बीमारी का प्रतिशत बहुत अधिक बढ़ा है। लेकिन कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से मछली का सेवन करने पर बच्चों के अस्थमा में 24 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। लेकिन यह भी स्पष्ट किया जाता है कि वयस्कों के लिए इसके प्रभावों पर अभी भी शोध की आवश्यकता है। लेकिन आप अपने बच्चों में होने वाली अस्थमा की रोक-थाम के लिए मछली का उपयोग कर सकते हैं।
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उन लोगों के मछली का सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है जो मधुमेह प्रकार 1 से ग्रसित हैं। कई अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करने से बच्चों में मधुमेह के खतरे को कम किया जा सकता है इसके साथ ही यह वयस्कों में ऑटोम्यून्यून मधुमेह को भी नियंत्रित कर सकता है। यह मछली में मौजूद फैटी एसिड और विटामिन डी की उपस्थिति के कारण होता है। कुछ जानकारों का मानना यह भी है कि नियमित रूप से मछली का सेवन करने पर यह रूमेटोइड गठिया का इलाज भी किया जा सकता है।
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अवसाद एक गंभीर मानसिक विकार है। अवसाद ग्रस्त लोग अक्सर उदास, थके हुए मानसिक अशांति, ऊर्जा मे कमी जैसे लक्षणों का अनुभव करते हैं। अवसाद वर्तमान में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग नियमित रूप से मछली का सेवन करते हैं उन्हें अवसाद से निपटने में सफलता मिलती है। अध्ययनों से यह भी स्पष्ट हो चुका है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड अवसाद को रोकने में मदद करता है और एंटीड्रिप्रेसेंट दवाओं के प्रभाव को भी बढ़ाता है। इसका मतलब यह है कि मछली का नियमित सेवन करने पर यह व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है। आप भी अपने तनाव और अवसाद को दूर करने के लिए मछली का नियमित सेवन प्रारंभ कर सकते हैं।
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वृद्ध अवस्था में अक्सर मस्तिष्क की कार्य क्षमता कमजोर हो जाती है। इसे आयु से संबंधित संज्ञानात्मक गिरावट कहा जाता है जो अल्जाइमर रोग से संबंधित है। लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग नियमित रूप से मछली का सेवन करते हैं उनमें संज्ञानात्मक गिरावट की दर धीमी होती है। मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए भूरे रंग के खाद्य पदार्थ बहुत अच्छे होते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से सप्ताह में 1 बार मछली का सेवन करने से मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।
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अध्ययनों से यह पता चलता है कि मछली और अन्य स्वस्थ खाद्य पदार्थ जैसे कि फलियां और पूरे अनाज पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में मदद करते हैं। कुछ लोगों में अध्ययन किया गया जिससे पता चला कि नियमित रूप से 3 माह तक मछली का सेवन करने पर पुरुषों में 11 प्रतिशत तक शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि हुई। जो लोग शुक्राणुओं की कमी से जूझ रहे है वे अपने दैनिक आहार में मछली को शामिल कर सकते हैं।
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जो महिलाएं गर्भवती हैं वे इस दौरान मछली का सेवन कर सकती हैं। नियमित रूप से मछली का सेवन करने पर यह प्रसव के बाद मां के दूध उत्पादन को भी उत्तेजित करता है जो शिशुओं के लिए फायदेमंद होता है। इसके अलावा मछली से प्राप्त होने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड बच्चे के मस्तिष्क विकास को बढ़ावा देते हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को मछली का सेवन करना फायदेमंद होता है।
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विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ दिलाने में मछली के फायदे जाने जाते हैं।
लेकिन कुछ मामलों में यह नुकसान दायक भी हो सकती है।
कुछ मछलीयां जैसे कि मैकेरल औरशार्क आदि में पारा (mercury) की उच्च मात्रा होती है।
पारा भ्रूण या छोट बच्चों की तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है।
इसके अलावा डिब्बा बंद मछलियों में भी इस धातु की अधिकता हो सकती है।
स्वास्थ्य सलाहकारों का मानना है कि गर्भवती, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और छोटे बच्चों को मछली खाते समय सावधानी रखनी चाहिए। अन्य लोगों के लिए मछली में मौजूद पारा का ज्यादा नुकसान नहीं होता है। इसलिए जितना हो सके मछली का सेवन किया जाना चाहिए। कभी-कभी मछली में पाए जाने वाले अन्य प्रदूषक जैसे कि डाइऑक्साइन्स और पीसीबी कुछ प्रकार के कैंसर और प्रजनन संबंधी समस्याओं से जुड़े हुए पाए गए हैं।
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