Giloy Juice Benefits In Hindi: गिलोय के रस का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में सदियों से किया जाता रहा है। गिलोय एक औषधीय जड़ी बूटी है जो हमारी अधिकांश स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में सहायक होती है। इसलिए जो लोग गिलोय से परिचित हैं वे अक्सर गिलोय के फायदे और नुकसान जानने के लिए उत्सुक रहते हैं। गिलोय के फायदे प्राप्त करने के लिए इसे अन्य जड़ी बूटीयों के साथ मिलाकर भी उपयोग किया जाता है। गठिया के दर्द से छुटकारा पाने के लिए गिलोय के साथ कॉस्ट तेल को मिलाकर उपयोग किया जाता है। इसके अलावा गिलोय का उपयोग संधिशोथ, जिगर की बीमारियों, कब्ज, पाचन संबंधी समस्याओं और कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र के लिए किया जाता है। इस लेख में आप गिलोय जूस के फायदे जानेगें जो मधुमेह और आंखों की समस्याओं को दूर करने में सहायक हैं।
विषय सूची
1. गिलोय क्या है – Giloy Kya Hai in Hindi
2. गिलोय के औषधीय गुण – Giloy Nutritional Value in Hindi
3. गिलोय जूस के फायदे – Giloy Juice Ke Fayde in Hindi
4. गिलोय जूस बनाने की विधि – Giloy Juice Recipe in Hindi
5. गिलोय जूस के नुकसान – Giloy Juice Ke Nuksan in Hindi
जैसा की आप नाम से ही समझ रहे हैं कि गिलोय शब्द किसी औषधी से संबंधित है। यह एक जड़ी बूटी है जिसका आयुर्वेद में अपना अलग मुकाम है। गिलोय को जड़ी बूटीयों की रानी माना जाता है। आयुर्वेद में इसे विभिन्न प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। अपने औषधीय गुणों के कारण गिलोय को संस्कृत में ‘’अमृता’’ कहा जाता है। यह एक उष्णकटिबंधीय झाडी के रूप में होती है। आइए जाने गिलोय के औषधीय गुण क्या हैं।
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विभिन्न बीमारियों को ठीक करने वाले गिलोय में पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है। गिलोय में एल्कलॉइड (alkaloids) की उच्च मात्रा होती है। इसके अलावा गिलोय में पाए जाने वाले अन्य पोषक तत्वों में फ्लेवोनोइड्स, कार्बोहाइड्रेट आदि हैं। इन पोषक तत्वों की उपलब्धता के कारण गिलोय का प्रयोग कई हर्बल और आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने के लिए किया जाता है। आइए जाने ग्लोय जूस के फायदे क्या हैं।
आयुर्वेदिक गिलोय का जूस पीनें के फायदे अनेक हैं। गिलोय का अंग्रेजी नाम टिनोसपोरा (Tinospora) है जिसे गुडूची के नाम से भी जाना जाता है। गिलोय की पत्तियो में कैल्शियम, फास्फोरस, प्रोटीन और तने में स्टार्च पाया जाता है। इनके आलावा इसमें एंटीबायोटिक और एंटीवायरल तत्व भी पाएं जाते है। जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने का काम करते हैं तो आइये जानतें हैं गिलोय जूस पीने के फायदे हमें किन-किन स्वास्थ्य समस्याओं से बचा सकते हैं।
आज के इस दौर में मधुमेह एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। लेकिन यदि प्राकृतिक उपचार विधियों का उपयोग किया जाए तो मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए आप गिलोय का उपयोग कर सकते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक गिलोय होइपोग्लइकेमिक गुण होते हैं जो मधुमेह और विशेष रूप से मधुमेह प्रकार 2 का इलाज करने में मदद करता है। गिलोय जूस का नियमित सेवन रक्त शर्करा और लिपिड के स्तर को कम करने में सहायक होता है। इस तरह से उच्च रक्तचाप रोगी के लिए गिलोय जूस के फायदे अधिक होते हैं।
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इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने के लिए गिलोय रस का उपयोग बहुत ही फायदेमंद होता है। गिलोय जूस का सेवन करने से शरीर को फिर से जीवंत कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि गिलोय में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं। ये एंटी-ऑक्सीडेंट हमारे शरीर को हानिकारक जीवाणुओं के प्रभाव से बचाते हैं और उन्हें शरीर से दूर भी करते हैं। यदि गिलोय रस का सेवन किया जाता है तो यह यकृत और गुर्दे दोनो के स्वास्थ्य में सुधार करता है और विषाक्त पदार्थों को बाहर करने में मदद करता है। यह मूत्र संक्रमण को रोकने में भी सहायक होता है। इस तरह से आप अपनी प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने के लिए गिलोय जूस का उपभोग कर सकते हैं।
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खराब जीवनशैली और गलत खानपान के कारण आधी से ज्यादा आवादी अपच और पेट की अन्य समस्याओं से प्रभावित है। लेकिन इस प्रकार की समस्या का हल गिलोय जूस से किया जा सकता है। गिलोय रस पाचन तंत्र को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है। आंवला के पाउडर के साथ आधा ग्राम गिलोय पाउडर को मिलाकर जूस तैयार करें और इसका नियमित रूप से दिन में 2 बार सेवन करें। यह विशेष रूप से पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक कर सकता है। इसके अलावा आप मक्खन के साथ ही गिलोय जूस को मिलाकर सेवन कर सकते हैं। यह कब्ज और बवासीर जैसी गंभीर समस्याओं के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। यदि आपको ऐसी किसी भी प्रकार की समस्या है तो गिलोय जूस के लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं।
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आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए गिलोय जूस का उपभोग कर सकते हैं। इस औषधीय जड़ी बूटी में मानसिक तनाव और चिंता को दूर करने की क्षमता होती है। गिलोय को अक्सर एक स्वास्थ्य टॉनिक बनाने के लिए अन्य जड़ी बूटीयों के साथ मिलाकर उपयोग किया जाता है। इसका सेवन न केवल मस्तिष्क में मौजूद विषाक्तता को दूर कर सकता है बल्कि यह आपकी याद रखने की क्षमता को भी बढ़ाता है। यदि आप तनाव या चिंता आदि से ग्रसित हैं तो गिलोय जूस को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने और आपके चिंता, तनाव आदि को कम करने में सहायक होता है।
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सबसे गंभीर स्वास्थ्य समस्या के रूप में कैंसर को जाना जाता है। कैंसर एक लाइलाज बीमारी है लेकिन प्राकृतिक उत्पादों का उपयोग कर इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। गिलोय जूस का सेवन कैंसर रोगीयों के लिए फायदेमंद होता है। यह शरीर में स्टेम कोशिकाओं के प्रसार को बढ़ाता है और सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को उत्तेजित करता है। गिलोय के पोषक तत्व शरीर में ऐसे एंटीबॉडी बनाते हैं जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकती हैं। अध्ययनों ने भी इस बात की पुष्टि की है। इस तरह से कैंसर की रोकथाम के लिए गिलोय का सेवन फायदेमंद हो सकता है।
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जिन लोगों को हृदय स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं होती हैं उनके लिए गिलोय जूस बहुत ही लाभकारी माना जाता है। कालीमिर्च के साथ गिलोय रस का सेवन करने पर यह आपके दिल को स्वस्थ्य रख सकता है। नियमित उपभोग करने पर यह धमनियों के साथ-साथ हृदय की समस्याओं को दूर करने और कार्डियोप्रोटेक्टीव एजेंट के रूप में कार्य करने में मदद करता है। यदि आप भी अपने हृदय को स्वस्थ्य रखना चाहते हैं तो गिलोय रस का नियमित उपभोग कर सकते हैं।
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स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होने के साथ ही गिलोय त्वचा के लिए भी लाभकारी होता है। यदि सुबह के समय खाली पेट घी के साथ गिलोय पाउडर का सेवन किया जाता है तो यह सभी प्रकार की त्वचा समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा गिलोय जूस का सेवन भी त्वचा की समस्याओं जैसे त्वचा की पुरानी खुजली, सनबर्न, कॉस्मेटिक एलर्जी, दाद, सोरायसिस आदि को प्रभावी रूप से रोक सकती है। इस तरह से गिलोय जूस त्वचा के लिए फायदेमंद जड़ी बूटी साबित होता है।
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पुरानी से पुरानी और गंभीर बुखार को दूर करने में गिलोय जूस आपकी सहायता कर सकता है। चूंकि गिलोय प्रकृति में एंटी-पायरेरिक है इसलिए यह हमारी कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है। नियमित उपभोग करने पर गिलोय जूस आपके रक्त प्लेटलेट की संख्या को बढ़ाने में मदद करता है जिससे डेंगू बुखार के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा गिलोय और शहद का सेवन मलेरिया का उपचार भी कर सकता है। यदि आपके आस-पास डेंगू बुखार का संक्रमण हो तो इस दौरान गिलोय जूस का सेवन आपके लिए लाभकारी हो सकता है।
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सांस से संबंधित समस्याएं मनुष्यों के लिए बहुत ही गंभीर हो सकती हैं। अस्थमा भी इसी तरह की बीमारी है जिसका इलाज गिलोय जूस की सहायता से किया जा सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि अस्थमा रोगी को सांस लेने में तकलीफ को कम करने के लिए गिलोय जूस का सेवन किया जा सकता है। यह गले की घरघराहट को भी ठीक कर सकता है।
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हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण आंगों में आंख भी शामिल है जिसके बिना दुनिया अधूरी होती है। गिलोय जूस का उपयोग आंखों की समस्याओं को दूर करने में किया जाता है। इसका उपयोग आंखों के देखने की क्षमता को बढ़ाता है। गिलोय जूस सेवन करने के फायदे तो होते ही हैं लेकिन इसे आंख में भी लगाया जाता है। जिससे आंखों के संक्रमण और अन्य आंख संबंधी बीमारियों से छुटकारा मिलता है। इसके लिए आप थोड़ी सा गिलोय लें और इसे पानी में उबाल लें। इस पानी को ठंडा होने दें और अपनी आंखों में लगाएं। यह आपकी आंखों को स्वस्थ्य रखने का सबसे प्रभावी तरीका हो सकता है।
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आप अपने उचित स्वास्थ्य के लिए गिलोय जूस का सेवन कर सकते हैं। इस जूस को बनाने के लएि आपको केवल गिलोय की बेल (लगभग 8-10 फीट लंबी) की आवश्यकता होती है। आप इस बेल को लें और इसे अच्छी तरह से साफ कर लें। आप इस बेल की छाल को भी निकाल दें। अब इस बेल को छोटे-छोटे टुकडे कर लें और इन्हें अच्छी तरह से पीस लें। जब यह अच्छा पेस्ट बन जाए तो इसे पानी में मिलाकर उबाल लें। इस उबले हुए पानी को पहले ठंडा होने दें और फिर इसके बाद इसे छान कर किसी बर्तन में इक्हट्ठा कर लें। आपका औषधीय गिलोय जूस तैयार है।
लाभकारी होने के साथ ही गिलोय कुछ लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। यदि आवश्यकता से अधिक मात्रा में गिलोय या इसके जूस का सेवन किया जाता है तो इसके दुष्प्रभाव कब्ज, पेट की जलन, पेट दर्द आदि के रूप में हो सकते हैं। यदि आप मधुमेह रोगी हैं और दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो बहुत ही कम मात्रा में गिलोय का सेवन करना चाहिए। या फिर इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।
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