Gomutra Ke Fayde In Hindi आपने जरूर अपनी दादी-नानी से गौमूत्र के फायदे के बारे में सुना होगा, हम लोग बचपन से ही पढ़ते और सुनते आ रहे हैं कि गाय हमारी माता है, और हमें इसकी पूजा करनी चाहिए। यह सिर्फ इसलिए नहीं है कि यह हमें दूध देती है, बल्कि यदि देखा जाए तो यह एक मात्र ऐसा जीव है जो जन्म लेते ही हमारे लिए उपयोगी हो जाती है। गाय के फायदे इतने अधिक हैं कि इसके फायदे बताने में कई दिन लग जाएगें। लेकिन आज हम केवल गौमूत्र के फायदे, गौमूत्र का उपयोग और नुकसान के बारे में जानेगें।
प्राचीन समय से ही गौमूत्र (Gaumutra) का उपयोग बहुत सी बीमारियों को दूर करने और बहुत सी दवाओं के निमार्ण में किया जाता है। कई बीमारियों को दूर करने के लिए इसे अन्य खाद्य पदार्थों के साथ मिला कर सेवन किया जाता है। आइए जानते हैं गौमूत्र के फायदे और इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों (Nutrients) के बारे में।
विषय सूची
1. गौमूत्र के पोषक तत्व – Gomutra Ke Poshak Tatva in Hindi
2. गौमूत्र के फायदे – Gomutra Ke Fayde in Hindi
3. गोधन अर्क सेवन विधि – Godhan Ark Sevan Vidhi in Hindi
4. गाय के पेशाब को पानी से पतला करके उपयोग करना – Diluting it in Water in Hindi
5. गौमूत्र के नुकसान – Gomutra ke Nuksan in Hindi
आप और हम सभी जानते हैं कि पेशाब एक अपशिष्ट पदार्थों का संग्रह होता है लेकिन गौमूत्र हमारे लिए किसी दवा से कम नहीं है क्योंकि इसमें बहुत से पोषक तत्व होते हैं। गौ मूत्र में 95 प्रतिशत पानी होता है, इसमें 2.5 प्रतिशत खाने योग्य यूरिया, 24 प्रकार के नमक, हार्मोन और 2.5 प्रतिशत एंजाइम होते हैं। इसके साथ ही गौमूत्र में फॉस्फोरस, आयरन, कैल्शियम, एमिनो एसिड एंजाइम, साइटोकिन और लैक्टोज, यूरिक एसिड, पोटेशियम, मैंगनीज सल्फर, अमोनिया, फॉस्फेट, कार्बोनिक एसिड, पोटाश और नाइट्रोजन आदि मौजूद रहते हैं।
इस फायदेमंद औषधी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्राबियल (Anti-microbial) गुण होते हैं। गौमूत्र के फायदे बढ़ाने के लिए इसमें एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो रोग जनक जीवाणुओं को नष्ट करने और प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करते हैं। गौमूत्र का उपयोग कर बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं जैसे मधुमेह, हृदय रोग, त्वचा रोग आदि का उपचार किया जा सकता है। आइए जाने गौमूत्र के फायदे क्या है जो हमें बहुत से स्वास्थ्य लाभ दिलाने में मदद करते हैं।
सामान्य स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा (Immunity) के स्तर में सुधार के साथ-साथ गौमूत्र कैंसर को रोकने में भी मदद करता है। गौमूत्र में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों को रोकने में मदद करते हैं साथ ही अप्रत्यक्ष तरीके से शरीर की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं और डीएनए (Damaged cells and DNA) की मरम्मत को बढ़ावा देते हैं जिससे यह कैंसर का उपचार करने में हमारी मदद करता है। एक अध्ययन से पता चलता है कि गौमूत्र का सेवन करने से गले, स्तन या गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर वाले रोगियों को फायदा मिलता है। यदि 2 से 3 माह तक गौमूत्र (Cow urine) का नियमित सेवन किया जाता है तो यह कैंसर के प्रभाव को तेजी से कम करता है। यह गौमूत्र के सबसे प्रभावी फायदों में से एक है।
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आयुर्वेद में दर्द से छुटकारा पाने के लिए बहुत से पेस्ट और टॉनिक्स का उपयोग किया जाता है जिन्हें गौमूत्र के साथ उपयोग करने की सलाह दी जाती है। गौमूत्र का उपयोग एंटीबायोटिक (Antibiotic) दवाओं के रूप में भी उपयोग किया जाता है। इस प्रकार यदि गौमूत्र को कम मात्रा में नियमित रूप से सेवन किया जाता है तो आपको एंटीबायोटिक (Antibiotic) दवाओं की सेवन मात्रा को कम किया जा सकता है। यह आपके शरीर में पोषक तत्वों को पहुंचाने का प्राकृतिक तरीका होता है। आप अपने लिए बहुत से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए गौमूत्र का उपयोग कर सकते हैं।
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कुछ अध्ययनों के मुताबिक गौमूत्र लिवर फंक्शन (Liver function) को बढ़ावा देने में मदद करता है साथ ही यह यकृत स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है। यदि आप गौमूत्र का उपयोग करते हैं तो यह आपके शरीर में सूक्ष्म पोषक (Micronutrient) तत्वों की कमी को पूरा करता है जो आपके उम्र बढ़ने संबंधी लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं। इसमें उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) आपके शरीर में उपस्थित हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करके लिवर को सुरक्षा प्रदान करने में मदद करते हैं।
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क्या आप अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहें, यदि आप किसी प्रकार के घरेलू उपायों (Home remedies) के माध्यम से अपना वजन कम करना चाहते हैं तो उन्हें उपयोग करने के साथ-साथ आप गौमूत्र का भी सेवन करें। यह एक आयुर्वेदिक औषधी की तरह काम करता है। गौमूत्र में बहुत से पाचन एंजाइम (Digestive enzyme) होते हैं जो आपके पाचन को ठीक करने और आपके वजन को भी कम करने में मदद करते हैं।
गौमूत्र में विटामिन A, B, E और विटामिन D भी अच्छी मात्रा में होते हैं। विटामिन डी एक ऐसा विटामिन है जो बहुत ही कम खाद्य पदार्थों में होता है। वजन कम (Lose weight) करने के लिए आप गौमूत्र का उपयोग कई प्रकार से कर सकते हैं। लेकिन सबसे अच्छा तरीका यह है कि एक गिलास पानी में गौमूत्र (Cow urine) की कुछ बूंदे, 2 चम्मच शहद और थोड़ा सा ताजे नींबू का रस मिलाकर नियमित रूप से पीएं। यह आपके वजन कम करने की प्रक्रिया को गति प्रदान करता है।
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कुछ अध्ययन बताते हैं कि गौमूत्र का उपयोग कर घाव (wound) का उपचार किया जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि गौमूत्र में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो घावों को ठीक करने में उपयोग की जाने वाली दवओं में होते हैं। आप अपनी त्वचा में होने वाले संक्रमण और घावों को ठीक करने के लिए एंटीसेप्टिक क्रीम की जगह पर गौमूत्र का उपयोग कर सकते हैं।
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ऐसा माना जाता है कि गौमूत्र का उपयोग कर मधुमेह (diabetes) के प्रभाव को कम किया जा सकता है। गौमूत्र में डिस्टिलेटि और एक मानक दवा ग्लिबेक्लामाइड (glibenclamide) का एंटीडायबिटिक प्रभाव मधुमेह को रोकने मे मदद करता है। एक पशु अध्ययन से पता चलता है कि गौमूत्र का सेवन करने से खून मे उपस्थित उच्च रक्त ग्लूकोज और सीरम ट्राइग्लिसराइड्स (serum triglycerides) के स्तर को कम किया जा सकता है। इस प्रकार गौमूत्र मधुमेह रोगीयों के लिए लाभकारी आयुर्वेदिक दवा का काम करती है।
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आज हम और आप अपनी त्वचा को सुंदर और स्वस्थ्य बनाने के लिए रासानियक उत्पादों जैसे साबुन, फेस वास, क्रीम और पाउडर का उपयोग करते हैं जो कि कुछ हद तक हमारे लिए हानिकारक भी होते हैं। ऐसे में गौमूत्र एक ऐसा विकल्प बचता है जो हमें बिना किसी प्रकार का नुकसान पहुंचाए हमारी त्वचा की परेशानियों को दूर करने मे मदद करता है। आप अपने चहरे और शरीर की त्वचा में गौमूत्र का उपयोग कर सकते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि गौमूत्र का उपयोग करने से चेहरे के मुंहासों से छुटकारा पाया जा सकता है।
अपनी त्वचा में आने वाले दाग और विशेष रूप से कुष्ट रोग आदि के दागों को दूर करने के लिए अन्य आयुर्वेदिक जड़ी बूटी बावची/बाकुची के साथ गौमूत्र का उपयोग कर सकते हैं। यदि आपकी त्वचा में खुजली हो रही हो तो आप जीरा के पाउडर और गौमूत्र का लेप लगाएं यह खुजली से आपको राहत दिलाने में मदद करेगा। इसके साथ ही आप गौमूत्र का उपयोग कर एक्जिमा (Eczema), सोरायसिस (Psoriasis) आदि को भी ठीक कर सकते हैं।
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गाए के पेशाब में एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) गुण मौजूद रहते हैं जो मुक्त कणों से होने वाली क्षति को रोकने में हमारी मदद करते हैं, जबकि इसके एंटीमाइक्रोबायल गुण रोगजनकों को नष्ट करने में मदद करते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि गौमूत्र प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में सक्षम होते हैं और सामान्य संक्रमण जैसे सर्दी, खांसी, जुखाम आदि को रोक सकते हैं। यदि नियमित रूप से गौमूत्र का सेवन किया जाये तो यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity power) को बढ़ा सकता है।
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यदि आप पेट की समस्याओं (Stomach problems) से जूझ रहें हैं तो गौमूत्र आपके लिए फायदेमंद दवा का काम कर सकती है। पेट की समस्याओं को दूर करने के लिए आप सुबह खाली पेट गौमूत्र का सेवन करें। आप इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसमें नींबू का रस और काला नमक भी मिला सकते हैं। ध्यान रखें कि गौमूत्र का सेवन करने के बाद सुबह 1 घंटे तक कुछ भी न खाएं। यदि कब्ज की समस्या है तो गौमूत्र को दिन में 3 से 4 बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेना चाहिए।
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आयुर्वेद के अनुसार गौमूत्र का उपयोग निम्न तरीकों से किया जा सकता है :
गौमूत्र को सीधे ही उपयोग करना : आप कुछ जगहों पर गौमूत्र का सीधे ही उपयोग कर सकते हैं जैसे कि त्वचा विकारों आदि में आप गौमूत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं। कुछ विशेष प्रकार की समस्यओं के लिए आप गौमूत्र का सेवन भी कर सकते हैं, जैसे की पेट की समस्याओं आदि के लिए।
आप पानी में गौमूत्र की कुछ बूंदे डालकर इसे अपने घर को पवित्र करने के लिए उपयोग कर सकते हैं। साथ ही इसकी प्रकृति गर्म होने के कारण आप स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपयोग करते समय गौमूत्र में पानी मिला कर इसे पतला कर सकते हैं। आप अपने नहाने के पानी में गौमूत्र की कुछ बूंदें मिलाकर स्नान के लिए इस पानी का उपयोग कर सकते हैं।
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यह एक आयुर्वेदिक औषधी की तरह काम करता है सामान्य रूप से इसका उपयोग करने पर कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन यदि गौमूत्र का अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है तो इसके कुछ हानिकारक प्रभाव (side effects) भी हो सकते हैं जो इस प्रकार हैं :
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