पित्ताशय की पथरी या गैल्स्टोन (Gallstones) पित्ताशय में पाए जाने वाले छोटे स्टोन होते हैं, जो पित्त नलिकाओं के अवरुद्ध होने का कारण बन सकते हैं। यह मुख्य रूप से मनुष्यों में पेट दर्द का कारण बनते हैं। यह समस्या मुख्य रूप से महिलाओं को अधिक परेशान करती है। अपितु यह 40 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों और महिलाओं को भी समान रूप से परेशान कर सकती है। पित्ताशय की पथरी (Gallstones) का आमतौर पर केवल सर्जरी ही एक मात्रा सफल इलाज है। हालांकि इसका दवाओं के माध्यम से भी इलाज किया जा सकता है, लेकिन इलाज बंद किये जाने पर यह गैल्स्टोन (Gallstones)पुनः उत्पन्न हो सकते हैं। चूँकि यह समस्या अन्य समस्याओं को जन्म दे सकती है अतः इसका इलाज समय पर किया जाना आवश्यक हो जाता है।
आज के इस लेख में आप जानेंगे कि पित्ताशय की पथरी (गैल्स्टोन) क्या है, इसके प्रकार, कारण और लक्षण क्या हैं तथा इसका निदान, इलाज और रोकथाम कैसे की जा सकती है।
- गैल्स्टोन (पित्ताशय की पथरी) क्या है – What Are Gallstones in hindi
- पित्ताशय की पथरी (गैल्स्टोन) के प्रकार – Gallstones Types in hindi
- गैल्स्टोन (पित्ताशय की पथरी) का कारण – Gallstones Causes in hindi
- पित्ताशय की पथरी के लक्षण – Gallstones Symptoms in hindi
- पित्ताशय की पथरी (गैल्स्टोन) की जटिलताएं – Gallstones Complications in hindi
- गैल्स्टोन (पित्ताशय की पथरी) के जोखिम कारक – Gallstones Risk factors in hindi
- पित्ताशय की पथरी (गैल्स्टोन) का निदान – Gallstones Diagnosis in hindi
- पित्ताशय की पथरी (गैल्स्टोन) का इलाज – Gallstones Treatment in hindi
- पित्ताशय की पथरी का ऑपरेशन या सर्जरी – Surgery for Gallstones Treatment in hindi
- गैल्स्टोन (पित्ताशय की पथरी) की रोकथाम – Gallstones Prevention in hindi
- पित्ताशय की पथरी (गैल्स्टोन) आहार – Gallstones diet in hindi
- पित्ताशय की पथरी (गैल्स्टोन) में परहेज – Foods to avoid Gallstones in hindi
गैल्स्टोन (पित्ताशय की पथरी) क्या है – What Are Gallstones in Hindi
गैल्स्टोन (Gallstones) या पित्ताशय की पथरी, मानव यकृत के नीचे स्थित अंग पित्ताशय की थैली (gallbladder) में ठोस सामग्री के छोटे टुकड़े या छोटे स्टोन (small stones) होते हैं। यह सामान्य अवस्था में किसी भी लक्षण का कारण नहीं बनते हैं और किसी भी तरह के इलाज की आवश्यकता भी नहीं होती है। लेकिन जब यह गैल्स्टोन पित्त नली को अवरुद्ध करते हैं, तब दर्द के साथ-साथ विभिन्न लक्षणों का कारण बन सकते हैं। अतः इस स्थिति में तुरंत इलाज करने की आवश्यकता होती है।
पित्ताशय की थैली (gallbladder), यकृत के नीचे तथा पेट के दाहिने तरफ स्थित एक छोटा नाशपाती के आकार का अंग है। पित्ताशय की थैली पित्तरस (पाचन तरल पदार्थ) को स्टोर करती है जिसे छोटी आंत में भोजन को पचाने के लिए छोड़ा जाता है।
गैल्स्टोन (Gallstones) से सम्बंधित कुछ व्यक्ति विभिन्न जटिलताओं जैसे- पित्ताशय की थैली में सूजन (cholecystitis), आदि को भी विकसित कर सकते हैं। जो लोग गैल्स्टोन से सम्बंधित लक्षणों का अनुभव करते हैं, उन्हें उपचार के लिए आमतौर सर्जरी की आवश्यकता होती है।
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पित्ताशय की पथरी (गैल्स्टोन) के प्रकार – Gallstones Types in Hindi
पित्ताशय की पथरी अर्थात गैल्स्टोन (Gallstones) के मुख्य रूप से निम्न प्रकार हैं:
कोलेस्ट्रॉल गैल्स्टोन (Cholesterol gallstones) – कोलेस्ट्रॉल गैल्स्टोन (Cholesterol gallstones), गैलेस्टोन का सबसे सामान्य प्रकार है, यह अक्सर पीला रंग के क्रिस्टल के रूप में दिखाई देता है। ये गैल्स्टोन मुख्य रूप से अघुलित (undissolved) कोलेस्ट्रॉल के बने होते हैं, लेकिन इसमें अन्य घटक भी मौजूद हो सकते हैं। लगभग 80% गैल्स्टोन इसी प्रकार के होते हैं।
वर्णक गैल्स्टोन (Pigment gallstones) – वर्णक गैल्स्टोन (Pigment gallstones) गहरे भूरे या काले रंग के स्टोन होते हैं। यह बिलीरुबिन से बने होते हैं। यह बिलीरुबिन यकृत द्वारा भेजे गये पित्त में पाया जाता है और पित्ताशय की थैली में स्टोर हो जाता है।
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गैल्स्टोन (पित्ताशय की पथरी) का कारण – Gallstones Causes in Hindi
यद्यपि गैल्स्टोन (पित्ताशय की पथरी) के सही कारणों को स्पष्ट नहीं किया जा सकता है। डॉक्टरों का मानना है कि गैल्स्टोन के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:
पित्त में बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल (Too much cholesterol in bile) – पित्त में यकृत द्वारा उत्सर्जित कोलेस्ट्रॉल को विलेय (dissolve) करने के लिए पर्याप्त मात्रा में रसायन उपस्थित होते हैं। लेकिन जब यकृत पित्त की तुलना में अधिक कोलेस्ट्रॉल उत्सर्जित करता है, तो अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल क्रिस्टल या स्टोन में परिवर्तित हो सकता है। इन स्टोन या कठोर क्रिस्टल को कोलेस्ट्रॉल गैल्स्टोन (Cholesterol gallstones) कहते हैं।
पित्त में बहुत ज्यादा बिलीरुबिन (Too much bilirubin in bile) – बिलीरुबिन (Bilirubin) एक रासायनिक उत्पाद है, यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के नष्ट होने पर उत्पन्न होता है। कुछ स्थितियां जैसे- लिवर सिरोसिस (liver cirrhosis), पित्त पथ संक्रमण (biliary tract infections) और कुछ रक्त विकार (blood disorders) आदि, यकृत (liver) द्वारा बहुत अधिक बिलीरुबिन उत्पादन का कारण बनती हैं। जिससे यह अतिरिक्त बिलीरुबिन गहरे भूरे या काले रंग के कठोर पत्थर (स्टोन) में परिवर्तित हो जाता है।
सांद्रित पित्त (Concentrated bile) – पित्ताशय की थैली (gallbladder) को स्वस्थ रहने और अच्छी तरह से काम करने के लिए, पित्त को खाली करने की जरूरत होती है। यदि पित्ताशय (gallbladder), पित्त सामग्री को खाली करने में असफल रहता है, तो इसके अन्दर का पित्त अत्यधिक सांद्रित (Concentrated) हो जाता है, जिससे कठोर क्रिस्टल का निर्माण होता है।
इसके अतिरिक्त निम्न स्थितियां भी गैल्स्टोन (Gallstones) का कारण बन सकती हैं, जैसे-
- जीन (genes) या अनुवांशिक स्थितियां
- अधिक वजन (weight)
- पित्ताशय की थैली से सम्बंधित समस्याएं
- असंतुलित आहार
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पित्ताशय की पथरी के लक्षण – Gallstones Symptoms in Hindi
गैल्स्टोन (Gallstones) मुख्य रूप से ऊपरी दाएं पेट में दर्द का कारण बनता है। जब भोजन में उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थ पाए जाते हैं, जैसे तला हुआ भोजन, तो यह समय-समय पर पित्ताशय की थैली में दर्द उत्पन्न कर सकता है। यह दर्द आमतौर पर कुछ घंटों के लिए रहता है।
इसके अतिरिक्त निम्न लक्षणों को अनुभव किया जा सकता है:
- जी मिचलाना
- उल्टी होना
- डार्क मूत्र (dark urine)
- मिट्टी के रंग के सामन मल
- पेट में दर्द होना
- दस्त लगना
- खट्टी डकार आना
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पित्ताशय की पथरी (गैल्स्टोन) की जटिलताएं – Gallstones Complications in Hindi
पित्ताशय की पथरी या गैल्स्टोन (gallstones) का समय पर इलाज न किये जाने पर यह निम्न जटिलताओं का कारण बन सकते हैं, जैसे:
- पीलिया (jaundice),
- कोलीसिस्टाइटिस (cholecystitis) (पित्ताशय की थैली में संक्रमण),
- कोलेंजाइटिस (cholangitis), (एक पित्त नली संक्रमण)
- सेप्सिस (sepsis) बीमारी, जो कि एक रक्त संक्रमण है
- अग्नाशयशोथ (pancreatitis)
- गॉलब्लेडर कैंसर (Gallbladder cancer)
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गैल्स्टोन (पित्ताशय की पथरी) के जोखिम कारक – Gallstones Risk factors in Hindi
गैल्स्टोन (gallstones) या पित्ताशय की पथरी के जोखिम में वृद्धि करने वाले कारकों में निम्न शामिल हैं:
- मधुमेह की बीमारी
- गर्भावस्था
- 40 साल या उससे अधिक उम्र का होना
- रजोनिवृत्ति (menopause) के दौरान जन्म नियंत्रण गोलियां भी अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल का कारण बन सकती हैं
- अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होना
- उच्च वसा उक्त आहार का सेवन
- कम फाइबर आहार का सेवन करना
- कुछ दवाएं (drugs)
- लिवर की बीमारी (liver disease)
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पित्ताशय की पथरी (गैल्स्टोन) का निदान – Gallstones Diagnosis in hindi
गैल्स्टोन (gallstones) या पित्ताशय की पथरी का निदान करने के लिए डॉक्टर मरीज का शारीरिक परीक्षा करता है। शारीरिक परीक्षण के दौरान व्यक्ति की आंखें और त्वचा की जांच की जाती है। त्वचा का पीलापन शरीर में बिलीरुबिन की अधिक मात्रा की ओर संकेत देता है।
संक्रमण के लक्षणों की जांच करने के लिए रक्त परीक्षण और अन्य परीक्षणों को प्रयोग में लाया जा सकता है। अतः गैल्स्टोन (gallstones) के नैदानिक परीक्षणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
पित्ताशय की पथरी जांच के लिए रक्त परीक्षण (Blood tests) – बीमारी का निदान करने के लिए डॉक्टर रक्त परीक्षण का आदेश दे सकता है। रक्त परीक्षण के दौरान रक्त नमूने में बिलीरुबिन (Bilirubin) की मात्रा को मापा जाता है। इस परीक्षण द्वारा यह निर्धारित किया जा सकता है, कि सम्बंधित व्यक्ति का यकृत कितनी अच्छी तरह से कार्य कर रहा है।
पित्ताशय की पथरी की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) – अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) पेट की छवियां उत्पन्न करने के लिए एक इमेजिंग परीक्षण है। यह यंत्र इमेजिंग के लिए ध्वनि तरंगों (sound waves) का उपयोग करता है। यह परीक्षण पेट सम्बन्धी विकारों तथा गैल्स्टोन का निदान कर सकता है।
पित्ताशय की पथरी का पता लगाने के लिए सीटी स्कैन (CT scan) – सीटी स्कैन (CT scan) एक्स-किरणों का प्रयोग करने वाला एक इमेजिंग टेस्ट (imaging test) है। इसका प्रयोग यकृत (liver) और पेट से सम्बंधित क्षेत्र की तस्वीरें लेने के लिए किया जाता है। अतः इस परीक्षण के माध्यम से पित्ताशय की पथरी का निदान किया जा सकता है।
एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलांगियोपैंक्रेटोग्राफी (Endoscopic retrograde cholangiopancreatography) (ERCP) – ERCP एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें पित्त और अग्नाशयी नलिकाओं की समस्याओं का निदान करने के लिए एंडोस्कोप और विशेष प्रकार की डाई (dye) का उपयोग किया जाता है। यह परीक्षण डॉक्टर द्वारा पित्त नलिका में फंसे गैल्स्टोन की तलाश करने में उपयोगी होता है।
गॉलब्लेडर रेडियोन्यूक्लाइड स्कैन (Gallbladder radionuclide scan) – यह एक महत्वपूर्ण परीक्षण है, जिसमे परीक्षण को पूर्ण करने में लगभग एक घंटे का समय लगता है। इस परीक्षण के दौरान विशेषज्ञ द्वारा मरीज की नसों में एक रेडियोधर्मी पदार्थ प्रवेश (इंजेक्ट) कराया जाता है। यह पदार्थ रक्त के माध्यम से यकृत (liver) और पित्ताशय की थैली (gallbladder) तक जाता है। यह परीक्षण पित्त नलिकाओं के संक्रमण या अवरोध को स्पष्ट करता है।
चुंबकीय अनुनाद कोलैंजियोपैन्क्रियेटोग्राफी (Magnetic resonance cholangiopancreatography) (MRCP) – यह परीक्षण यकृत (liver) और पित्ताशय की थैली (gallbladder) सहित शरीर के आंतरिक अंगो की तस्वीरें लेने के लिए एक चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) और रेडियो-तरंग (radio-wave ) की ऊर्जा का उपयोग करता है।
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पित्ताशय की पथरी (गैल्स्टोन) का इलाज – Gallstones Treatment in Hindi
यदि गैल्स्टोन (Gallstones), पित्त नलिकाओं को अवरुद्ध नहीं करते हैं, तो इसके लिए इलाज की आवश्यकता नहीं पड़ती है। क्योंकि वे दर्द और अन्य लक्षणों का कारण नहीं बनते हैं। यदि गैल्स्टोन बड़े हैं और दर्द का कारण बनते हैं, तो डॉक्टर इस समस्या का इलाज करने के लिए सर्जरी की सिफारिश कर सकता है। कुछ मामलों में इसका इलाज करने के लिए दवा का उपयोग भी किया जाता है।
पित्ताशय की पथरी का ऑपरेशन या सर्जरी – Surgery for Gallstones Treatment in Hindi
पित्ताशय की थैली हटाने के लिए लैप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॅमी (Laparoscopic cholecystectomy) – लैप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॅमी (Laparoscopic cholecystectomy) एक सामान्य सर्जरी है। इस सर्जरी के दौरान सर्जन, पेट में कई छोटे कट्स (छेदों) के माध्यम से एक छोटा सा प्रकाशिक यंत्र, जिसमे एक कैमरा लगा रहता है, डाला जाता है। इस कैमरे की मदद से बाहर रखी मॉनिटर पर शरीर के अंदर देखा जाता है, तथा सर्जरी के द्वारा पित्ताशय की थैली या गैल्स्टोन को हटा दिया जाता है। पित्ताशय की थैली को हटाने से भोजन को पचाने की क्षमता प्रभावित नहीं होती है। लेकिन यह स्थिति दस्त का कारण बन सकती है, जो आम तौर पर अस्थायी होते हैं। सामान्यतः मरीज इस प्रक्रिया के दिन या एक दिन बाद अपने घर जा सकता है।
पित्ताशय की थैली को हटाने के लिए ओपेन कोलेसिस्टेक्टॅमी (Open cholecystectomy) – ओपेन कोलेसिस्टेक्टॅमी (Open cholecystectomy) के दौरान सर्जन पित्ताशय की थैली को हटाने के लिए पेट में बड़ा कट (bigger cuts) लगाता है। ऑपरेशन के कुछ दिनों बाद तक अस्पताल में रहने की आवश्यकता होती है।
पित्ताशय की पथरी के लिए नॉनसर्जिकल उपचार (Nonsurgical treatments) – आमतौर पर दवाओं का उपयोग कर, गैल्स्टोन (Gallstones) की समस्या का इलाज पूरी तरह से नहीं किया जा सकता है। क्योंकि दवाओं के माध्यम से गैल्स्टोन को नष्ट करने में महीनों या वर्षों लग सकते हैं और उपचार बंद किये जाने पर गैल्स्टोन फिर से बनना प्रारंभ हो सकते हैं।
यदि डॉक्टर को लगता है कि ऑपरेशन नहीं किया जाना चाहिए, तो वह कोलेस्ट्रॉल के कारण उत्पन्न गैल्स्टोन (Gallstones) को नष्ट करने के लिए यूर्सोडियाल (ursodiol) दवाएं लेने की सलाह दे सकता हैं।
शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (Shock wave lithotripsy) – शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (Shock wave lithotripsy) गैल्स्टोन का इलाज करने का एक अन्य विकल्प है। इस उपचार प्रक्रिया में लिथोट्रिप्टर (lithotripter) एक मशीन होती है, जो प्रघात तरंग (shock waves) उत्पन्न करती है। प्रघात तरंग (shock waves) किसी व्यक्ति से होकर गुजरती हैं और गैल्स्टोन को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ सकती हैं।
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गैल्स्टोन (पित्ताशय की पथरी) की रोकथाम – Gallstones Prevention in Hindi
गैल्स्टोन (Gallstones) जैसी समस्याओं की रोकथाम और पित्ताशय की थैली को स्वस्थ रखने के लिए जीवनशैली में परिवर्तन करना बहुत आवश्यक होता हैं इस हेतु निम्न उपाय अपनाये जा सकते हैं, जैसे –
- स्वस्थ वजन बनाए रखें।
- तेजी से वजन में कमी न आने दें।
- एंटी-इंफ्लेमेटरी आहार (anti-inflammatory diet) का सेवन करें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें।
- डॉक्टर द्वारा सिफारिश की गई सप्लीमेंट का सेवन उचित तरीके से करें।
- विटामिन सी और लेसिथिन, गैल्स्टोन के जोखिम को कम कर सकते हैं। अतः इन सप्लीमेंट (supplements) के उपयुक्त खुराक का सेवन करने के लिए डॉक्टर की सहायता लें।
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पित्ताशय की पथरी (गैल्स्टोन) आहार – Gallstones diet in Hindi
स्वस्थ आहार का सेवन करने और स्वस्थ वजन बनाए रखने से व्यक्ति पित्ताशय की पथरी के जोखिमों को कम कर सकता है। अतः गैल्स्टोन की संभावनाओं को कम करने के लिए निम्न आहार को अपनी दिनचर्या में शामिल किया जाना चाहिए:
- ताजे फल और सब्जियाओं के रस का सेवन करें।
- साबुत अनाज (Whole grains) जैसे – साबुत गेहूं की रोटी, ब्राउन चावल, जई (oats), ब्रान अनाज (bran cereal) को भोजन के रूप में शामिल करें।
- दुबला मांस (Lean meat), मुर्गी और मछली का सेवन।
- कम वसा वाले डेयरी उत्पाद।
- कम शर्करा युक्त खाद्य पदार्थ खाएं।
- अधिक फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे – फल, सब्जियां, सेम और मटर को अपनाएं।
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पित्ताशय की पथरी (गैल्स्टोन) में परहेज – Foods to avoid Gallstones in Hindi
गैल्स्टोन (पित्ताशय की पथरी) के जोखिम को कम करने के लिए निम्न खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज किया जाना चाहिए:
- उच्च वसा, चिकनाई और तले हुए भोजन का सेवन न करें।
- दस्त (diarrhea) का कारण बनने वाले खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से बचें। इन पदार्थों में कैफीनयुक्त पेय, उच्च वसायुक्त डेयरी उत्पाद और बहुत मीठे भोजन शामिल हैं।
- तले हुए खाद्य पदार्थ से परहेज।
- अत्यधिक संसाधित (processed) खाद्य पदार्थ जैसे – डोनट्स (doughnuts), पाई (pie), कुकीज़ (cookies) आदि के सेवन से बचें।
- दूध डेयरी उत्पादों जैसे – पनीर (cheese), आइसक्रीम, मक्खन आदि का सेवन न करें।
- फैटी लाल मांस को भोजन में शामिल न करें।
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