Gastritis in Hindi पेट में सूजन या पेट की परतों में सूजन (गेस्ट्राइटिस) सामान्य से लेकर दर्दनाक तक हो सकती है, जो किसी भी उम्र में व्यक्ति को परेशान कर सकती है। पेट के अस्तर की सूजन (जठरशोथ) से प्रभावित ज्यादातर व्यक्तियों के लिए यह समस्या अधिक गंभीर नहीं होती है और उपचार किये जाने पर जल्द से जल्द ठीक हो जाती है। लेकिन कुछ मामलों में गैस्ट्राइटिस की समस्या पेप्टिक अल्सर और पेट के कैंसर का जोखिम पैदा कर सकती है। अतः पेट में सूजन (गेस्ट्राइटिस) से सम्बंधित लक्षणों का अनुभव होने पर प्रत्येक व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए तथा लक्षणों से राहत प्राप्त करने के लिए घरेलू उपाय अपनाने चाहिए।
आज के इस लेख के माध्यम से आप जानेगें कि पेट में सूजन (गेस्ट्राइटिस) क्या है इसके लक्षण, कारण क्या हैं, इसका निदान और उपचार कैसे किया जा सकता है तथा बचाव और आहार के बारे में।
1. पेट में सूजन (गेस्ट्राइटिस) क्या है – What is Gastritis in Hindi
2. गेस्ट्राइटिस के प्रकार – Gastritis Type in Hindi
3. पेट में सूजन (गेस्ट्राइटिस) के कारण – Gastritis Causes In Hindi
4. पेट की सूजन (गेस्ट्राइटिस) के लक्षण – Gastritis Symptoms In Hindi
5. गेस्ट्राइटिस के लिए डॉक्टर को कब दिखाना है – When to see a doctor for gastritis in Hindi
6. पेट में सूजन की जटिलताएं – Gastritis Complications in Hindi
7. पेट में सूजन (जठरशोथ) का निदान – Gastritis Diagnosis in Hindi
8. पेट में सूजन (गेस्ट्राइटिस) का इलाज – Gastritis Treatment In Hindi
9. पेट की सूजन (जठरशोथ) की दवा – Gastritis Medicine In Hindi
10. गैस्ट्राइटिस बचाव के उपाय – Gastritis Prevention In Hindi
11. पेट में सूजन का घरेलू उपचार – Gastritis Home Remedy In Hindi
12. पेट में सूजन (गेस्ट्राइटिस) के लिए आहार – Gastritis Diet In Hindi
13. पेट में सूजन (गैस्ट्राइटिस) में परहेज – Gastritis Foods To Avoid In Hindi
पेट में सूजन (गेस्ट्राइटिस) क्या है – What is Gastritis in Hindi
गेस्ट्राइटिस (Gastritis) पेट के सुरक्षात्मक अस्तर में उत्पन्न होने वाली सूजन है। पेट के अस्तर में कमजोरी के कारण पाचन रस अस्तर को नुकसान पहुंचाते हैं और सूजन का कारण बनते हैं, जिससे गेस्ट्राइटिस की स्थिति उत्पन्न होती है। पेट की अस्तर का पतला होना या पेट के अस्तर की क्षतिग्रस्त स्थिति, गेस्ट्राइटिस के जोखिम को बढ़ाती है। पेट में सूजन अचानक या कुछ स्थितियों में समय के साथ बहुत धीरे-धीरे विकसित हो सकती है। पेट के अस्तर की सूजन सबसे अधिक पेट में अल्सर का कारण बनने वाले बैक्टीरिया (एच. पाइलोरी) संक्रमण के परिणामस्वरुप उत्पन्न होती है। कुछ दर्द निवारक दवाओं के नियमित सेवन और बहुत अधिक शराब पीने से भी पेट में सूजन उत्पन्न हो सकती है।
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गेस्ट्राइटिस के प्रकार – Gastritis Type in Hindi
मुख्य रूप से गेस्ट्राइटिस (Gastritis) निम्न प्रकार का होता है, जैसे:
एक्यूट गैस्ट्राइटिस (Acute gastritis) – एक्यूट गेस्ट्राइटिस (Acute gastritis) अचानक तथा गंभीर रूप से पेट में सूजन उत्पन्न होने का कारण बनता है। नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स या अल्कोहल के सेवन के कारण एक्यूट गेस्ट्राइटिस की समस्या उत्पन्न हो सकती है। एक्यूट गैस्ट्रिटिस वाले व्यक्ति आमतौर पर बिना किसी जटिलताओं के, उपचार के दौरान पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। एक्यूट गेस्ट्राइटिस के सामान्य लक्षणों में ऊपरी पेट में दर्द, पेट में जलन तथा हार्टबर्न को शामिल किया जा सकता है।
क्रोनिक गैस्ट्राइटिस (Chronic gastritis) – क्रोनिक गेस्ट्राइटिस (Chronic gastritis) की स्थिति में दीर्घकालिक सूजन को शामिल किया जाता है, जो उपचार के बगैर वर्षों तक बनी रह सकती है। क्रोनिक गैस्ट्रिटिस की स्थिति अनेक प्रकार की जटिलताओं का कारण भी बन सकती है, जिनमें शामिल हैं- पेप्टिक अल्सर, आंतरिक रक्तस्राव, एनीमिया, गैस्ट्रिक कैंसर, किडनी की समस्याएं और मौत, इत्यादि। प्रारंभिक उपचार प्राप्त कर क्रोनिक गेस्ट्राइटिस की जटिलताओं को दूर करने में सहायता प्राप्त की जा सकती है। इसके सामान्य लक्षणों में परिपूर्णता की भावना, जी मिचलाना और गैस बनना इत्यादि को शामिल किया जाता है।
इरोसिव गेस्ट्राइटिस (Erosive gastritis) – इरोसिव गेस्ट्राइटिस (Erosive gastritis) पेट में सूजन की एक बहुत कम सामान्य स्थिति है। इस स्थिति में गंभीर सूजन उत्पन्न नहीं होती है, लेकिन यह पेट के अस्तर में अल्सर और रक्तस्राव का कारण बन सकती है।
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पेट में सूजन (गेस्ट्राइटिस) के कारण – Gastritis Causes In Hindi
एक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बैक्टीरियल संक्रमण, जठरशोथ (गेस्ट्राइटिस) का कारण बन सकता है। पेट में बैक्टीरियल संक्रमण का कारण बनने वाला सबसे आम बैक्टीरिया, हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter pylori) है। यह बैक्टीरिया पेट के अस्तर को संक्रमित करता है। यह संक्रमण आमतौर दूषित भोजन या पानी के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पारित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त सामान्य दर्द निवारक दवाएं भी एक्यूट गेस्ट्राइटिस और क्रोनिक गेस्ट्राइटिस दोनों का कारण बन सकती हैं।
कुछ अन्य स्थितियों और गतिविधियों के कारण भी पेट में सूजन (जठरशोथ) के विकास का जोखिम बढ़ा सकता है। इसके प्रमुख जोखिम कारकों में निम्न शामिल हैं:
- अत्यधिक शराब का सेवन
- इबुप्रोफेन और एस्पिरिन जैसे नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स का नियमित उपयोग
- कोकीन (cocaine) का उपयोग
- व्यक्ति की उम्र, क्योंकि पेट की अस्तर उम्र बढ़ने के साथ पतली होती जाती है
- तंबाकू का सेवन
- गंभीर तनाव
- रेडिएशन (Radiation)
- एलर्जी
- गंभीर चोट, बीमारी या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी
- विटामिन बी -12 की कमी
- ऑटोइम्यून विकार (autoimmune disorders) जैसे- हाशिमोटो रोग (Hashimoto’s disease) और टाइप 1 मधुमेह
- पाचन संबंधी बीमारियां जैसे क्रोहन रोग (Crohn’s disease)
- वायरल संक्रमण (viral infections), इत्यादि।
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पेट की सूजन (गेस्ट्राइटिस) के लक्षण – Gastritis Symptoms In Hindi
पेट में सूजन (गेस्ट्राइटिस) से सम्बंधित संकेतों और लक्षणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
- ऊपरी पेट में दर्द या जलन होना
- अपच, जो कि खाने के बाद बढ़ सकती है।
- जी मिचलाना
- उल्टी होना
- खट्टी डकार आना
- उल्टी के साथ खून आना
- मल में रक्त की उपस्थिति या मल का काला दिखाई देना
- खाने के बाद ऊपरी पेट में परिपूर्णता (fullness) की भावना उत्पन्न होना, इत्यादि।
ध्यान रहे कि प्रत्येक स्थिति में गेस्ट्राइटिस के संकेत या लक्षण महसूस नहीं किये जा सकते हैं। इस स्थिति का निदान केवल प्रयोगशाला परीक्षण के आधार पर ही किया जा सकता है।
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गेस्ट्राइटिस के लिए डॉक्टर को कब दिखाना है – When to see a doctor for gastritis in Hindi
गेस्ट्राइटिस की स्थिति में अपच और पेट में जलन की समस्या उत्पन्न होना आम है। अपच के अधिकांश मामले कुछ समय के लिए उत्पन्न होते हैं और इसके इलाज के लिए किसी भी प्रकार की चिकित्सकीय सहायता लेने की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन यदि पेट में सूजन से सम्बंधित लक्षण एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक चलते हैं, तो सम्बंधित व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर की सिफारिश लेनी चाहिए।
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पेट में सूजन की जटिलताएं – Gastritis Complications in Hindi
यदि गेस्ट्राइटिस (gastritis) का इलाज न किया जाए, तो यह समस्या निम्न स्वास्थ्य सम्बन्धी जटिलताओं का कारण बन सकती है, जैसे:
- पेट में अल्सर (peptic ulcer)
- आंतरिक रक्तस्त्राव
- एनीमिया (anemia)
- MALT लिंफोमा (MALT lymphoma)
- गैस्ट्रिक स्कारिंग (gastric scarring)
- निर्जलीकरण
- किडनी की समस्याएँ
- क्रोनिक गेस्ट्राइटिस (chronic gastritis) की स्थिति, पेट के कैंसर (गैस्ट्रिक कैंसर) के जोखिम को भी बढ़ा सकती है।
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पेट में सूजन (जठरशोथ) का निदान – Gastritis Diagnosis in Hindi
पेट के अस्तर में सूजन की समस्या का निदान करने के लिए डॉक्टर एक शारीरिक परीक्षण करेगा और लक्षणों के बारे में भी जानकारी ले सकता है, तथा साथ ही साथ मरीज के पारिवारिक स्वास्थ्य सम्बन्धी इतिहास के बारे में कुछ प्रश्न पूंछ सकता है।
गेस्ट्राइटिस या पेट में सूजन का कारण बनने वाले एच. पाइलोरी (H. pylori) बैक्टीरिया की जांच करने के लिए डॉक्टर सांस, रक्त या मल परीक्षण की भी सिफ़ारिश दे सकते हैं।
एंडोस्कोपी (endoscopy)
पेट की आंतरिक संरचना पर नज़र डालने तथा सूजन की जाँच करने के लिए, डॉक्टर एक एंडोस्कोपी परीक्षण की सिफारिश दे सकता है। एंडोस्कोपी में एक लंबी, पतली और लचीली ट्यूब का उपयोग किया जाता है, जिसके सिरे पर एक कैमरा लगा होता है। एंडोस्कोपी के दौरान, डॉक्टर सावधानीपूर्वक पेट की जाँच कर सकते हैं, तथा गेस्ट्राइटिस (gastritis) की समस्या का निदान कर सकते हैं। डॉक्टर बायोप्सी के लिए पेट की अस्तर का एक छोटा सा नमूना निकाल सकते हैं। (और पढ़े – एंडोस्कोपी कराने के कारण, तरीका, फायदे एवं नुकसान…)
एक्स-रे (X-ray)
पेट में सूजन (gastritis) की समस्या का निदान करने के लिए डॉक्टर मरीज को बेरियम युक्त तरल (barium solution) को निगलने के लिए कहेगा, जिससे पाचन तंत्र, पेट के अस्तर और छोटी आंत की स्पष्ट छवियां प्राप्त की जा सकें। पेट में अल्सर को अधिक स्पष्ट रूप से देखने के लिए इस प्रकार के एक्स-रे परीक्षण की मदद ली जा सकती है। (और पढ़े – एक्स-रे क्या है, क्यों किया जाता है, कीमत और तरीका…)
श्वास परीक्षण (breath test)
श्वास परीक्षण के लिए मरीज को एक स्वाद रहित तरल पदार्थ को पिलाया जाता है, जिसमें रेडियोधर्मी कार्बन (radioactive carbon) पाया जाता है। चूंकि एच. पाइलोरी बैक्टीरिया इस तरल को तोड़ने का कार्य करते हैं। अतः यदि पेट में पाइलोरी बैक्टीरिया मौजूद है, तो मरीज के सांस के नमूने में रेडियोधर्मी कार्बन मौजूद होगा।
रक्त परीक्षण
डॉक्टर मरीज की स्वास्थ्य स्थिति का निदान करने के लिए विभिन्न प्रकार के रक्त परीक्षण की सिफारिश कर सकता है, रक्त परीक्षण की मदद से एनीमिया, हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया संक्रमण तथा अन्य समस्याओं की जाँच की जा सकती है। (और पढ़े – पूर्ण रक्त गणना (सीबीसी) क्या है, क्यों आवश्यक है, टेस्ट के परिणाम, सामान्य स्तर और कीमत…)
स्टूल टेस्ट (stool test)
स्टूल टेस्ट की मदद से मरीज के मल के नमूने में रक्त की उपस्थिति की जाँच की जा सकती है, इसे फेकल ओकुल्ट ब्लड टेस्ट (Fecal occult blood test) के नाम से जाना जाता है। मल में रक्त की उपस्थिति गेस्ट्राइटिस का एक संकेत है। इसके अतिरिक्त डॉक्टर हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया का निर्धारण करने के लिए भी मल परीक्षण की सिफारिश कर सकता है।
(और पढ़े – स्टूल टेस्ट क्या है, प्रकार, परीक्षण, प्रक्रिया, परीणाम और कीमत…)
पेट में सूजन (गेस्ट्राइटिस) का इलाज – Gastritis Treatment In Hindi
पेट में सूजन (जठरशोथ) की इलाज प्रक्रिया, गेस्ट्राइटिस के कारणों पर निर्भर करती है। यदि किसी व्यक्ति को नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा या अन्य दवाओं के सेवन के कारण पेट में सूजन आती है, तो उन दवाओं से बचने की सलाह दी जा सकती है। गेस्ट्राइटिस के उपचार के लिए आमतौर पर निम्न उपचार को शामिल किया जा सकता है:
- डॉक्टर पेट के अस्तर की सूजन को कम करने के लिए, पेट के एसिड की अधिक मात्रा को नियंत्रित करने के लिए मौखिक दवाओं की सिफारिश कर सकता है। पेट में एसिड की मात्रा को कम करने के लिए एंटासिड (antacids) और अन्य दवाएं (जैसे एच-2 ब्लॉकर्स) लिखी जा सकती हैं। एसिड ब्लॉकर्स दवाएं पेट दर्द से राहत देने और पेट की अस्तर को ठीक करने में मदद कर सकती हैं।
- हेलिकोबैक्टर पाइलोरी ( pylori) बैक्टीरिया संक्रमण के कारण उत्पन्न होने वाली पेट में सूजन (गेस्ट्राइटिस) का इलाज करने के लिए डॉक्टर आमतौर पर सात से 14 दिनों के लिए कई एंटीबायोटिक दवाओं के साथ-साथ, एसिड ब्लॉकर्स (acid blocking) दवा की सिफारिश कर सकते हैं।
- यदि एनीमिया, गेस्ट्राइटिस का कारण बनता है, तो मरीज को इलाज के दौरान विटामिन बी 12 इंजेक्शन दिए जा सकते हैं।
- पेट में सूजन के लक्षण से राहत पाने के लिए, सबसे आम उपचार में ओवर-द-काउंटर और प्रिस्क्रिप्शन दवाएं (prescription medications) प्रभावी हैं।
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पेट की सूजन (जठरशोथ) की दवा – Gastritis Medicine In Hindi
पेट में सूजन (गेस्ट्राइटिस) से सम्बंधित लक्षणों को कम करने के लिए निम्न दवाओं की सिफारिश की जा सकती है, जैसे:
- बैक्टीरिया को मारने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं जैसे- क्लेरिथ्रोमाइसिन (clarithromycin) और एमोक्सिसिलिन (एमोक्सिल, ऑगमेंटिन) या मेट्रोनिडाज़ोल (metronidazole), इत्यादि।
- एसिड ब्लॉकर्स दवाएं जैसे- हिस्टामाइन (H-2) ब्लॉकर्स, रैनिटिडिन (ranitidine (Zantac)) फैमोटिडाइन (पेप्सिड) (famotidine), इत्यादि।
- प्रोटॉन पंप निरोधी (Proton pump inhibitors) – ये दवाएं पेट की एसिड कोशिकाओं को अवरुद्ध करने का काम करती हैं, इनमें शामिल हैं:- ओमेप्राजोल (प्रिलोसेक), लैंसोप्राजोले (lansoprazole (Prevacid)) या एसोमेप्राज़ोल (नेक्सियम) (esomeprazole), इत्यादि।
नोट – किसी भी दवा का सेवन बिन डॉक्टर की सलाह के न करें।
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गैस्ट्राइटिस बचाव के उपाय – Gastritis Prevention In Hindi
पेट में सूजन (गेस्ट्राइटिस) की रोकथाम के लिए एच. पाइलोरी (H. pylori) संक्रमण से बचने की सलाह दी जाती है। यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक दूषित भोजन और पानी के माध्यम से प्रेषित किया जा सकता है। अतः संक्रमण की स्थिति से बचाने के लिए व्यक्ति को स्वास्थ्य जीवनशैली से सम्बंधित कुछ आदतों को अपनाने चाहिए। जैसे कि बार-बार हाथों को अच्छी तरह से धोना तथा खाद्य पदार्थों को खाने से पहले पानी से धोना और अच्छी तरह से पकाना आदि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त गेस्ट्राइटिस की रोकथाम के लिए निम्न उपाय भी अपनाए जा सकते हैं, जैसे:
- मसालेदार, गर्म और तले हुए भोजन से परहेज करें।
- नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स या अल्कोहल का सेवन न करें।
- वसायुक्त आहार का सेवन कम मात्रा में करें।
- विषाक्त पदार्थों, रसायनों तथा विकिरण के संपर्क में आने से बचें।
- सिगरेट धूम्रपान का सेवन न करें, इत्यादि।
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पेट में सूजन का घरेलू उपचार – Gastritis Home Remedy In Hindi
यद्धपि पेट में सूजन (गैस्ट्राइटिस) का कोई प्रभावी घरेलू उपचार नहीं है, लेकिन कुछ तरीकों को अपनाकर पीड़ित व्यक्ति पेट में सूजन से सम्बंधित लक्षणों से राहत प्राप्त कर सकते हैं तथा उपचार प्रक्रिया को प्रभावी बना सकते हैं।
- अम्लीय, तले हुए या फैटी आहार का सेवन न करें।
- दर्द निवारक दवा का कम से कम उपयोग करें।
- थोड़ा-थोड़ा तथा दिन में अधिक बार भोजन करना चाहिए। यह उपाय अपच में सुधार लाने और पेट के एसिड के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है।
पेट में सूजन (गेस्ट्राइटिस) का प्राकृतिक उपचार: कुछ प्राकृतिक उपचार जो गैस्ट्र्रिटिस के लक्षणों से निपटने में बहुत प्रभावी हो सकते हैं, नीचे दिए गए हैं
- अजवाइन और सेंधा नमक कई जठरांत्र संबंधी विकारों के इलाज में एक घरेलू उपाय की तरह उपयोग में लिया जाता आ रहा है और पेट में सूजन (गैस्ट्राइटिस) के मामले में भी प्रभावी हो सकता है।
- नींबू का रस इसके लक्षणों को कम करने या गैस्ट्रेटिस के इलाज में भी बहुत प्रभावी है और सूजन को भी कम करता है।
- आंवला, अदरक और मुलेठी को या तो कच्चे रूप में या सूखे विकल्प के रूप में या दूध या शहद जैसी अन्य चीजों के साथ मिलाएं। और सेवन करें, ये पेट के भीतर अम्लता को विनियमित करने और कम करने में मदद करते हैं।
इसके अतिरिक्त कुछ खाद्य पदार्थो का सेवन कर तथा कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज कर गेस्ट्राइटिस से पीड़ित व्यक्ति सूजन को कम करने तथा लक्षणों से राहत प्राप्त करने में सफलता प्राप्त कर सकता है।
आहार में परिवर्तन: किसी भी ऐसे आहार का सेवन करना, जिसमें लंबे समय तक मसालेदार और गरिष्ठ भोजन अधिक मात्रा में हो, इसके परिणामस्वरूप गैस्ट्राइटिस और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। यदि आपके पास पहले से ही गैस्ट्रिटिस की समस्या है, तो कुछ अन्य प्रकार के भोजन को भी अपने खाने से बाहर करने की आवश्यकता होती है जैसे कि चाय, कॉफी, खट्टे पदार्थ, मिर्च और भैंस का दूध। इन खाद्य समूहों के सेवन से बचा जाना चाहिए, क्योंकि वे पेट की अम्लता को बढ़ा सकते हैं जो समस्याओं का कारण बन सकता है। कुछ खाद्य पदार्थ जो गेस्ट्राइटिस की परेशानी को दूर करने में मदद कर सकते हैं वे हैं अंगूर, कद्दू, करेला, अनार, खरबूजे और ककड़ी, आदि।
(और पढ़े – आयुर्वेद के अनुसार भोजन के नियम…)
पेट में सूजन (गेस्ट्राइटिस) के लिए आहार – Gastritis Diet In Hindi
कुछ खाद्य पदार्थ एच. पाइलोरी (H. pylori) की वृद्धि को रोकने और पेट में सूजन (गेस्ट्राइटिस) के लक्षणों को कम करने में व्यक्ति की सहायता कर सकते हैं, उनमें शामिल हैं:
- चाय
- दही
- पुदीना
- गाजर का रस
- नारियल पानी
- हरे पत्ते वाली सब्जियां
- प्याज
- लहसुन
- सेब
- ताजे फल और जामुन
- अजवायन
- क्रैनबेरी जूस (Cranberry juice)
- काले (Kale)
- ब्रोकोली
- अजमोद (Parsley)
- अजवायन के फूल (Thyme)
- सोयाबीन
- सोया खाद्य पदार्थ
- फलियां (सेम, मटर और दाल), इत्यादि।
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पेट में सूजन (गैस्ट्राइटिस) में परहेज – Gastritis Foods To Avoid In Hindi
पेट में सूजन (गैस्ट्राइटिस) से पीड़ित व्यक्ति द्वारा कुछ आहार का सेवन अनेक प्रकार की समस्याओं को जन्म दे सकता है, तथा गेस्ट्राइटिस की जटिलताओं को बढ़ावा दे सकता है। अतः इस प्रकार के खाद्य पदार्थों से गेस्ट्राइटिस की स्थिति में परहेज करने की सलाह दी जाती है, जिनमें शामिल हैं:
- लैक्टोज (lactose) युक्त डेयरी उत्पाद
- ग्लूटेन (gluten) युक्त गेहूं उत्पाद
- उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थ
- कॉफी
- लहसुन पाउडर
- मिर्च पाउडर
- हरी मिर्च
- संतरा
- अनानास
- कैफीनयुक्त और कार्बोनेटेड पेय
- लाल मिर्च
- टमाटर उत्पाद इत्यादि।
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