यदि आपने कभी भी घी खाने के बारे में कुछ बुरा सुना है, तो कृप्या इसे एक पल के लिए भूल जाएं और इस लेख को पढ़ें। यह लेख शुद्ध घी के फायदे बताने के लिए ही लिखा जा रहा है। घी सबसे पवित्र, आध्यात्मिक और शरीर को फायदे पहुंचाने वाला होता है जो सभी को मालूम नहीं हैं। यदि आप घी का सेवन नहीं करते हैं तो आप बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित हो सकते हैं। शुद्ध घी के फायदे हृदय को स्वस्थ्य रखने में, प्रतिरक्षा बढ़ाने में, कैंसर और मोटापा जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। हमें उम्मीद है कि इस आर्टिकल को पूरा पढ़ते ही आपको देसी घी से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे। हेल्थअनबोक्स के इस आर्टिकल में हम घी खाने के फायदे के बारे में बात करेंगे। साथ ही घी के नुकसान को भी जानेगें आइये जानते है घी के खाने फायदे और घी खाने के नुकसान (Ghee Khane Ke Fayde Aur Nuksan in Hindi) के बारे में।
विषय सूची
1. घी क्या है – What is Ghee in Hindi
2. घी के पोषक तत्व – Nutrition facts of Ghee in Hindi
3. घी के फायदे – Ghee ke fayde in Hindi
4. घी खाने के नुकसान – Ghee Khane ke Nuksan in Hindi
मक्खन से घी प्राप्त किया जाता है। मक्खन (Butter) जो कि ठोस होता है इससे घी प्राप्त करने के लिए गर्म किया जाता है जिससे हमें घी प्राप्त होता है। आयुर्वेदिक दवाओं में घी का प्रमुख स्थान है। घी भारतीय व्यंजनों का प्रमुख खाद्य पदार्थ है। यह कमरे के तापमान में ठोस अवस्था में रहता है और इसे हल्का गर्म करने पर तरल रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। इसका उपयोग बहुत सी जड़ी बूटीयों के साथ स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग खाना पकाने के लिए और भोजन के पोषक तत्वों को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। आइए जाने घी के फायदे (Benefits of Ghee in Hindi) क्या हैं।
1 चम्मच घी में उपस्थित पोषक तत्व इस प्रकार हैं।
वसा 12.73 ग्राम (संतृप्त वसा 7.926, मोनोअनसैचुरेटेड 3.678, पॉलअनसैचुरेटेड वसा 0.473 और प्रोटीन 0.04 ग्राम के साथ 112 कैलोरी ऊर्जा होती है।) घी में 3.694 मिलीग्राम ओमेगा-6 फैटी एसि और 25.026 मिली ग्राम ओमेगा-9 फैटी एसिड शामिल होता है। गाय के घी में एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-फंगल और जीवाणुरोधी गुण होते हैं। गाय के घी में कैलोरी अधिक मात्रा में होता है। घी में उपस्थित वसा शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
पोषक तत्वों (Nutrients) की भरपूर मात्रा होने के कारण घी हमारे स्वास्थय के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। यह आपकी आंतों में उपस्थित फायदेमंद बैक्टीरिया के उत्पादन और पोषण में भी मदद करता है। आइए विस्तार से जाने घी के फायदों के बारे में।
शुद्ध घी में विटामिन ए और कैरोटीनोइड (Carotenoids) होते हैं जो शरीर से मुक्त कणों को नष्ट करने में मदद करते हैं। एंटी-ऑक्सीडेंट संयुग्मित लिनोलेइक एसिड और ब्यूटरीक एसिड (Linoleic and Butyric Acid) के साथ कैरोटीनोइड के संयोजन द्वारा एक शक्तिशाली एंटी-कैंसर पदार्थ का गठन किया जाता है। यह संयोजन शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है और कैंसर कोशिकाओं के गठन को रोकता है। ब्यूटरिक एसिड स्तन ट्यूमर (Mammary Tumors) की वृद्धि को भी रोकता है।
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एक महत्वपूर्ण फैटी एसिड की अच्छी मात्रा घी में उपस्थित रहती है जिसे संयुग्मित लिनोलिक एसिड सीएलए (Linoleic Acid- CLA) कहा जाता है। जो धमनी में कैंसरजन, मधुमेह और प्लेक (Plaque) से बचाता है। इस विशिष्ट गतिविधि के कारण यह कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम के लिए सहायक होता है। इसके अलावा घी में ओमेगा-3 फैटी एसिड खराब कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है और आपके हृदय स्वास्थय को बनाए रखता है।
सीएलए के रूप में भी जाना जाता है, यह एसिड शरीर में ट्यूमर को कम करने, रक्त कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने और रक्तचाप में सुधार और स्थिर करने की अपनी क्षमता के लिए जाना जाता है। घी सीएलए का एक अच्छा स्रोत है।
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घी ओमेगा -6 और ओमेगा -3 फैटी एसिड का एक उत्कृष्ट स्रोत है, जो आपके मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के उचित कामकाज में मदद करते हैं। इसके अलावा, ये वसा अल्जाइमर और मनोभ्रंश जैसे मस्तिष्क विकारों को प्राप्त करने के आपके जोखिम को भी कम कर सकते हैं।
घी ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होता है इन्हें आवश्यक फैटी एसिड के रूप में भी जाना जाता है जो शरीर नहीं बना सकता है और भोजन के माध्यम से आपूर्ति की जा सकती है। घी डीएचए में समृद्ध है, एक प्रकार का ओमेगा 3 फैटी एसिड, जो मस्तिष्क के विकास से जुड़ा हुआ है, सूजन को कम करता है, उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है, और कई और अधिक कार्य करता है।
ब्यूटरीक एसिड (Butyric Acid) की अच्छी मात्रा होने के कारण घी हमारे लिए बहुत ही लाभकारी होता है। इसमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (Gastrointestinal Tract) की सूजन को रोकने और कम करने की क्षमता होती है। अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis) वाले लोगों को सीधे इलाज के लिए और तुरंत आराम के लिए अपने सामान्य आहार के साथ घी खाने की सलाह दी जाती है।
ब्यूटरीक एसिड म्यूकोसल दीवार (mucosal wall) को किसी भी नुकसान से बचाता है। आमतौर पर आंतों के अच्छे बैक्टीरिया द्वारा फाइबर को परिवर्तित करके ब्यूटरीक एसिड का उत्पादन किया जाता है। लेकिन एक खराब पाचन तंत्र (unhealthy digestive tract) ब्यूटरीक एसिड का उत्पादन करने में सक्षम नहीं होता है और घी इस कमी को दूर करने में सक्षम होता है।
घी न केवल मस्तिष्क में केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है, बल्कि आंत में एंटरिक तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित करता है। घी में कई विटामिन और खनिज होते हैं जो आंत के अस्तर को विनियमित और मरम्मत करते हैं जो बदले में मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।
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महिला और पुरुष की प्रजनन प्रणाली (Reproductive System) की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए घी बहुत ही उपयोगी होता है। यह उन लोगों के लिए विशेष तौर पर फायदेमंद होता है जो हर दिन रिलेशन बनाते हैं। यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए घी का उपयोग बहुत ही लाभकारी हो सकता है। इसके फायदे महिला और पुरुष दोनों के लिए ही होते हैं।
घी विटामिन ए , ई, के 2, और डी जैसे महत्वपूर्ण वसा में घुलनशील विटामिन का एक समृद्ध स्रोत है । शरीर वसा-घुलनशील विटामिन को अवशोषित करता है, जब कोई व्यक्ति घी जैसे उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों को खाता है। इन विटामिनों में कई कार्य हैं जैसे प्रतिरक्षा में सुधार, अच्छी दृष्टि, और अच्छे एंटीऑक्सिडेंट प्रभाव।
ब्यूटरीट एसिड की अच्छी मात्रा घी में मौजूद रहती है, यह शार्ट-चेन फैटी एसिड (Short-Chain Fatty Acid) आपके अच्छे पाचन में मदद करता है। ब्यूटरीट कोलन में कोशिकाओं को ऊर्जा प्रदान करता है और आंत में उत्पन्न बाधा (Gut Barrier) को दूर कर उन्हें स्वस्थ्य बनाता है और आंतों की सूजन को कम करता है। इसके अलावा कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि ब्यूटरीट कब्ज से राहत दिलाने में भी मदद करता है। यह भोजन को अच्छी तरह से पचाने के बाद मलत्याग (Defecation) के दौरान होने वाले दर्द को कम करता है और मांसपेशियों के संकुचन (Peristalsis) को भी दूर करता है। आप कब्ज और पाचन से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए गाय के घी के फायदे प्राप्त कर सकते हैं।
घी ब्यूटिरिक एसिड का एक समृद्ध स्रोत है। ब्यूटिरिक एसिड एक तरह का शॉर्ट-चेन फैटी एसिड होता है जो पेट में मौजूद प्रोबायोटिक बैक्टीरिया को सुधारता है और उनका समर्थन करता है। घी के अतिरिक्त लाभ भी हैं, जैसे कि पेट में मौजूद हाइड्रोक्लोरिक एसिड की मात्रा को संतुलित करना और यकृत में पित्त के उत्पादन में सहायता करना।
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जिन लोगों के मन में यह भ्रांति है कि घी का उपयोग करने से उनके वजन में वृद्धि हो सकती है उन्हें यह जानकारी होना आवश्यक है कि घी उनके वजन बढ़ाने की अपेक्षा उनके वजन को कम करने में सहायक होता है। घी और नारियल के तेल जैसे स्वस्थ वसा में पाए जाने वाले मध्यम-श्रृंखला फैटी एसिड वसा को जलाने में मदद करते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि मध्यम श्रृंखला टाइग्लिसराइड (Medium-Chain Triglycerides) ने लंबी श्रृंखला ट्राइग्लिसराइड्स की तुलना में शरीर के वजन, कमर और कूल्हे की मोटाई, पेट की वसा के साथ शरीर की सभी वसा को कम करता है।
आप अपने वजन कम करने के प्रयासों के साथ-साथ घी का उपयोग कर अपने भोजन को तैयार कर सकते हैं या भोजन के साथ पूरक के रूप में भी घी का उपयोग कर सकते हैं। यह आपके वजन कम (Weight Loss) करने की प्रक्रिया को तेज करता है।
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विटामिन ए की अच्छी मौजूदगी के कारण घी के फायदे हमारी आंखों को स्वस्थ्य रखते हैं। विटामिन ए आंखों की रक्षा करता है। घी में एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कैरोटेनोइड मौजूद रहता है जो मुक्त कणों (Free Radicals) को खत्म करने और उनके प्रभाव को बेअसर करने में मदद करते हैं। इस प्रकार घी का सेवन कर आप मैकुलर अपघटन (Macular Degeneration) और मोतियाबिंद (Cataract) की संभावनाओं को कम कर सकते हैं।
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रोग प्रतिरोधक (Immunity) क्षमता को बढ़ाने के लिए आप गाय के शुद्ध घी का उपयोग कर सकते हैं। गाय के घी में मौजूद ब्यूटरीक एसिड आंत में टी-कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाने में सहायक होते हैं, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) को मजबूत किया जा सकता है। घी में मौजूद एंटीवायरल और एंटीफंगल (Antiviral and Antifangal) गुण भी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं। यदि आप बार-बार किसी संक्रमण (Repeated infection) का शिकार होते हैं तो इससे बचने के लिए आप घी का सेवन करें जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
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धूम्रपान छोड़ने (Quit Smoking) या इसके प्रभावों को कम करने का सबसे अच्छा विकल्प हर्बल धूम्रपान का उपयोग होता है। आयुर्वेद हर्बल धूम्रपान को दैनिक दिनचर्या में शामिल करने की सलाह दी जाती है। घी का उपयोग बड़ी मात्रा में आयुर्वेदिक हर्बल धूम्रपान (Herbal smoking) के निर्माण में किया जाता है जो कि आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
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हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ घी का उपयोग कर हम आंतरिक अंगों (Internal organs) को भी सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। लेंकिन आप घी के फायदे बाहरी घावों को भी ठीक करने के लिए भी उपयोग में ले सकते हैं। घी का उपयोग कर आप घाव, उनसे बहने वाले खून, घावों में होने वाले दर्द और जलन आदि का भी उपचार कर सकते हैं।
आधा कप घी में आप दो चम्मच हल्दी पाउडर (Turmeric Powder) और नीम के पत्तों के पेस्ट को अच्छी तरह मिलाकर एक मिश्रण तैयार करें। इस मिश्रण को घावों के ऊपर लगाएं यह घाव और फोड़ों (Wounds and Boils) के त्वरित उपचार के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। शायद आप जानते हों कि प्राचीन काल में घी का उपयोग जल्दी उपचार के लिए सर्जिकल सीवन (Surgical Suture) पर किया जाता था, जिसे हम टांका के नाम से जानते हैं। घी टांका के घाव को जल्दी से भरने में मदद करता है।
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गर्भवती महिलाओं के लिए घी के फायदे कौन नहीं जानता है। घी के फायदे मां और होने वाले बच्चे दोनों के लिए बहुत अधिक होते हैं। महिलाओं को प्रसव पीड़ा (Labor Pain) की शुरुआत में ही तेल मालिश और गर्म पानी का स्नान दिया जाता है, इसके बाद महिला को घी युक्त दलिया का सेवन कराया जाता है।
आयुर्वेद में घी को गर्भावस्था (Pregnancy) के दौरान प्रमुख आहार के रूप में उपयोग करने का सुझाव दिया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि घी को मीठे पदार्थ के रूप में उपयोग किया जाता है जो जन्म के बाद से ही बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में मदद करता है।
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शुद्ध घी का उपयोग नवजात शिशु के लिए बहुत लाभकारी होता है। शुद्ध घी की 1-2 बूंदें नवजात शिशु को देने की सलाह दी जाती है। घी और दूध नवजात शिशुओं के लिए बहुत ही लाभकारी होता हैं। स्तनपान कराने वाले महिलाओं को भी घी के सेवन की सलाह दी जाती है, ऐसा माना जाता है कि घी का सेवन करने से मां के दूध (Mother’s milk) में पौष्टिक गुणों को बढ़ाया जा सकता है।
नोट – 6 माह तक के बच्चे के लिए सर्वश्रेष्ठ आहार मां का दूध ही होता है।
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बुखार (Fever) से ग्रसित मरीज को यदि पर्याप्त मात्रा में घी का सेवन कराया जाए तो उसे बुखार से जल्दी राहत मिल सकती है। घी का सेवन करने से बुखार के समय शरीर के तापमान और होने वाली जलन (burning sensation) को शांत करने में मदद मिलती है। लेकिन ध्यान दें कि बुखार के समय मक्खन का सेवन न करें। घी का उपयोग बुखार के बाद ताकत और प्रतिरक्षा (Strength And Immunity) को बढ़ाने में भी लाभदायक होता है।
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हड्डीयों की ताकत और सहनशक्ति को बढ़ाने के लिए गाय के घी का उपयोग बहुत ही फायदेमंद होता है। वास्तव में घुलनशील वसा विटामिन (fat-soluble vitamins) की अच्छी मात्रा घी में मौजूद रहती है। ये हड्डीयों और मस्तिष्क (Bone and brain) के स्वस्थ्य विकास में मदद करती हैं, साथ ही उनकी कार्यप्रणाली को भी सुचारू रखने में सहायक होती हैं। यदि नियमित रूप से गाय के घी का सेवन किया जाता है तो यह शरीर के ऊतकों (Body Tissues) का विकास कर बहुत सी बीमारियों के विरूध आपकी प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ा सकता है। घी का सेवन कर आप अपने ज्ञान, स्मृति और बुद्धि (Wisdom) जैसी मानसिक क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
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आयुर्वेद के अनुसार घी का सेवन हमारे शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत ही आवश्यक होता है। लेकिन ऐसा तब तक हो सकता है जब तक की आप इसका नियमित और कम मात्रा में सेवन करें। यदि आप घी का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं तो यह आपके लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। आइए जाने ज्यादा घी खाने के नुकसान क्या हो सकते हैं।
घी के फायदे स्मृति सरलता (Ingenuity), पाचन शक्ति, दीर्घायु, वीर्य और अडांकार की गुणवत्ता आंखों की द्रष्टि आदि को बढ़ाने में मदद करते हैं। घी के फायदे सभी वर्ग के लोगों के लिए होते हैं चाहे वे महिला हो या पुरुष, बच्चे हों या बुजुर्ग सभी लोग घी का सेवन कर अपने शरीर को स्वस्थ्य बना सकते हैं।
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घी आवश्यक पोषक तत्वों, वसा में घुलनशील विटामिन और अच्छे संतृप्त वसा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। घी को वसा कम करने से भी जोड़ा गया है , इसलिए महत्वपूर्ण वसा को खोए बिना स्वस्थ आहार को बनाए रखने की तलाश में घी का सेवन करना चाहिए।
घी के फायदे और नुकसान (Ghee Benefits and Side effects in Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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