Ghamra plant benefits in Hindi घमरा (Tridax procumbens) का पौधा भारतीय पारंपरिक चिकित्सा में प्रयोग किया जाने वाला एक औषधीय पौधा है। घमरा का पौधा विशेष रूप से एक खरपतवार है। लेकिन घमरा के औषधीय गुणों के कारण इसका उपयोग औषधीय प्रयोजनों के लिए किया जाता है। घमरा का प्रयोग कुछ सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। आप घमरा के लाभ सूजन दूर करने, घावों का उपचार करने, संक्रमण को रोकने आदि के लिए कर सकते हैं। घमरा का उपयोग कई प्रकार से किया जाता है जैसे घमरा को पीस कर इसका रस निकालना या पेस्ट का उपयोग करना। इसके अलावा घमरा का तेल भी निकाला जाता है जो हमारे कई उपयोगों में आता है। आज इस लेख में आप घमरा के फायदे और नुकसान संबंधी जानकारी प्राप्त करेगें।
विषय सूची
इसके सामान्य नामों में अंग्रेजी में कोटबुटन (coatbuttons) और ट्राइडेक्स डेज़ी (tridax daisy), कन्नड़ में जयंती (jayanthi), स्पेनिश में कैडिलो चिसाका (cadillo chisaca), फ्रेंच में हर्ब कैलेल (herbe caille), संस्कृत में जयंती वेदा (jayanti veda), हिंदी में घमरा, बंगाली में त्रिधारा (Tridhara) शामिल हैं।
घमरा जिसे ट्राइडैक्स प्रोकम्बेन्स (Tridax procumbens) के नाम से जाना जाता है। यह व्यापक रूप से फैली हुई पर्णपाती जड़ी बूटी है। यह एक खरपतवार है जिसकी प्रकृति बारहमासी होती है। अपने औषधीय गुणों के कारण इस जड़ी बूटी का व्यापक उपयोग किया जा रहा है। इस पौधे की पत्तियों और इनसे निकाले गए अर्क में औषधीय गुण होते हैं। घमरा को आमतौर पर कोटबुटन (coatbuttons) या ट्राइडैक्स डेज़ी (tridax daisy) के रूप में जाना जाता है, डेज़ी परिवार में फूलों के पौधे की एक प्रजाति है। आइए जाने घमरा पौधे के बारे में।
घमरा का पौधा एक बारहमासी जड़ी बूटी और खरपतवार दोनों ही है। इसका पौधा लगभग वेल या लता की तरह फैलता है जिसकी ऊंचाई 30 से 50 सेंटी मीटर तक हो सकती है। यह पौधा कई शाखाओं में बटा होता है जिन पर छोटे-छोटे कांटेदार रूए होते हैं। इसकी पत्तियां मोटी, दानेदार और अंडाकार होती हैं जिनके किनारे नुकीले होते हैं। घमरा की पत्तियों की दोनों सतहों में रूएदार बाल होते हैं। घमरा के फूल पीले या सफेद होते हैं। इसके फल भी कठोर बालों से ढ़के होते हैं। घमरा का पौधा आपको विशेष रूप से खेतों, बेकार पड़ी पथरीली जमीनों या सड़क के किनारे देखने को मिल सकते हैं। आइए जाने घमरा में पाए जाने वाले पोषक तत्व क्या हैं।
घमरा का उपयोग औषधीय प्रयोजनो के लिए प्राचीन समय से किया जा रहा है। क्योंकि घमरा का पौधा कई पोषक तत्वों से भरपूर है। घमरा के पौधे में अल्कलॉइड, स्टेरॉयड, कैरोटीनॉइड, फ्लेवोनाइड्स जैसे कैटेचिन, सेंटाओरीन और बेरेगेन्स आदि होते हैं। इसके अलावा फैटी एसिड, फाइटोस्टेरॉल, टैनिन और अन्य खनिज पदार्थ भी इसमें अच्छी मात्रा में होते हैं। घमरा के पौधे का उपयोग मधुमेह, गठिया आदि के इलाज के लिए किया जाता है क्योंकि घमरा में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं।
भारत में घमरा का उपयोग परंपरागत रूप से घाव भरने के लिए किया जाता है। घमरा में थक्कारोधी (anticoagulant), एंटीफंगल और कीट के जहर (insect repellent) को दूर करने वाले गुण होते हैं। घमरा की पत्तियों से प्राप्त रस को सीधे ही घाव के ऊपर लगाया जाता है। औषधीय गुणों के कारण घमरा की पत्तियों और इससे प्राप्त रस का उपयोग कई प्रकार के त्वचा संक्रमणों को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा घमरा का उपयोग यकृत विकारों, हेपेटोप्रोटेक्शन (hepatoprotection), गैस्ट्राइटिस (gastritis) और पेट की जलन (heartburn) आदि के आयुवेर्दिक इलाज में किया जाता है। घमरा (ट्राइडैक्स प्रमोम्बेंस) का उपयोग भारत के कुछ हिस्सों में स्थानीय उपचारकर्ताओं द्वारा फोड़े, फुंसियों और कट के उपचार के रूप में भी किया जाता है।
घमरा के फायदे इसके एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण होते हैं। हमारे शरीर में फागोसाइट्स (phagocytes) से उत्पन्न ऑक्सीजन फ्री रेडिकल्स एनएफ-केबी साइटोकिन्स (cytokines) के गठन और साइक्लोऑक्सीजिनेज (cyclooxygenase-2 (COX-2)) को सक्रिय करता है। ये घटक ऊतक क्षति का कारण बनते हैं जिन्हें बेअसर करने की आवश्यकता होती है। घमरा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट इन प्रभावों को कम करने में सहायक होते हैं। इस तरह से आप अपने शरीर की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाने के लिए घमरा का औषधीय उपयोग कर सकते हैं।
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आप अपनी बहुत सी स्वास्थ्य समस्यओं को दूर करने के लिए घमरा का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि एक खरपतवार होने के साथ ही यह एक विशेष जड़ी बूटी भी है। जिसमें कई प्रकार के पोषक तत्व और औषधीय गुण होते हैं। चूंकि घमरा एक खरपतवार है इसलिए यह आपको आसानी से प्राप्त भी हो सकती है। घमरा का उपयोग सदियों से जड़ी बूटी के रूप में किया जा रहा है। आइए जाने घमरा के फायदे क्या हैं।
आप अपने शरीर में मौजूद विषाक्तता को दूर करने के लिए घमारा का उपयोग कर सकते हैं। हमारे शरीर में यकृत प्रमुख विषहरण अंग है। हमारे लिवर में डिटॉक्सिफिकेशन मैकेनिज्म में एंजाइम होते हैं। शरीर में किसी प्रकार की चोट या विषाक्तता होने के दौरान एंजाइम को रक्त में प्रवाहित किया जाता है। घमरा में इन एंजाइमों को उत्तेजित करने और इन्हें बढ़ाने में सहायक होता है। एक पशु अध्ययन से पता चलता है कि यह शरीर में मौजूद विषाक्तता को प्रभावी तरीके से कम कर सकता है।
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घमरा एक औषधीय जड़ी बूटी है जो कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं को दूर कर सकती है। अपने औषधीय गुणों के कारण घमरा का उपयोग सूजन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा सकता है। इसमें मौजूद सूजन विरोधी गुण चोट की सूजन, कब्ज से होने वाले दर्द आदि को कम करने में सहायक होते हैं। आप भी इस प्रकार की समस्याओं से बचने के लिए घमरा का उपयोग कर सकते हैं।
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गठिया एक दर्द और सूजन वाली समस्या है जो कि बहुत ही कष्टदायक होती है। इस बीमारी के दौरान शरीर के जोड़ों में सूजन और दर्द बना रहता है। लेकिन इस प्रकार की समस्या को दूर करने में घमरा का उपयोग किया जा सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से गठिया के दर्द प्रभावित जगह पर घमरा के तेल से मालिश करने पर यह दर्द और सूजन को दूर कर सकता है। घमरा में ऐसे घटक होते हैं जो सूजन प्रभावित कोशिकाओं को आराम दिलाने और दर्द को कम करने में सहायक होते हैं। आप भी गठिया रोगी के दर्द और सूजन का इलाज करने के लिए घमरा का तेल या घमरा की पत्तियों के पेस्ट का उपयोग कर सकते हैं।
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घमरा का नियमित उपयोग करना आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है। घमरा के एथनॉलिक अर्क में इम्यूनोस्टिमुलेटरी (immunostimulatory) प्रॉपर्टी होती है क्योंकि यह फागोसाइट्स (phagocytes) द्वारा पार्टिकुलेट मैटर के अपटेक को बढ़ाता है। घमरा में शरीर में फागोसाइटिक इंडेक्स को बढ़ाने के लिए ल्यूकोसाइट्स, प्लाज्मा कोशिकाओं और स्प्लेनिक ल्यूकोसाइट्स की संख्या में वृद्धि करके एक कोशिका-मध्यस्थ प्रतिरक्षा प्रक्रिया को उत्तेजित करता है। इस तरह से आप अपनी कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए घमरा के पौधे का उपयोग कर सकते हैं।
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घमरा की पत्तियों के रस का पारंपरिक रूप से घावों का इलाज करने के लिए उपयोग किया जाता है। घमरा के औषधीय गुण और पोषक तत्व रक्तस्राव को रोकने और उपचार प्रक्रिया को बढ़ाने में सहायक होते हैं। यदि आप भी घाव या चोट के जख्म को ठीक करना चाहते हैं तो घमरा का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप घमरा पौधे के रस को सीधे ही घाव पर लगाएं। ऐसा करने से चोट या घाव से रक्तस्राव को रोका जा सकता है। साथ ही यह घाव को ठीक करने की प्रक्रिया को तेज करता है। घमरा पौधे के गुण त्वचा संक्रमण को भी भी प्रभावी रूप से दूर कर सकते हैं।
घमरा की पत्तियों में मौजूद आवश्यक तेल की मौजूदगी के कारण घमरा पौधे का जलीय अर्क कैंसर कोशिकाओं को रोकने में सहायक होता है। नियमित रूप से उपयोग करने पर यह फेफड़ों के कैंसर के विकास पर एंटी-मेटास्टेटिक (anti-metastatic) गतिविधि दिखाते हैं। जो कि शरीर के वजन, डब्ल्यूबीसी और हीमोग्लोबिन की संख्या में वृद्धि करते हैं। इसके अलावा घमरा के पौधे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट भी शरीर की कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं से बचाने में सहायक होते हैं।
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उच्च रक्तचाप भी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। लेकिन घमरा के पौधे का उपयोग कर आप इसके लक्षणों को कम कर सकते हैं। उच्च रक्तचाप हृदय, कोरोनरी धमनी रोग, मायोकार्डियल रोधगलन और कंजेस्टिव हार्ट फेल जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। लेकिन इन समस्याओं से बचने के लिए आप घमरा के अर्क का सेवन कर सकते हैं। यह उच्च रक्तचाप के लक्षणों को कम करने में सहायक होता है।
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औषधीय जड़ी बूटी घमरा में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं जो हमें संक्रमण से बचाने में सहायक होते हैं। नियमित रूप से घमरा के अर्क का उपयोग कर आप जीवाणु संक्रमण के पेचिश, दस्त और आंतों संबंधी विकारों को दूर कर सकते हैं। घमरा के पौधे में सक्रिय घटक जैसे टैनिन, फलेवोनाइड्स एथिल एस्टर और अन्य घटक होते हैं। ये सभी घटक शरीर में मौजूद संक्रमण को रोकने और उन्हें फैलने से बचाते हैं। यदि आप भी इसी तरह के किसी संक्रमण का इलाज करना चाहते हैं तो घमरा के पौधे का उपयोग कर सकते हैं।
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मधुमेह रोगियों के लिए घमरा के पौधे का अर्क बहुत ही फायदेमंद होता है। घमरा के पौधे में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से 7 दिनों तक घमरा के अर्क का सेवन करने से शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा यह शरीर में इंसुलिन उत्पादन को भी सक्रिय करता है जो रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ने से रोकता है। यदि आप भी डायबिटिक रोगी हैं तो घमरा के अर्क का सेवन कर सकते हैं। यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
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घमरा की पत्तियों के सूखे पाउडर से प्राप्त सक्रिय बायोकार्बन अपशिष्ट जल से भारी धातु आयनों [Zn (II) और Cd (II)] को हटाने में प्रभावी है। यह मानक वाणिज्यिक चारकोल निष्कर्षण विधि की तुलना में अधिक प्रभावी था। इसी तरह, घमरा की पत्तियों से बने सक्रिय कार्बन सिंथेटिक और औद्योगिक अपशिष्ट जल से हेक्सावलेंट क्रोमियम को हटाने के लिए एक कुशल जैव-adsorbent है।
घमरा एक औषधीय पौधा है जिसका उपयोग कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए किया जाता है। लेकिन कुछ परिस्थितियों में घमरा का उपयोग करने के नुकसान भी हो सकते हैं।
घमरा एक प्रमुख औषधीय पौधा है जिसका उपयोग संगठित (आयुर्वेद, यूनानी) और असंगठित (लोग, आदिवासी, स्वदेशी) दोनों के द्वारा पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में दर्ज इतिहास से पहले किया जाता रहा है। औषधीय पौधों से सक्रिय सिद्धांतों को पहचानने, अलग करने और मान्य करने में हालिया तकनीकी आविष्कार को महत्व मिला है क्योंकि ये विभिन्न रोग स्थितियों के उपचार के लिए एक उत्कृष्ट स्रोत प्रदान कर सकते हैं। इस संदर्भ में, घमरा एक बहुत ही आशाजनक औषधीय पौधा प्रतीत होता है जिसमें कई सक्रिय अणु होते हैं जो इसके विशाल औषधीय गुणों से स्पष्ट होते हैं।
यह समीक्षा घमरा के चिकित्सीय, विषाक्त और नैदानिक मूल्य के बारे में व्यापक जानकारी प्रदान करती है। हालांकि अध्ययनों ने पौधों के विभिन्न भागों की नैदानिक क्षमता की पहचान की है, फिर भी इस पौधे के औषधीय उपयोग के लिए वैज्ञानिक आधार की आवश्यकता है। अतः घमरा का किसी विशेष उद्देश्य के लिए इस्तेमाल करने से पहले औषधी विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
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