Frozen Shoulder in Hindi कंधे की अकड़न या कंधे की जकड़न (फ्रोजन शोल्डर) कंधे के जोड़ों में दर्द और अवरुद्ध गतिशीलता का कारण बनती है यह समस्या पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में अधिक देखने को मिलती है। फ्रोजन शोल्डर की समस्या, पीड़ित व्यक्ति के दैनिक कार्यों में हस्तक्षेप कर सकती है तथा काफी पीड़ादायक हो सकती है। यह समय के साथ गंभीर रूप धारण कर सकती है, तथा उपचार नहीं होने पर कंधे की गतिविधि को पूर्ण रूप से अवरुद्ध कर सकती है। कंधे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) के उपचार में रेंज-ऑफ-मोशन एक्सरसाइज को प्रभावी माना जाता है। इसके अरितिक्त कंधे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) से सम्बंधित कुछ मामलों में शोल्डर कैप्सूल को ढीला करने के लिए आर्थोस्कोपिक सर्जरी (Arthroscopic Surgery) की सिफारिश की जा सकती है।
आज के इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि कंधे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) क्या है, इसके लक्षण, कारण और जांच क्या है तथा इसके इलाज और बचाव कैसे किया जा सकता है।
फ्रोजन शोल्डर (Frozen Shoulder) को आसंजी संपुटशोथ (Adhesive Capsulitis) के रूप में भी जाना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जो पीड़ित व्यक्ति के कंधे के जोड़ों को प्रभावित करती है। फ्रोजन शोल्डर की स्थिति में आमतौर पर कंधे के जोड़ में सूजन, अकड़न और दर्द शामिल है। यह समस्या धीरे-धीरे विकसित होती है, तथा समय के साथ अधिक गम्भीर हो ती जाती है। इसमें एक साल से लेकर 3 साल तक का समय लग सकता है।
मानव कंधे तीन हड्डियों से मिलकर बने होते हैं, जो बॉल-सॉकेट जॉइंट (Ball-And-Socket Joint) का निर्माण करते हैं। ये तीन हड्डियाँ – ऊपरी बांह (ह्यूमरस) (Humerus), सोल्डर ब्लेडर (स्कैपुला) (Scapula), और कॉलरबोन (क्लेविकल) (Clavicle) हैं। कंधे के जोड़ के आस-पास कुछ ऊतक होते हैं जिन्हें शोल्डर कैप्सूल कहा जाता है।
कंधे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) की स्थिति में, कंधे के जोड़ के ऊतक या शोल्डर कैप्सूल अधिक मोटे और सख्त हो जाते हैं तथा समय के साथ निशान ऊतक (Scar Tissue) विकसित हो जाता है और श्लेष तरल पदार्थ में कमी आ जाती है। परिणामस्वरूप, कंधे की गति सीमित हो जाती है। और कंधे में सूजन, दर्द और अकड़न आदि लक्षण प्रगट होते हैं। कंधे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) की समस्या आमतौर पर 40 और 60 वर्ष की आयु के बीच अधिक विकसित होती है।
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कंधे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) से सम्बंधित मुख्य लक्षणों में दर्द और कठोरता या अकड़न को शामिल किया जाता हैं। यह लक्षण कंधे की गतिविधि को मुश्किल या असंभव बनाते हैं। फ्रोजन शोल्डर के लक्षण धीरे धीरे विकसित होते हैं तथा समय के साथ दैनिक कार्यों में रूकावट उत्पन्न करते हैं। कंधे की अकड़न की स्थिति में दर्द रात के समय अधिक परेशान कर सकता है तथा नींद को असुविधाजनक बना सकता है। इसके अतिरिक्त कंधे में सूजन भी उत्पन्न हो सकती है। वास्तव में कंधे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) के लक्षण इसकी स्टेज पर निर्भर करते हैं, तथा स्टेज बदलने पर लक्षणों में भी बदलाव महसूस होता है।
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कंधे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) की समस्या आमतौर पर धीरे-धीरे और तीन चरणों या स्टेज में विकसित होती है। तथा प्रत्येक चरण या स्टेज कई महीनों तक रह सकती है।
फ्रीजिंग स्टेज (Freezing Stage) – इस स्टेज में कंधे की किसी भी गतिविधि के दौरान दर्द होता है, और कंधे की गतिविधि धीरे-धीरे सीमित होने लगती है। इस स्टेज की अविधि 6 से 9 महीने तक होती है।
फ्रोज़न स्टेज (Frozen Stage) – इस अवस्था के दौरान दर्द में कमी हो सकती है। लेकिन इस स्थिति में कंधे की अकड़न या कठोरता ओर अधिक बढ़ जाती है, और कंधे का दैनिक गतिविधि में उपयोग करना अधिक कठिन हो जाता है। यह अवस्था 4 से 12 महीने तक रह सकती है।
थाविंग स्टेज (Thawing Stage) – इस स्टेज में कंधे की गतिविधि में सुधार आता है। इसमें 6 महीने से लेकर 2 साल तक का समय लग सकता है। लेकिन कुछ पीड़ित व्यक्तियों के लिए रात में दर्द अधिक प्रभावी हो सकता है और कभी-कभी नींद को भी नुकसान पहुँचता है।
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फ्रोजन शोल्डर (Frozen Shoulder) की समस्या तब उत्पन्न होती है, जब शोल्डर कैप्सूल या जोड़ो के ऊतक सख्त और गाढे हो जाते हैं और कंधे के जोड़ के चारों ओर कठोरता से चिपक जाते हैं अर्थात स्कार टिश्यू का निर्माण करते हैं। इस स्थिति में कंधे की गतिविधि अवरुद्ध होने लगती है। अपितु यह स्पष्ट नहीं है कि कुछ व्यक्तियों में फ्रोजन शोल्डर की समस्या किन कारणों से विकसित होती है। लेकिन इस समस्या के उत्पन्न होने के लिए अनेक जोखिम कारक उत्तरदाई हो सकते हैं। 40 वर्ष और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों में से विशेषकर महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा फ्रोजन शोल्डर होने का जोखिम अधिक होता है। इसके अतिरिक्त कंधे की जकड़न (फ्रोजन शोल्डर) के अन्य जोखिम कारक निम्न हैं, जैसे:
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यदि कोई व्यक्ति कंधे में अकड़न (Frozen Shoulder) और दर्द को महसूस करता है, तो उसे डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। डॉक्टर शारीरिक परीक्षण की मदद से लक्षणों का निदान करने का प्रयास कर सकता है शारीरिक परीक्षण के दौरान, दर्द की जाँच करने और गतिविधि की सीमा का मूल्यांकन करने का प्रयास किया जाता है। शारीरिक परीक्षण की मदद से डॉक्टर, मांसपेशियों की सक्रियता और निष्क्रियता दोनों स्थितियों की सीमा का निर्धारण कर सकता है। कुछ मामलों में, डॉक्टर नैदानिक प्रक्रिया में सुन्न करने वाली दवा (एनेस्थेटिक) का प्रयोग कर सकता है।
एक शारीरिक परीक्षण आमतौर पर कंधे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) का निदान करने के लिए पर्याप्त हो सकता है, लेकिन डॉक्टर गठिया (Anesthetic) या फटे रोटेटर कफ (Torn Rotator Cuff) जैसी अन्य समस्याओं के निदान के लिए एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, या एमआरआई जैसे इमेजिंग परीक्षण की भी मदद ले सकता है।
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आमतौर पर कंधे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) का इलाज करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रियों का उपयोग किया जा सकता है, जैसे:
भौतिक चिकित्सा (Physical Therapy) – कंधे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) के लिए फिजिकल थेरेपी सबसे आम उपचार है। इस उपचार प्रक्रिया के दौरान कंधे की गतिविधि को बढ़ाने और दर्द को कम करने का लक्ष्य रखा जाता है। इस उपचार प्रक्रिया में प्रभावी परिणाम प्राप्त करने में कुछ सप्ताह से लेकर 9 महीने तक का समय लग सकता है। फिजियोथेरेपी या भौतिक चिकित्सा के तहत् रेंज-ऑफ-मोशन एक्सरसाइज (Range-Of-Motion Exercises) महत्वपूर्ण है।
दवाएं (Medication) – दर्द और जोड़ में सूजन जैसे लक्षणों का इलाज करने के लिए डॉक्टर एस्पिरिन (Aspirin), इबुप्रोफेन (Ibuprofen) या नेप्रोसिन सोडियम (Naproxen Sodium) जैसी ओवर-द-काउंटर नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (Nsaids) की सिफारिश कर सकता है। एक स्टेरॉयड इंजेक्शन भी कंधे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) को कम करने में मदद कर सकता है। दर्द को कम करने और कंधे की गति सीमा में सुधार करने के लिए डॉक्टर कंधे के जोड़ में एक कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन (Corticosteroid Injection) लगाने की सिफारिश कर सकता है।
सर्जरी (Surgery) – कंधे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) के उपचार के लिए सर्जरी काफी दुर्लभ है। लेकिन यदि कोई भी उपचार प्रक्रिया कंधे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) के इलाज में मददगार साबित नहीं होती है, तो डॉक्टर कंधे के जोड़ के अंदर से क्षतिग्रस्त कोशिकाओं और कठोरता को हटाने के लिए सर्जरी की सिफारिश कर सकता है।
डॉक्टर आमतौर पर आर्थोस्कोपिक (Arthroscopic) प्रक्रिया का उपयोग सर्जरी के लिए करता है। इस प्रक्रिया में कंधे में छोटे-छोटे कट के जरिए हल्के, ट्यूबलर उपकरणों को डाला जाता है तथा आर्थ्रोस्कोप का उपयोग कर सर्जरी द्वारा स्कार टिशू या क्षतिग्रस्त ऊतकों को हटा दिया जाता है। आमतौर इस प्रक्रिया के बाद मरीज तीन महीने के अन्दर पूर्ण स्वास्थ्य के साथ सभी प्रकार की गतिविधियों को प्राप्त कर सकता है।
इसके अतिरिक्त डॉक्टर मरीज के शोल्डर कैप्सूल (Shoulder Capsule) में जीवाणुरहित जल (Sterile Water) इंजेक्ट कर सकता है, जिससे कंधे को आसानी से हिलाने में मदद मिल सकती है।
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कंधे की जकड़न (फ्रोजन शोल्डर) की रोकथाम का कोई उचित तरीका नहीं है। परन्तु कंधे की चोट के तुरंत बाद फिजिकल थेरेपी शुरू करने पर कंधे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। कंधे की गतिविधि में सुधार लाने के लिए प्रतिदिन उचित व्यायाम कर तथा दर्द को कम करने के लिए दिन में कई बार 15 मिनट के लिए कंधे पर आइस पैक रखकर कंधे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) के लक्षणों को कम करने में सहायता प्राप्त हो सकती है। रेंज-ऑफ-मोशन एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग (Stretching) की मदद से सर्जरी या चोट के परिणामस्वरूप उत्पन्न फ्रोजन शोल्डर की समस्या को रोका जा सकता है। परन्तु फ्रोजन शोल्डर के कुछ मामले से बचाव संभव नहीं है।
विटामिन डी और फ्रेंडली बैक्टीरिया डाइट युक्त आहार का सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है तथा फ्रोजन शोल्डर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
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स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज
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