गर्भावस्था के समय स्वस्थ और सेहतमंद रहने के लिए सही आहार लेना बहुत जरूरी होता है। गर्भावस्था के दौरान सही आहार से महिला का स्वास्थ्य तो अच्छा रहता ही है साथ ही साथ गर्भस्थ्य शिशु का भी शारीरिक और मानसिक विकास सही तरीके से होता है। गर्भावस्था में क्या खाया जाए से जरूरी यह जानना है कि क्या न खाया जाए | इसलिए आपको गर्भावस्था के समय क्या न खाएं की जानकारी होना बहुत जरुरी हो जाता है
माँ बनना एक ऐसा एहसास होता है की आपको सब कुछ खाने का मन करने लगता है। जब माँ बनने का पहला पहला अनुभव होता है तो उन्हें ये नहीं पता होता है कि वो किन किन बातों का विशेष ध्यान रखें। गर्भावस्था के दौरान अपने खान पान में किस तरह के बदलाव करें। चूँकि इन बातों का जानना एक माँ के लिए बहुत आवश्यक है। इसलिए आज हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि कौन से फल गर्भावस्था के समय महिलाओं को नहीं खाने चाहिए…
गर्भावस्था के शुरुआती 5-6 महीने तक पपीता नहीं खाना चाहिए। चाहे वह पका हो या कच्चा क्योकि पपीता खाने से प्रसव जल्दी होने की संभावना होती है। पपीता, विशेष रूप से अपरिपक्व और अर्द्ध परिपक्व लेटेक्स जो गर्भाशय के संकुचन को ट्रिगर करने के लिए जाना जाता है को बढ़ावा देता है। गर्भावस्था के अंतिम तिमाही के दौरान पका हुआ पपीता खाना अच्छा होता हैं। पके हुए पपीते में विटामिन सी और अन्य पौष्टिक तत्वों की प्रचुरता होती है जो कब्ज नहीं होने देते| शहद और दूध के साथ मिश्रित पका पपीता गर्भवती के लिए एक उत्कृष्ट टॉनिक के समान होता है।
Pregnancy गर्भावस्था के समय अनानास खाना हानिकारक हो सकता है। इसके सेवन से भी प्रसव जल्दी होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, एक गर्भवती महिला अगर दस्त होने पर थोड़ी मात्रा में अनानास का रस पीती है तो इससे उसे किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा। वैसे पहली तिमाही के दौरान इसका सेवन ना करना ही सही रहेगा, इससे किसी भी प्रकार के गर्भाशय के अप्रत्याशित घटना से बचा जा सकता है।
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डॉक्टर भी गर्भवती महिलाओं को उसके गर्भावस्था के अंतिम तिमाही में अंगूर खाने से मना करते हैं क्योंकि इसकी तासीर गरम होती है। इसलिए बहुत ज़्यादा अंगूर खाने से असमय प्रसव पीड़ा हो सकती है। इसलिए कोशिश करें कि गर्भावस्था के समय अंगूर न खायें।
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आड़ू स्वाद में जितना लज्जतदार होता है उतना ही गर्म भी होता है। गर्भवती महिलाओं के रक्तस्राव की वजह हो सकता है इसलिए इसे गर्भवस्था के दौरान न खाना ही समझदारी है।
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वैसे तो बिना धोए फल खाना ही नहीं चाहिए लेकिन गर्भावस्था के दौरान ये इतने खतरनाक भी हो सकते हैं कि गर्भपात की वजह बन जाए। कई बार फलों पर लगी मिट्टी में टोक्सोप्लास्मोसिस नामक नुकसानदायक बैक्टीरिया होता है जो गर्भवती महिलाओं के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
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गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण सलाह ये होती है कि वो कच्ची या पाश्चरीकृत नहीं की हुई सब्जी और फल ना खाए। साथ ही ये भी महत्वपूर्ण है कि आप जो भी खाए वो अच्छे से धुला हुआ और साफ हो। ये गर्भावस्था के दौरान आपको संक्रमण से बचाने के लिए महत्वपूर्ण है।
गर्भावस्था के समय कच्चे या आधे पके हुए अंडे नहीं खाना चाहिए। इनसे साल्मोनेला के संक्रमण होने का ख़तरा बना रहता है, जो उल्टी और दस्त का कारण बन सकता है और जो बच्चे के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।
लेकिन इसका ये मतलब नहीं है की आप अंडे ही न खाए अंडे में प्रोटीन, विटामिन के साथ खनिज अच्छी मात्रा में पाया जाता हैं, इसलिए यदि आप आपनी गर्भावस्था के दौरान अंडे का सेवन करना चाहती है तो उन्हें अच्छे से पका कर ही खाएँ।
गर्भावस्था के समय आपको कॉफी की मात्रा को कम कर देना चाहिए। क्योंकि इसमें कैफीन की मात्रा अधिक होती है जो की एक उत्तेजक के रूप में काम करती है, इसलिए यह आपके पेट में पल रहे बच्चे की हार्ट रेट को परिवर्तित कर सकती है।
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इसके अलावा कैफीन के अधिक मात्रा में सेवन करने से गर्भवती महिला को गर्भपात होने और बच्चे का वज़न कम होने का खतरा भी बना रहता है। इसके अतिरिक्त कैफीन का अधिक सेवन करने से निर्जलीकरण का खतरा भी बना रहता है। हो सके तो पहले तीन महीने तक इन कैफीन युक्त पदार्थों से दुरी बनाकर रखे|
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कच्चे बीजों को अंकुरित करके खाना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है, लेकिन गर्भावस्था के समय इनका सेवन करने से आपको बचना चाहिए। गर्भावस्था के समय क्या न खाएं में अंकुरित बीज भी सामिल है
क्योकि कच्चे अंकुरित बीजों में हानिकारक बैक्टीरिया पाए जा सकते हैं जैसे की साल्मोनेला, ई कोलाई और लिस्टेरिया (Salmonella, e coli and listeria) जो आपके भोजन को हानिकारक बना सकते हैं। ऐसे विषाक्त भोजन
का सेवन गर्भावस्था में करने पर उल्टी और दस्त के कारण आपके साथ-साथ आपके पेट में पल रहे बच्चे को भी नुकसान पहुँचा सकते हैं।
उपर के लेख में आपने जाना की गर्भावस्था के समय क्या न खाएं।
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