Garbhpat ke baad bleeding rokne ke upay बच्चे को जन्म न देने की चाह रखने या किसी अन्य कारणों से कुछ महिलाएं गर्भपात करवाती हैं। लेकिन गर्भपात करवाने के बाद उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है और पूरी तरह से ठीक होने में समय भी लगता है। हालांकि कुछ महिलाएं बहुत जल्दी ठीक हो जाती हैं और अपनी दिनचर्या में वापस लौट आती हैं जबकि कुछ महिलाएं गर्भपात करवाने के बाद लगातार छोटी-छोटी समस्याओं जैसे पेट में दर्द, ब्लीडिंग और अगले मासिक धर्म की चिंता से परेशान रहती हैं।
यदि गर्भपात करवाने के बाद आप ब्लीडिंग की समस्या से परेशान हैं तो इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि गर्भपात के बाद ब्लीडिंग रोकने के लिए क्या उपाय करना चाहिए।
विषय सूची
1. गर्भपात के बाद कितने दिनों तक होती है ब्लीडिंग – Garbhpat ke baad kitne din tak bleeding hoti hai in hindi
2. गर्भपात के बाद ब्लीडिंग रोकने के लिए करें ये काम – Garbhpat ke baad bleeding rokne ke liye kare ye kaam in hindi
चूंकि गर्भपात के दौरान चूषण (suction), एबॉर्शन मेडिकेशन और हाथों का भी प्रयोग किया जाता है जिसके कारण एबॉर्शन पूरा हो जाने के बाद कभी-कभी योनि से असामान्य ब्लीडिंग होने लगती है। कई बार यह ब्लीडिंग मासिक धर्म के दौरान होने वाली ब्लीडिंग से कही ज्यादा और तेज होती है। डॉक्टरों का मानना है कि गर्भपात कराने के बाद आमतौर पर महिलाओं को एक या दो हफ्तों यानि पंद्रह दिनों तक ब्लीडिंग होना सामान्य होता है और धीरे-धीरे यह ब्लीडिंग बंद या बहुत कम भी हो जाती है। लेकिन यदि दो हफ्तों के बाद भी ब्लीडिंग न रूक रही हो तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकती है और ऐसी स्थिति में महिला को तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। क्योंकि अधिक दिनों तक ब्लीडिंग होने पर संक्रमण और हेमरेज सहित अन्य समस्याओं की संभावना ज्यादा होती है। हालांकि गर्भपात के बाद असामान्य ब्लीडिंग एक प्रतिशत से भी कम महिलाओं को होती है।
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चूंकि गर्भपात के बाद ब्लीडिंग होना एक संवेदनशील स्थिति मानी जाती है इसलिए जब भी आपको इस तरह की समस्या हो तो घरेलू उपाय अपनाने के बजाय जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाएं। आइये जानते हैं कि एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग रोकने के लिए क्या करना चाहिए।
देखा गया है कि कुछ गंभीर परिस्थितियों में महिलाओं का सर्जिकल गर्भपात किया जाता है। इस विधि से गर्भपात करने पर यदि गर्भाशय में भ्रूण का कुछ हिस्सा या टुकड़ा छूट जाता है या पूरी तरह से निकल नहीं पाता है तो इसकी वजह से एबॉर्शन के बाद महिला को भारी ब्लीडिंग होने लगती है। ऐसे में उसे बिना देर किए स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए, क्योंकि ऐसी स्थिति में ब्लीडिंग रोकने के लिए घरेलू उपाय आजमाने से स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है। इसलिए बेहतर यह होगा कि आप शीघ्र डॉक्टर के पास जाएं।
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आमतौर पर गर्भपात कराने के बाद सभी महिलाओं को ब्लीडिंग नहीं होती है और यदि होती भी है तो बहुत सामान्य होती है। लेकिन यदि एबॉर्शन के बाद आपको भारी ब्लीडिंग हो रही हो तो आपको मेडिकल ट्रीटमेंट लेना चाहिए। गर्भपात के बाद ब्लीडिंग रोकने या कम करने के लिए हॉस्पिटलों में तरह तरह के मेडिकल ट्रीटमेंट दिए जाते हैं जिससे की ब्लीडिंग रूक जाती है और आपको कमजोरी भी नहीं होती है।
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कभी-कभी गर्भाशय में आंतरिक चोट लगने के कारण भी गर्भपात के बाद ब्लीडिंग होती है। वास्तव में इसके लिए एबॉर्शन करने वाले डॉक्टर ही जिम्मेदार होते हैं। गर्भपात के बाद कभी-कभी ब्लीडिंग इतनी ज्यादा होती है कि महिला को चक्कर महसूस होता है और खून के बड़े बड़े थक्के निकलने लगते हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर आमतौर पर कुछ विशेष तरह की एंटी बायोटिक्स दवाएं देते हैं। इसलिए गर्भपात कराने के बाद आप डॉक्टर से पूछकर अपने पास एंटी बायोटिक्स दवाएं पहले से रखें ताकि जरूरत पड़ने पर लिया जा सके।
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आमतौर पर एबॉर्शन करने के बाद हॉस्पिटल से छुट्टी देने से पहले डॉक्टर महिला को कुछ विशेष सलाह भी देते हैं ताकि उसे घर जाने के बाद ज्यादा समस्याओं का सामना न करना पड़े। गर्भपात करने के बाद डॉक्टर आपको जो सलाह देते हैं उसका आपको कड़ाई से पालन करना चाहिए। जैसे कि यदि आपको कुछ चीजें खाने से परहेज करना है तो उसे न खाएं और यदि कुछ दिनों तक घर के काम न करने की सलाह दी जाए तो उसका भी पालन करें। इससे आपको ब्लीडिंग नहीं होगी।
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कुछ महिलाएं अपने फिटनेस को लेकर बहुत चिंतित रहती हैं और एबॉर्शन कराने के बाद एक्सरसाइज शुरू कर देती हैं। यदि आप भी ऐसा करती हैं तो आपको एबॉर्शन कराने के बाद ब्लीडिंग हो सकती है। इसलिए बेहतर है कि गर्भपात कराने के कम से कम दो हफ्तों तक आप एक्सरसाइज न करें या जिम न जाएं। इससे आपको ब्लीडिंग नहीं होगी और गर्भाशय का घाव भी अच्छी तरह से भर जाएगा।
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गर्भपात कराने के बाद यदि आपको ब्लीडिंग हो रही हो तो ऐसी स्थिति में भूलकर भी सेक्स न करें। कुछ महिलाएं गर्भपात के बाद होने वाली ब्लीडिंग को बहुत सामान्य मान लेती हैं और ब्लीडिंग होने पर इसकी अनदेखी करती हैं। ऐसे में ब्लीडिंग कम होने के बजाय और तेज हो सकती है। इसलिए बेहतर है कि ब्लीडिंग हो तो कम से कम दो हफ्ते या ब्लीडिंग रूकने तक सेक्स न करें।
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गर्भपात कराने के बाद आप किसी तरह का नशा न करें और ना ही ऐसे सिरप पीएं जिनमें एल्कोहल की मात्रा अधिक होती है। क्योंकि इससे ब्लीडिंग तेज होने लगती है। यदि आपको ब्लीडिंग हो रही हो तो भूलकर भी पीरियड की दवाएं जैसे मिडॉल (Midol) या एनप्रॉक्स (Anaprox) न खाएं। कुछ महिलाएं ऐसा इसलिए भी करती हैं क्योंकि गर्भपात कराने के बाद उन्हें अपने अगले मासिक धर्म की जल्दी रहती है। लेकिन इससे समस्या गंभीर हो सकती है। इसलिए इन बातों का ध्यान रखकर गर्भपात के बाद होने वाली ब्लीडिंग से आप बच सकती हैं।
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