Garam Masala in hindi गरम मसाला कई मसालों का मिश्रण से बनता है। जिसमें लौंग,इलाइची, दालचीनी, कालीमिर्च , जायफल आदि होता है। गरम मसाला खाने को स्वादिष्ट बनाने के साथ ही सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है। सीमित मात्रा में इसके उपयोग से कई बीमारियों को दूर किया जा सकता है। क्योंकि इस मसाले में दस या उससे भी अधिक सूखे मसालों कों मिलाकर बनाया जाता हैं। आईए जानते है कि कैसे गरम मसाला का इस्तेमाल करके आप खाने को स्वादिष्ट बनाने के साथ साथ सेहत को बेहतर बना सकते है। और गरम मसाला के फायदे, गरम मसाला बनाने की विधि और गरम मसाला के नुकसान के बारें में।
अलग अलग चीजो को मिलाकर गरम मसाला तैयार किया जाता है जिससे इसमें पाए जाने वाले तत्व के फायदे भी अलग अलग होते है वैसे गरम मसाले का निशचित मात्रा में सेवन करने से सम्पूर्ण स्वास्थ्य लाभ (Garam masala for overall health benefits in hindi) होता है यहाँ हम आपको गरम मसाले में पाए जाने वाले तत्वों के फायदे बताने जा रहे है।
गरम मसालों में काली मिर्च स्वाद बढ़ाने के साथ -साथ सेहत के लिए भी काफी उपयोगी है। काली मिर्च हर भारतीय किचनों में मिल जाएगा। इसके इस्तेमाल से मोटापा कम करने में मदद मिलता है, आंखों की रोशनी बढ़ाने, पेट के रोगों को दूर करने में सहायक है। यह भूख बढ़ाती है। कालीमिर्च चूर्ण व शहद चाटने से सर्दी खांसी में लाभ होता है। काली मिर्च शहद में मिलाकर खाने से कमजोर याददाश्त में फायदा होता है।
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जायफल में औषधीय गुण के कारण इसे सालभर उपयोग किया जाता है। गरम मसाले में जायफल भोजन में स्वाद व खुशबू के लिए डाला जाता है। जायफल बहुत ही थोड़ी मात्रा में गर्म मसाले में प्रयोग किया जाने वाला मसाला है। बच्चों को दस्त, जुकाम व खांसी होने पर जायफल को गर्म पानी में घिसकर चटाया जाता है। इसके फूल जावित्री कहलाते हैं। सांस रोगों में पान में दो-तीन पंखुड़ी जावित्री डालकर लेने से फायदा होता है। भूख नहीं लगती हो, तो चुटकी भर जायफल की कतरन चूसकर देखें, कुछ ही देर में आराम मिलेगा।
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कायफल वायु, पित्त, कफ तीनों दोषों से उत्पन्न श्वास, ज्वर, जुकाम, मूत्र रोगों, अतिसार, बवासीर, बड़ी आंत की सूजन और एनिमिया में उपयोगी होता है। गाय के घी में कायफल का हलवा पुराने सिरदर्द में प्रयोग करते हैं। कायफल तिल के तेल में पकाकर बनाया तेल जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में लाभदायक है। ये हृदय रोग में गुणकारी और अतिसार दूर करने वाला होता है। गरम मसाला के फायदे लेने के लिए कायफल उसमे मिलाया जाता है।
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सूखे अदरक को सोंठ कहा जाता है। ये रुचिकारक, गठिया
नाशक, त्रिदोष नाशक, पाचक, स्वादिष्ट, गर्म, अतिसार, हृदयरोग और उदररोग नाशक है। अदरक की चाय से सर्दी, जुकाम, खांसी, सिरदर्द, ठीक होता है। सोंठ, जीरा और सेंधा नमक का चूर्ण ताजा दही में, मट्ठे में मिलाकर भोजन के बाद पीने से पुराने अतिसार का मल बंधता है।(और पढ़ें – सोंठ के फायदे और नुकसान)
गरम मसाले में मिलाया जाने वाला अकरकरा कड़वा, तीखा, प्रकृति में गर्म तथा कफ और वातनाशक है। इसके खून को साफ करने वाला, सूजन को कम करने वाला, मुंह की बदबू को नष्ट करने वाला, दन्त रोग, दिल की कमजोरी, बच्चों के दांत निकलने के समय के रोग, तुतलाहट, हकलाहट, रक्तसंचार को बढ़ाने में भी गुणकारी हैं। इसका प्रयोग दंतमंजनों और पेस्ट में होता है।
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गरम मसाले में दालचीनी होती है जो कि ब्लड शुगर को नियंत्रित करके डायबिटीज को खतरे को कम करता है। गर्म मसाले में मौजूद तत्वों के एंटी-ऑक्सीडेंटस, एंटी-इंफ्लेमेंट्री और एंटी-बायोटीक गुण न्यूरोलॉजीकल डिसऑर्डर से बचाता है।
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आप अपने घर पर ही आसानी गरम मसाला बना सकते हैं। आइए जाने घर पर गरम मसाला तैयार करने का आसान तरीका क्या है।
कम मात्रा में गरम मसाले का सेवन करना फायदेमंद होता है लेकिन जरूरी नहीं की यह सबके लिए फायदेमंद हो। गरम मसाला में जो तत्व मिले होते है उनमे अधिकतर गर्म प्रवित्ति के होते है इसलिए यदि आप इसका अधिक मात्रा में सेवन करते है तो आपको इसके नुकसान भी हो सकता है। गर्म मसाले के दुष्प्रभाव में सीने में जलन, एसिडिटी, मूत्र में जलन और पेट में जलन जैसी समस्या हो सकती है इससे बचने के लिए कम मात्रा में गरम मसाले का सेवन करने की सलाह दी जाती है मुख्य रूप से गर्मी के दिनों में इसका कम इस्तेमाल करना चाहिए ताकि इसके दुष्प्रभावो से बचा जा सके ।
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