गर्भपात के घरेलू नुस्खे: अनचाहे गर्भ से बचने के लिए गर्भपात के घरेलू नुस्खे बहुत कम ही प्रभावी होते हैं। यौन संबंध बनाना मानव प्रकृति है लेकिन गर्भावस्था से सुरक्षा होना भी अनिवार्य है। असुरक्षित यौन संबंध बनाने के बाद गर्भपात के घरेलू नुस्खे अपनाकर अनचाही गर्भावस्था से कुछ हद तक बचा जा सकता है। क्या आप अनचाहे गर्भ से भयभीत हैं। यदि ऐसा है तो गर्भपात करने के प्राकृतिक तरीके भी मौजूद हैं।
कई बार अकस्मात गर्भाधारण भी हो जात है, उस समय दंपति बच्चे को जन्म देने के लिए शारीरिक या मानसिक रूप से तैयार नहीं रहते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें गर्भावस्था रोकने या गर्भपात करने के घरेलू उपाय और नुस्खे अपनाना चाहिए। आज इस आर्टिकल में आप गर्भपात करने के घरेलू उपाय संबंधी जानकारी जानेगें।
विषय सूची
जब कोई महिला गर्भावस्था के पहले 20 सप्ताह के दौरान अपने गर्भ में भ्रूण खो देती है तो इसे गर्भपात कहा जाता है। स्वत: या शारीरिक कमजोरी के कारण होने वाले गर्भपात को प्राकृतिक गर्भपात कहा जाता है। लेकिन गर्भपात करने के लिए बहुत से लोग डॉक्टारी चिकित्सा विधियों का भी उपयोग करते हैं। सामान्य रूप से किसी भी गर्भावस्था में प्राकृतिक गर्भपात की संभावना लगभग 20 प्रतिशत तक होती है। प्राकृतिक रूप से होने वाले गर्भपात गर्भावस्था के बाद लगभग पहले 12 सप्ताह के अंदर हो सकता है। यदि आपके ना चाहते हुए भी आप गर्भवती हैं तो आपको प्राकृतिक गर्भपात के तरीके अपनाना चाहिए। ये प्राकृतिक तरीके गर्भपात के घरेलू नुस्खे या उपाय के रूप में बहुत ही लोकप्रिय हैं।
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गर्भपात के लक्षण गर्भावस्था के चरण पर निर्भर करते हैं। हालांकि गर्भपात के कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं।
हालांकि ये सभी लक्षण सामान्य हैं लेकिन फिर भी आपको ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह भी हो सकता है कि ये लक्षण गर्भपात के न हों पर फिर भी आपका डॉक्टर आपकी इस समस्या का समाधान कर सकता है।
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प्रजनन करना जीवन चक्र का अभिन्न अंग है लेकिन अनचाहे गर्भ को रोकना भी आवश्यक है। गर्भपात के घरेलू नुस्खे आपकी इस समस्या का एक प्रभावी समाधान हो सकते हैं। प्राकृतिक रूप से गर्भपात के तरीके महिला स्वास्थ्य के लिए भी अच्छे होते हैं। क्योंकि इनके कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। भारत में आज भी आधे से अधिक लोग गर्भपात के लिए प्राकृतिक और घरेलू नुस्खे का इस्तेमाल करते हैं। हमारी प्रकृति ने कुछ ऐसे विशेष खाद्य पदार्थ और जड़ी बूटीयां दी हैं जिनका उपयोग हम अनचाहे गर्भ को रोकने या गर्भपात के लिए कर सकते हैं। आइए विस्तार से जाने गर्भपात के तरीके जो बहुत ही सरल और प्रभावी हैं।
अनचाहे गर्भ से बचने या गर्भपात के उपाय के लिए आप पपीता का उपयोग कर सकते हैं। कच्चे पपीता में पैपैन (papain) नामक एंजाइम होता है। पैपैन में गर्भनिरोधक गुण होते हैं। गर्भपात के लिए आप कच्चे पपीता का सेवन करें क्योंकि इसमें मौजूद पैपैन प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के उत्पादन को रोकता है। प्रोजेस्टेरोन की उचित मात्रा के बिना गर्भावस्था प्रगति नहीं कर सकती है। इसके अलावा कच्चे पपीता में लेटेक्स भी अधिक मात्रा में होता है जो ऑक्सीटोसिन और प्रोस्टाग्लैंडिंस (oxytocin and prostaglandins) के उत्पादन को बढ़ाता है। ये घटक गर्भाशय के संकुचन को बढ़ाते हैं जिससे गर्भपात होता है। गर्भपात रोकने के लिए आप तब तक पर्याप्त मात्रा में कच्चे पपीते का सेवन करें जब तक आपको उचित परिणाम प्राप्त न हो। गर्भपात के घरेलू नुस्खे के रूप में कच्चे पपीता का सेवन बहुत ही लोकप्रिय है।
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जिन महिलाओं को अनचाहे गर्भ की आशंका होती है उनके लिए हरे या कच्चे अनानास का सेवन लाभकरी होता है। हरे या कच्चे पाइनेप्पल में प्रोटियोलिटिक (proteolytic) एंजाइम की उच्च मात्रा होती है जिसे ब्रोमेलैन कहा जाता है। यह शरीर में प्रोटीन को तोड़ता है। गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से कच्चे और हरे अनानास का सेवन करने से यह गर्भाशय ग्रीवा को नरम करता है। इसके अलावा यह रक्तस्राव होने का भी कारण बनता है जो कि गर्भपात करने में सहायक होता है। गर्भपात के लिए किसी महिला को पहले 12 सप्ताह के दौरान नियमित रूप से 1 ताजा कटा हुआ अनानास या 1 गिलास अनानास जूस का सेवन करना चाहिए।
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गर्भपात के सबसे प्रभावी घरेलू उपाय के रूप में बबूल और केले की जड़ का उपयोग किया जा सकता है। हालांकि इस उपाय को किसी प्रकार का वैज्ञानिक समर्थन प्राप्त नहीं है। लेकिन फिर भी ऐसा माना जाता है कि इन दोनों घटकों के मिश्रण का सेवन करना फायदेमंद होता है। यह मिश्रण गर्भावस्था हार्मोन के स्राव को कम करने में सहायक होते हैं जो गर्भपात का कारण बनता है।
अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए आप सूखे बबूल की फली और केले की सूखी जड़ के अंकुर को बराबर मात्रा में मिलाएं। इन दोनों को पीसकर एक पाउउर तैयार करें। इस पाउडर और चीनी की 1 चम्मच मात्रा को 1 गिलास पानी में मिलाएं। इस मिश्रण का सेवन नियमित रूप से प्रतिदिन करें जब तक आपको रक्तस्राव शुरु न हो जाए।
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कोहोश काले और नीले रंग की किस्मों में उपलब्ध होते हैं। इन दोनों का एक साथ उपयोग किये जाने पर यह गर्भाशय के संकुचन का कारण बनता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इनमें ऑक्सीटोसिन और कॉल्सोस्पोनिन जैसे घटक मौजूद रहते हैं। ये घटक गर्भपात की प्रक्रिया को बढ़ाने में सहायक होते हैं। काले रंग का कोहोश गर्भाशय ग्रीवा को नरम करता है जबकि नीले रंग का कोहेश गर्भपात को प्रेरित करता है। आप इन उत्पादों का सेवन उस समय तक कर सकते हैं जब तक आपको उचित परिणाम प्राप्त नहीं होते हैं।
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इस औषधीय जड़ी बूटी का उपयोग विशेष रूप से प्रजनन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। लेकिन गर्भपात के लिए भी इस जड़ी बूटी का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। इसकी कड़वी पत्तियों में टैनिन और एब्रिन्थिन (tannin and absinthin) जैसे रसायन होते हैं। ये रसायन गर्भाशय संकुचन को उत्तेजित करते हैं।
जो महिलाएं गर्भपात करना चाहती हैं वे 1 कप पानी लें और इसमें मगवौर्ट की ताजा पत्तियां या पत्ती के पाउडर को मिलाकर उबालें। उबालने के बाद इस मिश्रण को ठंड़ा करें और चाय के रूप में इसका सेवन करें। इस विधि का उपयोग तब तक करने जब तक स्वाभाविक रूप से रक्तस्राव न हो। क्योंकि रक्तस्राव के साथ ही भ्रूण के अवशेष बाहर निकलते हैं।
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)कपास की जड़ की छाल में ऐसे घटक होते हैं जो गर्भपात का समर्थन करते हैं। इसके अलावा यह प्रसव को प्रोत्साहित करने में भी सहायक होते हैं। हालांकि इस उपाय की प्राभावशीलता और सुरक्षा स्पष्ट नहीं है। लेकिन फिर भी कुछ लोगों द्वारा सलाह दी जाती है कि कपास के जड़ की छाल गर्भपात के लिए एक अच्छा विकल्प है।
गर्भपात के लिए महिलाएं इसकी चाय का सेवन कर सकती हैं। इसके लिए वे 100 ग्राम कपास के जड़ की छाल को 1 लीटर पानी में उबालें। जब तक की मिश्रण आधा न हो जाए। इस मिश्रण को नियमित रूप से प्रतिदिन 1 कप मात्रा का सेवन करें जब तक रक्तस्राव न हो और आपको उचित परिणाम प्राप्त न हो। लेकिन इस विधि को अपनाने से पहले किसी अनुभवी व्यक्ति से सलाह अवश्य लें।
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कलौंजी के बीजों का नियमित सेवन महिलाओं को अनचाहे गर्भ से बचा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कलौंजी के बीजों में गर्भपात और प्रजनन विरोधी गुण होते हैं। इसलिए गर्भपात के घरेलू नुस्खे के रूप में कलौंजी के बीजों का सेवन लाभकरी होता है। इसके लिए आप नियमित रूप से प्रतिदन 1-2 चम्मच कलौंजी के बीजों का सेवन कर सकते हैं। कलौंजी के बीजों को आप ऐसे ही चबा सकते हैं या फिर कलौंजी के बीजों की चाय का सेवन कर सकते हैं।
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जो दंपति अनचाहे गर्भ से बचना चाहते हैं उनके लिए अजमोद की पत्तियां फायदेमंद होती है। अजमोद की पत्तियों मे विटामिन सी और वाष्पशील तेल की उच्च मात्रा होती है। जिसके कारण अजमोद की प्रकृति गर्भपात का कारण बनती है। विटामिन सी महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाता है और प्रजनन अंगों में रक्त के प्रवाह बढ़ाने में सहायक होता है। वाष्पशील तेल गर्भाशय की दीवारों को पतला करते हैं इस प्रकार यह भ्रूण को बाहर निकालने वाले गर्भाशय ग्रीवा को नरम करते हैं। जिससे भ्रूण के अवशेष को बाहर निकालने में आसानी होती है।
गर्भपात के लिए आप अजमोद की ताजा पत्तियों या सूखे हुए पत्तों के पाउडर का उपयोग कर सकते हैं। आप ताजा पत्तियों के रस का सेवन कर सकते हैं या फिर सूखी पत्तियों की चाय बनाकर सेवन कर सकते हैं।
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यह एक औषधीय जड़ी बूटी है जो गर्भपात के लिए उपयोग की जाती है। यह गर्भपात के प्राकृतिक उपचारों में से एक मानी जाती है। यही कारण है कि गर्भनिरोधक गोलियों और मेडिकल ड्रॉप्स आदि के लिए इस जड़ी बूटी का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। हालांकि पेनिरॉयल के फूल हमे आसानी से नहीं मिलते हैं। आप इस जड़ी बूटी को बाजार से खरीद सकते हैं या फिर इससे बने कैप्सूल, गोलियां और सीरप आदि का सेवन कर सकते हैं। नियमित रूप में इन उत्पादों में से किसी एक का भी नियमित रूप से सेवन करने पर यह गर्भाशय के संकुचन को बढ़ाता है। जिससे गर्भपात होता है। आप अपने घरेलू उपचार के रूप में इस जड़ी बूटी और इससे बने उत्पादों का सेवन कर सकते हैं।
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कैमोमाइल चाय का अधिक मात्रा में सेवन करना गर्भावस्था को समाप्त करने में सहायक होता है। कैमोमालइ चाय मे थुजोन (thujone) नामक एक घटक होता है जो गर्भाशय के संकुचन को प्रेरित करता है और भ्रूण को निष्कासित करने में सहायक होता है। इस तरह से सामान्य से अधिक मात्रा में कैमोमाइल चाय का सेवन गर्भपात के घरेलू नुस्खे के रूप में किया जा सकता है।
आप इस चाय का नियमित रूप से सेवन उस समय तक करें जब तक आपको सफलता प्राप्त न हो। गर्भपात के लिए विकल्प के रूप में आप कैमोमाइल तेल को योनि में भी लगा सकते हैं।
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प्राकृतिक और सुरक्षित गर्भपात के लिए आप अपने आहार में कई प्रकार के खाद्य पदार्थों और जड़ी बूटीयों को शामिल कर सकते हैं। लेकिन इनके अलावा भी कई अन्य तरीके हैं जो गर्भपात के लिए लाभकारी होते हैं। इनका उपयोग कर आप भी अनचाहे गर्भ से छुटकारा पा सकते हैं। आइए इन्हें जाने।
मसाज करना शारीरिक मांसपेशियों को आराम दिलाने और थकान को दूर करने में प्रभावी होती है। लेकिन कुछ देशों में मसाज गर्भपात का एक पारंपरिक तरीका है।
आप नारियल, अरंडी या जैतून आदि तेल से नियमित रूप से पेट की मालिश करें। गर्भपात के लिए आप अपने पेट को ऊपर से नीचे की तरफ दवाब देते हुए मालिश करें। इसके अलावा श्रोणि की हड्डिी क्षेत्र के आसपास मालिश करना भी फायदेमंद होता है।
सहज और सुरक्षित गर्भपात के लिए गर्म स्नान लेना एक अच्छा तरीका है। गर्म स्नान लेने से शरीर के तापमान को बढ़ाने में मदद मिलती है जिससे भ्रूण को स्वाभाविक रूप से गर्भपात किया जा सकता है।
महिलाओं के शरीर को स्वस्थ्य रखने के साथ ही एक्सरसाइज गर्भपात में भी सहायक होती है। गर्भावस्था के शुरुआती समय में महिलाओं को अधिक व्यायाम करना चाहिए। गर्भपात के लिए क्रंचेस, ओवरहेड शोल्डर प्रेस, हाई-इंटेंसिटी इंटरवल वर्कआउट आदि फायदेमंद होते हैं।
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अनचाहे गर्भ सहित अन्य सभी प्रकार की स्वास्थ्य समस्यओं को दूर करने के लिए घरेलू उपचार बहुत कम ही प्रभावी होते हैं। इसलिये इन उपचारों को करने या दोहराने के समय आपको विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता होती है। क्योंकि ये घरेलू उपचार गर्भपात के लिए 100 प्रतिशत सुरक्षित या प्रभावी नहीं होते हैं।
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गर्भावस्था के शुरूआती समय में घर पर गर्भपात करना सुरक्षित माना जाता है जिसे गाँव वाले सदियों से बिना किसी समस्या के अपनाते आये हैं (जब कोई लड़की गर्भवती हो जाती है तो उसका घरेलू तरीकों से आसानी से गर्भपात कर दिया जाता है), लेकिन कभी कभी घरेलू तरीके से गर्भपात करना जोखिम भरा हो सकता है, इसलिए आपके लिए बेहतर यही होगा कि गर्भपात का कोई भी तरीका अपनाने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।
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