Flax Seeds in Hindi: अलसी का उपयोग मनुष्य के स्वास्थ्य लाभों के लिए कई सालो से किया जा रहा है, इसके छोटे से बीजों में सेहत के लिए फायदेमंद हजारों गुण होते हैं। पेट, दिल और रक्त आदि सभी के सुचारू रूप से काम करने में अलसी के बीज बेहद मददगार होते है।
सच कहें तो अलसी (Flaxseeds or linseeds) गुणों की खान है, लेकिन ये बात और है कि लोग इस बात से अनजान हैं। इसलिए आपको अलसी के फायदे और नुकसान (Flaxseed Benefits and Side Effects) जानना बहुत जरुरी है। शाकाहारी लोगों के लिए यह ओमेगा-3 फैटी एसिड का बहुत अच्छा स्त्रोत है।
इसमें लगभग 50% ओमेगा-3 फैटी एसिड, अल्फा लिनोलिक एसिड के रूप में होता है। यह हमारे शरीर के अंदर नहीं बनता, इसे भोजन के माध्यम से ही लेना पड़ता है। यदि आप नियमित रूप से फ्लेक्स सीड का सेवन करते हैं तो आपको इसके सकारात्मक प्रभाव प्राप्त होंगे।
आइये अलसी के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानते हैं।
अलसी एक प्रकार कि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, इसका उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। यह समशीतोष्ण प्रदेश में उगने वाला पौधा है। अलसी को तीसी के नाम से भी जाना जाता है और इसका वानस्पतिक नामलिनेन उसितटिसिमम है। इसका अंग्रेज़ी में नाम फ्लेक्स सीड (flax seeds) है।
यह अलग-अलग जलवायु के अनुसार अलग-अलग रंग-रूप, और आकार की होती है। हमारे शरीर लिए कई प्रकार से लाभदायक होने के कारण आज कल यह बाजारों में भी आसानी से मिल जाता है। आइये अलसी बीज के फायदे , पोषक तत्व और उपयोग के बारे में जानते है।
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अलसी एक ऐसा रेशेदार पौधा जो सर्दी और गर्मी समान मात्रा में होने वाला प्रदेशों में उगता है। अलग-अलग जगह में उगने के कारण यह कई प्रकारी की होती है। अलसी के मुख्य दो प्रकार हैं।
भूरी अलसी और पीली या सुनहरी अलसी दोनों में ही पोषक तत्व सामान मात्रा में होते है, लेकिन पीली या सुनहरी अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा कम होती है।
अलसी के बीज में कई प्रकार के पोषक तत्व होते है, आइये इसे जानते है कि अलसी की 100 ग्राम मात्रा निम्न पोषक तत्व होते है –
सर्दियों के मौसम में अलसी का सेवन करना अधिक फायदेमंद होता है क्योंकि अलसी की तासीर गर्म होती है। लेकिन गर्मियों में इसका अधिक सेवन आपके लिए हानिकारक हो सकता है। कम मात्रा में इसका सेवन गर्मियों में भी किया जा सकता है। आप इसके खाने के बाद अधिक पानी का सेवन करें।
आप अलसी के बीज को कच्चा भी खा सकते है। इसे स्वादिष्ट बनाने के लिए आप अलसी के बीजों को थोड़ी देर के लिए भुन कर पीस लें और पाउडर बना लें। इस पाउडर का सेवन आप रोजाना दूध के साथ करें। इसके अलावा आप लड्डू बना कर भी अलसी का सेवन कर सकते है। यह लड्डू खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वस्थ के लिए फायदेमंद भी होते है। अलसी सेवन मिठाई, पराठा, अलसी की रोटी, ब्रेड, सूप, पूरी और सलाद आदि कई चीजों के रूप में भी कर सकते है।
वैसे तो अलसी को पीसकर दही, दलिया या अनाज में मिलाकर इसे कभी भी खा सकते हैं। लेकिन इसे खाली पेट लेना अधिक फायदेमंद होता है। ऐसे में आप रोजाना सुबह के समय अलसी खा सकते हैं। खाली पेट अंकुरित अलसी खाने के और भी कई फायदे होते है। आइये अब पुरुषों और महिलाओं के लिए खाली पेट अलसी बीज खाने के फायदे को जानते है।
आइये अलसी के सेवन से होने वाले लाभों को विस्तार से जानते है –
अलसी के सबसे असाधारण लाभों में से एक यह है कि, इसमे उच्च स्तर में म्यूसीजियम गम सामग्री हैं। म्यूसीज एक जेल बनाने वाला फाइबर होता है जो पानी में घुलनशील है और आंत्र पर इसका अविश्वसनीय प्रभाव है। म्यूसीज पेट में भोजन को छोटी आंत में बहुत देर तक रोक सकता है जिससे पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ जाता है।
साथ ही, दोनों घुलनशील और अघुलनशील फाइबर में अलसी अत्यंत उच्च है जो बड़ी आंत की विषाक्ता और चीनी की लालच को कम कर सकते हैं।
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यह लिग्निन और ओमेगा-3 चर्बी को जमा होने से रोकते हैं और शरीर को चुस्त बनाने में मदद करता हैं। यदि आपका काम ऐसा है कि आप उठकर एक्सरसाइज तक के लिए समय नहीं निकाल पाते, तो ऐसे में आपको अलसी का सेवन अपने रूटीन में शामिल कर लेना चाहिए। इससे आपको अपने वजन को नियंत्रित करने में काफी मदद मिलेगी। खाना खाने लगभग 1 घंटे पहले 1 या आधी चम्मच अलसी अच्छी तरह चबा चबा कर खायें और ऊपर से एक गिलास पानी पी लें, आधे घंटे बाद फिर एक गिलास पानी पियें।
इससे आपको अपना पेट एकदम भरा हुआ महसूस होगा और आप खाना कम खाएंगे। चूंकि अलसी स्वस्थ वसा और फाइबर से भरे हुए हैं, इससे आपको बहुत अधिक संतुष्ट महसूस करने में मदद मिलेगी ताकि आप कुल मिलाकर कम कैलोरी खा सकें, जिससे वजन कम हो सकता है।
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अलसी बीज की घुलनशील फाइबर सामग्री पाचन तंत्र में वसा और कोलेस्ट्रॉल को अवशोषित नहीं होने देती अलसी के बीज का नियमित रूप से सेवन करने से खराब कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिल सकती है। घुलनशील फाइबर पित्त को भी रोकता है, जो पित्ताशय की थैली में कोलेस्ट्रॉल से बना होता है।
पित्त को फिर पाचन तंत्र के माध्यम से उत्सर्जित किया जाता है, जिससे शरीर को और पित्त बनाने के लिए मजबूर किया जाता है। इससे रक्त में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल का प्रयोग होता है और कुल कोलेस्ट्रॉल कम होता है।
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इसके अलावा, अलसी धमनियों में पट्टिका के निर्माण (Plaque formation in arteries) को कम कर, हृदय रोग और स्ट्रोक के खतरे को कम करने में मदद करती है और यह धमनियों में सूजन को भी कम करती है जिससे धमनियाँ सुचारू रूप से कार्य करती हैं। स्वस्थ हृदय पाने के लिए अपने दैनिक आहार में पिसे हुए अलसी के बीज को शामिल करें।
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इसमें पाये जाने वाले फाइटोएस्ट्रोजन के कारण यह महिलाओं के लिए खासतौर पर फायदेमंद है। एक अध्ययन में पाया गया कि अलसी के बीज रजोनिवृत्त महिलाओं (menopausal women) में रजोनिवृत्ति के लक्षणों से लड़ने के लिए बहुत कारगर हो सकते हैं। अलसी में पाए जाने वाले लिगनन यौगिक में एस्ट्रोजेनिक गुण होते हैं जिसकी मदद से अत्यधिक गर्मी (Hot flashes), बेचैनी, अनियमित रक्तस्त्राव, मूड में उतार-चढ़ाव, कमर दर्द और योनि के सूखेपन को कम किया जा सकता है।
1 चम्मच अलसी के बीज के पाउडर का प्रतिदिन 2 या 3 बार सेवन करने से रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम किया जा सकता है। यह रजस्वला महिलाओं (menstruating women) द्वारा भी नियमित मासिक धर्म चक्र को बनाए रखने और प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
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Alsi अलसी में एंटीऑक्सीडेंट कैंसर से सुरक्षा प्रदान करते हैं। हाल के अध्ययनों से यह निष्कर्ष निकाला गया है कि अलसी स्तन, प्रोस्टेट और पेट के कैंसर के विकास के जोखिम को कम कर सकते हैं। अलसी में उपस्थित लिग्नांस में प्रतिजन गुण होते हैं और ट्यूमर द्वारा नए रक्त कोशिकाओं के निर्माण को रोकते हैं।
अलसी के बीज में लिगनन उच्च स्तर में पाया जाता है जो हार्मोन चयापचय और ट्यूमर कोशिकाओं के प्रसार के लिए जिम्मेदार एंजाइमों का अवरुद्ध करके स्तन कैंसर से रक्षा प्रदान करता है। इसके अलावा, अलसी के बीज का पाउडर और अलसी का तेल दोनों ही अल्फा-लिनोलेनिक एसिड, ओमेगा -3 फैटी एसिड से समृद्ध है जो कैंसर के खिलाफ फायदेमंद है।
आप पिसे हुए अलसी के बीज का सेवन दही में डालकर कर सकते हैं। अलसी के फायदे लेने के लिए आप अलसी के तेल का इस्तेमाल आप खाद्य समाग्री को पकाने के लिए कर सकते हैं।
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अलसी के दैनिक सेवन से टाइप 2 मधुमेह के रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर में सुधार लाया जा सकता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग 2 महीनो के लिए अलसी के लीज के सप्लीमेंट का सेवन करते हैं, उनके रक्त-शर्करा के स्तर पर सकरात्मक प्रभाव पड़ता है।
यदि आपको डायबिटीज है, तो किसी भी तरह से अलसी की 25 ग्राम मात्रा को अपनी डाइट में शामिल कर लें। आप चाहें तो इस मात्रा को कुछ भागों में बाँट सकते हैं। और फिर दिनभर में किसी भी तरह से इसका सेवन कर सकते हैं।
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Flaxseed अलसी जोड़ों की हर तकलीफ पर असरदार है। इसे खाने से खून पतला हो जाता है, जिसकी वजह से पैरों में रक्त का प्रवाह सही ढंग से होता है और दर्द जैसी समस्याएँ दूर हो जाती हैं। जोड़ों के दर्द के लिए अलसी के पाउडर को सरसों के तेल के साथ गर्म करें और ठंडा होने के बाद जोड़ों पर लगा लें, आराम मिलेगा।
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Flaxseed अलसी और इसके तेल में कई त्वचा के अनुकूल पोषक तत्व होते हैं जो त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। लिग्नान और ओमेगा 3 फैटी एसिड के उच्च स्तर, आपके पेट को साफ रखते है और त्वचा रोगों को रोकते हैं। ओमेगा 3 फैटी एसिड त्वचा कोशिकाओं के स्वस्थ विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। अलसी के फायदे में इसकी अलसी की नियमित खपत, त्वचा की जलन, चकत्ते, सूजन और लालिमा को कम कर सकती है। अलसी में आवश्यक फैटी एसिड त्वचा को हाइड्रेटेड और मॉइस्चराइज करते रहें, इस प्रकार मुँहासे और छालरोग जैसी त्वचा की समस्याओं को रोकते है।
अगर आप चाहती हैं की आपके त्वचा स्वस्थ, चिकनी और चमकदार रहे तो, रोज़ 1 से 2 चम्मच अलसी अपने रूटीन में शामिल करें। इसमें पाये जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा में कोलेजन प्रोडक्शन और नई सेल्स के बनने को बढ़ावा देते हैं जिससे त्वचा पर उम्र के साथ होने वाले बदलाव कम दिखाई देते हैं।
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Flaxseed अलसी में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड की उच्च मात्रा बालों के लोच में वृद्धि करता है और उन्के टूटने की संभावना कम करता है। अलसी के फायदे खोपड़ी में सीबम के उत्पादन को प्रोत्साहित करते हैं, इस प्रकार फलक और रूसी को रोकते हैं।
अलसी के बीज में विटामिन ई बालों की जड़ों और सिर की त्वचा को पोषण प्रदान करते हैं और झड़ते हुए बालों और गंजेपन को रोकने में मदद करते हैं। यह सोरायसिस (Psoriasis) से संबंधित बालों के झड़ने से उबरने में भी लोगों की मदद कर सकते हैं।
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इस अलसी के बीज फायदे और नुकसान (Flax Seeds Benefits and Side Effects in Hindi) वाले आर्टिकल में हमने अलसी क्या है, अलसी के प्रकार, अलसी के पौष्टिक तत्व और अलसी के बीज खाने का तरीका बताया है। आपको यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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